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सोमवार, 19 अप्रैल 2010

सबसे अच्छा मिटाने वाला

स्मरण शक्ति क्या है? वह क्या है जो हमारे बीते एहसास, दृष्य, आवाज़ें और अनुभवों को फिर से उभार कर सामने ले आता है। किस प्रक्रिया द्वारा हमारे मस्तिष्क में सब घटनाएं रिकॉर्ड की जाती हैं, संजो कर सुरक्षित की जाती हैं और फिर आवश्यक्ता पड़ने पर उभार कर सामने लाई जाती हैं। यह सब बातें अभी रहस्यमय बनी हुई हैं।

हम जानते हैं कि स्मृतियाँ हमारे लिये आशीश हो सकती हैं - सांत्वना, भरोसे और आनन्द से भरी। बुढ़ापा हमारे लिये एक संतुष्टि और आनन्द से भरा अनुभव हो सकता है यदि हमने पवित्र विचार, विश्वास, सहभागिता और प्रेम की यादें सुरक्षित करी हैं। अगर एक विशवासी संत अपने पिछले मसीही जीवन को देखता है और उसे स्मरण रखता है जिसने वायदा किया है कि "मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूंगा और कभी नहीं त्यागूंगा" (इब्रानियों १३:५), तो उसका बुढ़ापा सबसे अधिक मधुर होगा।

किंतु यादें एक अभिशाप और बहुत पीड़ादायक भी हो सकती हैं। कई लोग जीवन की संध्या में प्रवेश करते समय, मन से अपने बीते पापों की यादें मिटाने की युक्ति हर कीमत पर पाने के लिये लालायित रहते हैं क्योंकि वह पाप उन्हें सताते रहते हैं। वह व्यक्ति जो ऐसी यादों से पीड़ित है, क्या कर सकता है? - केवल एक बात; वह उन्हें परमेश्वर के सन्मुख ले जाये, क्योंकि परमेश्वर ही है जो उन पापों को माफ कर सकता है और उनहें हमेशा के लिये मिटा सकता है। वही परमेश्वर जिसने वायदा दिया है, " मैं उनके पापों को और उनके अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण ना करूंगा" (इब्रानियों १०:१७)।

हो सकता है कि आप अपने भूतकाल को न भूल सकें किंतु परमेश्वर काली घटा के समान आपके पापों को मिटाने का आपको अवसर दे रहा है। - एम. आर. डी हॉन


परमेश्वर के सन्मुख इमान्दारी से अपने पापों को मानना ही उन्हें मिटाने का सबसे अच्छा तरीका है।


बाइबल पाठ: लूका १६:१९-३१


मैंने तेरे अपराधों को काली घटा के समान मिटा दिया है। - यशायाह ४४:२२


एक साल में बाइबल:
  • २ शमुएल ६-८
  • लूका १५:१-१०

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