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शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2012

सहायक


   हाल के एक रेडियो प्रोग्राम में प्रस्तुतकर्ता एक विशेषज्ञ से किसी विषम परिस्थिति को संभालने के बारे में चर्चा कर रहा था। उस विशेषज्ञ की सलाह थी कि ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए आवश्यक्ता होती है कि अच्छे मित्रों को बना कर रखें जो संकट में साथ खड़े हों, सहायता करें और बात को संभालने तथा परिस्थिति से उभारने में सक्षम हों।

   यह एक बुद्धिमानी की सलाह है, क्योंकि हर प्रकार के संकट और परिस्थितियों का सामना करने के लिए यह बोध होना अनिवार्य है कि हम अपनी क्षमता से सब कुछ नहीं कर सकते, हमें सहायक की आवश्यक्ता होती ही है। कुछ चुनौतियां बहुत बड़ी होती हैं; कुछ पहाड़ बहुत ऊँचे होते हैं; कई बार हमारी अपनी सामर्थ और योग्यता कम पड़ जाती है; और तब हमें कोई ऐसा सहायक चाहिए होता है जो हमारे साथ मिलकर परिस्थिति से जूझ सके और पार लगवा सके। इसीलिए हम मसीही विश्वासियों के लिए यह बहुत तसल्ली की बात है कि हमारे साथ एक ऐसा ही सहायक सदा बना रहता है।

   राजा दाऊद ने इस साहायक को जाना तथा अनुभव किया था; इसीलिए वह भजन १८:६ में लिखता है: "अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।" हमारे संकट में परमेश्वर से बढ़कर भला और सामर्थी सहायक और कोई हो नहीं सकता। वह ही है जो हमें जीवन के संकटों और परिस्थितियों में से सुरक्षित निकाल कर ले जा सकता है। उसने हमें अपने अटल वायदे से आश्वासन दिया है: "...उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों १३:५)।

   जब संकट और विषम परिस्थितियां आएं तो हमें अपने आप को अकेला और असहाय समझने की आवश्यक्ता नहीं है; हमारे पास हर बात और परिस्थिति के लिए बिलकुल उपयुक्त सहायता सदैव विद्यमान है। हम अपने प्रभु परमेशवर पर निर्भर रह सकते हैं क्योंकि वह ही हमारा सबसे बड़ा, सबसे विश्वासयोग्य, सदैव उपलब्ध और सबसे सामर्थी सहायक है।

   क्या आपने प्रभु यीशु को अपने जीवन का सहायक बना लिया है? - बिल क्राउडर


यहां नीचे हमारी सबसे उत्तम आशा है वहां ऊपर से मिलने वाली सहायता।

अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी। - भजन १८:६

भजन १८:१-६; १६-२४
Psa 18:1  हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं। 
Psa 18:2  यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का गढ़ है। 
Psa 18:3  मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
Psa 18:4  मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया; 
Psa 18:5  पाताल की रस्सियां मेरे चारो ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे। 
Psa 18:6  अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर को दोहाई दी। और उस ने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।
Psa 18:16  उस ने ऊपर से हाथ बढ़ाकर मुझे थाम लिया, और गहिरे जल में से खींच लिया। 
Psa 18:17  उस ने मेरे बलवन्त शत्रु से, और उन से जो मुझ से घृणा करते थे मुझे छुड़ाया; क्योंकि वे अधिक सामर्थी थे। 
Psa 18:18  मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पड़े। परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था। 
Psa 18:19  और उस ने मुझे निकाल कर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उस ने मुझ को छुड़ाया, क्योंकि वह मुझ से प्रसन्न था। 
Psa 18:20  यहोवा ने मुझ से मेरे धर्म के अनुसार व्यवहार किया; और मेरे हाथों की शुद्धता के अनुसार उस ने मुझे बदला दिया। 
Psa 18:21  क्योंकि मैं यहोवा के मार्गों पर चलता रहा, और दुष्टता के कारण अपने परमेश्वर से दूर न हुआ। 
Psa 18:22  क्योंकि उसके सारे निर्णय मेरे सम्मुख बने रहे और मैं ने उसकी विधियों को न त्यागा। 
Psa 18:23  और मैं उसके सम्मुख सिद्ध बना रहा, और अधर्म से अपने को बचाए रहा। 
Psa 18:24  यहोवा ने मुझे मेरे धर्म के अनुसार बदला दिया, और मेरे हाथों की उस शुद्धता के अनुसार जिसे वह देखता था।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह २३-२५ 
  • फिलिप्पियों १

गुरुवार, 4 अक्टूबर 2012

व्यस्त या उपयोगी?


   हमसे संपर्क बढ़ाने वाले कभी कभी पूछते हैं "क्या आप व्यस्त हैं?" प्रश्न तो सामान्य है और उसमें कोई हानि की बात भी प्रतीत नहीं होती, किंतु मेरे मन में इस प्रश्न के कारण कुछ और बातें उठती हैं। मुझे लगता है कि इस प्रश्न के उत्तर में यदि मैं पूछने वाले को तुरन्त ही ऐसे कार्यों की एक लंबी सूची नहीं दे पाता जो मुझे अभी करने हैं तो मैं यह स्वीकार कर रहा हूँ कि मैं कुछ विशेष उपयोगी नहीं हूँ, मेरा कोई खास मूल्य नहीं है।

   किंतु क्या परमेश्वर भी हमें इससे ही आंकता है कि हम कितने व्यस्त हैं और हमने क्या कुछ करने पाए हैं? क्या वह हमें इस बात पर पुरुस्कार देता है कि हमने अपना और अपने परिवार का ध्यान रखे बिना, थक कर चूर होते हुए भी कार्य करना ज़ारी रखा है? क्या व्यक्ति के मूल्यांकन के उसके मापदण्ड भी संसार के समान ही हैं?

   अपने बचपन में, परमेश्वर के वचन बाइबल के पदों से जो आरंभिक पद मैं ने सीखे थे उनमें से एक प्रभु यीशु मसीह द्वारा कही गई बात थी मत्ती ११:२८: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।" बचपन में मेरे लिए इस पद का कोई विशेष अर्थ नहीं था क्योंकि मैं थकान और व्यस्तता नहीं जानती थी। लेकिन अब जब मैं व्यसक हूँ तो संसार तथा साथ के अन्य लोगों से कहीं पीछे ना रह जाऊँ, इसलिए उन के समान कार्य करने और वैसे ही व्यस्त रहने की इच्छा बार बार मुझ पर हावी होना चाहती है।

   लेकिन प्रभु यीशु के अनुयायियों को ऐसी मनसा के साथ जीने की आवश्यक्ता नहीं है। यह नहीं कि उन्हें मेहनत नहीं करनी है और बैठे-बिठाये ही उन्हें सब कुछ मिलता रहेगा; परन्तु उन्हें इस बात को ध्यान करते हुए कार्य करना है कि उनके प्रभु ने उन्हें ना केवल पाप के दासत्व से मुक्ति दी है वरन इस धारणा से भी कि उसकी दृष्टि में उनका मूल्य इस बात पर निर्भर नहीं करता कि वे अपने आप तथा अपने परिवार को कितना नज़रंदाज़ करते हैं और अपने आप को कितना थकाते तथा निढ़ाल करते हैं।

   परमेश्वर के नाम से बहुत सा कार्य करने के द्वारा हम अपनी दृष्टि में मूल्यवान हो सकते हैं, लेकिन परमेश्वर हमें तब मूल्यवान मानता है जब हम उसे, हम में होकर वह कार्य करने देते हैं जो वह हम में चाहता है - कि हम उसके पुत्र, हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के स्वरूप में ढलें (रोमियों ८:२८-३०)।

   परमेश्वर को हमारी सामर्थ और योग्यताओं की नहीं हमारी आवश्यक्ता है। जो उसके हाथों में पूर्णतः समर्पित हैं उन्हें वह अपनी सामर्थ और अपनी योग्यताओं से भरकर अपने लिए उपयोगी बना लेता है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमारा मूल्य इस से नहीं कि हम परमेश्वर के नाम में क्या क्या करते हैं, वरन इस से है कि उसने हम में क्या और हमारे लिए क्या कुछ किया है।

क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। फिर जिन्‍हें उन से पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है। - रोमियों ८:२९-३०

बाइबल पाठ: मत्ती ११:२५-३०
Mat 11:25  उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्‍वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा दखा, और बालकों पर प्रगट किया है। 
Mat 11:26  हां, हे पिता, क्‍योंकि तुझे यही अच्‍छा लगा। 
Mat 11:27   मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे। 
Mat 11:28   हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। 
Mat 11:29  मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो, और मुझ से सीखो; क्‍योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। 
Mat 11:30  क्‍योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह २०-२२ 
  • इफिसियों ६

बुधवार, 3 अक्टूबर 2012

उपयोगी


   क्या आपको वे समय याद हैं जब फोन का कार्य बातें करने के लिए ही होता था? "स्मार्ट फोन" के अविष्कार के बाद सब कुछ बदल गया; जो पहले किसी दूसरे के साथ बात करने का साधन था वह अब निज उपयोग की बातों और तकनीकी का भण्डार बन गया है। अब फोन पर प्रयोग हो सकने वाली तकनीकों से आप समाचार पढ़ सकते हैं, खेल खेल सकते हैं, यात्रा का आयोजन कर सकते हैं, लेने के लिए घर ढूंढ सकते हैं और अन्य अनगिनित कार्य कर सकते हैं। फोन केवल बात करने के लिए उपयोगी नहीं रहा, वह जीवन की अन्य कई आवश्यक्ताओं के लिए उपयोगी हो गया है।

   यह विलक्षण है, किंतु परमेश्वर के वचन बाइबल के उपयोग के सामने इसकी उपयोगिता कुछ भी नहीं; बाइबल की यह उपयोगिता सदियों से बनी हुई है और आज भी कारगर है। बाइबल में परमेश्वर द्वारा लिखित निर्देष हैं जो हमें उसके सत्य मार्ग को अपने जीवन में लागू करना और उससे सफल तथा आशीषित होना सिखाते हैं। उदाहरणस्वरूप फिलिप्पियों २ में लिखी बातों को देखिए जो हमें एकता (२:२), नम्रता (२:३), कुड़कुड़ाना नहीं (२:१४), ज्योति के समान होना (२:१५) सिखाती हैं - वे गुण जिनके आभाव में आज व्यक्तियों और समाज में आपसी तनाव और वैमनस्य है, जिससे सामाजिक अस्थिरता है। या, गलतियों ५ में दी गई निज जीवन की बातों पर विचार कीजिए: परमेश्वर का अनुसरण करें (५:१), प्रेम में चलें (५:२), पवित्रता का जीवन जीएं (५:३), ज़ुबान को नियंत्रित रखें (५:४) - ऐसी बातें जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को संवारने और धन्य तथा अनुसरणीय बनाने के लिए उपयोगी हैं। नीतिवचन की पुस्तक तो ऐसी ही उपयोगी बातों का संकलन ही है।

   फोन की उपयोगिता बढ़ाने वाली बातों के समान, कोई बाइबल की इन बातों को इंटरनैट के माध्यम से आपको पहुँचाए इसकी आवश्यक्ता नहीं है। आप स्वयं ही बाइबल खोलकर इन बातों को देख और पढ़ सकते हैं और परमेश्वर के इन आशीषि देने वाले निर्देशों को अपने जीवनों में लागू कर सकते हैं। क्या मसीही विश्वास के जीवन के संबंध में कोई प्रश्न आपके मन में उठता है? बाइबल में आपको उत्तर मिल जाएगा।

   परमेश्वर का यह अद्भुत वचन प्रत्येक के जीवन के लिए उपयोगी है - इसीलिए तो परमेश्वर ने इसे दिया है और सबके लिए उपलब्ध कराया है। - डेव ब्रैनन


ज्ञान और समझ के खज़ाने आपके लिए बाइबल में मौजूद हैं - पढ़िए और अपनाइए!

अपना हृदय शिक्षा की ओर, और अपने कान ज्ञान की बातों की ओर लगाना। - नीतिवचन २३:१२

बाइबल पाठ: इफिसियों ५:१-१५
Eph 5:1   इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो। 
Eph 5:2  और प्रेम में चलो, जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया, और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया। 
Eph 5:3   और जैसा पवित्र लागों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। 
Eph 5:4  और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्‍योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। 
Eph 5:5  क्‍योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। 
Eph 5:6  कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्‍योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने मानने वालों पर भड़कता है। 
Eph 5:7   इसलिये तुम उन के सहभागी न हो। 
Eph 5:8  क्‍योंकि तुम तो पहले अन्‍धकार थे परन्‍तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्‍तान की नाईं चलो। 
Eph 5:9  (क्‍योंकि ज्योंति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)। 
Eph 5:10  और यह परखो, कि प्रभु को क्‍या भाता है? 
Eph 5:11  और अन्‍धकार के निष्‍फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो। 
Eph 5:12  क्‍योंकि उन के गुप्‍त कामों की चर्चा भी लाज की बात है। 
Eph 5:13  पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्‍योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योति है। 
Eph 5:14   इस कारण वह कहता है, हे सोने वाले जाग और मुर्दों में से जी उठ, तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी।
Eph 5:15   इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १७-१९ 
  • इफिसियों ५:१७-३३

मंगलवार, 2 अक्टूबर 2012

हाथ थामे हुए


   हम भ्रमण के लिए निकले थे और एक बड़ी झील के किनारे किनारे चट्टानों पर बनी पगडंडी पर अन्य सैलानियों के साथ चलकर जा रहे थे। उस दिन हवाएं तेज़ थीं और झील से बड़ी बड़ी लहरें उठकर किनारे की चट्टानों से टकरा रहीं थीं। हमारे आगे आगे एक परिवार चल रहा था। उन तेअ हवाओं, ऊँची लहरों, चट्टानों पर पानी के टकराने की आवाज़ और उफनते फेन को देखकर उस परिवार की एक छोटी बच्ची घबराने लगी और अपने पिताजी से बोली, "पिताजी मेरा हाथ थामकर मेरे साथ साथ चलिए, यह रास्ता बहुत डरावना है।"

   यह जीवन मार्ग भी हमारे लिए कभी कभी बहुत डरावना हो जाता है। किसी निकट संबंधी की मृत्यु, आर्थिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, और अन्य ऐसी ही कई बातें हमें घबराने लगती हैं। इन विकट और भयावह परिस्थितियों के सामने दिल में आता है कि कोई हो जो हमें सांत्वना दे, हमें संभाले, हमारे बोझ को हमारे साथ बांटे; हमारा हाथ थामे हुए हमें मार्ग में सुरक्षित लेकर चले।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक नायक, यहोशू को इस्त्राएल का नेतृत्व सौंपते हुए मूसा ने उसे स्मरण दिलाया कि हर परिस्थिति में, वह चाहे कितनी भी कठिन क्यों ना हो, परमेश्वर उसके साथ होगा। यहोशू को बस यह बात याद रखनी है और परमेश्वर पर तथा उसके वायदों पर भरोसा रखना है: "तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहेगा, और न तो तुझे धोखा देगा और न छोड़ देगा; इसलिये मत डर और तेरा मन कच्चा न हो" (व्यवस्थाविवरण ३१:८)। परमेश्वर का यह वायदा केवल यहोशू के लिए ही नहीं था, यह आज भी उसकी प्रत्येक संतान के लिए है। जितनों ने पापों के पश्चाताप के साथ उसे समर्पण किया है और प्रभु यीशु को अपना निज मुक्तिदाता करके अपनाया है, वे सब इस वायदे की आशीष के भागीदार हैं।

   परमेश्वर यशायाह ४१:१३-१४ में दिए एक और वायदे से हमें प्रोत्साहित करता है: "क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दाहिना हाथ पकड़कर कहूंगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा। हे कीड़े सरीखे याकूब, हे इस्राएल के मनुष्यों, मत डरो! यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरी सहयता करूंगा; इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ाने वाला है।" इस बात पर आधारित लोवेल ऐलेक्ज़ैंडर द्वारा लिखित एक स्तुति गीत में कहा गया है: "जीवन पथ में चाहे ऊँचे पहाड़ आएं या विशाल मरुस्थल या गहरी घाटियां हों; जीवन का मौसम चाहे अच्छा हो या सर्द हवाओं के थपेड़े पड़ रहे हों; लेकिन एक बात सदा स्मरण रखना - आप कभी अकेले नहीं हैं। प्रभु यीशु आपके साथ सदा बना रहता है और सहायक है।

   जब जीवन कठिन हो, परिस्थितियां समझ और सामर्थ से बाहर हों, भविष्य की आशंकाएं परेशान करें तो प्रत्येक मसीही विश्वासी इस बात में आश्वस्त रह सकता है कि उसका सृजनहार, पालनहार और तारणहार प्रभु परमेश्वर उसके साथ बना रहता है; उसे कभी नहीं छोड़ता और कभी नहीं त्यागता। प्रभु यीशु उसका हाथ थामे हुए उसे सुरक्षित लिए चलता है। - ऐनी सेटास


परमेश्वर की उपस्थिति में डर भाग जाते हैं

तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहेगा, और न तो तुझे धोखा देगा और न छोड़ देगा; इसलिये मत डर और तेरा मन कच्चा न हो। - व्यवस्थाविवरण ३१:८

बाइबल पाठ:
Deu 31:1  और मूसा ने जाकर यह बातें सब इस्रएलियों को सुनाईं। 
Deu 31:2  और उस ने उन से यह भी कहा, कि आज मैं एक सौ बीस वर्ष का हूं, और अब मैं चल फिर नहीं सकता; क्योंकि यहोवा ने मुझ से कहा है, कि तू इस यरदन पार नहीं जाने पाएगा। 
Deu 31:3  तेरे आगे पार जाने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा ही है; वह उन जातियों को तेरे साम्हने से नष्ट करेगा, और तू उनके देश का अधिकारी होगा; और यहोवा के वचन के अनुसार यहोशू तेरे आगे आगे पार जाएगा। 
Deu 31:4  और जिस प्रकार यहोवा ने एमोरियों के राजा सीहोन और ओग और उनके देश को नष्ट किया है, उसी प्रकार वह उन सब जातियों से भी करेगा। 
Deu 31:5  और जब यहोवा उनको तुम से हरवा देगा, तब तुम उन सारी आज्ञाओं के अनुसार उन से करना जो मैं ने तुम को सुनाई हैं। 
Deu 31:6  तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो, उन से न डर और न भयभीत हो, क्योंकि तेरे संग चलने वाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझ को धोखा न देगा और न छोड़ेगा। 
Deu 31:7  तब मूसा ने यहोशू को बुलाकर सब इस्राएलियों के सम्मुख कहा, कि तू हियाव बान्ध और दृढ़ हो जा, क्योंकि इन लोगों के संग उस देश में जिसे यहोवा ने इनके पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था तू जाएगा, और तू इनको उसका अधिकारी कर देगा। 
Deu 31:8  और तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहेगा, और न तो तुझे धोखा देगा और न छोड़ देगा; इसलिये मत डर और तेरा मन कच्चा न हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह १४-१६ 
  • इफिसियों ५:१-१६

सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

शिष्य


   क्योंकि मैं मरम्मत के कामों में निपुण नहीं हूँ इसलिए जब घर में कुछ मरम्मत की आवश्यक्ता हुई तो मैंने अपने एक मित्र को बुलाया जो इस तरह के कार्य बहुत अच्छे से कर लेता है। जब वह आया तो मैंने उसे उन मरम्मत के कार्यों की एक सूची दी, लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ जब उसने कहा कि मरम्मत के वे कार्य तो स्वयं मुझे ही करने होंगे! उसने कहा, कि वह मेरे साथ रहेगा, मुझे सिखाएगा, दिखाएगा और मेरे साथ रहकर मुझसे वे कार्य करवाएगा। मैंने उसके उदाहरणों और निर्देषों का पालन किया और सफलतापूर्वक मरम्मत के कार्य पूरे कर लिए। यह उस विधि के अनुसार है जो प्रभु यीशु ने अपने चेलों के साथ अपनाई थी।

   जब प्रभु यीशु ने कुछ लोगों को अपना शिष्य होने के लिए बुलाया, तो उसने चाहा कि वे उसके साथ रहें और परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रचार करें। (मरकुस १:१४, ३९; ६:१२)। शिष्यों के प्रशिक्षण का पहला चरण था प्रभु यीशु के साथ उसके नीरिक्षण में रहना, उसके वचनों को सीखना और उससे पवित्र-शास्त्र का अर्थ समझना और उसे दूसरों को समझाना सीखना, प्रभु के व्यवहार को देखना और अपनाना। फिर दूसरे चरण में प्रभु यीशु ने उन शिष्यों को प्रचार करने के लिए भेजा (मरकुस ३:१४-१५), जिसमें उन्हें जो प्रभु ने कहा था वह कहना था, जो प्रभु ने किया वही करना था। अपने इन कार्यों के लिए उन्हें प्रभु यीशु पर निर्भर रहना था। प्रभु यीशु के उन आरंभिक शिष्यों ने, प्रभु यीशु की शिष्यता की इस शैली को अपनाकर, प्रभु यीशु में पापों की क्षमा और उद्धार के सुसमाचार को संसार भर में प्रभावी रूप से प्रचार किया; और उनके लिए कहा जाता था कि ये वे लोग थे "...जिन्‍होंने जगत को उलटा पुलटा कर दिया है..." (प्रेरितों १७:६)।

   आज भी प्रभु यीशु अपने अनुयायियों को शिष्यता की इस सरल किंतु सटीक और अति प्रभावी शैली को अपनाने के लिए बुला रहा है - उसके साथ रहें, उससे सीखें, उसके निर्देषों का पालन करें, उसके समान व्यवहार करें और जीवन व्यतीत करें, तथा सदा उसपर निर्भर रहें।

   क्या आप प्रभु यीशु के शिष्य होने के लिए तैयार हैं? क्या आप उसके लिए कार्य करना चाहते हैं? प्रभु यीशु आज भी इसी शैली के अन्तर्गत कार्य करने वाले शिष्यों को बुला रहा है। - मार्विन विलियम्स


शिष्यता सार्थक और प्रभावी प्रभु के साथ संबंध बनाने और उसका अनुसरण करने ही से होती है।

तब उस ने बारह पुरूषों को नियुक्त किया, कि वे उसके साथ साथ रहें, और वह उन्‍हें भेजे, कि प्रचार करें। - मरकुस ३:१४

बाइबल पाठ: मत्ती १०:७-२०
Mat 10:7  और चलते चलते प्रचार कर कहो कि स्‍वर्ग का राज्य निकट आ गया है। 
Mat 10:8  बीमारों को चंगा करो: मरे हुओं को जिलाओ: कोढिय़ों को शुद्ध करो: दुष्‍टात्माओं को निकालो: तुम ने सेंतमेंत पाया है, सेंतमेंत दो। 
Mat 10:9   अपने पटुकों में न तो सोना, और न रूपा, और न तांबा रखना। 
Mat 10:10 मार्ग के लिये न झोली रखो, न दो कुरते, न जूते और न लाठी लो, क्‍योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए। 
Mat 10:11  जिस किसी नगर या गांव में जाओ तो पता लगाओ कि वहां कौन योग्य है और जब तक वहां से न निकलो, उसी के यहां रहो। 
Mat 10:12  और घर में प्रवेश करते हुए उस को आशीष देना। 
Mat 10:13 यदि उस घर के लोग योग्य होंगे तो तुम्हारा कल्याण उन पर पहुंचेगा परन्‍तु यदि वे योग्य न हों तो तुम्हारा कल्याण तुम्हारे पास लौट आएगा। 
Mat 10:14  और जो कोई तुम्हें ग्रहण न करे, और तुम्हारी बातें न सुने, उस घर या उस नगर से निकलते हुए अपने पांवों की धूल झाड़ डालो। 
Mat 10:15  मैं तुम से सच कहता हूं, कि न्याय के दिन उस नगर की दशा से सदोम और अमोरा के देश की दशा अधिक सहने योग्य होगी।
Mat 10:16  देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की नाईं भेडिय़ों के बीच में भेजता हूं सो सांपों की नाईं बुद्धिमान और कबूतरों की नाईं भोले बनो। 
Mat 10:17 परन्‍तु लोगों से सावधान रहो, क्‍योंकि वे तुम्हें महासभाओं में सौपेंगे, और अपनी पंचायत में तुम्हें कोड़े मारेंगे। 
Mat 10:18  तुम मेरे लिये हाकिमों ओर राजाओं के साम्हने उन पर, और अन्यजातियों पर गवाह होने के लिये पहुंचाए जाओगे। 
Mat 10:19 जब वे तुम्हें पकड़वाएंगे तो यह चिन्‍ता न करना, कि हम किस रीति से, या क्‍या कहेंगे: क्‍योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा। 
Mat 10:20 क्‍योंकि बोलने वाले तुम नहीं हो परन्‍तु तुम्हारे पिता का आत्मा तुम में बोलता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ११-१३ 
  • इफिसियों ४

रविवार, 30 सितंबर 2012

आराधना


   कई वर्ष पहले की बात है, मेरे पति टॉम कुछ हाई-स्कूल छात्रों के एक दल को लेकर एक कसबे के मिशन स्कूल में स्वयं-सेवी कार्य के लिए लेकर गए। टॉम ने उससे कुछ दिन पहले ही अपनी टांग तोड़ ली थी इसलिए वे एक पहिए वाली कुर्सी पर बैठकर मिशन स्कूल में हो रहे कार्य का संचालन कर रहे थे। वे इस बात से कुछ निराश भी थे क्योंकि वे इस कार्य के लिए आवश्यक्तानुसार कार्यस्थल के प्रत्येक स्थान में घूमने और संचालन करने में असमर्थ थे।

   जब वे स्कूल भवन के ज़मीनी तल पर कार्य करवा रहे थे तो कुछ लड़कियां ऊपर तीसरी मंज़िल पर दीवारों को रंगने का कार्य कर रहीं थीं। अपना कार्य करते हुए वे परमेश्वर की आराधाना और स्तुति के गीत भी गाती जा रहीं थीं। उनकी आवाज़ उस खाली स्कूल भवन में गूँज रही थी और उनका एक साथ मिलकर लय-ताल में गाना बहुत अच्छा लग रहा था। टॉम ने बाद में इसके बारे में बताया और कहा कि आराधना के गीतों की यह आवाज़ें उनके लिए सबसे मधुर आवाज़ें थीं और निराशा में पड़ी उनकी आत्मा उन गीतों से प्रफुल्लित हुई।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में कुलुस्सियों को लिखी अपनी पत्री में प्रेरित पौलुस मसीही विश्वासियों से कहता है: "मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ" (कुलुस्सियों ३:१६)।" टॉम के साथ गई वे लड़कियां ना केवल परमेश्वर की आराधना कर रहीं थीं, वरन साथ ही, अनजाने में, वे एक निराश साथी को उभारने की सेवकाई भी कर रहीं थीं।

   आप जो भी कार्य करें, उसे करते समय अपने रवैये में स्तुति और आराधना की प्रवृत्ति अवश्य प्रकट करें, चाहे यह स्तुति गीत के द्वारा हो या बातचीत के द्वारा, प्रभु में अपने आनन्द को दूसरों तक पहुंचने दें। ऐसा करके क्या जाने आप किसी निराशा में पड़े हुए को कब उभार दें।

   सच्चे परमेश्वर की सच्ची आराधना सदा भली ही होती है। - सिंडी हैस कैस्पर


प्रोत्साहन की चिंगारी आशा की ज्वाला प्रज्वल्लित कर सकती है।

मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। - कुलुस्सियों ३:१६

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों ३:१२-१७
Col 3:12  इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो। 
Col 3:13  और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो। 
Col 3:14 और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। 
Col 3:15 और मसीह की शान्‍ति जिस के लि्ये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो। 
Col 3:16 मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ। 
Col 3:17  और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ९-१० 
  • इफिसियों ३

शनिवार, 29 सितंबर 2012

लौट आएं


   परमेश्वर की प्रजा इस्त्राएल परमेश्वर से विमुख हो गई थी; इस बात से हुए दुख को परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता होशे के द्वारा उन्हें समझाया। इसके लिए परमेश्वर ने होशे से एक विचित्र कार्य करवाया: परमेश्वर ने होशे को निर्देश दिए कि वह गोमेर नामक एक वैश्या को ब्याह लाए और उसके साथ एक विश्वासयोग्य और प्रेम करना वाला पति बन कर रहे। ऐसा करने पर भी गोमेर होशे के प्रति अविश्वासयोग्य रही जिससे होशे को बहुत दुख पहुँचा और इस्त्राएल की आत्मिक अविश्वासयोग्यता को लेकर परमेश्वर के दुख का बयान वह इस्त्राएल के सामने कर सका।

   होशे ने अपनी पुस्तक के अन्त में जैसे लिखा है, परमेश्वर ने अपनी प्रजा इस्त्राएल पर यह बात स्पष्ट कर दी कि जो दुख उन्होंने उसे पहुँचाया है उसके बावजूद यदि वे उसकी ओर लौट कर आएंगे तो वह उनके पापों को क्षमा कर देगा, उन्हें चंगा करेगा और उन्हें फलवंत करेगा: "मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाई फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा। उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जलपाई की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी। जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न की नाईं बढ़ेंगे, वे दाखलता की नाई फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी" (होशे १४:४-७)।

   जो लोग परमेश्वर से अपना मुँह मोड़ लेते हैं उनके लिए जीवन असंतुष्टि और अपराध-बोध से भरा होता है; जो मसीही विश्वास विश्वास में आने के बाद भी पुनः पाप में पड़ जाते हैं वे इस बात को भली-भांति जानते हैं, उन्हें अनुभव रहता है कि इस आत्मिक अविश्वासयोग्यता की उन्हें एक कीमत चुकानी पड़ती है। किंतु जैसे अनुग्रह के परमेश्वर ने इस्त्राएल को क्षमा और बहाली का सन्देश दिया, उन्हें जो वास्तव में सच्चे मन से पश्चाताप और क्षमा-प्रार्थी हैं, वैसे ही आज भी वह पश्चाताप के साथ लौट आने वालों की क्षमा और बहाली का वायदा करता है "यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है" (१ युहन्ना १:९)।

   क्या आपने जीवन में कोई गलत निर्णय लिए हैं जिनके कारण आप परमेश्वर और उसके प्रेम से दूर हो गए हैं? पश्चाताप के साथ परमेश्वर की ओर लौट आएं, उसके अनुग्रह और क्षमा द्वारा फिर से परमेश्वर कि निकटता में जीवन व्यतीत करने वाले बन जाएं। उसका वायदा है कि जो लौट आयगा "...उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना ६:३७)। - डेनिस फिशर


परमेश्वर के साथ एक नई शुरुआत करने का मार्ग सदा खुला रहता है।

मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। - होशे १४:४

बाइबल पाठ: होशे १४:१-८
Hos 14:1  हे इस्राएल, अपने परमेश्वर यहोवा के पास लौट आ, क्योंकि तू ने अपने अधर्म के कारण ठोकर खाई है। 
Hos 14:2  बातें सीखकर और यहोवा की ओर फिरकर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे। 
Hos 14:3  अश्शूर हमारा उद्धार न करेगा, हम घोड़ों पर सवार न होंगे, और न हम फिर अपनी बनाई हुई वस्तुओं से कहेंगे, तुम हमारे ईश्वर हो; क्योंकि अनाथ पर तू ही दया करता है।
Hos 14:4  मैं उनकी भटक जाने की आदत को दूर करूंगा; मैं सेंतमेंत उन से प्रेम करूंगा, क्योंकि मेरा क्रोध उन पर से उतर गया है। 
Hos 14:5  मैं इस्राएल के लिये ओस के समान हूंगा; वह सोसन की नाईं फूले-फलेगा, और लबानोन की नाईं जड़ फैलाएगा। 
Hos 14:6  उसकी जड़ से पौधे फूटकर निकलेंगे; उसकी शोभा जलपाई की सी, और उसकी सुगन्ध लबानोन की सी होगी। 
Hos 14:7  जो उसकी छाया में बैठेंगे, वे अन्न की नाईं बढ़ेंगे, वे दाखलता की नाईं फूले-फलेंगे; और उसकी कीर्ति लबानोन के दाखमधु की सी होगी।
Hos 14:8  एप्रैम कहेगा, मूरतों से अब मेरा और क्या काम? मैं उसकी सुनकर उस पर दृष्टि बनाए रखूंगा। मैं हरे सनौवर सा हूं, मुझी से तू फल पाया करेगा।
Hos 14:9  जो बुद्धिमान हो, वही इन बातों को समझेगा; जो प्रवीण हो, वही इन्हें बूझ सकेगा; क्योंकि यहोवा के मार्ग सीधे हैं, और धर्मी उन में चलते रहेंगे, परन्तु अपराधी उन में ठोकर खाकर गिरेंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ७-८ 
  • इफिसियों २