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रविवार, 3 मार्च 2013

प्रवेश की कुंजी


   जब भी मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में से सुसमाचारों को पढ़ता हूँ तो प्रभु यीशु के चेलों के स्वभाव में अपने आप को देखता हूँ। मेरे ही समान वे भी प्रभु की बात समझने में मन्दबुद्धि थे। इसी कारण कितनी ही बार प्रभु को उन्हें कहना पड़ा, क्या तुम भी ऐसे ना समझ हो? क्या तुम नहीं समझते? (मरकुस ७:१८)। अन्ततः एक चेले, पतरस, को कुछ हद तक बात समझ आ गई और जब प्रभु यीशु ने पूछा, "परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?" (मत्ती १६:१५) तो पतरस ने उत्तर दिया "तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है" (मत्ती १६:१६)।

   पतरस यह तो समझ गया था कि प्रभु यीशु कौन है, किंतु प्रभु यीशु के उद्देश्य के बारे में वह अभी भी नासमझ था। जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों से अपने मारे जाने की बात कही तो पतरस उसे इस बात के लिए डाँटने लगा, लेकिन प्रभु यीशु ने पलटकर उसे ही डाँटा: "परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है" (मरकुस ८:३३)।

   पतरस अभी भी सांसारिक तरीकों से प्रभु का राज्य स्थापित होने के बारे में सोच रहा था, जहाँ एक शासक दूसरे को पराजित करके अपना शासन स्थापित करता था। वह सोचता था कि प्रभु यीशु भी ऐसा ही करेगा। लेकिन प्रभु यीशु का राज्य ना तो इस पृथ्वी का है, और ना ही इस पृथ्वी के तौर-तरीकों से स्थापित होता है "यीशु ने उत्तर दिया, कि मेरा राज्य इस जगत का नहीं, यदि मेरा राज्य इस जगत का होता, तो मेरे सेवक लड़ते, कि मैं यहूदियों के हाथ सौंपा न जाता: परन्तु अब मेरा राज्य यहां का नहीं" (यूहन्ना १८:३६)। प्रभु यीशु का राज्य ना तो किसी भू-भाग पर है और ना वह हिंसा से स्थापित होता है; प्रभु यीशु तो लोगों के मनों में राज्य करता है और उसने अपनी लोक-सेवा तथा संसार के सभी लोगों के पापों के लिये अपना जीवन बलिदान करने के द्वारा यह शासन-अधिकार पाया है।

   आज भी उसके अनुयायी प्रभु यीशु में विश्वास तथा समर्पण द्वारा मनुष्यों के हृदयों से पाप के स्थान पर परमेश्वर की पवित्रता और परमेश्वर के जीवन को स्थापित करने का सुसमाचार देते हैं। परमेश्वर के इस राज्य की स्थापना के लिए परमेश्वर की विधि भी नहीं बदली है। जब कि शैतान हमें सांसारिक शक्ति और अधिकार अर्जित करने को उकसाता है, प्रभु यीशु हमें बताता है कि "धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (मत्ती ५:५)।

   यदि परमेश्वर के राज्य में लोगों को लाना है तो यह परमेश्वर की विधि और प्रभु यीशु के उदाहरण के अनुसरण के द्वारा ही संभव है, जिसने स्वार्थी अभिलाषाओं, सांसारिक उपलब्धियों और पृथ्वी पर की समृद्धि तथा धन-दौलत पाने का नहीं वरन संसार के हर मनुष्य के प्रति प्रेम, करुणा, आदर, सेवा और सहायता का जीवन जीकर दिखाया और उनके पापों के बदले अपने प्राण बलिदान किये जिससे कि वे पापों की क्षमा और उद्धार पाएं। मसीही जीवन का उदाहरण तथा प्रभु यीशु में पश्चाताप के साथ पापों की क्षमा ही परमेश्वर के राज्य में प्रवेश की कुंजी है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रत्येक मसीही विश्वासी एक राजदूत है जो राजाओं के राजा के लिए बोलता है।

शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है। - मत्ती १६:१६

बाइबल पाठ: मरकुस ८:२७-३३
Mark 8:27 यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी के गावों में चले गए: और मार्ग में उसने अपने चेलों से पूछा कि लोग मुझे क्या कहते हैं?
Mark 8:28 उन्होंने उत्तर दिया, कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला; पर कोई कोई एलिय्याह; और कोई कोई भविष्यद्वक्ताओं में से एक भी कहते हैं।
Mark 8:29 उसने उन से पूछा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो पतरस ने उसको उत्तर दिया; तू मसीह है।
Mark 8:30 तब उसने उन्हें चिताकर कहा, कि मेरे विषय में यह किसी से न कहना।
Mark 8:31 और वह उन्हें सिखाने लगा, कि मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरिनए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्‍छ समझकर मार डालें और वह तीन दिन के बाद जी उठे।
Mark 8:32 उसने यह बात उन से साफ साफ कह दी: इस पर पतरस उसे अलग ले जा कर झिड़कने लगा।
Mark 8:33 परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २८-३० 
  • मरकुस ८:२२-३८

शनिवार, 2 मार्च 2013

संतुष्टि तथा आनन्द


   अमेरिका के एक समाचारपत्र ने क्रिस्टोफर पार्केनिंग के लिए कहा कि वह "हमारे समय का महान गिटार वादक, जिसकी संगीत की समझ-बूझ तथा अपने वाद्य की प्रवीणता अनुपम है।" लेकिन एक समय वह भी था जब क्रिस्टोफर ने व्यावासायिक रूप में गिटार बजाना छोड़ दिया था। अपने गिटारवादन की ख्याति के उत्कृष्ट समय में, ३० वर्ष की आयु में उसने गिटार बजाने से सन्यास लिया, मोन्टाना प्रदेश में एक पशु-फार्म खरीदा और अपना खाली समय मछली मारने में बिताने लगा। लेकिन इससे उसे वह सन्तुष्टि नहीं मिली जिसकी उसे आशा थी और जिसके लिए उसने गिटार वादन छोड़ा था।

   फिर जब वह कैलिफोर्निया आया हुआ था तो उसे एक चर्च में आने का निमंत्रण मिला, जहाँ उसने प्रभु यीशु में पाप क्षमा तथा उद्धार का स्पष्ट सुसमाचार सुना। उसने इसके बारे में लिखा: "उस रात मैं जागा हुआ लेटा था, अपने पापों के बोध से टूटा हुआ था...मैंने एक बड़ा स्वार्थी जीवन व्यतीत किया था और उससे मुझे कोई संतुष्टि नहीं मिली थी...तब मैंने प्रभु यीशु को अपने जीवन में उद्धारकर्ता और स्वामी होकर आने के लिए कहा। मुझे स्मरण है कि ऐसा पहली बार था कि मैंने उससे कहा - ’प्रभु मेरे जीवन से आप जो भी करने को कहेंगे, मैं करूंगा।’ " परमेश्वर के वचन बाइबल में से क्रिस्टोफर का एक मनपसन्द पद है १ कुरिन्थियों १०:३१: "सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।" इसके बाद उसने फिर से अपना गिटार उठा लिया है, किंतु इस बार परमेश्वर की महिमा के लिए, और परमेश्वर ने उसे संसार में भी महिमित कर दिया।

   अपनी प्रत्येक सन्तान, अपने प्रत्येक विश्वासी को परमेश्वर कोई ना कोई गुण अथवा योग्यता वरदान के रूप में अवश्य देता है, और जब हम परमेश्वर के वरदान को परमेश्वर की महिमा और दूसरों की सहायता अथवा उन्न्ति के लिए प्रयोग करते हैं तो उससे ना केवल हमें संतुष्टि तथा आनन्द मिलता है, वरन परमेश्वर हमें भी महिमित कर देता है। - डेनिस फिशर


हमारे जीवनों का उद्देश्य परमेश्वर को महिमा देना है।

सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - १ कुरिन्थियों १०:३१

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १०:३१-११:१
1 Corinthians 10:31 सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
1 Corinthians 10:32 तुम न यहूदियों, न यूनानियों, और न परमेश्वर की कलीसिया के लिये ठोकर के कारण बनो।
1 Corinthians 10:33 जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं।
1 Corinthians 11:1 तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २६-२७ 
  • मरकुस ८:१-२१

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

आश्वस्त तथा आशावान


   सन २००९ के कॉलेज फुटबॉल के समय में टेक्सस विश्वविद्यालय का खिलाड़ी कोल्ट मैक्कोए खेल के बाद दिए जाने वाले प्रत्येक साक्षात्कार का आरंभ खेलने का अवसर मिलने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देने के साथ करता था। इस से कुछ पहले राष्ट्रीय प्रतियोगिता के समय वह चोटिल हुआ था और उसे विवशता के साथ बाहर बैठकर अपनी टीम को हारते हुए देखना पड़ा था। उस हार को देखने के बाद एक टेलिविज़न संवादाता से हो रही बातचीत में कोल्ट ने कहा था, "अपनी टीम के साथ वहाँ होने के लिए मैं कुछ भी देने के लिए तैयार था...मैं सदा परमेश्वर को महिमा देता हूँ। मैं कभी प्रश्न नहीं करता कि जो हो रहा है वह क्यों हो रहा है। परमेश्वर मेरे जीवन को नियंत्रित करता है और मैं जानता हूँ कि चाहे कुछ भी हो, मैं चट्टान अर्थात प्रभु यीशु पर स्थिर खड़ा हूँ।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रेरित पौलुस के जीवन के अनुभवों के बारे में पढ़ते हैं। पौलुस को अपनी मसीही सेवकाई में अनेक क्लेषों और कठिनाईयों से होकर निकलना पड़ा और कई बार परमेश्वर ने उसे जान के जोखिम से बचा कर निकाला। अपने अन्त समय में एक रोमी कारावास में कैदी के रूप में उसने तिमुथियुस को लिखी पत्री में लिखा, "क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है" (२ तिमुथियुस ४:६)। कोई कह सकता था कि पौलुस अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया और उसे अपना जीवन पराजय के साथ समाप्त करना पड़ रहा है, परन्तु पौलुस इसे ऐसा नहीं देखता था, वरन कारावास की तकलीफों में और मृत्यु दण्ड के पूरा कीये जाने की प्रतीक्षा में भी वह अपने जीवन तथा परमेश्वर के प्रति आश्वस्त तथा आशावान था: "मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं" (२ तिमुथियुस ४:७-८)। अपने अन्त समय में पौलुस अपनी परिस्थितियों के कारण निराशा में नहीं वरन परमेश्वर से मिलने वाले प्रतिफल के कारण आनन्दित और आशावान था।

   जिन्होंने प्रभु यीशु में पाप क्षमा और उद्धार के द्वारा परमेश्वर को निकटता से जाना है, और उसकी संगति में जीवन व्यतीत करते हैं वे सदा आश्वस्त तथा आशावान रहते हैं क्योंकि परमेश्वर हर परिस्थिति में उनके साथ रहता है, उन्हें शांति देता है और हर बात से अन्ततः उनके लिए भलाई ही उत्पन्न करता है: "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं" (रोमियों ८:२८)।

   क्या आप परमेश्वर में सदा आश्वस्त तथा आशावान हैं? - डेविड मैक्कैसलैंड


वह प्रत्येक परिवर्तन में विश्वासयोग्य रहता है। - कैथरीन वॉन श्लैगैल

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह ४१:१०

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८
2 Timothy 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2 Timothy 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2 Timothy 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2 Timothy 4:4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2 Timothy 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2 Timothy 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2 Timothy 4:7 मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2 Timothy 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २३-२५ 
  • मरकुस ७:१४-३७

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

समस्या तथा समाधान


   बचपन में टेलिविज़न पर दिखाए जाने वाले कार्टूनों में से मेरा प्रीय था टॉम टेरिफिक। जब भी टॉंम को किसी समस्या का सामना करना होता था तो वह अपनी सोचने वाली टोपी पहन कर अपने अद्भुत कुत्ते, माईटी मैनफ्रैड के साथ समस्या का विशलेषण करने और हल ढूंढने बैठ जाता। अधिकांशतः यही मिलता कि टॉम की समस्याओं का स्त्रोत उसका सबसे बड़ा शत्रु क्रैब्बी एपलटन ही होता था। मुझे आज तक समरण है कि उन कार्यक्रमों में क्रैब्बी एपलटन के लिए कहा जाता था - भीतरी गहराईयों तक सड़ा हुआ।

   वास्तविकता यह है कि हम सब कि दशा भी क्रैब्बी एपलटन की दशा के समान ही है - अपने अपने पाप और पाप स्वभाव के कारण अपनी भीतरी गहराईयों तक सड़े हुए। परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों के नाम प्रेरित पुलुस द्वारा लिखित पत्री में मनुष्य की दशा के लिए लिखा गया है: "जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं। कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं" (रोमियों ३:१०-११)। हमारे पापों और पाप स्वभाव ने हमें परमेश्वर से दूर तथा परमेश्वर के पवित्रता के सिद्ध स्तर के अनुसार जीवन व्यतीत करने में अक्षम कर दिया है।

   मनुष्यों के पापों के दण्ड को अपने ऊपर उठाकर उनको पाप स्वभाव पर विजयी करने तथा अपनी पवित्रता मनुष्यों तक पहुँचाने के लिए परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा। कलवरी के क्रूस पर दिए अपने बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा, उद्धार तथा परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लेने का मार्ग दे दिया है जो सबको परमेश्वर की ओर से उसके अनुग्रह में सेंत-मेंत उपलब्ध है: "परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं" (रोमियों ३:२४)।

   प्रभु यीशु आया ताकि हम जो भीतरी गहराईयों तक पाप में सड़े हुए हैं, उन्हें एक नई सृष्टि बना दे: "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं" (२ कुरिन्थियों ५:१७); यह पाप स्वभाव से रहित नए हृदय के साथ नया जन्म पाने के समान है। अपनी भलाई और अनुग्रह में परमेश्वर ने प्रभु यीशु में होकर हमारी पाप की समस्या का समाधान दे दिया है ताकि हम भीतरी गहराईयों तक शुद्ध और पवित्र हो सकें तथा उसके पवित्रता के सिद्ध स्तर के अनुसार जीवन व्यतीत करने में सक्षम हो सकें।

   परमेश्वर द्वारा दिए गए समाधान को स्वीकार करना और अपने जीवन में लागू करना अब स्वेच्छा से किया गया आपका अपना निर्णय है। - बिल क्राउडर


पाप में पड़े मनुष्य को नई शुरूआत नहीं नया हृदय चाहिए।

क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते। - रोमियों ७:१८

बाइबल पाठ: रोमियों ३:१०-२५
Romans 3:10 जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:11 कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
Romans 3:12 सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:13 उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्होंने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Romans 3:14 और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।
Romans 3:15 उन के पांव लोहू बहाने को फुर्तीले हैं।
Romans 3:16 उन के मार्गों में नाश और क्लेश हैं।
Romans 3:17 उन्होंने कुशल का मार्ग नहीं जाना।
Romans 3:18 उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।
Romans 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं।
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २०-२२ 
  • मरकुस ७:१-१३

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

प्रशंसा का गुलदस्ता


   कोरी टैन बूम (१८९२-१९८३) दूसरे विश्व-युद्ध के कैदी शिविरों में घोर अमानवीय व्यवहार और अति कठिन परिस्थितियों में से जीवित बच निकलने वाली मसीही विश्वासी महिला थीं जो इन कटु अनुभवों के बाद एक विश्व-विख्यात वक्ता बनीं। उनकी प्रचार सभाओं में हज़ारों लोग आते थे जहाँ वे बताती थी कि कैसे उन्होंने मसीह यीशु में मिली पापों की क्षमा द्वारा अपने आताताईयों को क्षमा करने की सामर्थ पाई और अब उनके मन में उन आताताईयों के प्रति कोई द्वेष या बदले की भावना या किसी प्रकार कि कोई भी अन्य दुर्भावना नहीं है। जैसे मसीह यीशु ने उनके पाप क्षमा किए हैं उन्होंने भी अपने सताने वालों को क्षमा कर दिया है। ऐसा कर पाने का सारा श्रेय वे अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को ही देती थीं। उनकी हर एक सभा के बाद लोग उनको घेर लेते थे और उनके ईश्वरीय स्वभाव के कारण उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते और उन्हें बताते कि कैसे कोरी के जीवन से मिले प्रोत्साहन द्वारा उन लोगों को मसीही विश्वास का जीवन बिताने में सहायता मिली। कोरी जब अपने होटल के कमरे में लौटतीं तो अपने घुटनों पर आकर लोगों से मिली इन सभी प्रशंसा और धन्यवाद को परमेश्वर को अर्पित कर देतीं। उनका कहना था कि यह उनकी ओर से परमेश्वर को भेंट किया गया ’प्रशंसा का गुलदस्ता’ होता था।

   परमेश्वर पिता ने हम सभी मसीही विश्वासियों को एक दूसरे कि सेवा में प्रयोग करने के लिए कुछ वरदान दिए हैं (१ पतरस ४:१०), कि "...जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है" (१ पतरस ४:११)। हमारे पास दूसरों को देने या उनकी सेवा में लगाने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है जो पहले परमेश्वर से हमें प्राप्त ना हुआ हो (१ कुरिन्थियों ४:७), और किसी के लिए कुछ कर पाने की शारीरिक क्षमता भी हमें परमेश्वर से ही मिलती है; इसलिए किसी के लिए कुछ कर पाने से मिलने वाली प्रशंसा और महिमा पर वास्तव में उसी का हक है।

   हम कोरी के उदाहरण से परमेश्वर के प्रति समर्पण, आज्ञाकारिता और संसार के प्रति नम्रता तथा क्षमाशीलता सीख सकते हैं और उन के समान ही जब किसी से हमें किसी बात के लिए कोई प्रशंसा मिले तो उस प्रशंसा को ’प्रशंसा के गुलदस्ते’ के रूप में परमेश्वर को अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि सारी महिमा का वास्तविक हकदार परमेश्वर ही है। - ऐने सेटास


परमेश्वर के प्रति धन्यवादी मन में खिलने वाला सर्वोत्तम पुष्प उसकी प्रशंसा ही है।

...जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। - १ पतरस ४:११

बाइबल पाठ: १ पतरस ४:७-११
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १७-१९ 
  • मरकुस ६:३०-५६

मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

आशावान


   मर्ले ट्रैविस द्वारा लिखित और टेनिसी अर्नी फोर्ड द्वारा रिकॉर्ड किया गया गीत "स्किस्टीन टन्स" १९५० के दशक के मध्य में अमेरिका में बहुत लोकप्रीय हुआ था, क्योंकि उस समय के लोगों ने इस गीत में अपनी दशा को देखा। यह गीत कोयले की खान में काम करने वाले मज़दूर का विलाप था जो परिस्थितियों में फंसा हुआ था और चाहे जितनी भी मेहनत करे, अपनी परिस्थितियों को बदलने में और कोयला कंपनी के चंगुल से निकल पाने में असमर्थ था। उन दिनों में कोयला खानों में काम करने वाले मज़दूर कोयला कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए गए घरों ही में रहते थे और कंपनी द्वारा चलाई जा रही दुकानों से ही अपनी आवश्यकता का सामान खरीद सकते थे क्योंकि उनका वेतन उन्हें कंपनी की पर्चीयों के रूप में दिया जाता था जो कंपनी की दुकानों पर ही वैध होती थीं। इस गीत में मज़दूर विलाप करते हुए कहता है कि यदि मुझे स्वर्ग से भी बुलावा आए तो मैं नहीं जा पाऊँगा क्योंकि मेरे प्राण की मालिक भी कंपनी ही है।

   इस गीत में लिखी गई घोर निराशा को समझने के द्वारा हम उन इस्त्राएलियों के मनों के भाव को समझ सकते हैं जो ४०० वर्ष से मिस्त्र की गुलामी झेल रहे थे। जब मूसा ने उन इस्त्राएलियों को बताया कि परमेश्वर उन्हें गुलामी से छुड़ाने पर है तो वे इस बात पर विश्वास नहीं कर सके क्योंकि उनके मन गुलामी के अत्याचारों के कारण बेचैन थे (निर्गमन ६:९)। लेकिन जो इसत्राएली अपने लिए कर पाने में असमर्थ थे, उअनके लिए वह परमेश्वर ने कर दिखाया, और चमत्कारिक रीति से उन्हें मिस्त्र की गुलामी से छुड़ा लिया। इस्त्राएल का परमेश्वर के सामर्थ से इस प्रकार दासत्व से छुड़ाया जाना प्रभु यीशु द्वारा मनुष्यों को पाप से मिलने वाले छुटकारे का प्रतिरूप था, एक ऐसा छुटकारा जो कोई भी मनुष्य अपने आप अपनी किसी भी सामर्थ अथवा प्रयास से कभी प्राप्त नहीं कर सकता: "क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?" (रोमियों ५:६, ९)

   जब जीवन अपने सब से निचले स्तर पर हो और संसार में कहीं कोई आशा नज़र नहीं आ रही हो, परिस्थितियों से पार पाने का कोई मार्ग सूझ नहीं पड़ता हो, मसीही विश्वासी तब भी आशावान रह सकते हैं क्योंकि हमारे परमेश्वर पिता का अद्भुत अनुग्रह हमारे साथ सदा बना रहता है और वह उन्हें हर परिस्थिति में सुरक्षित रखने और उससे पार निकाल लाने में सक्षम और विश्वासयोग्य है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड


जिसकी आशा सच्चे और जीवते परमेश्वर पर है वह कभी आशारहित नहीं है।

इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा - निर्गमन ६:६

बाइबल पाठ: निर्गमन ६:१-१३
Exodus 6:1 तब यहोवा ने मूसा से कहा, अब तू देखेगा कि मैं फिरौन ने क्या करूंगा; जिस से वह उन को बरबस निकालेगा, वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।।
Exodus 6:2 और परमेश्वर ने मूसा से कहा, कि मैं यहोवा हूं।
Exodus 6:3 मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर के नाम से इब्राहीम, इसहाक, और याकूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।
Exodus 6:4 और मैं ने उनके साथ अपनी वाचा दृढ़ की है, अर्थात कनान देश जिस में वे परदेशी हो कर रहते थे, उसे उन्हें दे दूं।
Exodus 6:5 और इस्राएली जिन्हें मिस्री लोग दासत्व में रखते हैं उनका कराहना भी सुनकर मैं ने अपनी वाचा को स्मरण किया है।
Exodus 6:6 इस कारण तू इस्राएलियों से कह, कि मैं यहोवा हूं, और तुम को मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूंगा, और उनके दासत्व से तुम को छुड़ाऊंगा, और अपनी भुजा बढ़ाकर और भारी दण्ड देकर तुम्हें छुड़ा लूंगा,
Exodus 6:7 और मैं तुम को अपनी प्रजा बनाने के लिये अपना लूंगा, और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा; और तुम जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकाल ले आया।
Exodus 6:8 और जिस देश के देने की शपथ मैं ने इब्राहीम, इसहाक, और याकूब से खाई थी उसी में मैं तुम्हें पहुंचाकर उसे तुम्हारा भाग कर दूंगा। मैं तो यहोवा हूं।
Exodus 6:9 और ये बातें मूसा ने इस्राएलियों को सुनाईं; परन्तु उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।।
Exodus 6:10 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 6:11 तू जा कर मिस्र के राजा फिरौन से कह, कि इस्राएलियों को अपने देश में से निकल जाने दे।
Exodus 6:12 और मूसा ने यहोवा से कहा, देख, इस्राएलियों ने मेरी नहीं सुनी; फिर फिरौन मुझ भद्दे बोलने वाले की क्योंकर सुनेगा?
Exodus 6:13 और यहोवा ने मूसा और हारून को इस्राएलियोंऔर मिस्र के राजा फिरौन के लिये आज्ञा इस अभिप्राय से दी कि वे इस्राएलियों को मिस्र देश से निकाल ले जाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १५-१६ 
  • मरकुस ६:१-२९

सोमवार, 25 फ़रवरी 2013

अनन्त शांति या पीड़ा


   यह विचार कि वह दिन आएगा जब हम परमेश्वर की उपस्थिति में खड़े होंगे और अनन्त काल के लिए उसकी संगति का आनन्द लेंगे एक ऐसा आश्वासन है जो जीवन के वर्तमान समस्याओं पर विजयी होने में हमारी सहायता करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में कई भजन हैं जो इस बात को लेकर लिखे गए हैं, जैसे भजन १६, १७, ४९, ७१, ७३ आदि।

   भजन ७१ को पढ़ने से लगता है कि भजनकार को कई कठिन कष्ट उठाने पड़े थे (पद २०) लेकिन उसके मन में सदा ही यह बात बनी हुई थी कि परमेश्वर उसे फिर से "जिलाएगा"। मूल भाषा में "जिलाएगा" के लिए जो शब्द प्रयोग हुआ है उसका अर्थ है मृत्यु से पुनः जीवित करना। भजनकार आगे कहता है, "तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिर कर मुझे शान्ति देगा" (पद २१)। भजनकार को विश्वास था कि उसके कष्टों का अन्त अवश्य ही होगा, यदि इस जीवन में नहीं तो मृत्योप्रांत।

   संभवतः परमेश्वर के अलावा और कोई उन कष्टों को नहीं जानता जिनमें से होकर आप निकले हैं; लेकिन आश्वस्त रहिए, यदि आप परमेश्वर कि सन्तान हैं तो एक समय वह आएगा जब आपका स्वर्गीय पिता आपकी ’बड़ाई को बढ़ाएगा’ अर्थात आपको महिमा के वस्त्र धारण करवाएगा, आपको ’शान्ति देगा’ - आप उसकी उपस्थिति में बने रहेंगे से और उसके प्रेम से तृप्त होते रहेंगे। रिचर्ड बैक्सटर ने इस संदर्भ में लिखा: "वह कैसा धन्य दिन होगा जब मैं तट पर खड़ा होकर उस प्रचण्ड उफनते समुद्र को देखुंगा जिसके पार मेरा स्वर्गीय पिता मुझे सुरक्षित उतार लाया है; जब मैं अपने सभी दुख, व्यथा, भय और आंसुओं पर पुनर्विचार करुंगा और उस बेबयान महिमा को पाऊँगा जो इन सब बातों का अन्तफल है।"

   लेकिन यह विश्वास और इस अद्भुत शांति का भरोसा उन्हीं को है जो प्रभु यीशु में स्वेच्छा से किए गए विश्वास और समर्पण के साथ अपने पापों से क्षमा प्राप्त कर के परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार प्राप्त कर चुके हैं। इस जीवन में जिनके पाप क्षमा नहीं हुए मृत्योप्रांत वे किसी शान्ति में नहीं वरन सदा काल के लिए अत्यन्त कष्ट में चले जाएंगे।

   अनन्त शान्ति या अनन्त पीड़ा, निर्णय आपका है - परमेश्वर आपको वही देगा जो इस जीवन में आप अपने लिए चुन लेंगे। - डेविड रोपर


जब परमेश्वर आँसुओं को पोंछेगा, तब कराहना अनन्त आराधना में बदल जाएगा।

तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा। - भजन ७१:२०

बाइबल पाठ: भजन ७१
Psalms 71:1 हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए!
Psalms 71:2 तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर!
Psalms 71:3 मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है।
Psalms 71:4 हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर।
Psalms 71:5 क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है।
Psalms 71:6 मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला; इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा।
Psalms 71:7 मैं बहुतों के लिये चमत्कार बना हूं; परन्तु तू मेरा दृढ़ शरण स्थान है।
Psalms 71:8 मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे।
Psalms 71:9 बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे।
Psalms 71:10 क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि
Psalms 71:11 परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है; उसका पीछा कर के उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नहीं।
Psalms 71:12 हे परमेश्वर, मुझ से दूर न रह; हे मेरे परमेश्वर, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
Psalms 71:13 जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए; जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएं।
Psalms 71:14 मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा।
Psalms 71:15 मैं अपने मुंह से तेरे धर्म का, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहूंगा, परन्तु उनका पूरा ब्योरा जाना भी नहीं जाता।
Psalms 71:16 मैं प्रभु यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन करता हुआ आऊंगा, मैं केवल तेरे ही धर्म की चर्चा किया करूंगा।
Psalms 71:17 हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं।
Psalms 71:18 इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं।
Psalms 71:19 और हे परमेश्वर, तेरा धर्म अति महान है। तू जिसने महाकार्य किए हैं, हे परमेश्वर तेरे तुल्य कौन है?
Psalms 71:20 तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा; और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
Psalms 71:21 तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिर कर मुझे शान्ति देगा।
Psalms 71:22 हे मेरे परमेश्वर, मैं भी तेरी सच्चाई का धन्यवाद सारंगी बजाकर गाऊंगा; हे इस्राएल के पवित्र मैं वीणा बजा कर तेरा भजन गाऊंगा।
Psalms 71:23 जब मैं तेरा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने प्राण से भी जो तू ने बचा लिया है, जयजयकार करूंगा।
Psalms 71:24 और मैं तेरे धर्म की चर्चा दिन भर करता रहूंगा; क्योंकि जो मेरी हानि के अभिलाषी थे, उनकी आशा टूट गई और मुंह काले हो गए हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती १२-१४ 
  • मरकुस ५:२१-४३