बड़े अक्षरों में लिखे हुए एक शीर्षक ने मेरा ध्यान खींचा: "नए मत में परिवर्तन बहुत पीड़ादायक है।" उस लेख में एक जर्मनी के व्यवसायी का अनुभव लिखा था जिसे एक नए धर्म में अपने परिवर्तन के कार्य को पूरा करने के लिए बहुत पीड़ा दायक रीतियां पूरी करनी पड़ीं थीं। उन पीड़ा दायक रीतियों का उद्देश्य था कि वह अपने नए धर्म और विश्वास के प्रति अपनी वचनबद्धता और समर्पण प्रमाणित कर सके।
तुलना में, प्रभु यीशु द्वारा दिया जाने वाला उद्धार इससे कितना भिन्न तथा सहज है। उद्धार, अनुग्रह द्वारा, केवल साधरण विश्वास से, बिना किसी मानवीय कर्मों के - मसीही विश्वास को अन्य सभी धर्मों से बिलकुल अलग करता है। प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास द्वारा किसी मनुष्य का परिवर्तन अनुभव किसी कष्टदायक रीति को पूरा करने से लागू अथवा संपूर्ण नहीं होता। यह हो सकता है कि मसीह में लाए गए विश्वास के कारण हमें संसार से दुख उठाना पड़े तथा अपने विश्वास को संसार के समक्ष हम अपने भले कार्यों से प्रदर्शित करें, किंतु न तो दुख उठाना और न ही भले कार्य हमें उद्धार देते हैं या उद्धार के योग्य बनाते हैं। पौलूस ने लिखा, "क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।" (इफिसियों २:१०)
मसीह में हमारा उद्धार इस बात से नहीं होता कि हम कितना कष्ट सह सकते हैं, वरन उससे होता है जो मसीह हमारे लिए पहले ही क्रूस पर सह चुका है। प्रभु यीशु का मार्ग कष्टों द्वारा परिवर्तन का मार्ग नहीं है, वह परमेश्वर का वरदान है, तथा परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह ही से है। - रिचर्ड डी हॉन
तो उस ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। - तीतुस ३:५
बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१०
Eph 2:1 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Eph 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
Eph 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
एक साल में बाइबल:
तुलना में, प्रभु यीशु द्वारा दिया जाने वाला उद्धार इससे कितना भिन्न तथा सहज है। उद्धार, अनुग्रह द्वारा, केवल साधरण विश्वास से, बिना किसी मानवीय कर्मों के - मसीही विश्वास को अन्य सभी धर्मों से बिलकुल अलग करता है। प्रभु यीशु मसीह में लाए गए विश्वास द्वारा किसी मनुष्य का परिवर्तन अनुभव किसी कष्टदायक रीति को पूरा करने से लागू अथवा संपूर्ण नहीं होता। यह हो सकता है कि मसीह में लाए गए विश्वास के कारण हमें संसार से दुख उठाना पड़े तथा अपने विश्वास को संसार के समक्ष हम अपने भले कार्यों से प्रदर्शित करें, किंतु न तो दुख उठाना और न ही भले कार्य हमें उद्धार देते हैं या उद्धार के योग्य बनाते हैं। पौलूस ने लिखा, "क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।" (इफिसियों २:१०)
मसीह में हमारा उद्धार इस बात से नहीं होता कि हम कितना कष्ट सह सकते हैं, वरन उससे होता है जो मसीह हमारे लिए पहले ही क्रूस पर सह चुका है। प्रभु यीशु का मार्ग कष्टों द्वारा परिवर्तन का मार्ग नहीं है, वह परमेश्वर का वरदान है, तथा परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह ही से है। - रिचर्ड डी हॉन
हम अपने कर्मों की श्रेष्ठता द्वारा नहीं, परमेश्वर के अनुग्रह से उद्धार पाते हैं; यह हमारे कर्मों का नहीं मसीह के मारे जाने और जी उठने का नतीजा है।
तो उस ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। - तीतुस ३:५
बाइबल पाठ: इफिसियों २:१-१०
Eph 2:1 और उस ने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे।
Eph 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है।
Eph 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे।
Eph 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उस ने हम से प्रेम किया।
Eph 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।)
Eph 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया।
Eph 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए।
Eph 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।
Eph 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
Eph 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं, और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों ४-६
- लूका ४:३१-४४
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