ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें : rozkiroti@gmail.com / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 19 मार्च 2013

पहन लो


   जब बचपन में मैंने अमेरिकन फुटबॉल खेलना आरंभ किया था तो एक बात जिसके आदी होने में कुछ समय लगा वह थी उस खेल से संबंधित वेश-भूषा। सिर पर हेल्मेट, कंधों और छाती पर मोटी गद्दीयाँ और अन्य सुरक्षात्मक वस्तुएं पहन कर खेल के मैदान में दौड़ना अटपटा लगता था किंतु कुछ समय बीतने पर यह सब एक अच्छे मित्र के समान लगने लगा जो मेरी सुरक्षा के लिए साथ रहता हो। जब इस खेल का खिलाड़ी यह सब वस्तुएं पहनता है तो वह जानता है कि यह खतरनाक प्रतिद्वन्दीयों से उसकी रक्षा के लिए और उसकी अपनी भलाई के लिए हैं।

   मसीह यीशु के अनुयायी होने के कारण हमारा भी एक बहुत खतरनाक प्रतिद्वन्दी है - शैतान, जो सदा हमें गिराने और हानि पहूँचाने के प्रयासों में लगा रहता है। इसीलिए प्रभु यीशु ने हमारी सुरक्षा के लिए कुछ वस्तुएं दीं हैं जिन्हें हमें पहने रहना है, जिससे उस आत्मिक युद्ध में जिसमें हर मसीही विश्वासी रहता है, हम सुरक्षित रहें: "इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको" (इफीसियों 6:13)।

   परमेश्वर ने हमारी सुरक्षा के लिए हमें टोप, झिलम, ढाल, तलवार, कमरबन्द और जूते सभी दीए हैं। लेकिन ये सब हमारी सुरक्षा तभी कर सकेंगे जब हम इन्हें पहने कर रखेंगे - चाहे यह हमें आरामदायक ना भी लगें, तौभी इन सभी को पहने रहना हमारी सुरक्षा के लिए आवश्यक है। हमारा परमेश्वर के वचन के अध्ययन में विश्वासयोग्य, प्रार्थना में संलग्न, मसीही जीवन की गवाही में तत्पर होना ही हमारे इस सुरक्षा कवच को हमारा अभिन्न अंग बनाएगा।

   परमेश्वर के लिए कार्यकारी होना है तो परमेश्वर के हथियार और कवच को पहन लो। - बिल क्राउडर


परमेश्वर के हथियार और कवच आपके लिए ही बनाए गए हैं, लेकिन उन्हें पहिने रहना आपका दायित्व है।

निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्‍त बनो। - इफिसीयों 6:10

बाइबल पाठ: इफिसीयों 6:11-19
Ephesians 6:11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।
Ephesians 6:12 क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्धकार के हाकिमों से, और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं।
Ephesians 6:13 इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको।
Ephesians 6:14 सो सत्य से अपनी कमर कसकर, और धार्मीकता की झिलम पहिन कर।
Ephesians 6:15 और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर।
Ephesians 6:16 और उन सब के साथ विश्वास की ढाल ले कर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको।
Ephesians 6:17 और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो।
Ephesians 6:18 और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।
Ephesians 6:19 और मेरे लिये भी, कि मुझे बोलने के समय ऐसा प्रबल वचन दिया जाए, कि मैं हियाव से सुसमाचार का भेद बता सकूं जिस के लिये मैं जंजीर से जकड़ा हुआ राजदूत हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 1-3 
  • मरकुस 16

सोमवार, 18 मार्च 2013

रोष


   मेरा एक मित्र है जिसने अपने परिचय कार्ड पर विख्यात मूर्तीकार रोडिन द्वारा बनाई मूर्ति The Thinker (विचारक) का चित्र बनवा रखा है और उसके नीचे लिखवाया है "जीवन निष्पक्ष नहीं है"।

   यह सच है, जीवन सचमुच में निष्पक्ष नहीं है, और यदि कोई सिद्धांत जीवन के निष्पक्ष होने पर अड़ा रहता है तो वह सिद्धांत भ्रामिक है, असत्य है।

   जीवन के निष्पक्ष ना होने के कारण जो अति-महत्वपुर्ण बात सामने आती है, वह है जीवन की बातों और उतार-चढ़ाव के प्रति हमारा रवैया और प्रतिक्रीया। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार दाऊद ने भजन 37 में कहा कि वह बदला नहीं लेगा वरन धैर्य से परमेश्वर के न्याय और समय की प्रतीक्षा करेगा "क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (भजन 37:9)।

   हमारा प्रतिशोध तो बदले की भावना और चोट पहुँचाने के उद्देश्य से प्रेरित हो सकता है, लेकिन परमेश्वर का क्रोध उसकी करुणा की सीमाओं के अन्दर और किसी बदले की भावना से बाहर होता है। उसके क्रोध का उद्देश्य भलाई होता है, तथा माध्यम और विधि विरोधियों को पश्चाताप और विश्वास में लाने के लिए होते हैं। इसीलिए हमें अपना पलटा आप नहीं लेना है: "हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो" (रोमियों 12:19, 21)।

   इस बात को जीवन में सार्थक होने के लिए यह भाव हृदय में होना चाहिए, जहाँ से जीवन की बातों का उद्गम है: "सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है" (नीतिवचन 4:23)। यह हमारा कर्तव्य है कि हम रोष से बचें, क्रोध ना करें और धैर्य के साथ परमेश्वर के न्याय की प्रतीक्षा करें। - डेविड रोपर


बदला ना लेना विजयी होना है।

अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा। - भजन 37:5

बाइबल पाठ: भजन 37:7-11
Psalms 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psalms 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psalms 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे; और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psalms 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psalms 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 32-34 
  • मरकुस 15:26-47

रविवार, 17 मार्च 2013

उपलब्ध


   "क्या आप मेरी बहन के लिए प्रार्थना करेंगे?" उस हृष्ट-पुष्ट और कद्दावर कर्मी ने हिचकिचाते हुए मुझसे प्रश्न किया, और मैंने बड़े ग़ौर से उसकी ओर शक भरी नज़रों से देखा।

   कुछ महीने पहले की बात है, जिस फैकट्री में मैं कार्य करता हूँ, वहाँ कर्मीयों द्वारा हड़ताल की संभावना बढ़ती जा रही थी। गर्मी के मौसम की परेशानियों ने लोगों के स्वभाव को चिड़-चिड़ा बना रखा था। फैकट्री के प्रबन्धक कार्य तथा उत्पादन को तेज़ी से बढ़ाने पर ज़ोर दे रहे थे तो मज़दूर संघ के नेता इसका विरोध कर रहे थे। काम के समय के अवकाशों में उन नेताओं द्वारा हमें कहा जाता कि उत्पादन को कम ही रखें। मैं अपने मसीही विश्वास तथा आदर्शवादिता में होकर अधिक से अधिक परिश्रम करना परमेश्वर की ओर से अपना दायित्व समझता था, और मैंने यह बात अपने सहकर्मीयों और मज़दुर संघ के नेताओं को समझाने का व्यर्थ प्रयत्न भी किया। मेरी इस विचारधारा और प्रयास के कारण मुझे अपने सहकर्मियों से घोर विरोध एवं परेशानियों का सामना करना पड़ा; और यह कर्मी जो अब मेरे पास प्रार्थना की विनती लेकर आया था, उन तंग करने वालों में प्रमुख हुआ करता था।

   इसलिए उसकी इस प्रार्थना की विनती पर मुझे एकाएक विश्वास नहीं हुआ, मुझे लगा जैसे मेरे उपहास के लिए यह उसका कोई नया प्रयास है। मैंने उस से पूछा, "मैं क्यों?" उसके उत्तर ने मुझे झकझोर दिया, उसने रुंधे गले से कहा "क्योंकि उसे कैंसर है और मुझे कोई ऐसा व्यक्ति प्रार्थना के लिए चाहिए जिसकी परमेश्वर सुनता हो।" हमारे बीच की कड़ुवाहट जाती रही, और मैंने उसकी बहन के लिए प्रार्थना करी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के लूका ७ अध्याय में एक सूबेदार का उल्लेख है जिसने प्रभु यीशु के पास सहायता के लिए कुछ प्रमुख लोगों को भेजा। जब लोग परेशानी में होते हैं तो ना वे अपना समय और ना ही अपने शब्द व्यर्थ करते हैं; वे निवारण के लिए तुरंत उस व्यक्ति के पास जाते हैं जिसके विश्वास को उन्होंने सार्थक और खरा पाया हो।

   प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से कहा "तुम पृथ्वी के नमक हो"; "तुम जगत की ज्योति हो" (मत्ती 5:13, 14) - थोडा सा नमक भोजन का स्वाद बढ़ा देता है; ज्योति चाहे हल्की ही हो किंतु अन्धकार में सांत्वना देती है, मनों को शांत रखती है। पाप से बिगड़े हुए और अन्धकार में पड़े संसार में हम मसीही विश्वासी प्रभु यीशु की ओर से ठहराए हुए वे लोग हैं जो बिगड़ों को संवारने और परेशानों को शांति तथा सांत्वना देने वाले हों, उनकी सहायता के लिए तत्पर और उपलब्ध हों। हमारे विश्वास और मसीही जीवन को देखकर वे प्रभु यीशु की ओर आकर्षित हों।

   क्या आप के आस-पास के लोग आपको ऐसे मसीही विश्वासी के रूप में जानते हैं जो उनकी परेशानियों में उनकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं? क्या आप अपने स्थान पर संसार के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु द्वारा दी गई ’नमक’ और ’ज्योति’ होने की ज़िम्मेदारी को निभा रहे हैं? - रैंडी किलगोर


जब कोई प्रीय जन जोखिम में हो तो कठोर मन वाले को भी सहायता चाहिए होती है।

उसने यीशु की चर्चा सुनकर यहूदियों के कई पुरनियों को उस से यह बिनती करने को उसके पास भेजा, कि आकर मेरे दास को चंगा कर। - लूका 7:3

बाइबल पाठ: लूका 7:1-10
Luke 7:1 जब वह लोगों को अपनी सारी बातें सुना चुका, तो कफरनहूम में आया।
Luke 7:2 और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था।
Luke 7:3 उसने यीशु की चर्चा सुनकर यहूदियों के कई पुरनियों को उस से यह बिनती करने को उसके पास भेजा, कि आकर मेरे दास को चंगा कर।
Luke 7:4 वे यीशु के पास आकर उस से बड़ी बिनती कर के कहने लगे, कि वह इस योग्य है, कि तू उसके लिये यह करे।
Luke 7:5 क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है, और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है।
Luke 7:6 यीशु उन के साथ साथ चला, पर जब वह घर से दूर न था, तो सूबेदार ने उसके पास कई मित्रों के द्वारा कहला भेजा, कि हे प्रभु दुख न उठा, क्योंकि मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए।
Luke 7:7 इसी कारण मैं ने अपने आप को इस योग्य भी न समझा, कि तेरे पास आऊं, पर वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा।
Luke 7:8 मैं भी पराधीन मनुष्य हूं; और सिपाही मेरे हाथ में हैं, और जब एक को कहता हूं, जा, तो वह जाता है, और दूसरे से कहता हूं कि आ, तो आता है; और अपने किसी दास को कि यह कर, तो वह उसे करता है।
Luke 7:9 यह सुनकर यीशु ने अचम्भा किया, और उसने मुंह फेरकर उस भीड़ से जो उसके पीछे आ रही थी कहा, मैं तुम से कहता हूं, कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया।
Luke 7:10 और भेजे हुए लोगों ने घर लौटकर, उस दास को चंगा पाया।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 30-31 
  • मरकुस 15:1-25

शनिवार, 16 मार्च 2013

प्रार्थना के उत्तर


   जब हम परमेश्वर के पास प्रार्थना में आते हैं तो कुछ बातें निश्चित हैं और कुछ ऐसी हैं जिनके बारे में हम एकदम से नहीं जान पाते; जैसे, हमें यह परमेश्वर से आशवासन है कि यदि हम प्रभु यीशु में होकर उसे अपना पिता परमेश्वर जानते हैं तो वह हमारी प्रत्येक प्रार्थना को अवश्य सुनेंगा और अपने समय तथा विधि में उसका उत्तर भी देगा। यह उत्तर हाँ भी हो सकता है, ना भी हो सकता है, ’अभी कुछ समय प्रतीक्षा करो’ भी हो सकता है, या कुछ अनूठा और अनेपक्षित भी हो सकता है जैसा दानिय्येल भविष्यद्वकता ने पाया; उस ने अपनी प्रार्थना का जो उत्तर पाया वह ना केवल अद्भुत था वरन उसकी हर कलपना से परे था।

   परमेश्वर के भविष्यद्वकता दानिय्येल ने यर्मियाह भविष्यद्वकता की पुस्तक के अध्ययन से जाना कि इस्त्राएल के दास्तव के निर्धारित 70 वर्ष पूरे होने वाले थे, और वह अपने लोगों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना और विनती करने में जुट गया कि इस छुटकारे में विलंब ना हो और परमेश्वर अपनी दया-दृष्टि अपने लोगों इस्त्राएल पर बनाए (दानिय्येल 9:2, 19)। दानिय्येल की प्रार्थना का उत्तर तुरंत आया और अद्भुत रीति से आया। उसके प्रार्थना करते करते ही परमेश्वर का एक प्रधान स्वर्गदूत जिब्राइल उत्तर लेकर उसके पास आया। परमेश्वर का वह उत्तर जितना शीघ्र था, उतना ही विसमयकारी भी था। दानिय्येल ने प्रार्थना करी थी इस्त्राएल की बन्धुवाई के 70 वर्षों के बारे में, परमेश्वर ने उसे भविष्य में होने वाली घटनाओं को ’७० सप्ताह’ की भविष्यवाणी के रूप में दे दिया। दानिय्येल केवल वर्तमान की आस में था किंतु परमेश्वर ने उसे हज़ारों वर्ष आगे आने वाला भविष्य भी दिखा दिया।

   हमारा परिपेक्ष चाहे वर्तमान ही हो, लेकिन परमेश्वर समय और काल से बंधा नहीं है, और हमें वह भी बता सकता है जिसकी हमने कलपना भी ना करी हो। लेकिन यह निश्चित है कि परमेश्वर अपने बच्चों की प्रार्थनाओं को सुनता है, उनका उत्तर देता है और हर बात में सदा उनका भला करता है, जिससे वे जानते और मानते रहें कि वह ही आदर, स्तुति और महिमा के योग्य एकमात्र जीवता और सच्चा परमेश्वर है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के उत्तर हमारी प्रार्थनाओं की सीमाओं से परे तथा हमारी उम्मीदों से बढ़कर भी हो सकते हैं।

हे प्रभु, सुन ले; हे प्रभु, पाप क्षमा कर; हे प्रभु, ध्यान देकर जो करता है उसे कर, विलम्ब न कर; हे मेरे परमेश्वर, तेरा नगर और तेरी प्रजा तेरी ही कहलाती है; इसलिये अपने नाम के निमित्त ऐसा ही कर। - दानिय्येल 9:19

बाइबल पाठ: दानिय्येल 9:1-9, 20-24
Daniel 9:1 मादी क्षयर्ष का पुत्र दारा, जो कसदियों के देश पर राजा ठहराया गया था,
Daniel 9:2 उसके राज्य के पहिले वर्ष में, मुझ दानिय्येल ने शास्त्र के द्वारा समझ लिया कि यरूशलेम की उजड़ी हुई दशा यहोवा के उस वचन के अनुसार, जो यिर्मयाह नबी के पास पहुंचा था, कुछ वर्षों के बीतने पर अर्थात सत्तर वर्ष के बाद पूरी हो जाएगी।
Daniel 9:3 तब मैं अपना मुख परमेश्वर की ओर कर के गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहिन, राख में बैठ कर वरदान मांगने लगा।
Daniel 9:4 मैं ने अपने परमेश्वर यहोवा से इस प्रकार प्रार्थना की और पाप का अंगीकार किया, हे प्रभु, तू महान और भययोग्य परमेश्वर है, जो अपने प्रेम रखने और आज्ञा मानने वालों के साथ अपनी वाचा को पूरा करता और करूणा करता रहता है,
Daniel 9:5 हम लोगों ने तो पाप, कुटिलता, दुष्टता और बलवा किया है, और तेरी आज्ञाओं और नियमों को तोड़ दिया है।
Daniel 9:6 और तेरे जो दास नबी लोग, हमारे राजाओं, हाकिमों, पूर्वजों और सब साधारण लोगों से तेरे नाम से बातें करते थे, उनकी हम ने नहीं सुनी।
Daniel 9:7 हे प्रभु, तू धर्मी है, परन्तु हम लोगों को आज के दिन लज्जित होना पड़ता है, अर्थात यरूशलेम के निवासी आदि सब यहूदी, क्या समीप क्या दूर के सब इस्राएली लोग जिन्हें तू ने उस विश्वासघात के कारण जो उन्होंने तेरा किया था, देश देश में बरबस कर दिया है, उन सभों को लज्जित होना पड़ता है।
Daniel 9:8 हे यहोवा हम लोगों ने अपने राजाओं, हाकिमों और पूर्वजों समेत तेरे विरुद्ध पाप किया है, इस कारण हम को लज्जित होना पड़ता है।
Daniel 9:9 परन्तु, यद्यपि हम अपने परमेश्वर प्रभु से फिर गए, तौभी तू दयासागर और क्षमा की खानि है।
Daniel 9:20 इस प्रकार मैं प्रार्थना करता, और अपने और अपने इस्राएली जाति भाइयों के पाप का अंगीकार करता हुआ, अपने परमेश्वर यहोवा के सम्मुख उसके पवित्र पर्वत के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करता ही था,
Daniel 9:21 तब वह पुरूष जिब्राएल जिस मैं ने उस समय देखा जब मुझे पहिले दर्शन हुआ था, उसने वेग से उड़ने की आज्ञा पाकर, सांझ के अन्नबलि के समय मुझ को छू लिया; और मुझे समझाकर मेरे साथ बातें करने लगा।
Daniel 9:22 उसने मुझ से कहा, हे दानिय्येल, मैं तुझे बुद्धि और प्रविणता देने को अभी निकल आया हूं।
Daniel 9:23 जब तू गिड़गिड़ाकर बिनती करने लगा, तब ही इसकी आज्ञा निकली, इसलिये मैं तुझे बताने आया हूं, क्योंकि तू अति प्रिय ठहरा है; इसलिये उस विषय को समझ ले और दर्शन की बात का अर्थ बूझ ले।
Daniel 9:24 तेरे लोगों और तेरे पवित्र नगर के लिये सत्तर सप्ताह ठहराए गए हैं कि उनके अन्त तक अपराध का होना बन्द हो, और पापों को अन्त और अधर्म का प्रायश्चित्त किया जाए, और युगयुग की धामिर्कता प्रगट हो; और दर्शन की बात पर और भविष्यवाणी पर छाप दी जाए, और परमपवित्र का अभिषेक किया जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 28-29 
  • मरकुस 14:54-72

शुक्रवार, 15 मार्च 2013

दृष्टिकोण


   अमेरिका के टैक्सस प्रांत के लोग अपने पशु-पालन के बड़े-बड़े फार्म और हर बात में शेखी बघारने के लिए जाने जाते थे और इन बातों से संबंधित उनके विषय में अनेक विनोदी लघु-कथाएं प्रचलित हैं। ऐसी ही कथाओं में से मेरी एक प्रीय कथा है:  "टैक्सस का एक फार्म मालिक जर्मनी गया हुआ था और वहां के एक पशु-पालन फार्म के मालिक को उसके काम के बारे में सलाह देने लगा। इसी वार्तालाप के दौरान टेक्सस वाले ने जर्मनी वाले से पूछा कि उसकी ज़मीन का नाप कितना है; जर्मनी वाले ने उत्तर दिया ’एक वर्ग मील’। फिर जर्मनी वाले ने टैक्सस वाले से भी यही बात पूछी, तो टैक्सस वाले ने अपने अंदाज़ में उत्तर दिया, ’यदि मैं सूर्योदय के साथ अपनी गाड़ी में चलना आरंभ करूँ, तो सूर्यास्त होने तक भी मैं अपनी ज़मीन के एक छोर से दूसरे छोर तक नहीं पहुँच पाता।’ जर्मनी वाले ने संवेदना में सिर हिलाते हुए उत्तर दिया, ’ मैं आपकी व्यथा समझ सकता हूँ; मेरे पास भी कभी ऐसी ही परेशान कर देने वाली पुरानी और बेकार गाड़ी हुआ करती थी!’ "

   मज़ाक तो अपने स्थान पर अच्छा है, लेकिन साथ ही यह कहानी हमें सही दृष्टिकोण के महत्व को भी सिखाती है। यह सही दृष्टिकोण होना केवल सांसारिक जीवन की बातों में ही नहीं, आत्मिक जीवन की बातों में भी महत्वपूर्ण है। परमेश्वर के वचन बाइबल में ग़लत दृष्टिकोण रखने वाली एक मसीही मण्डली का उल्लेख है - प्रकाशितवाक्य 3:14-22। अपने बाह्य स्वरूप में वह मण्डली काफी धनी थी। उनके पास सांसारिक वस्तुओं की बहुतायत थी और वे सोचने लगे थे कि अब उन्हें किसी भी बात की आवश्यकता नहीं है, यहाँ तक कि प्रभु यीशु की भी नहीं, जिसे उन्होंने मण्डली के बाहर कर दिया था।

   लेकिन प्रभु यीशु का दृष्टिकोण उनके लिए भिन्न था। वह उनकी वास्तविक दशा भली-भांति जानता था। उनके दुर्व्यवहार के बावजूद वह उनसे प्रेम रखता था, उनका भला चाहता था और वापस उनमें आकर उनके साथ संगति करना चाहता था। प्रभु यीशु ने उन्हें उन की वास्तविक दशा बताई: "...यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है" (पद 17), उन्हें सलाह दी कि वे मन फिराएं और उससे असली और कभी नष्ट ना होने वाला धन ले लें, अर्थात पवित्रता, अच्छा चरित्र, धार्मिकता और बुद्धिमता तथा उनके पास वापस अन्दर आकर उनके साथ संगति करने की अपनी इच्छा प्रगट करी।

   कहीं सांसारिक उपलब्धियों और बातों की चकाचौंध ने हमें भी तो अपनी वास्तविक दशा से अनभिज्ञ बनाकर किसी गलत दृष्टिकोण में तो नहीं फंसा लिया है? प्रभु यीशु का निमंत्रण संसार के प्रत्येक जन के लिए खुला है, वह हर एक से प्रेम रखता है, उसने हर एक जन के पापों के लिए अपने प्राण दिए और आज स्वेच्छा से उसके पास आने वाले हर जन को वह पापों की क्षमा, उद्धार और परमेश्वर की संगति में अनन्त जीवन देने को तैयार है; उनके पाप स्वभाव के स्थान पर उन्हें अपनी धार्मिकता का स्वभाव देने को तैयार है।

   सही दृष्टिकोण अपनाएं, वास्तविकता को जांचें-परखें और पहचानें और प्रभु यीशु से अनन्त आशीषों को प्राप्त कर लें। - जो स्टोवैल


सबसे ग़रीब वही है जिसके पास केवल संसार का धन ही है।

तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है। - प्रकाशितवाक्य 3:17

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 3:14-22
Revelation 3:14 और लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो आमीन, और विश्वासयोग्य, और सच्चा गवाह है, और परमेश्वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है।
Revelation 3:15 कि मैं तेरे कामों को जानता हूं कि तू न तो ठंडा है और न गर्म: भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता।
Revelation 3:16 सो इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुंह में से उगलने पर हूं।
Revelation 3:17 तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्‍छ और कंगाल और अन्‍धा, और नंगा है।
Revelation 3:18 इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूं, कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले, कि धनी हो जाए; और श्वेत वस्‍त्र ले ले कि पहिन कर तुझे अपने नंगेपन की लज्ज़ा न हो; और अपनी आंखों में लगाने के लिये सुर्मा ले, कि तू देखने लगे।
Revelation 3:19 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
Revelation 3:20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।
Revelation 3:21 जो जय पाए, मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठाऊंगा, जैसा मैं भी जय पा कर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठ गया।
Revelation 3:22 जिस के कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 26-27 
  • मरकुस 14:27-53


गुरुवार, 14 मार्च 2013

प्रश्न और उत्तर


   मेरे एक मित्र का वयस्क पुत्र एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी देखभाल करने के लिए मेरे मित्र को दो बार नौकरी छोड़नी पड़ी। उसी वर्ष उसकी पत्नि भी ३० वर्ष के वैवाहिक जीवन के बाद एक बीमारी से जाती रही। तब से उसके पास कोई उत्तर नहीं होता जब उसका पुत्र प्रश्न करता है कि यह सब उनके साथ क्यों हुआ।

   लेकिन उसने अपने एक स्वपन के बारे में बताया जिसे देखने के बाद वह बहुत सन्तुष्ट और शांत अनुभव करने लगा। उसने स्वपन देखा कि वह एक ऐसे स्थान पर है जहाँ बहुत प्रकाश है, बहुत से लोगों की भीड़ है और एक व्यक्ति उसके सभी प्रश्नों के उत्तर दे रहा है। प्रत्येक उत्तर इतना सटीक और सार्थक था कि उसकी सारी शंकाएं जाती रहीं और वह यह भी समझ सका कि क्यों पृथ्वी पर वह इन उत्तरों को नहीं पा सका। फिर उसी स्वपन में वह अपने पुत्र के पास आया, लेकिन जब उसने अपने पुत्र को वही उत्तर समझाने चाहे तो उसे कोई भी उत्तर याद नहीं आया, लेकिन इससे भी उसे कोई परेशानी नहीं हुई। और तब वह जाग उठा।

   मेरे मित्र के अनुभव ने मुझे परमेश्वर के एक मित्र का स्मरण कराया जिसके प्रश्न भी अनुत्तरित थे (अय्युब 7:20-21)। अन्ततः जब परमेश्वर ने अय्युब से अपनी सृष्टि के अद्भुत आश्चर्यों के दर्शन में होकर बात करी तब अय्युब परमेश्वर की योजना को समझने पाया और उसने अपने प्रश्नों के उत्तर से भी कुछ उत्तम प्राप्त किया - अनन्त जीवन। तब ही अय्युब शांति पा सका और समझ सका कि परमेश्वर की हर योजना भली ही है और परमेश्वर पर हर परिस्थिति में और हर बात के लिए विश्वास रखना ही सबसे उत्तम बात है। - मार्ट डी हॉन


प्रश्नों के उत्तर पाने से भी भला है उस परमेश्वर पर विश्वास रखना जिसके पास उत्तर भी हैं और कारण भी।

मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं; - अय्युब 42:5

बाइबल पाठ: अय्युब 42:1-6
Job 42:1 तब अय्यूब ने यहोवा को उत्तर दिया;
Job 42:2 मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है, और तेरी युक्तियों में से कोई रुक नहीं सकती।
Job 42:3 तू कौन है जो ज्ञान रहित हो कर युक्ति पर परदा डालता है? परन्तु मैं ने तो जो नहीं समझता था वही कहा, अर्थात जो बातें मेरे लिये अधिक कठिन और मेरी समझ से बाहर थीं जिन को मैं जानता भी नहीं था।
Job 42:4 मैं निवेदन करता हूं सुन, मैं कुछ कहूंगा, मैं तुझ से प्रश्न करता हूँ, तू मुझे बता दे।
Job 42:5 मैं कानों से तेरा समाचार सुना था, परन्तु अब मेरी आंखें तुझे देखती हैं;
Job 42:6 इसलिये मुझे अपने ऊपर घृणा आती है, और मैं धूलि और राख में पश्चात्ताप करता हूँ।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 23-25 
  • मरकुस 14:1-26


बुधवार, 13 मार्च 2013

ऊर्जा का स्त्रोत


   चौकलेट सामान्यतः लोगों का एक पसंदीदा पदार्थ है जिससे मिठास और उर्जा दोनो ही प्राप्त होते हैं। ब्रिटिश औटो टैक्निशियन्स ने इस मीठे खाद्य पदार्थ का एक अनूठा उपयोग निकाला है। वारविक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक रेसिंग कार बनाई है जो वनस्पति तेलों और चौकलेट से चलती है। इस अनोखे इन्धन से चलने वाली यह कार 135 मील प्रति घंटा की रफतार तक जा सकती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी भोजन से मिली ऊर्जा का एक विलक्षण उदाहरण दिया गया है। कार्मेल पर्वत पर परमेश्वर ने एलियाह के द्वारा एक अद्भुत और महान कार्य करवाया और यहोवा ही परमेश्वर है प्रमाणित करने के लिए एलियाह के कहने पर आसमान से आग गिराई और वेदी पर रखी हुई बलि को भस्म कर दिया। इस आत्मिक पराकाष्ठा के बाद एलियाह को हत्या की धमकी मिली जिससे वह घोर निराशा में आ गया और वहाँ से भाग खड़ा हुआ। एलियाह की निराशा के समय में परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत द्वारा उसे भोजन और जल पहुँचाया; उस भोजन से मिली ऊर्जा असाधारण थी: "...और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा" (1 राजा 19:8)।

   जैसे हमारे शरीरों को शारीरिक बल के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वैसे ही हमारी आत्मा को भी आत्मिक बल के लिए आत्मिक ऊर्जा कि आवश्यकता होती है। परमेश्वर का वचन बाइबल ही वह आत्मिक भोजन है जो आत्मा को सामर्थ देता है। इसीलिए भजनकार ने परमेश्वर के वचन के लिए लिखा: "यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है;" (भजन 19:7-8)। 

   प्रभु यीशु के लिए परमेश्वर की आज्ञाकारिता ही उसका भोजन अर्थात ऊर्जा का स्त्रोत थी: "यीशु ने उन से कहा, मेरा भोजन यह है, कि अपने भेजने वाले की इच्छा के अनुसार चलूं और उसका काम पूरा करूं" (यूहन्ना 4:34); और प्रभु यीशु ने कहा: "जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।...यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे" (यूहन्ना 14:21, 23)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल को अपनी आत्मिक ऊर्जा का स्त्रोत बना लीजिए, वह जीवन की हर परिस्थिति में काम आएगी, सही मार्गदर्शन देगी और आपको परमेश्वर की संगति में बनाए रखेगी। - डेनिस फिशर


परमेश्वर अपने वचन के द्वारा हमारा पोषण करता है।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। - 2 तिमुथियुस 3:16

बाइबल पाठ: 1 राजा 19:1-8
1 Kings 19:1 तब अहाब ने ईज़ेबेल को एलिय्याह के सब काम विस्तार से बताए कि उसने सब नबियों को तलवार से किस प्रकार मार डाला।
1 Kings 19:2 तब ईज़ेबेल ने एलिय्याह के पास एक दूत के द्वारा कहला भेजा, कि यदि मैं कल इसी समय तक तेरा प्राण उनका सा न कर डालूं तो देवता मेरे साथ वैसा ही वरन उस से भी अधिक करें।
1 Kings 19:3 यह देख एलिय्याह अपना प्राण ले कर भागा, और यहूदा के बेर्शेबा को पहुंच कर अपने सेवक को वहीं छोड़ दिया।
1 Kings 19:4 और आप जंगल में एक दिन के मार्ग पर जा कर एक झाऊ के पेड़ के तले बैठ गया, वहां उसने यह कह कर अपनी मृत्यु मांगी कि हे यहोवा बस है, अब मेरा प्राण ले ले, क्योंकि मैं अपने पुरखाओं से अच्छा नहीं हूँ।
1 Kings 19:5 वह झाऊ के पेड़ तले लेटकर सो गया और देखो एक दूत ने उसे छूकर कहा, उठ कर खा।
1 Kings 19:6 उसने दृष्टि कर के क्या देखा कि मेरे सिरहाने पत्थरों पर पकी हुई एक रोटी, और एक सुराही पानी धरा है; तब उसने खाया और पिया और फिर लेट गया।
1 Kings 19:7 दूसरी बार यहोवा का दूत आया और उसे छूकर कहा, उठ कर खा, क्योंकि तुझे बहुत भारी यात्रा करनी है।
1 Kings 19:8 तब उसने उठ कर खाया पिया; और उसी भोजन से बल पाकर चालीस दिन रात चलते चलते परमेश्वर के पर्वत होरेब को पहुंचा।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 20-22 
  • मरकुस 13:21-37