ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 2 जुलाई 2018

समय



      मेरे बचपन में, हमारा परिवार महीने में एक बार मेरे नाना-नानी के घर जाया करता था, जो एक दूसरे प्रांत में, एक फार्महाउस में रहा करते थे। हम जब भी उनके फार्महाउस के दरवाज़े पर पहुँचते थे, मेरी नानी हमारा स्वागत इन शब्दों के साथ करती थीं, “आओ, अन्दर आओ; यहाँ कुछ समय आराम से बैठो।” यह उनका हमसे यह कहने का तरीका था कि हम आराम से रहें, कुछ समय उनके साथ बिताएं, और एक-दूसरे के हाल-चाल जानें, बात-चीत में समय बिताएं।

      जीवन बहुत व्यस्त हो सकता है। कार्यों से भरे हमारे सँसार में लोगों को जानना कठिन हो सकता है। किसी से यह कहने का समय निकालना कि वे आराम से आकर हमारे साथ बैठें और बात-चीत करें, कठिन हो सकता है। हम एक-दूसरे के साथ इधर-उधर की बात-चीत में समय बिताने के स्थान पर, एक-दूसरे को फोन के माध्यम से सन्देश भेजकर, उनसे मुद्दे की बात अधिक सरलता एवँ शीघ्रता से कर सकते हैं।

      परन्तु ध्यान कीजिए कि प्रभु यीशु मसीह ने क्या किया जब वे एक महसूल लेने वाले के जीवन में कार्य करना चाहते थे। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि प्रभु यीशु ज़क्कई के घर गए, कि उसके साथ कुछ समय बिता सकें। उनके कहे शब्द, “...आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है” (लूका 19:5) संकेत करते हैं कि प्रभु यीशु ज़क्कई के घर केवल थोड़ा सा समय बिताने नहीं गए थे। प्रभु यीशु ने उसके साथ समय बिताया और प्रभु के साथ बिताए उस समय के कारण, ज़क्काई का जीवन बदल गया।

      मेरी नानी के घर के बरामदे में बहुत सी कुर्सियाँ थीं – सभी आगंतुकों के स्वागत और उन्हें आराम से बैठकर बात-चीत करने का संकेत देने के लिए। यदि हमें किसी को निकटता से जानना है और उनके जीवनों में अन्तर लाना है, जैसे प्रभु यीशु ने ज़क्कई के जीवन में किया, तो हमें उन्हें आमंत्रित करके उनके साथ समय बिताना होगा। - डेव ब्रैनन


किसी और कि जो सबसे अच्छा उपहार आप दे सकते हैं, 
वह आपका समय हो सकता है।

और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। - इफिसियों 5:16

बाइबल पाठ: लूका 19:1-9
Luke 19:1 वह यरीहो में प्रवेश कर के जा रहा था।
Luke 19:2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था।
Luke 19:3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था।
Luke 19:4 तब उसको देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था।
Luke 19:5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है।
Luke 19:6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया।
Luke 19:7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।
Luke 19:8 ज़क्कई ने खड़े हो कर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय कर के ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं।
Luke 19:9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 22-24
  • प्रेरितों 11