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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

सक्षम और उपलब्ध



      जिस समय मुझे पता चला कि मेरी माँ को कैंसर है, उस समय मेरे पति काम पर बाहर गए हुए थे। मैंने यह बताने के लिए उन्हें एक सन्देश भेजा और फिर अपने मित्रों तथा परिवार जनों से संपर्क करने लगी, उन्हें बताने और उनसे प्रार्थना की सहायता का निवेदन करने के लिए; किन्तु कोई भी उपलब्ध नहीं था। थरथराते हुए हाथों से अपने चहरे को ढांपते हुए मैं सुबकने लगी और परमेश्वर से कहने लगी, “परमेश्वर मेरी सहायता कीजिए।” उस समय में जब मैं बिलकुल अकेली थी, मैंने एक आश्वासन अनुभव किया कि परमेश्वर मेरे साथ है और मुझे शान्ति दे रहा है।

      मैंने प्रभु परमेश्वर का धन्यवाद किया जब मेरे पति घर आए तथा औरों से भी प्रोत्साहन के समाचार आने लगे। परन्तु फिर भी उन अकेले पलों में परमेश्वर की शांत करने वाली उपस्थिति जो मैंने अनुभव की थी, उससे मैं आश्वस्त हुई कि परमेश्वर सहजता से उपलब्ध है और मैं उस पर भरोसा रख सकती हूँ, जब भी और जहां भी मुझे उसकी सहायता की आवश्यकता हो।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार, भजन 46 में कहता है कि परमेश्वर हमारा शरणस्थान है, ऊंचा गढ़, और भरोसेमंद सहायक है (पद 1)। जब हमें ऐसा लगे कि हम अराजकता से घिरे हुए हैं, या, हम जिसे स्थिर समझे हुए थे वह हमारे चारों ओर ढहता जा रहा है, तब भी हमें भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है (पद 2-3)। परमेश्वर कभी लड़खड़ाता नहीं है (पद 4-7)। उसकी सामर्थ्य प्रगट एवं प्रभावी है (पद 8-9)। हमारा सदा संभालने वाला हमें अपने अपरिवर्तनीय चरित्र के द्वारा आश्वस्त करता है (पद 10)। हमारा प्रभु, हमारा सुरक्षित शरणस्थान, सदा हमारे साथ बना रहता है (पद 11)।

      प्रभु ने अपने अनुयायियों को एक दूसरे के साथ बने रहने और सहायता तथा प्रोत्साहित करने का दायित्व दिया है। परन्तु साथ ही वह यह भी आश्वासन देता है कि हमारी हर परिस्थिति के लिए वह सदा उपलब्ध और सक्षम है। वह न केवल अपने अनुयायियों के द्वारा वरन अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति के द्वारा भी हमें शान्ति देता है। - जोशील डिक्सन

परमेश्वर हमारे सहायता के लिए सदा उपलब्ध और सक्षम है।

यहोवा के भय मानने से दृढ़ भरोसा होता है, और उसके पुत्रों को शरणस्थान मिलता है। - नीतिवचन 14:26

बाइबल पाठ: भजन 46
Psalms 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
Psalms 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
Psalms 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।
Psalms 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psalms 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
Psalms 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
Psalms 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 46:8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।
Psalms 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
Psalms 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!
Psalms 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 23-24
  • मत्ती 20:1-16