ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 9 जून 2016

उदार परमेश्वर


 बहुत साल पहले, जब हमारा परिवार शिकागो में रहता था, हमें वहाँ रहने के अनेकों लाभ मिलते रहते थे। उन लाभों की सूची के आरंभिक लाभों में से एक था वहाँ के रेस्टोराँ जो एक दुसरे से बढ़-चढ़कर अपने ग्राहकों को सन्तुष्ट करने के प्रयासों में लगे रहते थे - ना केवल भोजन की गुणवन्ता में वरन परोसे गए भोजन की मात्रा में भी! वहाँ का एक इटैलियन रेस्टोराँ ऐसा था जिसमें मैं और मेरी पत्नि अपने पसन्दीदा पास्ता को आधी मात्रा में मँगाते थे, और भरपेट खाने के बाद भी इतना बच जाता था कि हम उसे घर लाकर अगली रात्री के भोजन के लिए इस्तेमाल कर लेते थे। इतनी उदार मात्रा में मिलने वाली उस भोजन-सामग्री को पाकर हमें लगता था कि हम अपनी दादी के घर में हैं और खाना बना तथा परोसकर वे अपने प्रेम को हम पर उँडेल रही हैं।

   जब मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में पढ़ता हूँ कि हमारे परमेश्वर पिता ने हम पर अपने अनुग्रह के धन को बहुतायत से उँडेला है (इफिसियों 1:7-8) और वह हमारे लिए "...हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है..." (इफिसियों 3:20) तो मुझे अपने ऊपर बहाई गई उसके प्रेम की भरपूरी का एहसास होता है। मैं बहुत धन्यवादी हूँ कि हमारा पिता परमेश्वर कोई कंजूस परमेश्वर नहीं है जो अपनी आशीषें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में और संकोच के साथ हमें प्रदान करता है, और ना ही वह ऐसा परमेश्वर पिता है जिसे प्रसन्न करने और उससे कुछ प्राप्त करने के लिए मुझे अपने आप को कोई कष्ट या दुःख देने की आवश्यकता होती है। वरन वह ऐसा प्रेमी, कृपालु और द्यालु पिता परमेश्वर है जिसके दरवाज़े और बाँहें अपने उड़ाऊ पुत्र को भी पूरे आदर और सम्मान के साथ वापस ले लेने को खुले रहते हैं, आतुर रहते हैं (लूका 15), और प्रतिदिन "वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है" (भजन 103:4)।

   हम कभी-कभी सोचते हैं कि परमेश्वर ने हमें वैसा नहीं दिया जैसा हम चाहते हैं। लेकिन सच तो यह है कि हमारे पाप क्षमा करने और हमें स्वर्ग का वारिस बनाने के इलावा यदि परमेश्वर हमारे लिए और कुछ भी ना करता, तो भी उसने बड़ी उदारता के साथ हमारे लिए बहुतायात से अनुग्रह कर दिया है। इसलिए आईऐ, उन सारी आशीषों और भलाईयों के लिए जो उसने हम पर बहुतायत से उँडेली हैं, हम आज अपने इस उदार परमेश्वर पिता का धन्यवाद करें, उसके कृतज्ञ बनें और उसमें आनन्दित रहें। - जो स्टोवैल


उस उदार परमेश्वर की, जिससे सभी आशीषें आती हैं
 सदा धन्यवाद, स्तुति और महिमा हो।

हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। - इफिसियों 1:7-8

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:14-21
Ephesians 3:14 मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं, 
Ephesians 3:15 जिस से स्वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है। 
Ephesians 3:16 कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ। 
Ephesians 3:17 और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर। 
Ephesians 3:18 सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ; कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है। 
Ephesians 3:19 और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
Ephesians 3:20 अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है, 
Ephesians 3:21 कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 32-33
  • यूहन्ना 18:19-40