ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

ईर्ष्या से बचाव

डाह और ईर्ष्या ऐसी भावनाएं हैं जो असंतुष्टि और रोष के कारण होती हैं। यह किसी अन्य के भले गुणों या उसकी संपदा को पाने की लालसा से हो सकता है। राहेल ने अपनी बहन लीआः से डाह रखी क्योंकि वह स्वयं बांझ थी किन्तु लिआः के सन्तान उत्पन्न होती थी (उत्पत्ति ३०:१); यूसुफ के भाईयों ने उससे ईर्ष्या करी क्योंकि उसने स्वप्न में भविष्य के दर्शन देखे थे (उत्पत्ति ३७:११); शाउल को दाउद से ईर्ष्या हुई क्योंकि उसके राज्य की महिलाएं दाउद की प्रशंसा करने लगीं (१ शमुएल १८:७-९); यहूदियों को पौलुस से ईर्ष्या हुई क्योंकि उसके प्रचार की सभी सराहना करते थे और प्रभावित होते थे (प्रेरितों १३:४५)।

दूसरे कि कोई भी योग्यता, जैसे बुद्धिमता, सुन्दरता, लोकप्रीयता, यहाँ तक कि आत्मिक बातों की समझ भी लोगों में द्वेश और ईर्ष्या उतपन्न कर सकती है। मसीही विश्वासी भी, चाहे वह कितना भी बड़ा विश्वासी क्यों न हो, इस दुरभावना का शिकार होने के खतरे में रहता है।

जब मैसचूसटस प्रांत के नौर्थफील्ड शहर में एफ. बी. मेयर्स पहली बार प्रचार के लिए आए तो उनके द्वारा दिल छू लेने वाले सन्देश सुनने के लिए लोगों की बड़ी भीड़ एकत्रित होने लगी। कुछ समय पश्चात महान बाइबल शिक्षक कैम्पबल मौर्गन उसी शहर में आए, और भीड़ उनकी सभाओं में जाने लगी। मेयर्स ने स्वीकार किया कि इस बात से उन्हें ईर्ष्या हुई; उन्होंने कहा, "अपनी इस दुर्भावना पर विजयी होने का मेरे पास एक ही उपाय है कि मैं मौर्गन की सफलता के लिए प्रार्थना करूं, और मैं रोज़ यही किया करता हूँ।"

जो हमारे पास नहीं है लेकिन किसी दूसरे के पास है, उसके प्रति नकरात्मक रवैया रखना, हमारे अन्दर पवित्र आत्मा के कार्य को बाधित करता है। लेकिन जब हम उसके भले की कामना करेंगे जिससे हमें ईर्ष्या होती है तभी हम अपने अन्दर से डाह और ईर्ष्या को उखाड़ कर फेंकने पाएंगे और इन दुरभावनाओं पर विजयी होने पाएंगे। - रिचर्ड डी हॉन


मसीह जैसे प्रेम की प्रतिदिन की खुराक ईर्ष्या रोग को हमारे अन्दर पनपने से बचा कर रखती है।

परन्‍तु यहूदी भीड़ को देखकर डाह से भर गए, और निन्‍दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे। - प्रेरितों १३:४५


बाइबल पाठ: प्रेरितों १३:४४-५२

Act 13:44 अगले सब्‍त के दिन नगर के प्राय: सब लोग परमेश्वर का वचन सुनने को इकट्ठे हो गए।
Act 13:45 परन्‍तु यहूदी भीड़ को देखकर डाह से भर गए, और निन्‍दा करते हुए पौलुस की बातों के विरोध में बोलने लगे।
Act 13:46 तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहिले तुम्हें सुनाया जाता; परन्‍तु जब कि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्‍त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो देखो, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं।
Act 13:47 क्‍योकिं प्रभु ने हमें यह आज्ञा दी है कि मैंने तुझे अन्याजातियों के लिये ज्योति ठहराया है ताकि तू पृथ्वी की छोर तक उद्धार का द्वार हो।
Act 13:48 यह सुनकर अन्यजाति आनन्‍दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे; और जितने अनन्‍त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्‍होंने विश्वास किया।
Act 13:49 तब प्रभु का वचन उस सारे देश में फैलने लगा।
Act 13:50 परन्‍तु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्‍त्रियों को और नगर के बड़े लोगों को उकसाया, और पौलुस और बरनबास पर उपद्रव करवा कर उन्‍हें अपने सिवानों से निकाल दिया।
Act 13:51 तब वे उन के साम्हने अपने पांवों की धूल झाड़कर इकुनियुम को गए।
Act 13:52 और चेले आनन्‍द से और पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते रहे।

एक साल में बाइबल:
  • १ शमूएल २७-२९
  • लूका १३:१-२२

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें