जॉर्ज मैकडोनल्ड की पुस्तक "डेविड एलगिनब्रोड" का एक उद्धरण उन लोगों को शिक्षा देता है जो सोचते हैं कि उनकी सृष्टि क्यों ऐसी हुई है और जो आग्रह करते हैं कि वे किसी दूसरे के जैसे होते तो कितना अच्छा होता।
एमिली कहती है,"मारग्रेट, काश मैं तुम होती"।
मारग्रेट उत्तर देती है, "मैं अगर आपकी जगह होती तो यही इच्छा करती कि मैं वही होउँ जो परमेश्वर चाहता है। अपनी इच्छा के अनुसार मैं महान जीव नहीं होना चाहती। परमेश्वर के अद्भुत विचारों में मेरी सृष्टि हुई, मेरे लिए यह विचार ही सबसे श्रेष्ट और मूल्यवान है।"
मैकडोनल्ड के मन में भजन १३९:१७ रहा होगा, "मेरे लिए तो हे ईश्वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं।" इस भजन में दाउद अपनी उत्पत्ति के विष्य में सोचता है कैसे परमेश्वर के प्रेम का पात्र होने के लिए वह माता के गर्भ में रचा गया, कैसे एक अनुपम और विशिष्ट व्यक्ति बनाया गया।
यह विचार बहुत सुखदायक है कि हम गल्ती से नहीं बने, परन्तु "परमेश्वर के विचारों में" एक विशेष रूप से उत्पन्न हुए। दाउद का कहना सही है "मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ" (पद १४)। तू परमेश्वर के लिए प्रिए महान और मूल्यवान सृष्टि है। - डेविड रोपर
आप अपने समान एक ही हैं, और इसलिए रचे गए हैं कि परमेश्वर की ऐसी महिमा करें, जो केवल आप ही कर सकते हैं।
मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिए कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ। - भजन १३९:१४
बाइबल पाठ: भजन संहिता १३९:७-१६
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति ४३, ४५
- मत्ती १३:१-३०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें