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सोमवार, 23 जुलाई 2012

भरोसा

   सामान खरीदने के लिए एक दुकान में घूमते समय मैंने एक आदमी को देखा जिसने सुर्ख लाल रंगी टी-शर्ट पहनी थी जिसपर लिखा था: "भरोसा - वह भावना जो परिस्थिति की सही पहचान होने से पहले तक ही हमारे भीतर रहती है।"

   इस मनोरंजक वाक्य पर मैं मन ही मन हंसा, किंतु मुझे यह एहसास भी हुआ कि उस टी-शर्ट पर एक बुद्धिमता पूर्ण और गंभीर चेतावनी भी लिखी थी, जो हम सब के लिए थी। हमारे लिए, जो अपनी ही सामर्थ और योग्यता पर भरोसा कर के सब कुछ करना चाहते हैं और परमेश्वर को नज़रंदाज़ करते हैं, उसपर अपना भरोसा नहीं रखते। यदि हम यह सोचते हैं कि जीवन के हर कार्य को हम अपनी सामर्थ से करने पाएंगे, तो यह विश्वास झूठा है जो किसी न किसी दिन हमारी ही हानि का कारण ठहरेगा और हम अपनी ही असफलताओं के बोझ तले दबते चले जाएंगे।

   प्रेरित पौलुस ने इस बात के लिए कुरिन्थुस के विश्वासियों को इस्त्राएलियों के जीवन में आए अपनी ही योग्यता और सामर्थ के उदाहरण द्वारा चिताया। पौलुस ने उन्हें स्मरण दिलाया कि कैसे इस्त्राएलियों ने अपने पक्ष में हो रही हर बात के कारण अपनी नज़रें परमेश्वर से हटा कर अपने आप को दंभ और फिर पाप में फंसा लिया, जो उनके पतन का कारण बन गया। पौलुस ने चिताया कि वे इस बात से शिक्षा लें और अपना निष्कर्ष दिया: "इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे कि कहीं गिर न पड़े" (१ कुरिन्थियों १०:१२)।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन ११८:८, जो संपूर्ण बाइबल के मध्य का पद भी है, में लिखा है "यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।" आज आपका भरोसा कहां और किसपर है? - बिल क्राउडर


प्रभु यीशु में भरोसा ही सही भरोसा है।


इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे कि कहीं गिर न पड़े। - १ कुरिन्थियों १०:१२

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १०:१-१२
1Co 10:1  हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस बात से अज्ञात रहो, कि हमारे सब बापदादे बादल के नीचे थे, और सब के सब समुद्र के बीच से पार हो गए।
1Co 10:2  और सब ने बादल में, और समुद्र में, मूसा का बपतिस्मा लिया।
1Co 10:3  और सब ने एक ही आत्मिक भोजन किया।
1Co 10:4  और सब ने एक ही आत्मिक जल पीया, क्‍योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे, जो उन के साथ-साथ चलती थी; और वह चट्टान मसीह था।
1Co 10:5  परन्‍तु परमेश्वर उन में के बहुतेरों से प्रसन्न न हुआ, इसलिये वे जंगल में ढेर हो गए।
1Co 10:6  ये बातें हमारे लिये दृष्‍टान्‍त ठहरीं, कि जैसे उन्‍होंने लालच किया, वैसे हम बुरी वस्‍तुओं का लालच न करें।
1Co 10:7  और न तुम मूरत पूजने वाले बनों, जैसे कि उन में से कितने बन गए थे, जैसा लिखा है, कि लोग खाने-पीने बैठे, और खेलने-कूदने उठे।
1Co 10:8  और न हम व्यभिचार करें, जैसा उन में से कितनों ने किया: एक दिन में तेईस हजार मर गये।
1Co 10:9  और न हम प्रभु को परखें, जैसा उन में से कितनों ने किया, और सांपों के द्वारा नाश किए गए।
1Co 10:10  और न तुम कुड़कुड़ाओ, जिस रीति से उन में से कितने कुड़कुड़ाए, और नाश करने वाले के द्वारा नाश किए गए।
1Co 10:11 परन्‍तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ी, दृष्‍टान्‍त की रीति पर भी: और वे हमारी चितावनी के लिये जो जगत के अन्‍तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं।
1Co 10:12  इसलिये जो समझता है, कि मैं स्थिर हूं, वह चौकस रहे, कि कहीं गिर न पड़े।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन ३३-३४ 
  • प्रेरितों २४