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सोमवार, 11 जनवरी 2010

वह श्रद्धायुक्त भय के योग्य है!

बाइबल पाठ: भजन संहिता ६६

आओ, परमेश्वर के कामों को देखो, वह अपने कार्यों के कारण मनुष्यों को भययोग्य देख पड़ता है। - भजन संहिता ६६:५

आजकल ’अद्‍भुत’ शब्द का प्रयोग कई प्रसंगों में किया जाता है। मोटर, सिनेमा, गाना, खाना इन सबके बारे में कोई न कोई कहता है ’अद्‍भुत’/’भययोग्य’।

परन्तु जब हम इन सांसारिक वस्तुओं के लिये भी उसी शब्द का प्रयोग करें जो परमेश्वर का विशेषण है, तो हम परमेश्वर के ’अद्‍भुत’ या ’भययोग्य’ होने को हीन करते हैं। मेरी एक दोस्त के घर में यह नियम है कि ’भययोग्य’ शब्द का प्रयोग केवल परमेश्वर के लिये करना है।

परमेश्वर के महत्त्व को हलका करना कोई हलकी बात नहीं है। वह कोई ऐसा साथी नहीं है जिसकी मित्रता को हम मामूली बात समझें, या फिर उसे एक ऐसे ए.टी.एम. कि तरह प्रयोग करें जो हमारी हर लालसा पूरी कर के दे। यदि हम परमेश्वर की भव्यता से स्तब्ध नहीं तो हम अपने आप से ही प्रभावित और अपने में ही मगन रहेंगे, और एक अध्भुत भययोग्य परमेश्वर की संतान होने के अधिकार से हम वंचित रहेंगे।

"भजन संहिता" के भजन हमें परमेश्वर के विषय में सही नज़रिया देते हैं। "यहोवा परम प्रधान और भययोग्य है, वह सारी पृथ्वी के ऊपर महाराजा है" (भजन संहिता ४७:२)। "परमेश्वर से कहो कि तेरे काम क्या ही भयानक हैं!....आओ परमेश्वर के कामों को देखो, वह अपने कार्यों के कारण मनुष्यों को भययोग्य देख पड़ता है" (भजन संहिता ६६:३,५)।

यीशु मसीह के प्रेम से अदभुत और क्या है, जिस प्रेम ने उसे हमारे लिये क्रूस पर मरने को विवश किया? उसे अपने जीवन में योग्य स्थान दो और उसे एकमात्र ’श्रद्धायुक्त भययोग्य’ मानकर उसके महान कार्यों के लिये उसकी प्रशंसा करो जो उसने तुम्हारे लिये किये हैं। - जो स्टोवैल


अगर तुम अपने बड़प्पन से बहुत प्रभावित हो तो परमेश्वर की अदभुत भयावहता पर गहिरी दृष्टि करो।
एक साल में बाइबल:
  • उत्पत्ती २७, २८;
  • मत्ती ८:१८-३४

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