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गुरुवार, 31 मार्च 2011

परमेश्वर से बातें

अमेरिकी राष्ट्रपति रौनलड रीएगन के साथ एक घटना घटी - वे एक बुज़ुर्ग अमेरिकी नागरिक से फोन पर बात करना चाह रहे थे। उन्होंने उसे टेलिफोन किया लेकिन उस व्यक्ति को विश्वास ही नहीं हुआ कि फोन पर दूसरी तरफ स्वयं राष्ट्रपति हैं और राष्ट्रपति उससे बात करना चाह रहे हैं, इसलिए उसने फोन काट दिया। राष्ट्रपति फोन मिलाते रहे और वह फोन काटता रहा; ऐसा उसने आधा दर्जन बार किया। आखिरकार टेलिफोन ऑपरेटर ने और उसके पड़ौसी ने उसे समझाया और विश्वास दिलाया कि वास्तव में राष्ट्रपति ही उससे बात करना चाह रहे हैं, फिर उसने १५ मिनिट तक राष्ट्रपति से टेलिफोन पर बातें करीं।

सदियों पहले शमूएल को भी आश्चर्य में डालने वाला बुलावा आया। उसे पता नहीं चला कि कौन उसे बुला रहा है, बुलाने वाला किसी भी राष्ट्रपति से कहीं बढ़कर था। जब शमूएल ने जाना कि स्वयं परमेश्वर उससे बातें कर रहा है, तो उसने ध्यान देकर परमेश्वर की बातें सुनीं।

हम मसीहीयों की प्रतिक्रिया भी कभी कभी कुछ ऐसी ही होती है जब परमेश्वर हमसे बातें करता है। कभी कभी हमें अपने मन की गहराईयों में किसी बात के लिए ऐसा दृढ़ विश्वास होता है जिसे हम समझ नहीं पाते। पहले पहल हम उसे परमेश्वर की आवाज़ की तरह नहीं पहचानते, फिर जब हमें विश्वास हो जाता है कि हाँ परमेश्वर ही है, तो हमें अचम्भा होता कि वह हम से बातें करना चाहता है।

हम भूल जाते हैं कि परमेश्वर अपने प्रत्येक विश्वासी से एक व्यक्तिगत संबंध रखना चाहता है, वह चाहता है कि हम भी उसे व्यक्तिगत रीति से जानें। वह हम से अपने लिखित वचन बाइबल द्वारा बातें करता है, अपने जीवित वचन प्रभु यीशु मसीह द्वारा बातें करता है, और हमारे अन्दर अपने पवित्र आत्मा के रूप में निवास करता है, जो हमें उसका वचन सुनने और समझने की सामर्थ देता है।

परमेश्वर सदा हम से बातें करने के प्रयास में लगा रहता है, इसलिए हमें भी उसकी बात सुनने और मानने के लिए तैयार रहना चाहिए। - मार्ट डी हॉन


दो तरह के मसीही होते हैं, पहले वे जो परमेश्वर की प्रतीक्षा में रहते हैं और दूसरे वे जो परमेश्वर को प्रतीक्षा करवाते रहते हैं।

सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो तो अपने मन को कठोर न करो... - इब्रानियों ३:७, ८


बाइबल पाठ: इब्रानियों ३:७-१४

Heb 3:7 सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो।
Heb 3:8 तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था।
Heb 3:9 जहां तुम्हारे बाप दादों ने मुझे जांचकर परखा और चालीस वर्ष तक मेरे काम देखे।
Heb 3:10 इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।
Heb 3:11 तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे।
Heb 3:12 हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए।
Heb 3:13 वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।
Heb 3:14 क्‍योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

एक साल में बाइबल:
  • न्यायियों ११-१२
  • लूका ६:१-२६

रविवार, 7 नवंबर 2010

अनाज्ञाकरिता के बहाने

स्कूल में संगीत आयोजनों का समय था और संगीत के विद्यार्थियों ने आती सभाओं के लिये अभ्यास की तैयारी आरंभ कर दी थी। संगीत शिक्षिका ने इस विष्य में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को दो बार, अलग अलग समय पर स्पष्ट सूचना और संबंधित निर्देश दे दिये थे, जिनमें अभ्यास का अनिवार्य होना और अभ्यास का समय भी साफ साफ बता दिया गया था।

फिर भी अभ्यास के दिन एक बच्चे की घबराई हुई माँ ने फोन करके जानना चाहा कि अभ्यास कब होना है और उसके बच्चे को कब पहुंचना है? एक और मां ने फोन करके कहा कि "हम बच्चे को उसके दादी के पास ले जा रहे हैं, इसलिये यदि वह अभ्यास में ना आ सका तो कोई फरक तो नहीं पड़ेगा?" शिक्षिका ने उन्हें याद दिलाया कि अभ्यास अनिवार्य है और आरंभ हो चुका है, बच्चों का अभ्यास में होना आवश्यक है। उसे उत्तर मिला "किसी ने मुझे इसके बारे में पहले क्यों नहीं बताया? मुझे यह सब अपने आप कैसे पता चलता?"

जैसे अपने स्पष्ट और समय से दिये गए निर्देशों और सूचनाओं के नज़रंदाज़ किये जाने से वह शिक्षिका दुःखी और परेशान हुई, क्या परमेश्वर भी उसकी स्पष्ट आज्ञाओं को नज़रंदाज़ करने वाले हमारे रवैये से दुःखी होता है?

१ थिस्सलुनिकियों में पौलुस हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर की ओर से उसे मिला सन्देश हमें सिखाने के लिये है कि परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला जीवन कैसे जीएं और उसके इन सन्देशों पर प्रभु यीशु की मुहर है (१ थिस्सलुनिकियों १:१, २)। अन्य पत्री में पौलुस समझता है कि हमारी अनआज्ञाकारिता और मनमाने रवैये से परमेश्वर दुःखी होता है (इफिसियों ४:३० - ५:२)।

हम यह ठान लें कि हम परमेश्वर के वचन को ध्यान से पढ़ेंगे और उसका पालन करेंगे - बिना कोई बहाना बनाए। - डेव ब्रैनन


हमारा, परमेश्वर और उसके वचन की उपेक्षा करने को समझा सकने के लिये, कोई उचित बहना है ही नहीं।

और परमेश्वर के पवित्र आत्मा को शोकित मत करो, जिस से तुम पर छुटकारे के दिन के लिये छाप दी गई है। - इफिसियों ४:३०


बाइबल पाठ: १ थिस्सलुनिकियों ४:१-१२

निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।
क्‍योंकि तुम जानते हो, कि हम ने प्रभु यीशु की ओर से तुम्हें कौन कौन सी आज्ञा पहुंचाई।
क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो।
और तुम में से हर एक पवित्रता और आदर के साथ अपने पात्र को प्राप्‍त करना जाने।
और यह काम अभिलाषा से नहीं, और न उन जातियों की नाईं, जो परमेश्वर को नहीं जानतीं।
कि इस बात में कोई अपने भाई को न ठगे, और न उस पर दांव चलाए, क्‍योंकि प्रभु इन सब बातों का पलटा लेने वाला है; जैसा कि हम ने पहिले तुम से कहा, और चिताया भी था।
क्‍योंकि परमेश्वर ने हमें अशुद्ध होने के लिये नहीं, परन्‍तु पवित्र होने के लिये बुलाया है।
इस कारण जो तुच्‍छ जानता है, वह मनुष्य को नहीं, परन्‍तु परमेश्वर को तुच्‍छ जानता है, जो अपना पवित्र आत्मा तुम्हें देता है।
किन्‍तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं, क्‍योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है।
और सारे मकिदुनिया के सब भाइयों के साथ ऐसा करते भी हो, पर हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि और भी बढ़ते जाओ।
और जैसी हम ने तुम्हें आज्ञा दी, वैसे ही चुपचाप रहने और अपना अपना काम काज करने, और अपने अपने हाथों से कमाने का प्रयत्‍न करो।
कि बाहर वालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्‍तु की घटी न हो।

एक साल में बाइबल:
  • यर्मियाह ४०-४२
  • इब्रानियों ४