कोरी टैन बूम (१८९२-१९८३) दूसरे विश्व-युद्ध के कैदी शिविरों में घोर अमानवीय व्यवहार और अति कठिन परिस्थितियों में से जीवित बच निकलने वाली मसीही विश्वासी महिला थीं जो इन कटु अनुभवों के बाद एक विश्व-विख्यात वक्ता बनीं। उनकी प्रचार सभाओं में हज़ारों लोग आते थे जहाँ वे बताती थी कि कैसे उन्होंने मसीह यीशु में मिली पापों की क्षमा द्वारा अपने आताताईयों को क्षमा करने की सामर्थ पाई और अब उनके मन में उन आताताईयों के प्रति कोई द्वेष या बदले की भावना या किसी प्रकार कि कोई भी अन्य दुर्भावना नहीं है। जैसे मसीह यीशु ने उनके पाप क्षमा किए हैं उन्होंने भी अपने सताने वालों को क्षमा कर दिया है। ऐसा कर पाने का सारा श्रेय वे अपने तथा जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु को ही देती थीं। उनकी हर एक सभा के बाद लोग उनको घेर लेते थे और उनके ईश्वरीय स्वभाव के कारण उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करते और उन्हें बताते कि कैसे कोरी के जीवन से मिले प्रोत्साहन द्वारा उन लोगों को मसीही विश्वास का जीवन बिताने में सहायता मिली। कोरी जब अपने होटल के कमरे में लौटतीं तो अपने घुटनों पर आकर लोगों से मिली इन सभी प्रशंसा और धन्यवाद को परमेश्वर को अर्पित कर देतीं। उनका कहना था कि यह उनकी ओर से परमेश्वर को भेंट किया गया ’प्रशंसा का गुलदस्ता’ होता था।
परमेश्वर पिता ने हम सभी मसीही विश्वासियों को एक दूसरे कि सेवा में प्रयोग करने के लिए कुछ वरदान दिए हैं (१ पतरस ४:१०), कि "...जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है" (१ पतरस ४:११)। हमारे पास दूसरों को देने या उनकी सेवा में लगाने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है जो पहले परमेश्वर से हमें प्राप्त ना हुआ हो (१ कुरिन्थियों ४:७), और किसी के लिए कुछ कर पाने की शारीरिक क्षमता भी हमें परमेश्वर से ही मिलती है; इसलिए किसी के लिए कुछ कर पाने से मिलने वाली प्रशंसा और महिमा पर वास्तव में उसी का हक है।
हम कोरी के उदाहरण से परमेश्वर के प्रति समर्पण, आज्ञाकारिता और संसार के प्रति नम्रता तथा क्षमाशीलता सीख सकते हैं और उन के समान ही जब किसी से हमें किसी बात के लिए कोई प्रशंसा मिले तो उस प्रशंसा को ’प्रशंसा के गुलदस्ते’ के रूप में परमेश्वर को अर्पित कर सकते हैं, क्योंकि सारी महिमा का वास्तविक हकदार परमेश्वर ही है। - ऐने सेटास
परमेश्वर के प्रति धन्यवादी मन में खिलने वाला सर्वोत्तम पुष्प उसकी प्रशंसा ही है।
...जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। - १ पतरस ४:११
बाइबल पाठ: १ पतरस ४:७-११
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- गिनती १७-१९
- मरकुस ६:३०-५६
बिलकुल सही कहा है आपने . आभार क्या हैदराबाद आतंकी हमला भारत की पक्षपात भरी नीति का परिणाम है ?नहीं ये ईर्ष्या की कार्यवाही . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
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