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गुरुवार, 31 मार्च 2011

परमेश्वर से बातें

अमेरिकी राष्ट्रपति रौनलड रीएगन के साथ एक घटना घटी - वे एक बुज़ुर्ग अमेरिकी नागरिक से फोन पर बात करना चाह रहे थे। उन्होंने उसे टेलिफोन किया लेकिन उस व्यक्ति को विश्वास ही नहीं हुआ कि फोन पर दूसरी तरफ स्वयं राष्ट्रपति हैं और राष्ट्रपति उससे बात करना चाह रहे हैं, इसलिए उसने फोन काट दिया। राष्ट्रपति फोन मिलाते रहे और वह फोन काटता रहा; ऐसा उसने आधा दर्जन बार किया। आखिरकार टेलिफोन ऑपरेटर ने और उसके पड़ौसी ने उसे समझाया और विश्वास दिलाया कि वास्तव में राष्ट्रपति ही उससे बात करना चाह रहे हैं, फिर उसने १५ मिनिट तक राष्ट्रपति से टेलिफोन पर बातें करीं।

सदियों पहले शमूएल को भी आश्चर्य में डालने वाला बुलावा आया। उसे पता नहीं चला कि कौन उसे बुला रहा है, बुलाने वाला किसी भी राष्ट्रपति से कहीं बढ़कर था। जब शमूएल ने जाना कि स्वयं परमेश्वर उससे बातें कर रहा है, तो उसने ध्यान देकर परमेश्वर की बातें सुनीं।

हम मसीहीयों की प्रतिक्रिया भी कभी कभी कुछ ऐसी ही होती है जब परमेश्वर हमसे बातें करता है। कभी कभी हमें अपने मन की गहराईयों में किसी बात के लिए ऐसा दृढ़ विश्वास होता है जिसे हम समझ नहीं पाते। पहले पहल हम उसे परमेश्वर की आवाज़ की तरह नहीं पहचानते, फिर जब हमें विश्वास हो जाता है कि हाँ परमेश्वर ही है, तो हमें अचम्भा होता कि वह हम से बातें करना चाहता है।

हम भूल जाते हैं कि परमेश्वर अपने प्रत्येक विश्वासी से एक व्यक्तिगत संबंध रखना चाहता है, वह चाहता है कि हम भी उसे व्यक्तिगत रीति से जानें। वह हम से अपने लिखित वचन बाइबल द्वारा बातें करता है, अपने जीवित वचन प्रभु यीशु मसीह द्वारा बातें करता है, और हमारे अन्दर अपने पवित्र आत्मा के रूप में निवास करता है, जो हमें उसका वचन सुनने और समझने की सामर्थ देता है।

परमेश्वर सदा हम से बातें करने के प्रयास में लगा रहता है, इसलिए हमें भी उसकी बात सुनने और मानने के लिए तैयार रहना चाहिए। - मार्ट डी हॉन


दो तरह के मसीही होते हैं, पहले वे जो परमेश्वर की प्रतीक्षा में रहते हैं और दूसरे वे जो परमेश्वर को प्रतीक्षा करवाते रहते हैं।

सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो तो अपने मन को कठोर न करो... - इब्रानियों ३:७, ८


बाइबल पाठ: इब्रानियों ३:७-१४

Heb 3:7 सो जैसा पवित्र आत्मा कहता है, कि यदि आज तुम उसका शब्‍द सुनो।
Heb 3:8 तो अपने मन को कठोर न करो, जैसा कि क्रोध दिलाने के समय और परीक्षा के दिन जंगल में किया था।
Heb 3:9 जहां तुम्हारे बाप दादों ने मुझे जांचकर परखा और चालीस वर्ष तक मेरे काम देखे।
Heb 3:10 इस कारण मैं उस समय के लोगों से रूठा रहा, और कहा, कि इन के मन सदा भटकते रहते हैं, और इन्‍होंने मेरे मार्गों को नहीं पहिचाना।
Heb 3:11 तब मैं ने क्रोध में आकर शपथ खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे।
Heb 3:12 हे भाइयो, चौकस रहो, कि तुम में ऐसा बुरा और अविश्वासी मन न हो, जो जीवते परमेश्वर से दूर हट जाए।
Heb 3:13 वरन जिस दिन तक आज का दिन कहा जाता है, हर दिन एक दूसरे को समझाते रहो, ऐसा न हो, कि तुम में से कोई जन पाप के छल में आकर कठोर हो जाए।
Heb 3:14 क्‍योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्‍त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।

एक साल में बाइबल:
  • न्यायियों ११-१२
  • लूका ६:१-२६

गुरुवार, 24 मार्च 2011

स्वीकार तो आप ही को करना है

अमेरिका में ऐंड्रू जैक्सन के राष्ट्रपति काल में, अदालत ने एक आदमी को मृत्यु दण्ड की आज्ञा दी। जैक्सन ने उस कैदी को क्षमा दान देना चाहा, परन्तु उस कैदी ने क्षमा दान लेने से इन्कार कर दिया। जेल के अधिकारियों, वकीलों और कई लोगों ने बहुत प्रयास किया कि उस कैदी को मना सकें कि वह क्षमा दान स्वीकार कर ले, उसे यह भी समझाया गया कि क्षमा दान अस्वीकार करना राष्ट्रपति का अपमान होगा, लेकिन वह नहीं माना। अन्ततः सर्वोच न्यायालय को फैसला देने के लिए कहा गया। न्यायालय ने फैसला दिया कि क्षमा दान तब तक लागू नहीं माना जा सकता जब तक वह स्वीकार न किया जाए।

यही बात परमेश्वर के उद्धार के दान पर भी लागू होती है। यद्यपि प्रभु यीशु ने समस्त संसार के सभी लोगों के लिए छुटकारे का मार्ग दिया है, लेकिन केवल वो ही जो उसके इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, इसका लाभ उठा पाते हैं।

जब तक हम व्यक्तिगत रीति से यीशु को उद्धारकर्ता के रूप में स्वीकार नहीं करते, हम पाप के लिए परमेश्वर के दण्ड से बच नहीं सकते, "जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्‍तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहरा चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।" (यूहन्ना ३:१८)

उद्धार का मार्ग सबके लिए खुला है, लेकिन उसका लाभ उठाने और उसका अनुभव करने के लिए पहले उसे स्वीकार करना होगा - और यह आप ही को करना है! - रिचर्ड डी हॉन


उद्धार सेंतमेंत है, किंतु उसे स्वीकार तो करना होगा।

परन्‍तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्‍हें परमेश्वर के सन्‍तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्‍हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। - यूहन्ना १:१२



बाइबल पाठ: यूहन्ना ३:१४-२१

Joh 3:14 और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊंचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊंचे पर चढ़ाया जाए।
Joh 3:15 ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्‍त जीवन पाए।
Joh 3:16 क्‍योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्‍तु अनन्‍त जीवन पाए।
Joh 3:17 परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्‍तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
Joh 3:18 जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्‍तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहरा चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।
Joh 3:19 और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्‍धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्‍योंकि उन के काम बुरे थे।
Joh 3:20 क्‍योंकि जो कोई बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है, और ज्योति के निकट नहीं आता, ऐसा न हो कि उसके कामों पर दोष लगाया जाए।
Joh 3:21 परन्‍तु जो सच्‍चाई पर चलता है वह ज्योति के निकट आता है, ताकि उसके काम प्रगट हों, कि वह परमेश्वर की ओर से किए गए हैं।

एक साल में बाइबल:
  • यहोशू १६-१८
  • लूका २:१-२४

सोमवार, 24 जनवरी 2011

एंड्रोमिडा का दृष्टिकोण

बीसवीं सदी के आरंभिक समय में अमेरिका के राष्ट्रपति थियोडोर रूज़्वेल्ट अपने मित्र के साथ प्रति रात्रि एक नियत कार्य करते थे। लेखक लेस्ली बी. फ्लिन ने इस के बारे में लिखा कि "रात को अपने विचार-विमर्श और बातचीत पूरी करने के बाद, यदि आसमान साफ होता तो वे दोनों बाहर जाते और आकाश के एक विशेष भाग पर अपनी दृष्टि करके खोजते रहते जब तक उन्हें एक धुंधला सा प्रकाश पुंज नहीं दिख जाता। जब वह दिख जाता तो वे दोनो एक साथ यह दोहराते ’वह छोटा सा दिखने वाला प्रकाश बिंदु एंड्रोमिडा नक्षत्र पुंज में स्थित स्पाइरल नक्षत्र समूह है। वह अकेला बिंदु हमारी आकाश गंगा नक्षत्र समूह जितना बड़ा है। वह करोड़ों नक्षत्र समूहों में से एक है और उसमें करोड़ों ऐसे सूर्य हैं जो हमारे सूर्य से कहीं बड़े हैं।’ फिर वे अन्त में कहते, ’अब जब हमने अपनी औकात समझ ली है, तो चलो अब दिन की समाप्ति करके सोने चलते हैं।’"

अहंकार सदा मसीही विश्वासी का शत्रु बना रहता है। उसके मन से गुपचुप भाव निकलते रहते हैं कि "मैं कितना महत्वपूर्ण हूं", या "मैं दूसरों से कितना अच्छा हूं।" हमें ऐसे सुझावों के फेर में आकर घमंड में गिर पड़ने से बचे रहना है, इससे पहले कि ऐसा कोई भी सुझाव मन में घर बनाए, उसे मन से उखाड़ फेंकना चाहिये। लगातार प्रार्थना, सदैव पवित्र आत्मा पर निरभर्ता और बाइबल के निरंतर अध्ययन से ही हम अपने संबंध में सही दृष्टिकोण रखने पाएंगे।

पौलूस एक ऐसा व्यक्ति था जिसके पास घमंड करने के लिये हम सब से अधिक करण थे, लेकिन उसने चिताया कि हम कभी अपने आप को हकीकत से अधिक बढ़ चढ़ कर न समझें (रोमियों १२:३)। राष्ट्रपति रूज़्वेल्ट के उदाहरण का अनुसरण करना अच्छा होगा। ’एंड्रोमिडा का दृष्टिकोण’ रखने से हम घमंड में गिरने से बचे रह सकते हैं। - डेव एगनर


मसीह की परछाईं में खड़े होने से हम अपने सही कद को देख सकते हैं।

विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है। - नीतिवचन १६:१८


बाइबल पाठ: नीतिवचन १६:१६-२२

बुद्धि की प्राप्ति चोखे सोने से क्या ही उत्तम है! और समझ की प्राप्ति चान्दी से अति योग्य है।
बुराई से हटना सीधे लोगों के लिये राजमार्ग है, जो अपने चालचलन की चौकसी करता, वह अपने प्राण की भी रक्षा करता है।
विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है।
घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है।
जो वचन पर मन लगाता, वह कल्याण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह धन्य होता है।
जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझ वाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है।
जिसके बुद्धि है, उसके लिये वह जीवन का सोता है, परन्तु मूढ़ों को शिक्षा देना मूढ़ता ही होती है।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ९-११
  • मत्ती १५:२१-३९

बुधवार, 19 जनवरी 2011

अन्तिम न्याय

अमेरिका के तीसरे उप-राष्ट्रपति एरन बर्र की परवरिश एक परमेश्वर का भय रखने वाले परिवार में हुई थी। उनके दादा जौनथन एडवर्ड्स ने उन्हें मसीह को ग्रहण करने को चिताया भी था। लेकिन बर्र परमेश्वर से कोई संबंध नहीं रखना चाहते थे और उनका कहना रहता था कि "मेरी इच्छा है कि परमेश्वर मुझ से दूर ही रहे।"

ऐरन बर्र को कुछ हद तक राजनैतिक सफलता अवश्य मिली, परन्तु वे लगतार परेशानियों में घिरे रहे। उन्होंने ४८ वर्ष की अवस्था में एक जन ऐलिक्ज़ैंडर हैमिलटन की हत्या भी कर दी। इसके बाद वे ३२ वर्ष और जीवित रहे, लेकिन वे वर्ष दुख और असफलताओं से भरे रहे, और उन्होंने दु्खी मन से यह मान लिया कि "साठ साल पहले मैं ने परमेश्वर से सौदा किया था कि यदि वह मुझे अकेला छोड़ देगा तो मैं भी उसे अकेला छोड़ दूंगा, और परमेश्वर ने तब से मेरी कभी कोई चिंता नहीं की।" एरन बर्र को, जो उन्होंने चाहा, वह मिल गया।

वे लोग जो परमेश्वर के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते, अपने आप को परमेश्वर के न्याय का भागी बना लेते हैं। वे पृथ्वी के अपने दिन परमेश्वर से विमुख रहकर और फिर अनन्त काल उसकी संगति से निर्वासित होकर बिताने के खतरे में हैं, यदि समय रहते पश्चातप नहीं करते।

मित्र, आपके मन में उठने वाला आपके पाप और अपराध के प्रति दोष का एहसास और म्रुत्यु का भय लक्षण हैं कि परमेश्वर का आत्मा आपको पश्चाताप और उद्धार के लिये उकसा रहा है। आप के प्रति उसके धैर्य और उसकी प्रतीक्षा के लिये परमेश्वर का धन्यवाद कीजिए, अपने पापों से पश्चाताप कीजिये और प्रभु यीशु से अपने व्यक्तिगत उद्धार की भेंट को स्वीकार कीजिये। कभी भी परमेश्वर को अपने से दूर रहने के लिये मत कहिये। आपके लिये जो सबसे भयानक बात हो सकती है वह यही है कि परमेश्वर आपकी बात मान ले और आपसे दूर हो जाए।

परमेश्वर द्वारा त्याग दिया जाना ही अन्तिम न्याय है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट


नरक के पास से बच निकलने का तो मार्ग है, लेकिन नरक में पड़ कर वहां से बच निकलने का कोई मार्ग नहीं है।

...जब उन्‍होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्‍हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; - रोमियों १:२८


बाइबल पाठ: रोमियों १:१८-३२

परमेश्वर का क्रोध तो उन लोगों की सब अभक्ति और अधर्म पर स्‍वर्ग से प्रगट होता है, जो सत्य को अधर्म से दबाए रखते हैं।
इसलिये कि परमश्‍ेवर के विषय में ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्‍योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है।
क्‍योंकि उस के अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्‍व जगत की सृष्‍टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरूत्तर हैं।
इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्‍होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्‍तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहां तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्‍धेरा हो गया।
वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए।
और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशमान मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगने वाले जन्‍तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला।
इस कारण परमेश्वर ने उन्‍हें उन के मन के अभिलाषाओं के अनुसार अशुद्धता के लिये छोड़ दिया, कि वे आपस में अपने शरीरों का अनादर करें।
क्‍योंकि उन्‍होंने परमेश्वर की सच्‍चाई को बदल कर झूठ बना डाला, और सृष्‍टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन।
इसलिये परमश्‍ेवर ने उन्‍हें नीच कामनाओं के वश में छोड़ दिया; यहां तक कि उन की स्‍त्रियों ने भी स्‍वाभाविक व्यवहार को, उस से जो स्‍वभाव के विरूद्ध है, बदल डाला।
वैसे ही पुरूष भी स्‍त्रियों के साथ स्‍वाभाविक व्यवहार छोड़ कर आपस में कामातुर होकर जलने लगे, और पुरूषों ने पुरूषों के साथ निर्लज्ज़ काम करके अपने भ्रम का ठीक फल पाया।
और जब उन्‍होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, इसलिये परमेश्वर ने भी उन्‍हें उन के निकम्मे मन पर छोड़ दिया; कि वे अनुचित काम करें।
सो वे सब प्रकार के अधर्म, और दुष्‍टता, और लोभ, और बैरभाव, से भर गए; और डाह, और हत्या, और झगड़े, और छल, और ईर्ष्या से भरपूर हो गए, और चुगलखोर,
बदनाम करने वाले, परमेश्वर के देखने में घृणित, औरों का अनादर करने वाले, अभिमानी, डींगमार, बुरी बुरी बातों के बनाने वाले, माता पिता की आज्ञा न मानने वाले,
निर्बुद्धि, विश्वासघाती, दयारिहत और निर्दयी हो गए।
वे तो परमेश्वर की यह विधि जानते हैं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले मुत्यु के दण्‍ड के योग्य हैं, तौभी न केवल आप ही ऐसे काम करते हैं, वरन करने वालों से प्रसन्न भी होते हैं।

एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ति ४६-४८
  • मत्ती १३:१-३०

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

जटिल जीवन

जिम्मी कारटर अपनी युवावस्था में अमेरीकी नौसेना में एक कनिष्ठ अफसर था। अपने नौसेना के काल में वह अमेरीकी नौसेना के परमाणु पनडुबि बेड़े के सर्वोच्च अधिकारी एडमिरल हैमएन रिकोवर की प्रखर बुद्धिमता और क्षमता से बहुत प्रभावित हुआ।

कारटर के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने के थोड़े समय बाद उन्होंने एडमिरल रिकोवर को अपने राष्ट्रपति भवन "व्हाईट हाउस" में अपने साथ भोजन के लिये आमंत्रित किया। भोजन पर आए एडमिरल ने राष्ट्रपति को एक अलंक्रण पटिया भेंट करी जिस पर प्रार्थना का एक छोटा वाक्य लिखा था "हे परमेश्वर, आपका समुद्र इतना विशाल है और मेरी नाव बहुत छोटी है।" यह प्रार्थना का वाक्य जीवन के विस्तार और जटिलताओं, और उसके समक्ष हमारी अपनी छोटी सी क्षमताओं को परिपेक्ष में रखता है।

राजा सुलेमान भी जानता था कि जीवन की जटिलताएं उसकी क्षमता से बाहर हो सकती हैं। जब अपने पिता दाऊद के उत्तराधिकारी के रूप में उसने इस्त्राएल की बागडोर संभाली, तब उसने अपनी यह असमर्थता परमेश्वर के सन्मुख स्वीकार करी "और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।" (१ राजा ३:७)

तब सुलेमान ने परमेश्वर से मांगा कि वह उसे ऐसी बुद्धि दे जिससे वह परमेश्वर की प्रजा के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को परमेश्वर की सामर्थ से भली भांति निभा सके " तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?" (१ राजा ३:९) और परमेश्वर उसकी इस प्रार्थना से प्रसन्न हुआ और उसे न केवल बुद्धि वरन धन संपत्ति के अपार खज़ाने दिये। (१ राजा ३:१०-१४)

क्या आप जीवन की जटिलताओं से अपने को अभिभूत पाते हैं? हो सकता है कि आप की समस्याओं का कोई आसान समाधान न हो, लेकिन कोई भी समस्या परमेश्वर के सामर्थ और समाधान से बाहर नहीं है। परमेश्वर ने अपने बच्चों से वायदा किया है " पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है, और उस को दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्‍देह न करे..." (याकूब १:५, ६)

जीवन की परिस्थितियों और परेशानियों में प्रभु आपके साथ चलना और आपकी सहायता करना चाहता है; उसे केवल आपके निमंत्रण का इंतिज़ार है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर के सन्मुख अपनी क्षमताओं की गौणता को अंगीकार करना हमारे जीवन में परमेश्वर की महान सामर्थ को उपलब्ध करा देता है।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता। - १ राजा ३:७


बाइबल पाठ: १ राजा ३:३-१४

सुलैमान यहोवा से प्रेम रखता था और अपने पिता दाऊद की विधियों पर चलता तो रहा, परन्तु वह ऊंचे स्थानों पर भी बलि चढ़ाया और धूप जलाया करता था।
और राजा गिबोन को बलि चढ़ाने गया, क्योंकि मुख्य ऊंचा स्थान वही था, तब वहां की वेदी पर सुलैमान ने एक हज़ार होमबलि चढ़ाए।
गिबोन में यहोवा ने रात को स्वप्न के द्वारा सुलैमान को दर्शन देकर कहा, जो कुछ तू चाहे कि मैं तुझे दूं, वह मांग।
सुलैमान ने कहा, तू अपने दास मेरे पिता दाऊद पर बड़ी करुणा करता रहा, क्योंकि वह अपने को तेरे सम्मुख जान कर तेरे साथ सच्चाई और धर्म और मन की सीधाई से चलता रहा। और तू ने यहां तक उस पर करुणा की, कि उसे उसकी गद्दी पर विराजने वाला एक पुत्र दिया है, जैसा कि आज वर्तमान है।
और अब हे मेरे परमेश्वर यहोवा ! तू ने अपने दास को मेरे पिता दाऊद के स्थान पर राजा किया है, परन्तु मैं छोटा लड़का सा हूँ जो भीतर बाहर आना जाना नहीं जानता।
फिर तेरा दास तेरी चुनी हुई प्रजा के बहुत से लोगों के मध्य में है, जिनकी गिनती बहुतायत के मारे नहीं हो सकती।
तू अपने दास को अपनी प्रजा का न्याय करने के लिये समझने की ऐसी शक्ति दे, कि मैं भले बुरे को परख सकूं; क्योंकि कौन ऐसा है कि तेरी इतनी बड़ी प्रजा का न्याय कर सके?
इस बात से प्रभु प्रसन्न हुआ, कि सुलैमान ने ऐसा वरदान मांगा है।
तब परमेश्वर ने उस से कहा, इसलिये कि तू ने यह वरदान मांगा है, और न तो दीर्घायु और न धन और न अपने शत्रुओं का नाश मांगा है, परन्तु समझने के विवेक का वरदान मांगा है इसलिये सुन,
मैं तेरे वचन के अनुसार करता हूँ, तुझे बुद्धि और विवेक से भरा मन देता हूँ, यहा तक कि तेरे समान न तो तुझ से पहिले कोई कभी हुआ, और न बाद में कोई कभी होगा।
फिर जो तू ने नहीं मांगा, अर्थात धन और महिमा, वह भी मैं तुझे यहां तक देता हूँ, कि तेरे जीवन भर कोई राजा तेरे तुल्य न होगा।
फिर यदि तू अपने पिता दाऊद की नाई मेरे मार्गों में चलता हुआ, मेरी विधियों और आज्ञाओं को मानता रहेगा तो मैं तेरी आयु को बढ़ाऊंगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ११-१२
  • यहूदा

बुधवार, 24 नवंबर 2010

सेवा करने के लिये बुलाये गये

जब जॉर्ज बुश राष्ट्रपति थे तो एक धन्यवादि पर्व के दिन अचानक वह विदेशों में स्थित अमरीकी सैनिकों के पास पहुंचे और उन्हें भोजन परोसने में भाग लिया। एक प्रेस रिपोर्टर ने टिप्पणी करी कि शायद कुछ सैनिक उस भोजन को निशानी के रूप में बचा कर रख लेंगें, क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा परोसा गया भोजन रोज़ रोज़ तो नहीं मिलता।

संसार भर में, सभी निर्वाचित अफसर और नेता, जनता के ’सेवक’ होने के लिये नियुक्त हैं, इसलिये राष्ट्रपति के इस काम के लिये इतना अचंभित होने का कारण क्यों हुआ? क्योंकि चाहे कुछ वास्तव में सेवक बन कर कार्य करने वाले हों, अधिकांशतः तो सेवा लेने वाले ही होते हैं। वे ’सेवक’ केवल अपनी स्वार्थसिद्धी के लिये ही बनते हैं।

जब प्रभु यीशु मसीह अपने चेलों को प्रक्षिशित कर रहे थे तो उनके चेलों में बड़े बनने की होड़ हुई। तब प्रभु ने मसीही सेवक होने का अर्थ चेलों को स्वयं अपने जीवन और उद्देश्य के उदाहरण द्वारा समझाया: "और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं। पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।" (मरकुस १०:४२-४५)

सच्चा मसीही और अच्छा अगुवा, सेवा लेना नहीं वरन पहले स्वयं दीन होकर सेवा करने वाला होता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


अच्छा सेवक ही अच्छा अगुवा भी होता है।

क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे - मरकुस १०:४५


बाइबल पाठ: मरकुस १०:३५-४५

तब जब्‍दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे।
उस ने उन से कहा, तुम क्‍या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं?
उन्‍होंने उस से कहा, कि हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे।
यीशु न उन से कहा, तुम नहीं जानते, कि क्‍या मांगते हो; जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, क्‍या ले सकते हो?
उन्‍होंने उस से कहा, हम से हो सकता है: यीशु ने उन से कहा: जो कटोरा मैं पीने पर हूं, तुम पीओंगे, और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, उसे लोगे।
पर जिन के लिये तैयार किया गया है, उन्‍हें छोड़ और किसी को अपने दाहिने और अपने बाएं बैठाना मेरा काम नहीं।
यह सुन कर दसों याकूब और यूहन्ना पर रिसयाने लगे।
और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।
पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।
और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने।
क्‍योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।

एक साल में बाइबल:
यहेजेकेल २२, २३
१ पतरस १