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गुरुवार, 6 जुलाई 2017

पत्र


   दो दशकों से भी अधिक समय से, एन्ड्रयू कैरॉल लोगों से आग्रह करते आ रहे हैं कि युद्ध के समय में परिवार या मित्र जनों द्वारा लिखे गए पत्रों को नष्ट नहीं करें। कैरॉल, जो कैलिफोर्निया के चैपमैन विश्वविद्यालय में अमेरिका के युद्ध काल के पत्रों के केंद्र निर्देशक हैं, उन पत्रों को परिवारों को आपस में जोड़ने और एक दूसरे को समझने के लिए अति महत्वपूर्ण धरोहर मानते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान युवा पीढ़ी उन पत्रों को पढ़ रही है, उन पर आधारित प्रश्न पूछ रही है और कह रही है कि ’अब हम समझ सकते हैं कि आप ने क्या कुछ बलिदान किया है; क्या कुछ सहा है।’

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रेरित पौलुस रोम में बन्दी था और उसे ज्ञात हुआ कि अब उसका अन्त समय निकट है, तो उसने एक युवा मसीही विश्वासी तिमुथियुस को, जिसे वह अपना "विश्वास में पुत्र" मानता था, पत्र लिखा और उसे अपने मन की बात खोल कर लिखी: "क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं" (2 तिमुथियुस 4:6-8)।

   जब हम बाइबल में संकलित उन पत्रों को जिन्हें विश्वास के नायकों ने लिखा है पढ़ते हैं, और उनसे हमें पता चलता है कि मसीह यीशु के प्रति अपने प्रेम के लिए उन्होंने क्या कुछ सहा, तो हमें साहस मिलता है कि हम भी उनके विश्वास और उदाहरण का अनुसरण करें, और उनके समान ही भावी पीढ़ीयों के लिए उदाहारण छोड़ जाएं। हमारे जीवन ही वे पत्र हैं जिन्हें पढ़कर लोग हमारे मसीही विश्वास की विश्वसनियता को जानेंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड


अनन्त को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन की दौड़ को पूरा करें।

हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है। यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों के समान लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है। - 2 कुरिन्थियों 3:2-3

बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 4:1-8
2 Timothy 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं। 
2 Timothy 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा। 
2 Timothy 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे। 
2 Timothy 4:4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे। 
2 Timothy 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। 
2 Timothy 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। 
2 Timothy 4:7 मैं अच्छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। 
2 Timothy 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 25-27
  • प्रेरितों 12


बुधवार, 5 जुलाई 2017

निमंत्रण


   जब प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर थे, तो वे लोगों को अपने पास आने का निमंत्रण दिया करते थे, और उनका यह निमंत्रण आज भी संसार के प्रत्येक जन के लिए उपलब्ध है (यूहन्ना 6:35)। लेकिन प्रभु तथा परमेश्वर पिता के पास ऐसा क्या है जो वे हमें देना चाहते हैं, और जो कहीं और, किसी अन्य के पास उपलब्ध नहीं है? परमेश्वर का वचन बाइबल हमें ऐसी कई बातें बताती है जो हमें प्रभु परमेश्वर से सेंत-मेंत, उपहार स्वरूप, उन पर विश्वास लाने और उनके प्रति अपना जीवन समर्पण करने से मिलती हैं:

   उद्धार: पापों की क्षमा और अनन्त जीवन पाने के लिए प्रभु यीशु ही एकमात्र मार्ग हैं - "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16); और "यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6)।
   
   सुरक्षा: यदि हम अपना प्राण, देह, आत्मा प्रभु को समर्पित करके उसके शिष्य बनकर पीछे हो लेते हैं तो कोई भी सांसारिक हानि, हमारे लिए हानि नहीं होगी - "उसने भीड़ को अपने चेलों समेत पास बुलाकर उन से कहा, जो कोई मेरे पीछे आना चाहे, वह अपने आपे से इन्कार करे और अपना क्रूस उठा कर, मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे वह उसे खोएगा, पर जो कोई मेरे और सुसमाचार के लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे बचाएगा" (मरकुस 8:34-35)।

   शान्ति: हमारा प्रभु परमेश्वर प्रत्येक परिस्थिति, परेशानी में हमें मार्गदर्शन, शान्ति और सांत्वना देने के लिए सदैव हमारे साथ रहेगा - "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:3-4)।

   बुद्धिमत्ता: प्रभु परमेश्वर का आश्वासन है वह हमें बुद्धि प्रदान करेगा - "पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी" (याकूब 1:5)।

   सामर्थ्य: यदि हम श्रमित और थके भी हों, प्रभु हमें नई साम्र्थ्य से भर देगा - "वह थके हुए को बल देता है और शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है। तरूण तो थकते और श्रमित हो जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं; परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे, चलेंगे और थकित न होंगे" (यशायाह 40:29-31)।

   बहुतायत का जीवन: जीवन को उसकी संपूर्णता में जीने और उसका आनन्द लेने के क्षमता हमें प्रभु से मिलती है - "चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10)।

प्रभु यीशु का संसार के प्रत्येक जन के लिए खुला निमंत्रण है, "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28) और "जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा" (यूहन्ना 6:37)। - ऐनी सेटास


प्रभु यीशु आशीषित जीवन देने के लिए हमें बुलाता है।

तुम पवित्र शास्त्र में ढूंढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उस में अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है। फिर भी तुम जीवन पाने के लिये मेरे पास आना नहीं चाहते। - यूहन्ना 5:39-40

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:28-40
John 6:28 उन्होंने उस से कहा, परमेश्वर के कार्य करने के लिये हम क्या करें? 
John 6:29 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया; परमेश्वर का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उसने भेजा है, विश्वास करो।
John 6:30 तब उन्होंने उस से कहा, फिर तू कौन सा चिन्ह दिखाता है कि हम उसे देखकर तेरी प्रतीति करें, तू कौन सा काम दिखाता है? 
John 6:31 हमारे बाप दादों ने जंगल में मन्ना खाया; जैसा लिखा है; कि उसने उन्हें खाने के लिये स्वर्ग से रोटी दी। 
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है।
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है।
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर। 
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। 
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते। 
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा।
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। 
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं। 
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 30-31
  • प्रेरितों 13:26-52


मंगलवार, 4 जुलाई 2017

हृदय परिवर्तन


   पुरातत्ववेताओं को 1879 में, वर्तमान इराक (बाइबल के बैबिलोन/बाबुल) से एक छोटी किंतु विलक्षण वस्तु मिली। उस बेलनाकार वस्तु की लंबाई केवल 9 इन्च ही है; और उसे Cyrus Cylinder (सायरस सिलिंडर) कहा गया क्योंकि उसमें राजा कुस्त्रु (Cyrus) द्वारा 2500 वर्ष पहले किए गए एक महत्वपूर्ण कार्य का वर्णन है। उसमें लिखा है कि राजा कुस्त्रु ने लोगों के एक समूह को वापस अपने देश लौट जाने दिया जिससे कि वे जाकर अपने देश के "पवित्र नगरों" को फिर से बनाएं।

   यही घटना परमेश्वर के वचन बाइबल में एज़्रा की पुस्तक के आरंभ में भी लिखी गई है, जहाँ हम पढ़ते हैं कि, "फारस के राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा..." (एज़्रा 1:1)। राजा कुस्त्रु ने कहा कि वह बाबुल से कुछ बन्दियों को मुक्त कर रहा है जिससे वे अपने घर यरुशलेम को लौट जाएं, और वहाँ जाकर अपने घरों को और अपने परमेश्वर के मन्दिर को फिर से बनाएं (पद 2-5)। लेकिन इस कहानी से संबंधित और भी कुछ विशेष बात है। यरुशलेम से बाबुल लाए गए उन बन्दियों में से एक बन्दी दानिय्येल ने अपने तथा अपने लोगों के पापों का परमेश्वर के सम्मुख अंगीकार किया और परमेश्वर से विनती की कि वह अपने लोगों को बाबुल की बन्धुवाई से मुक्त करे (दनिय्येल 9); प्रत्युत्तर में परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत को दानिय्येल के पास भेजा (पद 20-21)। इसके बाद हम पाते हैं कि परमेश्वर ने राजा कुस्त्रु के दिल को परिवर्तित किया कि वह उन इस्त्राएली बन्दियों को जाने दे (देखें यर्मियाह 25:11-12; 39:10)।

   परमेश्वर का वचन और सायरस सिलिंडर मिल-जुल कर हमें सप्रमाण दिखाते हैं कि परमेश्वर ने एक अन्य जाति तथा गैर यहूदी राजा का भी ऐसा हृदय परिवर्तन किया, कि उसने अपने देश के लोगों की गुलामी में आए इस्त्राएलियों को मुक्त होकर वापस अपने देश चले जाने की आज्ञा दी जिससे कि वे जाकर अपने परमेश्वर की आराधना करने पाएं, उसके लिए मन्दिर को पुनः बनाने पाएं।

   हमारे लिए आज यह घटना बहुत अर्थपूर्ण है। इस संसार में, जो नियंत्रण से बाहर हो चुका प्रतीत होता है, हम आश्वस्त रह सकते हैं कि हमारा प्रभु परमेश्वर संसार के अधिकारियों के हृदयों को परिवर्तित कर सकता है। ऐसा कहना कोई कल्पना नहीं वरन बाइबल का स्पष्ट कथन है: "राजा का मन नालियों के जल के समान यहोवा के हाथ में रहता है, जिधर वह चाहता उधर उसको फेर देता है" (नीतिवचन 21:1); क्योंकि " ...कोई अधिकार ऐसा नहीं, जो परमेश्वर की ओर से न हो; और जो अधिकार हैं, वे परमेश्वर के ठहराए हुए हैं" (रोमियों 13:1)।

   हमारा प्रभु परमेश्वर, जो हमारे तथा हमारे अधिकारियों के हृदयों को परिवर्तित कर सकता है, प्रत्येक परिस्थिति पर नियंत्रण रखता है, और इस बिगड़ते हुए संसार में भी हम उस पर अपना भरोसा बनाए रख सकते हैं। हम उससे प्रार्थना करते रहें कि वह हृदय परिवर्तन के इस कार्य को ज़ारी रखे। - डेव ब्रैनन


असंतोष प्रकट करने और शिकायत करने के स्थान पर प्रार्थना करें।

इस प्रकार मैं प्रार्थना करता, और अपने और अपने इस्राएली जाति भाइयों के पाप का अंगीकार करता हुआ, अपने परमेश्वर यहोवा के सम्मुख उसके पवित्र पर्वत के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करता ही था, तब वह पुरूष जिब्राएल जिसे मैं ने उस समय देखा जब मुझे पहिले दर्शन हुआ था, उसने वेग से उड़ने की आज्ञा पाकर, सांझ के अन्नबलि के समय मुझ को छू लिया; और मुझे समझाकर मेरे साथ बातें करने लगा। - दनिय्येल 9:20-21

बाइबल पाठ: एज़्रा 1:1-8
Ezra 1:1 फारस के राजा कुस्रू के पहिले वर्ष में यहोवा ने फारस के राजा कुस्रू का मन उभारा कि यहोवा का जो वचन यिर्मयाह के मुंह से निकला था वह पूरा हो जाए, इसलिये उसने अपने समस्त राज्य में यह प्रचार करवाया और लिखवा भी दिया: 
Ezra 1:2 कि फारस का राजा कुस्रू यों कहता है: कि स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा ने पृथ्वी भर का राज्य मुझे दिया है, और उसने मुझे आज्ञा दी, कि यहूदा के यरूशलेम में मेरा एक भवन बनवा। 
Ezra 1:3 उसकी समस्त प्रजा के लोगों में से तुम्हारे मध्य जो कोई हो, उसका परमेश्वर उसके साथ रहे, और वह यहूदा के यरूशलेम को जा कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का भवन बनाए - जो यरूशलेम में है वही परमेश्वर है। 
Ezra 1:4 और जो कोई किसी स्थान में रह गया हो, जहां वह रहता हो, उस स्थान के मनुष्य चान्दी, सोना, धन और पशु दे कर उसकी सहायता करें और इस से अधिक परमेश्वर के यरूशलेम के भवन के लिये अपनी अपनी इच्छा से भी भेंट चढ़ाएं।
Ezra 1:5 तब यहूदा और बिन्यामीन के जितने पितरों के घरानों के मुख्य पुरूषों और याजकों और लेवियों का मन परमेश्वर ने उभारा था कि जा कर यरूशलेम में यहोवा के भवन को बनाएं, वे सब उठ खड़े हुए; 
Ezra 1:6 और उनके आस-पास सब रहने वालों ने चान्दी के पात्र, सोना, धन, पशु और अनमोल वस्तुएं देकर, उनकी सहायता की; यह उन सब से अधिक था, जो लोगों ने अपनी अपनी इच्छा से दिया। 
Ezra 1:7 फिर यहोवा के भवन के जो पात्र नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम से निकाल कर अपने देवता के भवन में रखे थे, 
Ezra 1:8 उन को कुस्रू राजा ने, मिथ्रदात खजांची से निकलवा कर, यहूदियों के शेशबस्सर नाम प्रधान को गिन कर सौंप दिया। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 28-29
  • प्रेरितों 13:1-25


सोमवार, 3 जुलाई 2017

साहस और सहायता


   बचपन में मैं दो गलियों में स्थित लगभग 140 घरों में अखबार बाँटने का काम करता था; उन गलियों के बीच में एक कब्रिस्तान था। क्योंकि मैं प्रातः का अखबार बाँटा करता था इसलिए मुझे सुबह 3:00 बजे अँधेरे में बाहर गलियों में होना पड़ता था, और एक से दूसरी गली जाने के लिए कब्रिस्तान के किनारे से होकर जाना पड़ता था। कभी-कभी उस कब्रिस्तान से मैं इतना भयभीत होता था कि भागकर एक से दूसरी गली को जाया करता था। मेरा भय तब तक बना रहता जब तक मैं दूसरी ओर पहुँच कर सड़क पर रौशनी के लिए लगे खंबे के नीचे की रौशनी में नहीं पहुँच जाता था। अन्धकार का भय उस ज्योति से दूर हो जाता था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने अन्धकार और भय के बीच के संबंध को समझा, परन्तु साथ ही वह यह भी जानता था कि परमेश्वर उसके सभी भय से कहीं अधिक बड़ा है। भजनकार ने लिखा, "तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है, न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है" (भजन 91:5-6)। न तो रात के भय और न ही कोई बुराई हमें भयभीत करने पाए, क्योंकि हम मसीही विश्वासियों के पास जगत की ज्योति परमेश्वर का पुत्र प्रभु यीशु मसीह है (यूहन्ना 8:12)।

   परमेश्वर के प्रेम, अनुग्रह और सत्य की ज्योति में हमें साहस और सहायता, तथा उसके लिए जीवन व्यतीत करने की सामर्थ्य मिल सकती है। - बिल क्राउडर


यदि आप जगत की ज्योति के साथ चल रहे हैं, 
तो आपको किसी अंधकार से डरने की आवश्यकता नहीं है।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: भजन 91:1-10
Psalms 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा। 
Psalms 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा। 
Psalms 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा; 
Psalms 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी। 
Psalms 91:5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है, 
Psalms 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।
Psalms 91:7 तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा। 
Psalms 91:8 परन्तु तू अपनी आंखों की दृष्टि करेगा और दुष्टों के अन्त को देखेगा।
Psalms 91:9 हे यहोवा, तू मेरा शरण स्थान ठहरा है। तू ने जो परमप्रधान को अपना धाम मान लिया है, 
Psalms 91:10 इसलिये कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, न कोई दु:ख तेरे डेरे के निकट आएगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 32-33
  • प्रेरितों 14


रविवार, 2 जुलाई 2017

आग


   मैं उत्तरी घाना के जिस क्षेत्र से आता हूँ, वहाँ दिसंबर से मार्च के बीच के सूखे के समय में मैदानों की घास और झाड़ियों में आग लगना सामान्य बात है। उस सूखे हुए घास और वनस्पति में विनाशकारी आग लगाने के लिए केवल एक छोटी सी चिंगारी काफी होती है। मैंने हवा से उड़कर आई चिंगारियों से कई एकड़ की खेती को जलकर राख होते हुए देखा है; ये चिंगारियाँ मुख्यतः सड़क के किनारे फेंके गई जलती हुई सिग्रेट के टुकड़ों से या किसी के द्वारा किसी काम के लिए असावधानी से जलाई गई आग से आती हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में जीभ को ऐसा ही बताया है, "जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है" (याकूब 3:6)। कहीं असावधानी से कही गई कोई झूठी बात, पीठ-पीछे की गई कोई चुगली, कहीं की गई कोई निन्दा या टिप्पणी, इनमें से एक का भी प्रयोग संबंधों को नष्ट कर देने के लिए काफी है। बाइबल में नीतिवचन में लिखा है, "ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार के समान चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं" (नीतिवचन 12:18)। जैसे आग उपयोगी तथा विनाशक दोनों हो सकती है, उसी प्रकार "जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा" (नीतिवचन 18:21)।

   यदि हमारे वार्तालाप को परमेश्वर को भावता हुआ तथा हम में उसकी उपस्थिति को प्रगट करने वाला होना है, तो उसे सदा "अनुग्रह सहित" होना चाहिए (कुलुस्सियों 4:6)। यदि किसी विवाद या असहमति में हमें अपने विचार प्रगट करने भी हों, तो परमेश्वर से माँगें कि उस समय में वह हमें ऐसे शब्द और हाव-भाव दे जो शांतिदायक तथा उसे महिमा देने वाले हों, न हो कि हमारे शब्दों की आग से कोई विनाश आए। - लॉरेंस दरमानी


क्रोध और आवेश हमें बुरे शब्दों पर लगाम लगाने के स्थान 
पर उन्हें कहने के लिए विवश कर सकते हैं।

तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए। - कुलुस्सियों 4:6

बाइबल पाठ: याकूब 3:2-11
James 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है। 
James 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं। 
James 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं। 
James 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। 
James 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। 
James 3:7 क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं। 
James 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है। 
James 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं। 
James 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
James 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 22-24
  • प्रेरितों 11


शनिवार, 1 जुलाई 2017

स्वीकार


   नॉर्थफील्ड, मिनिसोटा की सेंट ओलाफ संगीत मण्डली अपने अति उत्तम संगीत के लिए जानी जाती है। उनकी इस उत्तमता का एक कारण है उनके सदस्यों के मण्डली में सम्मिलित होने के लिए की गई चयन प्रक्रिया। सम्मिलित होने के लिए निवेदन करने वालों का आँकलन न केवल इस बात पर होता है कि वे कितना अच्छा गाते हैं, वरन इस बात पर भी कि पूरी मण्डली के साथ गाते हुए उनकी आवाज़ कैसी सुनाई देती है। इस उत्तमता एक और कारण है कि मण्डली के सभी सदस्य इस बात से सहमत रहते हैं कि संगीत मण्डली ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी और वे सब मिलकर एक कड़े अभ्यास और प्रदर्शन कार्यक्रम में भाग लेंगे।

   इस संगीत मण्डली की एक बात जो मुझे बहुत रुचिकर लगती है वह है कि अभ्यास के दौरान यदि मण्डली का कोई सदस्य गलती कर देता है तो वह अपना हाथ उठा देता है। अपनी गलती को छिपाने के स्थान पर वे उसकी ओर ध्यान आकर्षित करते हैं जिससे संचालक प्रत्येक गायक को उस कठिन भाग को सीखने में सहायता कर सके। इससे उनका प्रदर्शन दोषरहित होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

   मेरा मानना है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रभु यीशु ने निकुदेमुस से बातचीत के दौरान उससे कहा कि परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार को उद्धार का मार्ग देने के लिए भेजा है न कि उसे दंड देने के लिए (यूहन्ना 3:17), तो प्रभु का तात्पर्य उस मण्डली के समान परस्पर मिलजुल कर कार्य करने वाले तथा अपनी गलतियों को सुधारने के लिए तत्पर समाज की स्थापना करना था। निकुदेमुस से हुई इस वार्तालाप के कुछ समय पश्चात ही प्रभु यीशु की उस सामरी स्त्री से सार्वजनिक कुएं के किनारे बातचीत हुई। प्रभु ने उस स्त्री के लिए अपनी गलतियों को स्वीकार कर लेना सरल बना दिया, उसे बेहतर जीवन के आश्वासन के द्वारा, जो प्रभु से मिली पापों की क्षमा के आनन्द पर आधारित था (यूहन्ना 4)।

   हम मसीही विश्वासी पृथ्वी पर प्रभु की देह के अंग है, और हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करने से डरना नहीं चाहिए; वरन उसे ऐसा अवसर समझना चाहिए जिसमें हम एक साथ मिलकर प्रभु से मिली क्षमा के आनन्द में आनन्दित हो सकते हैं। गलतियों को स्वीकार करना ही गलतियों के निवारण का आरंभ है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


जब तक हम अपने पापों का सामना करने को तैयार नहीं होंगे, 
हम उन्हें अपने से दूर भी नहीं करने पाएंगे।

परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए। - यूहन्ना 3:17

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:6-15, 28-30
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। 
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला। 
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे। 
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)। 
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। 
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया? 
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया? 
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। 
John 4:15 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, वह जल मुझे दे ताकि मैं प्यासी न होऊं और न जल भरने को इतनी दूर आऊं। 
John 4:28 तब स्त्री अपना घड़ा छोड़कर नगर में चली गई, और लोगों से कहने लगी। 
John 4:29 आओ, एक मनुष्य को देखो, जिसने सब कुछ जो मैं ने किया मुझे बता दिया: कहीं यह तो मसीह नहीं है? 
John 4:30 सो वे नगर से निकलकर उसके पास आने लगे।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 20-21
  • प्रेरितों 10:24-48


शुक्रवार, 30 जून 2017

अटल आशा


   ब्राज़ील देश में रिओ डी जेनेरियो शहर के निकट पहाड़ की चोटी पर बनी ’क्राईस्ट द रिडीमर’ की प्रसिद्ध प्रतिमा है। यह, अपनी बाहें फैलाए हुए मसीह यीशु की मूर्ति है, जिसके शरीर और बाहों का आकार क्रूस का सा आकार बनाता है। इस प्रतिमा की रूपरेखा ब्राज़ील के वास्तुकार हीटोर डि सिल्वा कॉस्टा ने बनाई थी। उन्होंने यह कल्पना की थी कि रिओ डी जेनिरियो के निवासी रात के अन्धकार के बाद, प्रातः, दिन के पहले उजाले में उस प्रतिमा को देखेंगे, और संध्या के समय ढलता हुआ सूरज उस प्रतिमा के पीछे चमकता हुआ गोलाकार बनाएगा।

   अपने उद्धारकर्ता पर प्रतिदिन, चाहे वह भला समय हो या कठिनाई का समय हो, दृष्टि लगाए रखना बहुत भला रहता है। परमेश्वर के वचन के एक पात्र अय्युब ने, अपने दुःख और परीक्षा की घड़ी में कहा, "मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा" (अय्यूब 19:25)।

   अय्यूब के दिल की पुकार हमें प्रभु यीशु मसीह की ओर - जो हमारा जीवता उद्धाकर्ता है, इंगित करती है; उस प्रभु परमेश्वर की ओर जो हमें अपने साथ रखने के लिए ले जाने के लिए एक दिन फिर से पृथ्वी पर आएगा (1 थिस्सलुनीकियों 4:16-18)। प्रभु यीशु मसीह पर दृष्टि लगाए रखने का अर्थ है सदा स्मरण रखना कि प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर दिए गए बलिदान और मृतकों में से उनके पुनरुत्थान के कारण आज हमें अपने पापों से क्षमा तथा छुटकारा मिला है; यीशु, "जिसने अपने आप को हमारे लिये दे दिया, कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले, और शुद्ध कर के अपने लिये एक ऐसी जाति बना ले जो भले भले कामों में सरगर्म हो" (तीतुस 2:14)।

   जिस किसी ने प्रभु यीशु को अपने उद्धाकर्ता के रूप में स्वीकार कर लिया है, उसके पास आज आनन्दित होने का कारण है। हमें इस पृथ्वी पर आज चाहे जो भी सहना पड़े, किंतु हम मसीही विश्वासियों के पास यह अटल आशा है कि हम अपना अनन्तकाल अपने प्रभु परमेश्वर के साथ अनन्त आनन्द में बिताएंगे। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


क्रूस पर अपने बलिदान और मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के द्वारा 
प्रभु यीशु बचाता और उद्धार देता है।

यहोवा, जो इस्राएल का राजा है, अर्थात सेनाओं का यहोवा जो उसका छुड़ाने वाला है, वह यों कहता है, मैं सब से पहिला हूं, और मैं ही अन्त तक रहूंगा; मुझे छोड़ कोई परमेश्वर है ही नहीं। - यशायाह 44:6

बाइबल पाठ: अय्यूब 19:23-29
Job 19:23 भला होता, कि मेरी बातें लिखी जातीं; भला होता, कि वे पुस्तक में लिखी जातीं, 
Job 19:24 और लोहे की टांकी और शीशे से वे सदा के लिये चट्टान पर खोदी जातीं। 
Job 19:25 मुझे तो निश्चय है, कि मेरा छुड़ाने वाला जीवित है, और वह अन्त में पृथ्वी पर खड़ा होगा। 
Job 19:26 और अपनी खाल के इस प्रकार नाश हो जाने के बाद भी, मैं शरीर में हो कर ईश्वर का दर्शन पाऊंगा। 
Job 19:27 उसका दर्शन मैं आप अपनी आंखों से अपने लिये करूंगा, और न कोई दूसरा। यद्यपि मेरा हृदय अन्दर ही अन्दर चूर चूर भी हो जाए, तौभी मुझ में तो धर्म का मूल पाया जाता है! 
Job 19:28 और तुम जो कहते हो हम इस को क्योंकर सताएं! 
Job 19:29 तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दण्ड मिलता है, जिस से तुम जान लो कि न्याय होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 17-19
  • प्रेरितों 10:1-23