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बुधवार, 6 मार्च 2013

चित्र-पटल


   जब मैं छोटा था तो हमारे बाइबल शिक्षक बाइबल की कहानियों को दर्शाने के लिए एक "फ्लैनेल बोर्ड" का प्रयोग करते थे। यह स्कूलों में प्रयोग होने वाले लकड़ी के बने श्यामपट के समान ही होता था, बस इस पटल पर फ्लैनल का कपड़ा चढ़ा होता था, जिस पर बाइबल पात्रों के गत्ते या काग़ज़ से बने चित्र, जिनके पीछे भी फ्लैनल लगा होता था, लगा दिए जाते थे। जहाँ लगाए जाते, वहाँ वे चित्र ’चिपके’ रहते और सरलता से हटाए भी जा सकते थे। इस माध्यम से हमारे शिक्षक हमारे लिए उन कहानियों को सजीव कर देते थे। इस आधुनिक और टैकनौलोजी के युग में भी कई शिक्षक अभी भी "फ्लैनेल बोर्ड" का प्रयोग करते हैं।

   केवल वे प्राचीन "फ्लैनेल बोर्ड" ही आज भी सजीव शिक्षा देने का माध्यम नहीं हैं। परमेश्वर ने आदि काल से अपने बारे में शिक्षा देने के लिए एक और माध्यम का प्रयोग किया है, जो अब तक उतना ही कारगर है - उसकी सृष्टि। सृष्टि की अद्भुत बातों द्वारा परमेश्वर अपने बारे में बताता आया है और बता रहा है। परमेश्वर की सृष्टि उसका चित्र-पटल है जिस पर वह अपने बारे में बताता आया है और आज भी बता रहा है।

   दाऊद ने भजन 19:1 में लिखा "आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है।" सृष्टि में परमेश्वर ने अपने आप को इतनी स्पष्टता से प्रगट किया है कि प्रेरित पौलुस ने लिखा: "इसलिये कि परमेश्वर के विषय का ज्ञान उन के मनों में प्रगट है, क्योंकि परमेश्वर ने उन पर प्रगट किया है। क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात उस की सनातन सामर्थ, और परमेश्वरत्व जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते है, यहां तक कि वे निरुत्तर हैं। इस कारण कि परमेश्वर को जानने पर भी उन्होंने परमेश्वर के योग्य बड़ाई और धन्यवाद न किया, परन्तु व्यर्थ विचार करने लगे, यहां तक कि उन का निर्बुद्धि मन अन्धेरा हो गया। वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए। और अविनाशी परमेश्वर की महिमा को नाशमान मनुष्य, और पक्षियों, और चौपायों, और रेंगने वाले जन्तुओं की मूरत की समानता में बदल डाला" (रोमियों 1:19-23)।

   परमेश्वर की सृष्टि में हम उसके अविनाशी स्वरूप को, उसकी पवित्रता और उसके गुणों को, उसके व्यवस्थित और योजनाबद्ध रीति से कार्य करने को, उसकी सामर्थ और उसकी महिमा को, प्रत्येक बात पर उसके नियंत्रण आदि को देखते हैं। सृष्टि हमें परमेश्वर की उपासना के लिए प्रेरित करती है, और हम भजनकार के साथ कह सकते हैं: "हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है" (भजन 8:1)। - बिल क्राउडर


परमेश्वर ने अपनी सृष्टि में होकर अपने गुणों और चरित्र को प्रगट किया है।

आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। - भजन 19:1

बाइबल पाठ: भजन 19
Psalms 19:1 आकाश ईश्वर की महिमा वर्णन कर रहा है; और आकशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है।
Psalms 19:2 दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है।
Psalms 19:3 न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहां उनका शब्द सुनाई नहीं देता है।
Psalms 19:4 उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उन में उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है,
Psalms 19:5 जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है।
Psalms 19:6 वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी सब को पहुंचती है।
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं;
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है;
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं।
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं।
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर।
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 1-2 
  • मरकुस 10:1-31

मंगलवार, 5 मार्च 2013

निराश?


   महान प्रेरित यूहन्ना, वह जो प्रभु यीशु का प्रीय था, उदास था; उसकी आँखों में आँसू थे। पतमोस के टापू पर प्रभु यीशु पर अपने विश्वास के कारण कारावास की सज़ा झेल रहे यूहन्ना ने संसार के अन्त और स्वर्ग के दर्शन पाए थे। अपने एक दर्शन में युहन्ना ने अपने आप को परमेश्वर के सिंहासन कक्ष में पाया जहाँ भविष्य की घटनाओं से संबंधित स्वर्ग में हो रही बातों को देखा। वहाँ उसने देखा कि परमेश्वर ने एक मुहर लगा कर बन्द की हुई पुस्तक को अपने हाथ में लिया हुआ है, लेकिन वहाँ उपस्थित प्राणियों में से ऐसा योग्य कोई नहीं था जो उस पत्र को परमेश्वर के हाथ से लेकर उसकी मुहरें खोलता और संसार के इतिहास के समापन के विवरण को खोल देता। इस स्थिति से यूहन्ना निराश और उदास हुआ (प्रकाशितवाक्य 5:1-12)।

   प्रभु यीशु के साथ और फिर प्रभु यीशु के स्वर्गारोहण के बाद के समय में युहन्ना ने संसार में पाप के सामर्थ को देखा था। उसने प्रभु यीशु के जीवन, मृत्यु तथा पुनरुत्थान से पाप और मृत्यु को परास्त होते भी देखा था। लेकिन अब स्वर्ग में उस पुस्तक को खोलने में सब प्राणियों को असमर्थ तथा पाप के साम्राज्य के सदा काल के विनाश के अन्तिम अध्याय की जानकारी पाने की विवशता देख कर उसे निराशा हुई। तभी वहाँ उपस्थित प्राचीनों में से एक ने उसके पास आकर उसे सांत्वना देते हुए कहा, "मत रो" और संकेत करके एक ऐसे जन को दिखाया जिसे यूहन्ना जानता था: "तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझे से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्‍तक को खोलने और उसकी सातों मुहरें तोड़ने के लिये जयवन्‍त हुआ है" (पद 5)। यूहन्ना ने देखा और प्रभु यीशु को पाया - वही एकमात्र ऐसा था जो उस पुस्तक को परमेश्वर के हाथ से लेने, उसकी मुहर को तोड़ने और संसार के इतिहास के अन्तिम अध्याय को प्रगट करने के लिए सामर्थी था। यूहन्ना की आँखों के आँसू सूख गए, और शीघ्र ही वहाँ लाखों स्वर्गदूत परमेश्वर के उस मेमने, प्रभु यीशु, की जयजयकार कर रहे थे, जो संसार के पापों के लिए बलिदान हुआ और समस्त संसार के हर एक जन के लिए सेंत-मेंत में पाप क्षमा और उद्धार का पाने मार्ग बना कर दे दिया।

   वह सर्वसामर्थी प्रभु है, उसके लिए कुछ असंभव नहीं है, वह सबकी सहायता और आत्मिक उत्थान के लिए सदैव तत्पर है। क्या आप किसी असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थिति से निराश हैं? प्रभु यीशु की ओर देखिए, उसकी शरण में आजाईये और अपनी समस्या उसे सौंप दीजिए, उसे आपके लिए आपके जीवन में कार्यकारी होने दीजिए, उसकी महिमा और उसके समाधान को अनुभव कीजिए और फिर उसका गुणगान करने वाले अनगिनित स्वर्ग और पृथ्वी के निवासियों में सम्मिलित हो जाईए। - डेव ब्रैनन


वह मेमना जो हमारे पापों के लिए बलिदान हुआ था आज हमारा मार्गदर्शन करने वाला अच्छा चरवाहा है।

और मैं फूट फूटकर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्‍तक के खोलने, या उस पर दृष्टि करने के योग्य कोई न मिला। - प्रकाशितवाक्य 5:4

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 5:1-12
Revelation 5:1 और जो सिंहासन पर बैठा था, मैं ने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्‍तक देखी, जो भीतर और बाहर लिखी हुई भी, और वह सात मुहर लगा कर बन्‍द की गई थी।
Revelation 5:2 फिर मैं ने एक बलवन्‍त स्वर्गदूत को देखा जो ऊंचे शब्द से यह प्रचार करता था कि इस पुस्‍तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है?
Revelation 5:3 और न स्वर्ग में, न पृथ्वी पर, न पृथ्वी के नीचे कोई उस पुस्‍तक को खोलने या उस पर दृष्टि डालने के योग्य निकला।
Revelation 5:4 और मैं फूट फूटकर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्‍तक के खोलने, या उस पर दृष्टि करने के योग्य कोई न मिला।
Revelation 5:5 तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझे से कहा, मत रो; देख, यहूदा के गोत्र का वह सिंह, जो दाऊद का मूल है, उस पुस्‍तक को खोलने और उसकी सातों मुहरें तोड़ने के लिये जयवन्‍त हुआ है।
Revelation 5:6 और मैं ने उस सिंहासन और चारों प्राणियों और उन प्राचीनों के बीच में, मानों एक वध किया हुआ मेम्ना खड़ा देखा: उसके सात सींग और सात आंखे थीं; ये परमेश्वर की सातों आत्माएं हैं, जो सारी पृथ्वी पर भेजी गई हैं।
Revelation 5:7 उसने आ कर उसके दाहिने हाथ से जो सिंहासन पर बैठा था, वह पुस्‍तक ले ली,
Revelation 5:8 और जब उसने पुस्‍तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्राचीन उस मेम्ने के साम्हने गिर पड़े; और हर एक के हाथ में वीणा और धूप से भरे हुए सोने के कटोरे थे, ये तो पवित्र लोगों की प्रार्थनाएं हैं।
Revelation 5:9 और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्‍तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
Revelation 5:10 और उन्हें हमारे परमेश्वर के लिये एक राज्य और याजक बनाया; और वे पृथ्वी पर राज्य करते हैं।
Revelation 5:11 और जब मैं ने देखा, तो उस सिंहासन और उन प्राणियों और उन प्राचीनों के चारों ओर बहुत से स्‍वर्गदूतों का शब्द सुना, जिन की गिनती लाखों और करोड़ों की थी।
Revelation 5:12 और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, कि वध किया हुआ मेम्ना ही सामर्थ, और धन, और ज्ञान, और शक्ति, और आदर, और महिमा, और धन्यवाद के योग्य है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 34-36 
  • मरकुस 9:30-50

सोमवार, 4 मार्च 2013

संभवतः आज ही


   मार्च माह के आरंभ से मेरी एक सहेली ने उलटी गिनती गिननी आरंभ करी। उसने कार्यस्थल पर लगे अपने कैलण्डर पर बसन्त ऋतु आरंभ होने के अनुमानित दिन पर निशान लगा रखा था, जिसमें अभी २० दिन बाकी थे। फिर एक दिन जब प्रातः मेरी उससे भेंट हुई तो वह बोली, "केवल १२ दिन और"; कुछ दिन बाद कहा, "बस ६ दिन शेष"। उसका यह उत्साह मुझ पर भी प्रभाव डालने लगा और मैंने भी इसी प्रकार दिनों का हिसाब रखना आरंभ कर दिया। एक दिन जब उससे मुलाकात हुई तो मैं बोल उठी, "जैरी केवल दो दिन और" और उसने खिले चेहरे और मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "हैं ना"।

   मसीही विश्वासी होने के कारण लम्बी शरद ऋतु के बाद बसन्त ऋतु के आगमन, सब जगह खिलते हुए फूलों और खिली हुई धूप से भी बढ़कर एक और बात है जिसकी प्रतीक्षा हमें उत्साहित करती है। परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में बहुत सी प्रतिज्ञाएं करीं हैं, और उसकी सभी प्रतिज्ञाएं या तो पूरी हुई हैं या हो रही हैं तथा आगे भी पूरी होंगी। अपने लोगों को अपने साथ स्वर्ग पर ले जाने की मसीह यीशु के दूसरे आगमन की प्रतिज्ञा संभवतः परमेश्वर की महानतम प्रतिज्ञाओं में से एक है: "क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (१ थिस्सलुनीकियों ४:१६-१७)

   यद्यपि प्रभु यीशु के इस दूसरे आगमन के दिन को कोई नहीं जानता, लेकिन हमारे पास परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि ऐसा अवश्य होगा (प्रेरितों १:७-११)। अभी हम बसन्त ऋतु के आगमन को मना रहे हैं और आने वाले ईस्टर त्यौहार की प्रतीक्षा में है, लेकिन साथ ही एक दूसरे को उत्साहित भी करते रहें कि प्रभु यीशु के दूसरे आगमन का दिन भी आ रहा है - संभवतः आज ही हो!

   क्या आप उसके आने के लिए तैयार हैं? क्या उसका यह पुनःआगमन आपके लिए भी अनन्त सुख और आशीष का आरंभ होगा? - सिंडी हैस कैस्पर


मसीह यीशु का दूसरा आगमन अवश्यंभावी है - संभवतः यह आज ही हो!

और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना १४:३

बाइबल पाठ: १ थिस्सलुनीकियों ४:१३-१८
1 Thessalonians 4:13 हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं।
1 Thessalonians 4:14 क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा।
1 Thessalonians 4:15 क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे।
1 Thessalonians 4:16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे।
1 Thessalonians 4:17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे।
1 Thessalonians 4:18 सो इन बातों से एक दूसरे को शान्‍ति दिया करो।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती ३१-३३ 
  • मरकुस ९:१-२९

रविवार, 3 मार्च 2013

प्रवेश की कुंजी


   जब भी मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में से सुसमाचारों को पढ़ता हूँ तो प्रभु यीशु के चेलों के स्वभाव में अपने आप को देखता हूँ। मेरे ही समान वे भी प्रभु की बात समझने में मन्दबुद्धि थे। इसी कारण कितनी ही बार प्रभु को उन्हें कहना पड़ा, क्या तुम भी ऐसे ना समझ हो? क्या तुम नहीं समझते? (मरकुस ७:१८)। अन्ततः एक चेले, पतरस, को कुछ हद तक बात समझ आ गई और जब प्रभु यीशु ने पूछा, "परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?" (मत्ती १६:१५) तो पतरस ने उत्तर दिया "तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है" (मत्ती १६:१६)।

   पतरस यह तो समझ गया था कि प्रभु यीशु कौन है, किंतु प्रभु यीशु के उद्देश्य के बारे में वह अभी भी नासमझ था। जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों से अपने मारे जाने की बात कही तो पतरस उसे इस बात के लिए डाँटने लगा, लेकिन प्रभु यीशु ने पलटकर उसे ही डाँटा: "परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है" (मरकुस ८:३३)।

   पतरस अभी भी सांसारिक तरीकों से प्रभु का राज्य स्थापित होने के बारे में सोच रहा था, जहाँ एक शासक दूसरे को पराजित करके अपना शासन स्थापित करता था। वह सोचता था कि प्रभु यीशु भी ऐसा ही करेगा। लेकिन प्रभु यीशु का राज्य ना तो इस पृथ्वी का है, और ना ही इस पृथ्वी के तौर-तरीकों से स्थापित होता है "यीशु ने उत्तर दिया, कि मेरा राज्य इस जगत का नहीं, यदि मेरा राज्य इस जगत का होता, तो मेरे सेवक लड़ते, कि मैं यहूदियों के हाथ सौंपा न जाता: परन्तु अब मेरा राज्य यहां का नहीं" (यूहन्ना १८:३६)। प्रभु यीशु का राज्य ना तो किसी भू-भाग पर है और ना वह हिंसा से स्थापित होता है; प्रभु यीशु तो लोगों के मनों में राज्य करता है और उसने अपनी लोक-सेवा तथा संसार के सभी लोगों के पापों के लिये अपना जीवन बलिदान करने के द्वारा यह शासन-अधिकार पाया है।

   आज भी उसके अनुयायी प्रभु यीशु में विश्वास तथा समर्पण द्वारा मनुष्यों के हृदयों से पाप के स्थान पर परमेश्वर की पवित्रता और परमेश्वर के जीवन को स्थापित करने का सुसमाचार देते हैं। परमेश्वर के इस राज्य की स्थापना के लिए परमेश्वर की विधि भी नहीं बदली है। जब कि शैतान हमें सांसारिक शक्ति और अधिकार अर्जित करने को उकसाता है, प्रभु यीशु हमें बताता है कि "धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे" (मत्ती ५:५)।

   यदि परमेश्वर के राज्य में लोगों को लाना है तो यह परमेश्वर की विधि और प्रभु यीशु के उदाहरण के अनुसरण के द्वारा ही संभव है, जिसने स्वार्थी अभिलाषाओं, सांसारिक उपलब्धियों और पृथ्वी पर की समृद्धि तथा धन-दौलत पाने का नहीं वरन संसार के हर मनुष्य के प्रति प्रेम, करुणा, आदर, सेवा और सहायता का जीवन जीकर दिखाया और उनके पापों के बदले अपने प्राण बलिदान किये जिससे कि वे पापों की क्षमा और उद्धार पाएं। मसीही जीवन का उदाहरण तथा प्रभु यीशु में पश्चाताप के साथ पापों की क्षमा ही परमेश्वर के राज्य में प्रवेश की कुंजी है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रत्येक मसीही विश्वासी एक राजदूत है जो राजाओं के राजा के लिए बोलता है।

शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है। - मत्ती १६:१६

बाइबल पाठ: मरकुस ८:२७-३३
Mark 8:27 यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी के गावों में चले गए: और मार्ग में उसने अपने चेलों से पूछा कि लोग मुझे क्या कहते हैं?
Mark 8:28 उन्होंने उत्तर दिया, कि यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला; पर कोई कोई एलिय्याह; और कोई कोई भविष्यद्वक्ताओं में से एक भी कहते हैं।
Mark 8:29 उसने उन से पूछा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो पतरस ने उसको उत्तर दिया; तू मसीह है।
Mark 8:30 तब उसने उन्हें चिताकर कहा, कि मेरे विषय में यह किसी से न कहना।
Mark 8:31 और वह उन्हें सिखाने लगा, कि मनुष्य के पुत्र के लिये अवश्य है, कि वह बहुत दुख उठाए, और पुरिनए और महायाजक और शास्त्री उसे तुच्‍छ समझकर मार डालें और वह तीन दिन के बाद जी उठे।
Mark 8:32 उसने यह बात उन से साफ साफ कह दी: इस पर पतरस उसे अलग ले जा कर झिड़कने लगा।
Mark 8:33 परन्तु उसने फिरकर, और अपने चेलों की ओर देखकर पतरस को झिड़क कर कहा; कि हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो; क्योंकि तू परमेश्वर की बातों पर नहीं, परन्तु मनुष्य की बातों पर मन लगाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २८-३० 
  • मरकुस ८:२२-३८

शनिवार, 2 मार्च 2013

संतुष्टि तथा आनन्द


   अमेरिका के एक समाचारपत्र ने क्रिस्टोफर पार्केनिंग के लिए कहा कि वह "हमारे समय का महान गिटार वादक, जिसकी संगीत की समझ-बूझ तथा अपने वाद्य की प्रवीणता अनुपम है।" लेकिन एक समय वह भी था जब क्रिस्टोफर ने व्यावासायिक रूप में गिटार बजाना छोड़ दिया था। अपने गिटारवादन की ख्याति के उत्कृष्ट समय में, ३० वर्ष की आयु में उसने गिटार बजाने से सन्यास लिया, मोन्टाना प्रदेश में एक पशु-फार्म खरीदा और अपना खाली समय मछली मारने में बिताने लगा। लेकिन इससे उसे वह सन्तुष्टि नहीं मिली जिसकी उसे आशा थी और जिसके लिए उसने गिटार वादन छोड़ा था।

   फिर जब वह कैलिफोर्निया आया हुआ था तो उसे एक चर्च में आने का निमंत्रण मिला, जहाँ उसने प्रभु यीशु में पाप क्षमा तथा उद्धार का स्पष्ट सुसमाचार सुना। उसने इसके बारे में लिखा: "उस रात मैं जागा हुआ लेटा था, अपने पापों के बोध से टूटा हुआ था...मैंने एक बड़ा स्वार्थी जीवन व्यतीत किया था और उससे मुझे कोई संतुष्टि नहीं मिली थी...तब मैंने प्रभु यीशु को अपने जीवन में उद्धारकर्ता और स्वामी होकर आने के लिए कहा। मुझे स्मरण है कि ऐसा पहली बार था कि मैंने उससे कहा - ’प्रभु मेरे जीवन से आप जो भी करने को कहेंगे, मैं करूंगा।’ " परमेश्वर के वचन बाइबल में से क्रिस्टोफर का एक मनपसन्द पद है १ कुरिन्थियों १०:३१: "सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।" इसके बाद उसने फिर से अपना गिटार उठा लिया है, किंतु इस बार परमेश्वर की महिमा के लिए, और परमेश्वर ने उसे संसार में भी महिमित कर दिया।

   अपनी प्रत्येक सन्तान, अपने प्रत्येक विश्वासी को परमेश्वर कोई ना कोई गुण अथवा योग्यता वरदान के रूप में अवश्य देता है, और जब हम परमेश्वर के वरदान को परमेश्वर की महिमा और दूसरों की सहायता अथवा उन्न्ति के लिए प्रयोग करते हैं तो उससे ना केवल हमें संतुष्टि तथा आनन्द मिलता है, वरन परमेश्वर हमें भी महिमित कर देता है। - डेनिस फिशर


हमारे जीवनों का उद्देश्य परमेश्वर को महिमा देना है।

सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - १ कुरिन्थियों १०:३१

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १०:३१-११:१
1 Corinthians 10:31 सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो।
1 Corinthians 10:32 तुम न यहूदियों, न यूनानियों, और न परमेश्वर की कलीसिया के लिये ठोकर के कारण बनो।
1 Corinthians 10:33 जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं।
1 Corinthians 11:1 तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २६-२७ 
  • मरकुस ८:१-२१

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

आश्वस्त तथा आशावान


   सन २००९ के कॉलेज फुटबॉल के समय में टेक्सस विश्वविद्यालय का खिलाड़ी कोल्ट मैक्कोए खेल के बाद दिए जाने वाले प्रत्येक साक्षात्कार का आरंभ खेलने का अवसर मिलने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देने के साथ करता था। इस से कुछ पहले राष्ट्रीय प्रतियोगिता के समय वह चोटिल हुआ था और उसे विवशता के साथ बाहर बैठकर अपनी टीम को हारते हुए देखना पड़ा था। उस हार को देखने के बाद एक टेलिविज़न संवादाता से हो रही बातचीत में कोल्ट ने कहा था, "अपनी टीम के साथ वहाँ होने के लिए मैं कुछ भी देने के लिए तैयार था...मैं सदा परमेश्वर को महिमा देता हूँ। मैं कभी प्रश्न नहीं करता कि जो हो रहा है वह क्यों हो रहा है। परमेश्वर मेरे जीवन को नियंत्रित करता है और मैं जानता हूँ कि चाहे कुछ भी हो, मैं चट्टान अर्थात प्रभु यीशु पर स्थिर खड़ा हूँ।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रेरित पौलुस के जीवन के अनुभवों के बारे में पढ़ते हैं। पौलुस को अपनी मसीही सेवकाई में अनेक क्लेषों और कठिनाईयों से होकर निकलना पड़ा और कई बार परमेश्वर ने उसे जान के जोखिम से बचा कर निकाला। अपने अन्त समय में एक रोमी कारावास में कैदी के रूप में उसने तिमुथियुस को लिखी पत्री में लिखा, "क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है" (२ तिमुथियुस ४:६)। कोई कह सकता था कि पौलुस अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया और उसे अपना जीवन पराजय के साथ समाप्त करना पड़ रहा है, परन्तु पौलुस इसे ऐसा नहीं देखता था, वरन कारावास की तकलीफों में और मृत्यु दण्ड के पूरा कीये जाने की प्रतीक्षा में भी वह अपने जीवन तथा परमेश्वर के प्रति आश्वस्त तथा आशावान था: "मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं" (२ तिमुथियुस ४:७-८)। अपने अन्त समय में पौलुस अपनी परिस्थितियों के कारण निराशा में नहीं वरन परमेश्वर से मिलने वाले प्रतिफल के कारण आनन्दित और आशावान था।

   जिन्होंने प्रभु यीशु में पाप क्षमा और उद्धार के द्वारा परमेश्वर को निकटता से जाना है, और उसकी संगति में जीवन व्यतीत करते हैं वे सदा आश्वस्त तथा आशावान रहते हैं क्योंकि परमेश्वर हर परिस्थिति में उनके साथ रहता है, उन्हें शांति देता है और हर बात से अन्ततः उनके लिए भलाई ही उत्पन्न करता है: "और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं" (रोमियों ८:२८)।

   क्या आप परमेश्वर में सदा आश्वस्त तथा आशावान हैं? - डेविड मैक्कैसलैंड


वह प्रत्येक परिवर्तन में विश्वासयोग्य रहता है। - कैथरीन वॉन श्लैगैल

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह ४१:१०

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८
2 Timothy 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2 Timothy 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2 Timothy 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2 Timothy 4:4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2 Timothy 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2 Timothy 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2 Timothy 4:7 मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2 Timothy 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २३-२५ 
  • मरकुस ७:१४-३७

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

समस्या तथा समाधान


   बचपन में टेलिविज़न पर दिखाए जाने वाले कार्टूनों में से मेरा प्रीय था टॉम टेरिफिक। जब भी टॉंम को किसी समस्या का सामना करना होता था तो वह अपनी सोचने वाली टोपी पहन कर अपने अद्भुत कुत्ते, माईटी मैनफ्रैड के साथ समस्या का विशलेषण करने और हल ढूंढने बैठ जाता। अधिकांशतः यही मिलता कि टॉम की समस्याओं का स्त्रोत उसका सबसे बड़ा शत्रु क्रैब्बी एपलटन ही होता था। मुझे आज तक समरण है कि उन कार्यक्रमों में क्रैब्बी एपलटन के लिए कहा जाता था - भीतरी गहराईयों तक सड़ा हुआ।

   वास्तविकता यह है कि हम सब कि दशा भी क्रैब्बी एपलटन की दशा के समान ही है - अपने अपने पाप और पाप स्वभाव के कारण अपनी भीतरी गहराईयों तक सड़े हुए। परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों के नाम प्रेरित पुलुस द्वारा लिखित पत्री में मनुष्य की दशा के लिए लिखा गया है: "जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं। कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं" (रोमियों ३:१०-११)। हमारे पापों और पाप स्वभाव ने हमें परमेश्वर से दूर तथा परमेश्वर के पवित्रता के सिद्ध स्तर के अनुसार जीवन व्यतीत करने में अक्षम कर दिया है।

   मनुष्यों के पापों के दण्ड को अपने ऊपर उठाकर उनको पाप स्वभाव पर विजयी करने तथा अपनी पवित्रता मनुष्यों तक पहुँचाने के लिए परमेश्वर ने अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को संसार में भेजा। कलवरी के क्रूस पर दिए अपने बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए पापों की क्षमा, उद्धार तथा परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लेने का मार्ग दे दिया है जो सबको परमेश्वर की ओर से उसके अनुग्रह में सेंत-मेंत उपलब्ध है: "परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं" (रोमियों ३:२४)।

   प्रभु यीशु आया ताकि हम जो भीतरी गहराईयों तक पाप में सड़े हुए हैं, उन्हें एक नई सृष्टि बना दे: "सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं" (२ कुरिन्थियों ५:१७); यह पाप स्वभाव से रहित नए हृदय के साथ नया जन्म पाने के समान है। अपनी भलाई और अनुग्रह में परमेश्वर ने प्रभु यीशु में होकर हमारी पाप की समस्या का समाधान दे दिया है ताकि हम भीतरी गहराईयों तक शुद्ध और पवित्र हो सकें तथा उसके पवित्रता के सिद्ध स्तर के अनुसार जीवन व्यतीत करने में सक्षम हो सकें।

   परमेश्वर द्वारा दिए गए समाधान को स्वीकार करना और अपने जीवन में लागू करना अब स्वेच्छा से किया गया आपका अपना निर्णय है। - बिल क्राउडर


पाप में पड़े मनुष्य को नई शुरूआत नहीं नया हृदय चाहिए।

क्योंकि मैं जानता हूं, कि मुझ में अर्थात मेरे शरीर में कोई अच्छी वस्तु वास नहीं करती, इच्छा तो मुझ में है, परन्तु भले काम मुझ से बन नहीं पड़ते। - रोमियों ७:१८

बाइबल पाठ: रोमियों ३:१०-२५
Romans 3:10 जैसा लिखा है, कि कोई धर्मी नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:11 कोई समझदार नहीं, कोई परमेश्वर का खोजने वाला नहीं।
Romans 3:12 सब भटक गए हैं, सब के सब निकम्मे बन गए, कोई भलाई करने वाला नहीं, एक भी नहीं।
Romans 3:13 उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्होंने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Romans 3:14 और उन का मुंह श्राप और कड़वाहट से भरा है।
Romans 3:15 उन के पांव लोहू बहाने को फुर्तीले हैं।
Romans 3:16 उन के मार्गों में नाश और क्लेश हैं।
Romans 3:17 उन्होंने कुशल का मार्ग नहीं जाना।
Romans 3:18 उन की आंखों के साम्हने परमेश्वर का भय नहीं।
Romans 3:19 हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।
Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं।
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं।
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं।
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती २०-२२ 
  • मरकुस ७:१-१३