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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

सरल और सहज



      वाशिंगटन पोस्ट नामक समाचार पत्र में छपे एक लेख में कुछ तकनीकी विद्वानों द्वारा मानव जीवन को अमर करने के प्रयासों के विषय बताया गया; इस परियोजना पर काम करने वाले इसके लिए अरबों खर्च करने को तैयार हैं।

      परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि यह प्रभु यीशु मसीह द्वारा दो हज़ार वर्ष पहले ही संभव कर दिया गया है। प्रभु यीशु ने कहा, “यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा। और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (यूहन्ना 11:25-26)। प्रभु यीशु मसीह ने यह प्रतिज्ञा दी कि जो कोई उनपर विश्वास करेगा उसका कभी, किसी भी पारिस्थित में अन्त नहीं होगा। इसे थोड़ा स्पष्ट कर दें – हमारे शरीर मर सकते हैं, और मर भी जाएंगे; परन्तु हमारा वह भाग जो हमारे विचार, विवेक, बुद्धि, स्मरण और स्मृतियों, प्रेम आदि से संबंधित है, जो हमारा वास्तविक भीतरी मनुष्यत्व है, जिसे हम “मैं” कहते हैं वह कभी नहीं मरेगा – वह सदा प्रभु के साथ स्वर्ग में रहेगा।

      और सबसे अच्छी बात यह है कि ऐसे अनन्त जीवन को प्राप्त करने के लिए केवल उसे परमेश्वर के उपहार के रूप में स्वीकार भर करना है, इसके लिए अपना कोई कार्य या प्रयास नहीं करना है, अपने आप को इसके योग्य जताने या बनाने के लिए कुछ भी नहीं करना है, केवल प्रभु यीशु से अपने पापों की क्षमा माँग कर, अपना जीवन उसे समर्पित कर देना है, और प्रत्युत्तर में उससे यह अविनाशी, आशीषित जीवन उपहार स्वरूप स्वीकार कर लेना है।

      कुछ लोग कहते हैं कि इतनी बड़ी बात इतनी सरल और सहज कैसे हो सकती है? मेरा उत्तर है, जैसा बाइबल में लिखा है, यदि परमेश्वर ने हमसे हमारे जन्म लेने से भी पहले प्रेम किया और यह चाहा कि हम उसके साथ सदा काल के लिए स्वर्ग में रहें, तो वह ऐसा होना कठिन क्यों बनाएगा; इसे सरल और सहज क्यों नहीं रखेगा?


मसीह यीशु ने मृत्यु के अँधेरे द्वार को अनन्त जीवन के ज्योतिर्मय द्वार से बदल दिया है।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:17-27
John 11:17 सो यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
John 11:18 बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
John 11:19 और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्‍ति देने के लिये आए थे।
John 11:20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।  


एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13