आपने शायद यह कथन सुना हो, "मैं क्रोध नहीं करता, बस बदला ले लेता हूं।" प्रकाशितवाक्य में वर्णित न्यायों के बारे में पढ़कर कोई यह कलपना कर सकता है कि परमेश्वर भी पपियों द्वारा समस्त मानव इतिहास के दौरान किये गये जघन्य अपराधों और पापों के लिये उनसे अपना बदला लेगा।
सत्य तो यह है कि परमेश्वर का अन्तिम न्याय उसके पवित्र न्यायी होने का अभिन्न भाग है। वह पाप को अनदेखा नहीं कर सकता। जैसा प्रकाशितवाक्य में वर्णित है, यदि वह अन्ततः न्याय नहीं करता है तो यह उसके पवित्र चरित्र का इन्कार होगा। इसीलिये उसके न्याय के समय सन्त लोग यह कहते हुए उसका स्तुती गान करेंगे "हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं" - प्रकाशितवाक्य १५:४। जो परमेश्वर को भली-भांति जानते हैं वे उसके न्याय के लिये उस पर न्याय नहीं करते, वरन वे उसकी आराधना और उसके कार्यों के लिये उसकी उपासना करते हैं।
हमें अचंभा परमेश्वर के बड़े न्याय से नहीं होना चाहिये, वरन इस बात से हो्ना चाहिये कि इस न्याय के लिये उसने इतनी लंबी प्रतीक्षा करी, जिससे कि प्रत्येक को पश्चाताप का अवसर मिले और कोई भी नाश न हो (२ पतरस ३:९)।परमेश्वर आज भी अपने न्याय को अपनी बड़ी दया में होकर रोके हुए है, वह अपनी करुणा और अनुग्रह को भरपूरी से अवसर दे रहा है। यही समय है उसके धैर्य पूर्ण प्रेम का लाभ उठाकर पापों से पश्चाताप करने का। जब आप ऐसा करेंगे तो आप भी सन्तों के साथ अनन्त काल तक उसकी आरधाना करने वाले हो जाएंगे। - जो स्टोवैल
हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं - प्रकाशितवाक्य १५:४
एक साल में बाइबल:
सत्य तो यह है कि परमेश्वर का अन्तिम न्याय उसके पवित्र न्यायी होने का अभिन्न भाग है। वह पाप को अनदेखा नहीं कर सकता। जैसा प्रकाशितवाक्य में वर्णित है, यदि वह अन्ततः न्याय नहीं करता है तो यह उसके पवित्र चरित्र का इन्कार होगा। इसीलिये उसके न्याय के समय सन्त लोग यह कहते हुए उसका स्तुती गान करेंगे "हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं" - प्रकाशितवाक्य १५:४। जो परमेश्वर को भली-भांति जानते हैं वे उसके न्याय के लिये उस पर न्याय नहीं करते, वरन वे उसकी आराधना और उसके कार्यों के लिये उसकी उपासना करते हैं।
हमें अचंभा परमेश्वर के बड़े न्याय से नहीं होना चाहिये, वरन इस बात से हो्ना चाहिये कि इस न्याय के लिये उसने इतनी लंबी प्रतीक्षा करी, जिससे कि प्रत्येक को पश्चाताप का अवसर मिले और कोई भी नाश न हो (२ पतरस ३:९)।परमेश्वर आज भी अपने न्याय को अपनी बड़ी दया में होकर रोके हुए है, वह अपनी करुणा और अनुग्रह को भरपूरी से अवसर दे रहा है। यही समय है उसके धैर्य पूर्ण प्रेम का लाभ उठाकर पापों से पश्चाताप करने का। जब आप ऐसा करेंगे तो आप भी सन्तों के साथ अनन्त काल तक उसकी आरधाना करने वाले हो जाएंगे। - जो स्टोवैल
जब परमेश्वर का न्याय पूरी तरह से खुलकर सामने आयेगा, तब उसकी प्रशंसा और जय जयकार के नारे गूंजेंगे।
बाइबल पाठ: प्रकाशित्वाक्य १५हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा और तेरे नाम की महिमा न करेगा क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियां आकर तेरे साम्हने दण्डवत करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं - प्रकाशितवाक्य १५:४
एक साल में बाइबल:
- अय्युब ५-७
- प्रेरितों के काम ८:१-२५
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