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गुरुवार, 7 नवंबर 2013

निशाना और उद्देश्य


   ट्रैक्टर चलाने का वह मेरा पहला दिन था। प्रातः की ठण्डी बयार खेत से होकर बह रही थी; मैंने ट्रैक्टर के ईंजन को चलाया और उसकी आवाज़ के सामने खेत से आती झींगुरों की आवाज़ दब गई। मैंने जोतने वाले हल को नीचे धरती पर किया, ट्रैक्टर को गियर में डाला और खेत जोतता हुआ चल दिया। मैं ट्रैक्टर की शक्ति के बारे में सोचने लगा, उस पर लगे तेल, गति, ईंजन की कार्य-स्थिति आदि बताने वाले विभिन्न गेज पर नज़र दौड़ाने लगा, ट्रैक्टर घुमाने के लिए लगे स्टेरिंग को निहारने लगा। खेत के दुसरे छोर पर पहुँच कर मैंने इस आशा से पीछे मुड़ कर देखा कि जोती हूई भूमि पर हल से एक सीधी रेखा बनी हुई होगी, लेकिन मेरी आशा के विपरीत वह तो साँप की चाल के समान एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा थी।

   मैं समझ गया; मुझसे कहा गया था कि ट्रैक्टर चलाते समय ध्यान इधर-उधर नहीं वरन सामने लगी बाड़ के एक खंबे पर नज़र लगाए रखकर चलाना। सामने लगे उस खंबे पर नज़र लगाए रहने से ध्यान इधर-उधर नहीं जाता और चलाने वाला इस बात के लिए आश्वस्त रहता है कि खेत सीधी रेखाओं में जोता जा रहा है। वापस लौटते में मैंने ऐसा ही किया; अब मेरा ध्यान ट्रैक्टर की विभिन्न बातों पर नहीं वरन सामने वाले खंबे पर लगा हुआ था। इस बार दुसरे छोर पर पहुँच कर जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो जुताई की रेखा वास्तव में सीधी थी। पहले मैं एक बिन्दु पर केन्द्रित नहीं था, इसलिए जुताई की रेखा टेढ़ी-मेढ़ी रही, लेकिन दूसरी बार जब मैं एक बिन्दु पर ध्यान लगा कर जोतने लगा तब रेखा सीधी रही।

   मसीही जीवन को सिधाई से जीने का भी यही रहस्य है - मसीह यीशु पर ध्यान लगाए रखकर उसी की ओर बढ़ते चले जाना। प्रेरित पौलुस ने भी इसी बात को फिलिप्पियों के विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में बताया। पौलुस कहता है कि ना केवल उसने अपने ध्यान को इधर-उधर भटकने नहीं दिया (फिलिप्पियों 3:8, 13), वरन उसने अपना निशाना भी निर्धारित किया (पद 8, 14), यह ध्यान में रखते हुए कि इसका कैसा परिणाम होगा (पद 9-11), और दूसरों के लिए वह कैसा उदाहरण बनेगा (पद 16-17)।

   पौलुस के समान ही यदि हम मसीह यीशु पर ध्यान केंद्रित रखें तो हम भी अपने जीवन के लिए परमेश्वर के उद्देश्य को सीधी रीति से पूरा करने पाएंगे। आपका निशाना और उद्देश्य क्या है? कहीं संसार की लुभावनी बातें और सांसारिक उपलब्धियों का आकर्षण आप को आप के वास्तविक निशाने से भटका तो नहीं रहा है? - रैण्डी किल्गोर


जब आप अपनी नज़रें मसीह यीशु पर बनाए रखेंगे तो संसार की लुभावनी बातें और सांसारिक उपलब्धियों की चाह आपको सीधे मार्ग से भटकाने नहीं पाएंगी।

निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। - फिलिप्पियों 3:14

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:8-17
Philippians 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:9 और उस में पाया जाऊं; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। 
Philippians 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। 
Philippians 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। 
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। 
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। 
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊं, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। 
Philippians 3:15 सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा। 
Philippians 3:16 सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।
Philippians 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 40-42 
  • इब्रानियों 4