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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

यीशु को क्रूस पर किसने चढ़ाया?

प्रसिद्ध चित्रकार रेम्ब्रान्ड के चित्र "तीन क्रूस" को देखते समय हमारा ध्यान पहले उस क्रूस की तरफ जाता है जिसपर यीशु मरा था, फिर जब हम उस क्रूस के नीचे एकत्रित भीड़ को देखते हैं जिसने परमेश्वर के पुत्र को क्रूस पर चढ़ाने का घोर अपराध किया, तो उनके चेहरों पर झलकते अलग अलग भाव और उनके हाव भाव की विभिन्न मुद्राएं हमें प्रभावित करती हैं। उसी भीड़ में, एक कोने में परअछाईंयों में छिपा खड़ा एक व्यक्ति भी है। कुछ चित्रकला के आलोचकों का मानना है कि यहां रेम्ब्रान्ड ने स्वयं को दिखाया है, क्योंकि उसे एहसास था कि अपने पापों के कारण यीशु के क्रूस पर चढ़ाये जाने में वह भी ज़िम्मेदार था।

किसी ने कहा है, "यह कहना बहुत साधारण बात है कि यीशु जगत के पापों के लिये मरा, लेकिन यह कहना कि यीशु मेरे पापों के लिये मरा, एक बिलकुल अलग और बहुत गंभीर बात है। यह विचार कि हम भी पीलतुस के जैसे लापरवाह हो सकते हैं, कैफा के जैसे षड़यंत्र करने वाले, उन सैनिकों के जैसे कठोर, भीड़ जैसे निर्दयी या चेलों के जैसे कायर हो सकते हैं, हमारे मन को आहत करता है। केवल वो ही यीशु को क्रूस पर चढ़ाये जाने के लिये ज़िम्मेदार नहीं थे, मैं भी उनमें शामिल था; मैंने भी परमेश्वर के मसीह को क्रूस पर चढ़वाया तथा उसका परिहास किया।"

परछाईयों में केवल रेम्ब्रान्ड ही नहीं खड़ा, अपने आप को भी वहाँ उसके साथ रखकर सोचिये। लेकिन साथ ही स्मरण कीजिये कि क्रूस पर से यीशु ने क्या प्रार्थना करी - "हे पिता इन्हें क्षमा कर"। परमेश्वर का धन्यवाद हो कि इस क्षमा में आप और मैं भी शामिल हैं। - हेनरी बॉश


मसीह का क्रूस परमेश्वर के प्रेम के सर्वोच स्वरूप तथा पापमय संसार के सबसे घृणित रूप को प्रगट करता है।


बाइबल पाठ: लूका २३:३३-३८


जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे तो उन्होंने वहां उसे क्रूस पर चढ़ाया। - लूका २३:३३


एक साल में बाइबल:
  • न्यायियों १६-१८
  • लूका ७:१-३०

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