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रविवार, 20 मार्च 2011

अनुभव के पाठ

एक मसीही जब घोर परेशानियों में पड़ा तो उसे बाइबल के वचनों से बहुत सांत्वना मिली। उसने कहा, मैं प्रसन्न हुआ यह जानकर कि बाइबल मुझे सिखाती है कि परमेश्वर प्रत्येक परेशानी में भी मेरे साथ है और मुझे उनसे पार निकालेगा। ज़िंदगी सदा परेशानी ही नहीं है। यदि ऐसा होता तो हम कब के सदा की निराशाओं में घिर कर हार मान चुके होते।

निर्गमन १५ अध्याय में हम पढ़ते हैं कि जब इस्त्राएलियों ने "मारा" नाम स्थान में पढ़ाव डाला तो वे तीन दिन से जल के अभाव में चल रहे थे, लेकिन वहां का जल खारा निकला और वे उसे पी न सके। तब परमेश्वर ने मूसा को उपाय बताया और वह खारा जल मीठा बन गया। फिर उसके बाद अगले पड़ाव के लिए परमेश्वर उन्हें "एलीम" नामक स्थान पर ले गया जहां उन्हें ठंडे मीठे जल के सोते और विश्राम के लिए खजूर के पेड़ों की छाया मिली। वे लोग जानते थे कि दोनो पड़ाव परमेश्वर की ओर से हैं। परमेश्वर का महिमा का बादल उनके ऊपर छाया किये रहता था और उन्हें मार्ग दिखाता था। जब और जहां बादल चलता था तब और वहां इस्त्राएली चलते थे; जब बादल रुकता था तो इस्त्राएली भी रुकते थे। वह बादल ही उन्हें मारा भी ले गया और एलीम भी। इस्त्राएलियों की यह यात्रा मसीही जीवन की यात्रा का रूपक भी है।

यदि परमेश्वर किसी मसीही विश्वासी को "मारा" यानि परेशानियों और मुशकिलों के स्थान तक लाया है, तो वहां वह उसका उपाय भी देगा और आगे फिर "एलीम" के सुखदायी विश्राम तक भी लेकर जाएगा। और जब हम एलीम के आनन्द में हों तो ध्यान रखें कि परमेशवर हमें आगे की यात्रा के लिये सामर्थ भी दे रहा है और तैयार भी कर रहा है।

परमेश्वर का आराम और सहायता सदा उसके बच्चों के साथ है - यहां भी और स्वर्ग में भी। - पौल वैन गोर्डर


क्लेश की प्रत्येक मरुभूमि में परमेश्वर की सांत्वना की हरियाली भी है।

वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है। - भजन २३:२


बाइबल पाठ: निर्गमन १५:२२-२७

Exo 15:22 तब मूसा इस्राएलियों को लाल समुद्र से आगे ले गया, और वे शूर नाम जंगल में आए, और जंगल में जाते हुए तीन दिन तक पानी का सोता न मिला।
Exo 15:23 फिर मारा नाम एक स्थान पर पहुंचे, वहां का पानी खारा था, उसे वे न पी सके; इस कारण उस स्थान का नाम मारा पड़ा।
Exo 15:24 तब वे यह कह कर मूसा के विरूद्ध बकझक करने लगे, कि हम क्या पीएं?
Exo 15:25 तब मूसा ने यहोवा की दोहाई दी, और यहोवा ने उसे एक पौधा बतला दिया, जिसे जब उस ने पानी में डाला, तब वह पानी मीठा हो गया। वहीं यहोवा ने उनके लिये एक विधि और नियम बनाया, और वहीं उस ने यह कह कर उनकी परीक्षा की,
Exo 15:26 कि यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा का वचन तन मन से सुने, और जो उसकी दृष्टि में ठीक है वही करे, और उसकी सब विधियों को माने, तो जितने रोग मैं ने मिस्रियों पर भेजे हैं उन में से एक भी तुझ पर न भेजूंगा क्योंकि मैं तुम्हारा चंगा करने वाला यहोवा हूं।
Exo 15:27 तब वे एलीम को आए, जहां पानी के बारह सोते और सत्तर खजूर के पेड़ थे और वहां उन्होंने जल के पास डेरे खड़े किए।

एक साल में बाइबल:
  • यहोशू ४-६
  • लूका १:१-२०

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