ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

व्यक्तित्व


   जब डेनवर सेमिनरी के भूतपूर्व अध्यक्ष एवं कुलपति डॉ० वर्नन ग्राउंड्स का 96 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुआ तो उनके पूर्व सहकर्मियों, छात्रों और मित्रों से अनेक श्रद्धांजलि सन्देश और स्मारक आए। लगभग प्रत्येक जन ने स्मरण किया कि कैसे, किसी ना किसी समय, डॉ० वर्नन ग्राउंड्स ने उन्हें व्यक्तिगत रीति से प्रोत्साहित किया था, अपनी शिक्षा, सलाह या केवल एक मधुर आत्मीयता भरी मुस्कान के द्वारा। वो एक ऐसे शिक्षक थे जो ऐसे प्रचारकों, शिक्षकों और सलाहकारों को प्रशिक्षित करने में विश्वास रखते थे जो प्रभु यीशु के साथ एक गहन संबंध बनाए रखने और दूसरों की सेवा करने में तत्पर हों।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन के 15 अध्याय में दी गई कई बातें डॉ० वर्नन ग्राउंड्स पर बिलकुल सही बैठती हैं, जैसे:
   - निर्बुद्धि को मूढ़ता से आनन्द होता है, परन्तु समझ वाला मनुष्य सीधी चाल चलता है। (पद 21)
   - सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है! (पद 23)
   - ...शुद्ध जन के वचन मनभावने हैं। (पद 26)
   - धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूं... (पद 28)
   - यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है। (पद 33)

   डॉ० वर्नन ग्राउंड्स की नेक सलाह देने की क्षमता उनके नेक चरित्र से और उनकी बुद्धिमता परमेश्वर पर उनके विश्वास और निर्भरता से थी; तथा उनके जीवन का प्रेर्णादायक होना उनके निर्मल हृदय से था। इन सब बातों का कुल मिला कर एक ऐसा नमूना बना जो परमेश्वर के वचन बाइबल में जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के पीछे नम्रता से चलने वाले मनुष्य के अनुरूप है।

   डॉ० वर्नन ग्राउंड्स ने अपनी जीवन यात्रा भली भांति पूरी करी; उनका नेक और अनुकम्पा से भरा जीवन हम सब के लिए एक उदाहरण है और हमें प्रोत्साहित करता है कि हम भी उनके समान अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की महिमा और कार्य के लिए जीने वाले बनें। - डेविड मैक्कैसलैंड


एक अच्छा अगुवा वह है जो सही मार्ग जानता है, उसपर चलता है और दूसरों को उस मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन देता है।

प्रभु यहोवा ने मुझे सीखने वालों की जीभ दी है कि मैं थके हुए को अपने वचन के द्वारा संभालना जानूं। भोर को वह नित मुझे जगाता और मेरा कान खोलता है कि मैं शिष्य के समान सुनूं। - यशायाह 50:4

बाइबल पाठ: नीतिवचन 15:21-33
Proverbs 15:21 निर्बुद्धि को मूढ़ता से आनन्द होता है, परन्तु समझ वाला मनुष्य सीधी चाल चलता है। 
Proverbs 15:22 बिना सम्मति की कल्पनाएं निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मत्ति से बात ठहरती है। 
Proverbs 15:23 सज्जन उत्तर देने से आनन्दित होता है, और अवसर पर कहा हुआ वचन क्या ही भला होता है! 
Proverbs 15:24 बुद्धिमान के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। 
Proverbs 15:25 यहोवा अहंकारियों के घर को ढा देता है, परन्तु विधवा के सिवाने को अटल रखता है। 
Proverbs 15:26 बुरी कल्पनाएं यहोवा को घिनौनी लगती हैं, परन्तु शुद्ध जन के वचन मनभावने हैं। 
Proverbs 15:27 लालची अपने घराने को दु:ख देता है, परन्तु घूस से घृणा करने वाला जीवित रहता है। 
Proverbs 15:28 धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूं, परन्तु दुष्टों के मुंह से बुरी बातें उबल आती हैं। 
Proverbs 15:29 यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की प्रार्थना सुनता है। 
Proverbs 15:30 आंखों की चमक से मन को आनन्द होता है, और अच्छे समाचार से हड्डियां पुष्ट होती हैं। 
Proverbs 15:31 जो जीवनदायी डांट कान लगा कर सुनता है, वह बुद्धिमानों के संग ठिकाना पाता है। 
Proverbs 15:32 जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है। 
Proverbs 15:33 यहोवा के भय मानने से शिक्षा प्राप्त होती है, और महिमा से पहिले नम्रता होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशु 4-6