घर में जिन वस्तुओं को रखने की जगह नहीं होती वे सब मैं अपने गैरेज में डाल देता हूँ। वह मेरे व्यर्थ वस्तुएं जमा करने का स्थान हो गया है। ऐसे जमा हुए व्यर्थ सामान के ढेर के कारण मुझे गैरेज का दरवाज़ा दूसरों के सामने खोलने में शर्म आती है, कि कोई देख न ले। इसलिये, मैं कभी कभी उसे साफ करने के लिये एक दिन निर्धारित कर लेता हूँ।
हमारे मन और दिमाग़ में भी ऐसे ही बहुत कूड़ा-करकट जमा होता रहता है। इस संसार के प्रभाव से जाने-अनजाने कई अधार्मिक विचार और प्रवृतियां हमारे मन में घर कर लेती हैं, जैसे स्वार्थी होकर सोचना, अपने हकों की मांग अनुचित रीति से करना, हमारी हानि करने वाले के प्रति कठोर प्रवृति दिखाना आदि। ऐसे व्यवहार के कारण बहुत जल्दी हमारे मन अशुद्ध और अपवित्र हो जाते हैं। हमें लगता है कि हम अपनी दुर्भावनाएं को छिपा कर रख सकेंगे, परन्तु वे प्रकट हो ही जाती हैं।
पौलुस पूछता है, "क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है?" (१ कुरिन्थियों ६:१९)। मेरा विचार है कि शायद परमेश्वर को भी हमारे अन्दर निवास करना, फूहड़पन से जमा किये हुए बेकार सामान से भरे गैरेज में रहने के जैसा ही लगता होगा।
हमें मन से बुराईयों को हटाने का निश्चय कर, परमेश्वर की सहयता से अपने अन्दर की सफाई करनी चाहिये। बैर, द्वेष, वासना आदि सभी कूड़े को मन से निकाल कर, अपने विचारों और प्रवृतियों को परमेश्वर की ओर संगठित करके, और परमेश्वर के वचन के सौन्दर्य को अपने मन में भर लेने से ही हम अन्दर से भली भांति स्वच्छ होंगे। तब हम निसंकोच होकर अपने दिल के दरवाज़े किसी के भी अन्दर देखने के लिए खुले छोड़ सकते हैं। - जो स्टोवैल
क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है, जो तुममें बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? - १ कुरिन्थियों ६:१९
एक साल में बाइबल:
हमारे मन और दिमाग़ में भी ऐसे ही बहुत कूड़ा-करकट जमा होता रहता है। इस संसार के प्रभाव से जाने-अनजाने कई अधार्मिक विचार और प्रवृतियां हमारे मन में घर कर लेती हैं, जैसे स्वार्थी होकर सोचना, अपने हकों की मांग अनुचित रीति से करना, हमारी हानि करने वाले के प्रति कठोर प्रवृति दिखाना आदि। ऐसे व्यवहार के कारण बहुत जल्दी हमारे मन अशुद्ध और अपवित्र हो जाते हैं। हमें लगता है कि हम अपनी दुर्भावनाएं को छिपा कर रख सकेंगे, परन्तु वे प्रकट हो ही जाती हैं।
पौलुस पूछता है, "क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्र आत्मा का मन्दिर है?" (१ कुरिन्थियों ६:१९)। मेरा विचार है कि शायद परमेश्वर को भी हमारे अन्दर निवास करना, फूहड़पन से जमा किये हुए बेकार सामान से भरे गैरेज में रहने के जैसा ही लगता होगा।
हमें मन से बुराईयों को हटाने का निश्चय कर, परमेश्वर की सहयता से अपने अन्दर की सफाई करनी चाहिये। बैर, द्वेष, वासना आदि सभी कूड़े को मन से निकाल कर, अपने विचारों और प्रवृतियों को परमेश्वर की ओर संगठित करके, और परमेश्वर के वचन के सौन्दर्य को अपने मन में भर लेने से ही हम अन्दर से भली भांति स्वच्छ होंगे। तब हम निसंकोच होकर अपने दिल के दरवाज़े किसी के भी अन्दर देखने के लिए खुले छोड़ सकते हैं। - जो स्टोवैल
परमेश्वर के आत्मा को कबाड़ से भरे मन में मत रखो, आज ही समय निकालकर अपने मन को साफ करो।
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ६:१२-२०क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है, जो तुममें बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? - १ कुरिन्थियों ६:१९
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण २३-२५
- मरकुस १४:१-२६
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें