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गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

जीवन का लक्षण

एक कहानी है, उस समय की जब कि अमेरिका में गुलाम बनाने की कुप्रथा का प्रचलन था। एक ज़मींदार अपने एक दास को लेकर बतख़ के शिकार पर निकला। ज़मींदार तो नास्तिक था परन्तु दास मसीही विश्वासी था। रास्ते में उनकी बघ्घी के पहिए पर लगा लोहे का घेरा उतर गया। दास उस घेरे को पहिए पर वापस चढ़ाने के लिए हथौड़े का प्रयोग कर रहा था और उसके ऊंगुली में चोट लग गई, और तुरंत ही उसके मुँह से गाली निकल गई। वह दास तुरंत अपने घुटनों पर गिर पड़ा और परमेश्वर से क्षमा की प्रार्थना करने लगा।

यह देखकर उसके मालिक ने कहा, "तुम मसीही हो, तो तुम्हें मसीही जीवन जीने के लिए इतना संघर्ष क्यों करना पड़ता है? मुझे देखो,मैं नास्तिक हूँ और जैसे चाहे जीता हूँ, मुझे तो कोई परेशानी नहीं होती।" दास के पास कोई उतर नहीं था। इतने में कुछ बतखें उनके ऊपर से उड़ती हुई निकलीं। मालिक ने अपनी बन्दूक ऊपर की ओर करके दो कार्तूस दाग़ दिए और दो बतखें नीचे गिर पड़ीं। उनमें से एक मर गई थी और दूसरी का पंख टूट गया था और वह छाटपटा रही थी। मालिक ने दास को कहा, "जल्दी जाओ और पहले उस छटपटाती हुई को पकड़ लो, दूसरी की चिंता मत करो, वह कहीं नहीं जा सकेगी।" दास जब बतखें लेकर आया तो मालिक से बोला, "श्रीमान, मेरे पास अब आपके प्रश्न का उतर है। आपका कहना है कि मसीही विश्वास का कोई लाभ नहीं क्योंकि उसके लिए संघर्ष करते रहना पड़ता है। इन दोनो बतखों की ओर देखिए, मैं उस बतख़ की तरह हूँ जो छटपटा रही है, क्योंकि इसकी तरह मुझमें भी जीवन है और शैतान मुझे घायल करता है कि मुझे मार सके और मैं घायल होकर छटपटाता हूँ। परन्तु आप इस मरी हुई बतख़ के समान अपने पापों में मरे हुए हैं और शैतान आपकी ओर से चिंतित नहीं है, क्योंकि आप उसकी मुठ्ठी में हैं। मेरा संघर्ष मुझ में विद्यमान जीवन का लक्षण है।"

जब हम मसीह को आदर देने वाला जीवन जीने का प्रयास करते हैं तो कभी कभी असफलताओं से निराश होते हैं। हम यह जानते हैं कि हम विजयी हो सकते हैं फिर भी कमज़ोर होकर गिर भी पड़ते हैं। लेकिन ऐसे में भी परमेश्वर का प्रेम भरा आलिंगन हमें फिर से उठकर आगे बढ़ने की नयी सामर्थ देता है।

सांसारिक बातों से हमारा संघर्ष हम में विद्यमान परमेश्वरीय जीवन का लक्षण है। - डेनिस डी हॉन


धार्मिकता में आनन्दित होना और दुष्टता पर दुखी होना सच्चे मसीही का लक्षण है।

चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है। - भजन ३७:२४


बाइबल पाठ: भजन ३७:१७-२४
Psa 37:17 क्योंकि दुष्टों की भुजाएं तो तोड़ी जाएंगी; परन्तु यहोवा धर्मियों को सम्भालता है।
Psa 37:18 यहोवा खरे लोगों की आयु की सुधि रखता है, और उनका भाग सदैव बना रहेगा।
Psa 37:19 विपत्ति के समय, उनकी आशा न टूटेगी और न वे लज्जित होंगे, और अकाल के दिनों में वे तृप्त रहेंगे।
Psa 37:20 दुष्ट लोग नाश हो जाएंगे और यहोवा के शत्रु खेत की सुथरी घास की नाई नाश होंगे, वे धूएं की नाई बिलाय जाएंगे।
Psa 37:21 दुष्ट ऋण लेता है, और भरता नहीं परन्तु धर्मीं अनुग्रह करके दान देता है;
Psa 37:22 क्योंकि जो उस से आशीष पाते हैं वे तो पृथ्वी के अधिकारी होंगे, परन्तु जो उस से शापित होते हैं, वे नाश को जाएंगे।
Psa 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;
Psa 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल ७-९
  • लूका ९:१८-३६

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