एक बाइबल शिक्षक ने कहा, "परमेश्वर स्वावलंबी लोगों को ऐसी स्थिति में ले आता है जहां उनके पास परमेश्वर के अलावा कोई आसरा नहीं बचता - कोई सामर्थ नहीं, कोई जवाब नहीं, केवल परमेश्वर। यदि उसकी सहयाता न हो तो वे नाश हो जाएंगे।
फिर उसने एक हताश व्यक्ति के बारे में बताया, जिसने अपने पास्टर के सामने स्वीकार किया कि "मेरा जीवन बहुत बुरी दशा में है।" पास्टर ने पूछा "कितना बुरा?" अपने सिर को झुकाकर अपने मुंह को अपने हाथों में छुपाते हुए उसने रुआंसी आवाज़ में कहा "मैं बताता हूं कितना बुरा - परमेश्वर को छोड़ अब मेरे पास कुछ नहीं है।" पास्टर का चेहरा खिल उठा और वह बोला "मैं खुशी के साथ तुम्हें यह आश्वासन दे सकता हूं कि जिस व्यक्ति के पास परमेश्वर को छोड़ और कुछ नहीं है, उसके पास एक महान सफलता के लिये उसकी आवश्यक्ता से कहीं अधिक उपलब्ध है।"
आज के बाइबल पाठ में यहूदा के लोग एक बहुत बड़ी मुश्किल में थे। उन्होंने माना कि दुशमनों से लड़ने के लिये उनके पास सामर्थ और युक्ति नहीं है। उनके पास जो था वह केवल परमेश्वर था। राजा यहोशापात और उसकी प्रजा ने अपनी इस मजबूरी को निराशा का नहीं वरन अपनी आशा का कारण माना। उन्होंने परमेश्वर को दोहाई दी "हमारी आंखें तेरी ओर लगीं हैं" (२ इतिहास २०:१२)। उनकी आशा को निराश नहीं हुई, परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा "युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है" (पद १५) उनके लिये पूरी करी।
क्या आप किसी ऐसी स्थिति में हैं जहां आपको लगता है कि आपकी अपनी कोई सामर्थ नहीं बची है? अपनी सम्पूर्ण आशा परमेश्वर में रखकर उसकी ओर दृष्टि करें। उसकी आश्वस्त करने वाली प्रतिज्ञा आपके साथ है कि उसके अलावा आपको किसी अन्य की आवश्यक्ता नहीं है। - जोनी योडर
तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं परमेश्वर का है। - २ इतिहास २०:१५
एक साल में बाइबल:
फिर उसने एक हताश व्यक्ति के बारे में बताया, जिसने अपने पास्टर के सामने स्वीकार किया कि "मेरा जीवन बहुत बुरी दशा में है।" पास्टर ने पूछा "कितना बुरा?" अपने सिर को झुकाकर अपने मुंह को अपने हाथों में छुपाते हुए उसने रुआंसी आवाज़ में कहा "मैं बताता हूं कितना बुरा - परमेश्वर को छोड़ अब मेरे पास कुछ नहीं है।" पास्टर का चेहरा खिल उठा और वह बोला "मैं खुशी के साथ तुम्हें यह आश्वासन दे सकता हूं कि जिस व्यक्ति के पास परमेश्वर को छोड़ और कुछ नहीं है, उसके पास एक महान सफलता के लिये उसकी आवश्यक्ता से कहीं अधिक उपलब्ध है।"
आज के बाइबल पाठ में यहूदा के लोग एक बहुत बड़ी मुश्किल में थे। उन्होंने माना कि दुशमनों से लड़ने के लिये उनके पास सामर्थ और युक्ति नहीं है। उनके पास जो था वह केवल परमेश्वर था। राजा यहोशापात और उसकी प्रजा ने अपनी इस मजबूरी को निराशा का नहीं वरन अपनी आशा का कारण माना। उन्होंने परमेश्वर को दोहाई दी "हमारी आंखें तेरी ओर लगीं हैं" (२ इतिहास २०:१२)। उनकी आशा को निराश नहीं हुई, परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा "युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है" (पद १५) उनके लिये पूरी करी।
क्या आप किसी ऐसी स्थिति में हैं जहां आपको लगता है कि आपकी अपनी कोई सामर्थ नहीं बची है? अपनी सम्पूर्ण आशा परमेश्वर में रखकर उसकी ओर दृष्टि करें। उसकी आश्वस्त करने वाली प्रतिज्ञा आपके साथ है कि उसके अलावा आपको किसी अन्य की आवश्यक्ता नहीं है। - जोनी योडर
जब आपके पास केवल परमेश्वर है, तब आपके पास सब कुछ है।
बाइबल पाठ: २ इतिहास २०:३-१७तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं परमेश्वर का है। - २ इतिहास २०:१५
एक साल में बाइबल:
- १ शमुएल ४-६
- लूका ९:१-१७
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