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सोमवार, 31 अक्टूबर 2011

मंच के तानाशाह

   बीते समय के वाद्यवृंद संचालकों में से कुछ बहुत कठोर और तानाशाह थे। उनके विष्य में छपे एक लेख में लेखक रौबर्ट बैक्सटर ने लिखा, "इन लोगों के शीर्ष पर होने का समय था २०वीं सदी के १९३०-४० के दशक। इन दिनों में वाद्यवृंद संचालक आर्थर रौडिन्स्की अपने साथ अभ्यास के समय गोलियों से भरी रिवाल्वर रखता था; आर्ट्यूरो टोस्कनी क्रोधित होकर संचालन वाली अपनी छाड़ी तोड़ देता था, फ्रिट्ज़ रेनियर अपनी पैनी आंखों से घूरकर बजाने वालों को धमकाता था और जॉर्ज स्ज़ेल अपनी उस्तरे जैसी तेज़ ज़बान के वारों से उन्हें घायल करता था। एक बार एक आहत बजाने वाला टोस्कनी के साथ अभ्यास से क्रोधित होकर बुड़्बुड़ाता हुआ उठकर बाहर की ओर चला तो पीछे से टोस्कनी ने ज़ोर से चिल्लाकर उससे कहा ’अब तुम्हें क्षमा मांगने का अवसर भी नहीं है!’" इतनी क्रूरता तथा आपसी संबंधों में इतनी कटुता के होते यह बड़े विस्मय की बात है कि इन तानाशाहों के साथ वाद्य बजाने वाले इतना मधुर संगीत किस तरह बजा लेते थे।

   महान नेताओं को दूसरों से आदर पाने के लिए उन्हें डरा धमका कर रखने की आवश्यक्ता नहीं है। इस संसार के एकमात्र सिद्ध अगुए प्रभु यीशु मसीह ने अगुए होने का इससे बहुत उत्तम मार्ग दिखाया। प्रभु यीशु  का मंच रूपांतर का वह पहाड़ नहीं था जहां उसके इश्वरत्व के दर्शन उसके चेलों ने देखे, उसका मंच था रोमी शास्कों और धर्मे के अगुवों के द्वारा दिया गया उसका वह क्रूस जहां हमारे पापों की सज़ा को उठाकर उसने हमारी सबसे गहरी और अनिवार्य आवश्यक्ता का समाधान किया। क्रूस रूपी उस मंच के सहारे आज भी वह पाप से बिगड़े हुए जीवनों से उद्धार द्वारा मधुर संगीत प्रस्तुत करवाता है। प्रभु यीशु पाप से बिगड़े जीवनों को पहले अपने प्रेम और क्षमा से ढांप देता है, फिर जैसे जैसे हम उसके निर्देशों को समर्पित होते हैं, वह हम में होकर दूसरों तक अपने प्रेम की मधुर धुन को पहुंचाता है।

   प्रभु यीशु ने दिखाया कि नेता होने के लिए तानाशाह होना आवश्यक नहीं है, सेवा द्वार जो शीर्ष स्थान मिलता है वह प्रेम और आदर से भरा तथा चिरस्थाई होता है। - डेनिस डी हॉन

जब तक नेता अपने नेतृत्व में सेवा लेकर नहीं आते तब तक वे सच्चे अगुवे नहीं बन सकते।

जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २३:११
 
बाइबल पाठ: मत्ती २३:१-१२
    Mat 23:1  तब यीशु ने भीड़ से और अपने चेलों से कहा।
    Mat 23:2  शास्त्री और फरीसी मूसा की गद्दी पर बैठे हैं।
    Mat 23:3  इसलिये वे तुम से जो कुछ कहें वह करना, और मानना; परन्‍तु उन के से काम मत करना, क्‍योंकि वे कहते तो हैं पर करते नहीं।
    Mat 23:4  वे एक ऐसे भारी बोझ को जिन को उठाना कठिन है, बान्‍ध कर उन्‍हें मनुष्यों के कन्‍धों पर रखते हैं, परन्‍तु आप उन्‍हें अपनी उंगली से भी सरकाना नहीं चाहते ।
    Mat 23:5  वे अपने सब काम लोगों को दिखाने के लिये करते हैं: वे अपने तावीजों को चौड़े करते, और अपने वस्‍त्रों की कोरें बढ़ाते हैं।
    Mat 23:6  जेवनारों में मुख्य मुख्य जगहें, और सभा में मुख्य मुख्य आसन।
    Mat 23:7  और बाजारों में नमस्‍कार और मनुष्य में रब्‍बी कहलाना उन्‍हें भाता है।
    Mat 23:8  परन्‍तु, तुम रब्‍बी न कहलाना, कयोंकि तुम्हारा एक ही गुरू है: और तुम सब भाई हो।
    Mat 23:9  और पृथ्वी पर किसी को अपना पिता न कहना, कयोंकि तुम्हारा एक ही पिता है, जो स्‍वर्ग में है।
    Mat 23:10  और स्‍वामी भी न कहलाना, क्‍योंकि तुम्हारा एक ही स्‍वामी है, अर्थात मसीह।
    Mat 23:11  जो तुम में बड़ा हो, वह तुम्हारा सेवक बने।
    Mat 23:12  जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा: और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २२-२३ 
  • तीतुस १

रविवार, 30 अक्टूबर 2011

सेवक का तौलिया

   अपने क्रूस पर दिए गए बलिदान से पहले, प्रभु यीशु ने एक ऊपरी कमरे में अपने चेलों के साथ अन्तिम भोज किया और उन्हें आते समय की उनकी ज़िम्मेदारियों के विष्य में कुछ बहुत महत्वपूर्ण शिक्षाएं दीं। युहन्ना १३ में वर्णन है कि प्रभु ने भोज से उठ कर अपने चेलों के पांव भी धोए और उन्हें एक तौलिए से पोंछा, और अपने चेलों को समझाया कि जैसे उन्होंने चेलों की सेवा करी है, वैसे ही चेलों को भी संसार में सेवक हो कर जाना है, सेवा करवाने वाले हो कर नहीं। इस घटना के ऊपर पास्टर हौवर्ड ओग्डन ने एक सन्देश दिया जिसका शीर्षक था "हाथों में तौलिया लिए परमेश्वर।" प्रभु के हाथ का वह तौलिया इस बात का प्रतीक था कि "जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्‍तु इसलिए आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिए अपने प्राण दे" (मत्ती २०:२८)। किंतु आज कितनी सहजता से हम प्रभु के दिए इस क्रम को उलट कर सेवा करने वालों की बजाए लेने वाले बन जाते हैं। इसीलिए हमें सदा प्रभु के इस उदाहरण को अपने समक्ष बनाए रखना चाहिए।

   जब वर्नेन ग्राउन्ड्स डेन्वर के एक बाइबल कॉलेज के अधिपति थे तो १९७३ में स्नातक हो रहे विद्यार्थियों को उन्होंने अपने स्नातक सन्देश में युहन्ना १३ के इस सत्य से चुनौती दी। उन्होंने उतीर्ण हो कर स्नातक होने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को एक छोटा प्रतीक दिया, यह कहते हुए कि इससे उन्हें अपने आते समय में सहायता मिलेगी। वह प्रतीक था एक सफेद तौलिए का छोटा सा टुकड़ा। उस दिन के स्नातक होने वाले विद्यार्थियों में से एक ने, जो विदेशों में मिशनरी बनकर कार्य करता है, कहा: "हमें संसार में सेवक हो कर जाने के लिए निर्धारित किया गया था। तौलिए का वह छोटा टुकड़ा, तब से मेरे बटुए में रखा है; वह इतने वर्षों के बाद जीर्ण और मटमैला हो गया है, लेकिन मुझे सदा स्मरण दिलाता रहता है कि संसार में मेरा उद्देश्य क्या है।"

   उस ऊपरी कमरे में जो चुनौती प्रभु यीशु ने अपने चेलों के सामने रखी वह आज भी उसके चेलों को चिताती रहती है और हमें अपने आप को जांचने को उकसाती है कि क्या हम वास्तव में संसार में सेवक का स्वरूप लेकर जीते हैं। संभवतः यह समय है कि हम पहचाने कि प्रभु ने हमें जो सौंपा है वह "सेवक का तौलिया" है। - डेव एग्नर


प्रत्येक मसीही विश्वासी की प्रतिभाएं उसे स्वार्थ लाभ के लिए नहीं, सेवा के लिए सौंपी गईं हैं।
 
यीशु ने उन्‍हें पास बुला कर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। - मत्ती २०:२५, २६
 
बाइबल पाठ: मत्ती २०:२०-२८
    Mat 20:20  जब जब्‍दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
    Mat 20:21  उस ने उस से कहा, तू क्‍या चाहती है? वह उस से बोली, यह कह, कि मेरे ये दो पुत्र तेरे राज्य में एक तेरे दाहिने और एक तेरे बाएं बैठें।
    Mat 20:22  यीशु ने उत्तर दिया, तुम नहीं जानते कि क्‍या मांगते हो जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्‍या तुम पी सकते हो? उन्‍होंने उस से कहा, पी सकते हैं।
    Mat 20:23  उस ने उन से कहा, तुम मेरा कटोरा तो पीओगे पर अपने दाहिने बाएं किसी को बिठाना मेरा काम नहीं, पर जिन के लिये मेरे पिता की ओर से तैयार किया गया, उन्हीं के लिये है।
    Mat 20:24  यह सुनकर, दसों चेले उन दोनों भाइयों पर क्रुद्ध हुए।
    Mat 20:25  यीशु ने उन्‍हें पास बुला कर कहा, तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं।
    Mat 20:26  परन्‍तु तुम में ऐसा न होगा; परन्‍तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।
    Mat 20:27  और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने।
    Mat 20:28  जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्‍तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह २०-२१ 
  • २ तिमुथियुस ४

शनिवार, 29 अक्टूबर 2011

परमेश्वर का प्रेम

   इलिनौए प्रांत के एक शहर इवैन्सटन में मार्था नामक एक महिला को लकवा हो रखा था और वह अपना कुछ भी कार्य कर सकने में असमर्थ थी। वह यह बात समझ नहीं पाती थी कि एक करुणामय और प्रेम करने वाला परमेश्वर उसे इस तरह के रोग से ग्रस्त कैसे होने दे सकता है। उस शहर की १६ महिलाओं ने परमेश्वर के प्रेम को बहुत सुन्दरता से उसके समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी दिनचर्या और ज़िम्मेदारियों के कार्यक्रम में परिवर्तन करके इस तरह से निर्धारित किया कि उन में से कुछ चौबीसों घंटे मार्था के साथ रहती थीं। वे उससे बातें करतीं, उसकी साफ-सफाई करतीं, उसे भोजन करवातीं, हर तरह से उसकी देख-भाल करतीं, उसके लिए प्रार्थना करतीं और उसे परमेश्वर और प्रभु यीशु के बारे में बतातीं थीं। जिस परमेश्वर के प्रेम को मार्था समझ नहीं पा रही थी, वह उसने इन महिलाओं द्वारा पाया, और एक दिन उसने प्रभु यीशु में विश्वास किया और अपना जीवन उसे समर्पित कर दिया। इसके कुछ समय पश्चात मार्था का निधन हो गया। आज वह स्वर्ग में अपने प्रभु के साथ है क्योंकि १६ महिलाओं ने प्रभु यीशु के उदाहरण का अनुसरण करके, परमेश्वर के प्रेम को उसे प्रदर्शित करके दिखाया।

   प्रभु यीशु ने, अपने पृथ्वी के प्रवास के समय, परमेश्वर के प्रेम को अपने जीवन के द्वार दिखाया। जिस नम्र आज्ञाकारिता का बीड़ा उसने स्वर्ग से पृथ्वी पर मानव रूप में आते समय उठाया था, उसने उसे जी कर भी दिखाया। अपने पृथ्वी के समय में उसने मानव स्वरूप की सीमाओं में अपना जीवन व्यतीत किया, विरोधियों की घोर निन्दा सही, किंतु अपनी ईश्वरीय सामर्थ को उसने केवल दूसरों के भले के लिए, बिमारों को चंगा करने, संसार के त्यागे और तुच्छ समझे जाने वाले लोगों की सहायता करने में उपयोग किया। क्रूस पर चढ़ाए जाने से पहले, अपने चेलों के साथ भोजन करते समय, उनके पांव धोकर उसने अपने विनीत स्वभाव का एक और उदाहरण उनके समक्ष रखा और उन्हें उस उदाहरण का अनुसरण करने की आज्ञा दी। उसे एक अपराधी के समान रोमी क्रूस पर चढ़ा कर मार डाला गया। उसका समस्त जीवन परमेश्वर के प्रेम और धीरज का प्रतिबिंब था; उस ने कहा, "जिस ने मुझे देखा है उस ने पिता को देखा है" (युहन्ना १४:९)।

   आज प्रभु यीशु हमारे साथ सदेह पृथ्वी पर नहीं है, वह पिता परमेश्वर के पास हमारे लिए विनती करता है; लेकिन उस स्वर्गीय प्रेम को प्रदर्शित करने का बीड़ा उसने अपने चेलों को सौंपा है। हम जो मसीही विश्वासी हैं, हमारी यह ज़िम्मेदारी है कि हम उसके इस प्रेम को संसार के समक्ष प्रस्तुत करें। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


मेरा जीवन मेरे पड़ौसी के सामने मेरे परमेश्वर के स्वरूप को प्रदर्शित करता है।

क्‍योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो। - युहन्ना १३:१५

बाइबल पाठ: युहन्ना १३:१-१७
    Joh 13:1  फसह के पर्ब्‍ब से पहिले जब यीशु ने जान लिया, कि मेरी वह घड़ी आ पहुंची है कि जगत छोड़ कर पिता के पास जाऊं, तो अपने लोगों से, जो जगत में थे, जैसा प्रेम वह रखता था, अन्‍त तक वैसा ही प्रेम रखता रहा।
    Joh 13:2  और जब शैतान शमौन के पुत्र यहूदा इस्‍किरयोती के मन में यह डाल चुका था, कि उसे पकड़वाए, तो भोजन के समय।
    Joh 13:3  यीशु ने यह जान कर कि पिता ने सब कुछ मेरे हाथ में कर दिया है और मैं परमेश्वर के पास से आया हूं, और परमेश्वर के पास जाता हूं।
    Joh 13:4  भोजन पर से उठ कर अपने कपड़े उतार दिए, और अंगोछा लेकर अपनी कमर बान्‍धी।
    Joh 13:5  तब बरतन में पानी भर कर चेलों के पांव धोने और जिस अंगोछे से उस की कमर बन्‍धी थी उसी से पोंछने लगा।
    Joh 13:6  जब वह शमौन पतरस के पास आया: तब उस ने उस से कहा, हे प्रभु,
    Joh 13:7  क्‍या तू मेरे पांव धोता है? यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि जो मैं करता हूं, तू अब नहीं जानता, परन्‍तु इस के बाद समझेगा।
    Joh 13:8  पतरस ने उस से कहा, तू मेरे पांव कभी न धोने पाएगा: यह सुन कर यीशु ने उस से कहा, यदि मैं तुझे न धोऊं, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी साझा नहीं।
    Joh 13:9  शमौन पतरस ने उस से कहा, हे प्रभु, तो मेरे पांव ही नहीं, वरन हाथ और सिर भी धो दे।
    Joh 13:10  यीशु ने उस से कहा, जो नहा चुका है, उसे पांव के सिवा और कुछ धोने का प्रयोजन नहीं; परन्‍तु वह बिलकुल शुद्ध है: और तुम शुद्ध हो परन्‍तु सब के सब नहीं।
    Joh 13:11  वह तो अपने पकड़वाने वाले को जानता था इसी लिये उस ने कहा, तुम सब के सब शुद्ध नहीं।
    Joh 13:12  जब वह उन के पांव धो चुका और अपने कपड़े पहिन कर फिर बैठ गया तो उन से कहने लगा, क्‍या तुम समझे कि मैं ने तुम्हारे साथ क्‍या किया?
    Joh 13:13  तुम मुझे गुरू, और प्रभु, कहते हो, और भला कहते हो, क्‍योंकि मैं वही हूं।
    Joh 13:14  यदि मैं ने प्रभु और गुरू हो कर तुम्हारे पांव धोए तो तुम्हें भी एक दुसरे के पांव धोना चाहिए।
    Joh 13:15  क्‍योंकि मैं ने तुम्हें नमूना दिखा दिया है, कि जैसा मैं ने तुम्हारे साथ किया है, तुम भी वैसा ही किया करो।
    Joh 13:16  मैं तुम से सच सच कहता हूं, दास अपने स्‍वामी से बड़ा नहीं और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
    Joh 13:17  तुम तो ये बातें जानते हो, और यदि उन पर चलो, तो धन्य हो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह १८-१९ 
  • २ तिमुथियुस ३

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2011

सच्चा सहायक

   एक जवान किसान द्वारा आत्महत्या करे जाने के पश्चात उसकी पत्नि ने उसके विष्य में कहा, "उनके लिए खेती केवल एक व्यवसाय नहीं था; वह उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता, उनका धर्म था। ज़मीन के साथ मेहनत करने से हम दोनो को ऐसा लगता था मानो हम सर्वशक्तिमान के साथ हैं; लेकिन यह अनुभव उनके लिए अब कड़ुवा होने लगा था और वे इसे सह नहीं पाए।" ऐसे लोगों के बारे में जान कर उनके लिए मेरा दिल भर आता है। इन लोगों के पास परमेश्वर की सृष्टि के लिए गहरी लगन और चाह है और वे उसके लिए कड़ी मेहनत करने को भी तैयार रहते हैं; परन्तु बहुत से लोग एक दुखद अन्त को आ जाते हैं क्योंकि वे गलत ईश्वरों की उपासना में लग जाते हैं। यह उपासना दुष्टों द्वारा शरीर की लालसाओं के कारण अपराध तथा वासना रूपी ईश्वर की भी हो सकती है, या भले लोगों द्वारा अपनी सेहत, शरीर और परिवार की उपेक्षा करके अपने कार्य रूपी ईश्वर की भी हो सकती है।

   जब कभी कोई भी चीज़ हमारे जीवन में इतनी महत्वपूर्ण हो जाती है कि उसका स्थान प्रथम और अन्य हर बात का उसके पश्चात हो जाता है, तो वह हमारा ईश्वर बन जाती है; प्रेरित युहन्ना ने चिताया: "तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्‍तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। क्‍योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्‍ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्‍तु संसार ही की ओर से है" (१ युहन्ना २:१५, १६)।

   जब हम सच्चे जीवते परमेश्वर से अधिक महत्व किसी भी अन्य को देने लगते हैं, तो यह उसकी उपासना करने के समान है। वह जो भी हो, सदाकाल तक बना नहीं रहेगा; और ना ही जब हमारी योजनाएं विफल होने लगें, स्वास्थ्य बिगड़ने लगे या अन्त समय आ जाए तो वह हमारी कोई सहायता करने पाएगा। केवल परमेश्वर के वचन बाइबल में वर्णित सच्चा जीविता परमेश्वर ही ऐसे में हमारा सहायक हो सकता है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

जो भी प्रभु यीशु के प्रति हमारे प्रेम को ठंडा करता है, वही "संसार" है।

तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। - व्यवस्थाविवरण ६:५
 
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ६:१-७
    Deu 6:1  यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकरी होने को पार जाने पर हो
    Deu 6:2  और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
    Deu 6:3  हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
    Deu 6:4  हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
    Deu 6:5  तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
    Deu 6:6  और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
    Deu 6:7  और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझा कर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह १५-१७ 
  • २ तिमुथियुस २

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2011

लालसाएं

   बच्चे को खिलौने वाला ट्रक चहिए था, और उसने स्टोर में उपस्थित प्रत्येक जन को इससे अवगत करा दिया; जब उसकी माँ ने ट्रक खरीदने के उसके आग्रह को नहीं माना तो उस बच्चे ने ज़ोर से रोना और हाथ-पैर मारना आरंभ कर दिया। उसका रोना-चिल्लाना बढ़ता ही गया, जब तक परेशान होकर मँ ने उसे उसका मनपसन्द खिलौना दिलवा नहीं दिया।

   मैं यह सब देख रहा था, और मुझे अपनी माँ की कही बात स्मरण हो आई; वे कहा करती थीं: "वस्तुओं पर अपना मन मत लगाओ।"

   आज के समय में, जब आकर्षक विज्ञापनों का बोल-बाला है, तो अपने आप को वस्तुओं के आकर्षण से अछूता रखना विश्वासियों के लिए भी कठिन होता जा रहा है। पत्रिकाओं में रंगीन चित्र और विज्ञापन, रेडियो पर लुभावने सन्देश, टेलिविज़न पर दिखाई जाने वाली आकर्षक वस्तुएं - यह सब हमें ऐसा प्रतीत करवाती हैं कि मानो हम इन वस्तुओं के बिना रह ही नहीं सकते।

   प्रभु के चेले और प्रेरित पतरस ने हमें चिताया: "परन्‍तु प्रभु का दिन चोर की नाईं आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्‍द से जाता रहेगा, और तत्‍व बहुत ही तप्‍त होकर पिघल जाएंगे, और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाऐंगे। तो जब कि ये सब वस्‍तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चालचलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए" (२ पतरस २:१०, ११)। क्योंकि संसारिक वस्तुएं नाशमान हैं, इसलिए हमें उन वस्तुओं पर ध्यान लगाना चाहिए जो चिर स्थाई हैं, "पृथ्वी पर की नहीं परन्‍तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ" (कुलुस्सियों ३:२)।

   हमें संसार की वस्तुओं के अर्जित करने की प्रवृति से बचना चाहिए क्योंकि वे ऐसी लालसएं बन जातीं हैं जो हमें प्रभु से दूर कर देती हैं। भौतिक वस्तुएं तो नाशमान हैं, किंतु आत्मिक चिर स्थाई हैं। - रिचर्ड डी हॉन

संसार की वस्तुओं को हलके से, परन्तु स्वर्गीय वस्तुओं को मज़बूती से थामे रहो।

क्‍योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा। - मत्ती ६:२१

बाइबल पाठ: मत्ती ६:१९-३४
    Mat 6:19  अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं।
    Mat 6:20  परन्‍तु अपने लिये स्‍वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं।
    Mat 6:21  क्‍योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा।
    Mat 6:22  शरीर का दिया आंख है: इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा।
    Mat 6:23  परन्‍तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्‍धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्‍धकार हो तो वह अन्‍धकार कैसा बड़ा होगा।
    Mat 6:24  कोई मनुष्य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्‍योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्‍छ जानेगा; तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते।
    Mat 6:25  इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्‍या खाएंगे और क्‍या पीएंगे और न अपने शरीर के लिये कि क्‍या पहिनेंगे क्‍या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?
    Mat 6:26  आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्‍या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते?
    Mat 6:27  तुम में कौन है, जो चिन्‍ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
    Mat 6:28  और वस्‍त्र के लिये क्‍यों चिन्‍ता करते हो जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं।
    Mat 6:29  तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
    Mat 6:30  इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्‍योंकर न पहिनाएगा?
    Mat 6:31  इसलिये तुम चिन्‍ता करके यह न कहना, कि हम क्‍या खाएंगे, या क्‍या पीएंगे, या क्‍या पहिनेंगे?
    Mat 6:32  क्‍योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिए।
    Mat 6:33  इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएं तुम्हें मिल जाएंगी।
    Mat 6:34  सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्‍योकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह १२-१४ 
  • २ तिमुथियुस १

बुधवार, 26 अक्टूबर 2011

स्वर्गीय लोग

    मध्य-पूर्व एशिया की दो कब्रें आपस में बहुत फर्क रखती हैं तथा सांसारिक और स्वर्गीय लोगों की तुलना और उनके भेदों को समझाती हैं। एक कब्र है मिस्त्र के प्राचीन राजा तूत की - जिसकी भीतरी दीवारें कीमती धातु और नीले रंग के चीनी मिट्टी से ढकी हैं, राजा का शव विशेष द्रव्यों के लेप से सुरक्षित किया गया है और सुनहरे ताबूत में रखा गया है। संभवतः राजा तूत ने अपने मृत्युओपरांत जीवन के लिए अपनी दौलत और वैभव को आधार बनाया था।

   दूसरी कब्र पलस्तीन में है, एक चट्टान खोदकर बनाई गई साधारण सी गुफानुमा कब्र, जिस पर किसी का कोई नाम अंकित नहीं है, न वह सुसज्जित है, न उसमें कोई सांसारिक वस्तुओं का खज़ाना रखा है और ना ही वहां कोई शव या ताबूत है। यह खाली कब्र प्रभु यीशु के तीन दिन के दफन का स्थान मानी जाती है। प्रभु यीशु को इस संसार के खज़ाने जमा करने का कोई प्रयोजन नहीं था; उसका उद्देश्य तो अपने पिता की आज्ञा पूरी करके समस्त संसार के लिए स्वर्ग तथा उद्धार का मार्ग खोलना था।

   मसीही विश्वासी स्वर्गीय लोग हैं। प्रेरित पौलुस ने विश्वासियों की मण्डली के लोगों को लिखा कि परमेश्वर ने उन्हें "मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया" (इफिसीयों २:६); "पर हमारा स्‍वदेश स्‍वर्ग पर है; और हम अपने उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने की बाट जोह रहे हैं" (फिलिप्पियों ३:२०); "सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है" (कुलुस्सियों ३:१)। जब हम विचार, बोल और कार्य में मसीह यीशु के समान होने का प्रयास करते रहेंगे, हम इस संसार में स्वर्गीय लोगों के समान जीवन भी प्रदर्शित करते रहेंगे।

   जो दौलत और खज़ाने हम इस संसार में अर्जित करते हैं वे हमारे जीवनोपरांत यहीं रह जाएंगे और संसार के साथ नष्ट हो जाएंगे; परन्तु जो खज़ाने हम स्वर्ग में अर्जित करते हैं वे अनन्त काल के लिए हमारे साथ बने रहेंगे। - पौल वैन गोर्डर

बुद्धिमान वे हैं जो स्वर्गीय खज़ानों को अपना लक्षय बना कर जीते हैं।

सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है। - कुलुस्सियों ३:१

बाइबल पाठ: कुलुस्सियों ३:१-१७
    Col 3:1  सो जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए, तो स्‍वर्गीय वस्‍तुओं की खोज में रहो, जहां मसीह वर्तमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
    Col 3:2  पृथ्वी पर की नहीं परन्‍तु स्‍वर्गीय वस्‍तुओं पर ध्यान लगाओ।
    Col 3:3  क्‍योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
    Col 3:4  जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे।
    Col 3:5  इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्‍कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
    Col 3:6  इन ही के कारण परमेश्वर का प्रकोप आज्ञा न मानने वालों पर पड़ता है।
    Col 3:7  और तुम भी, जब इन बुराइयों में जीवन बिताते थे, तो इन्‍हीं के अनुसार चलते थे।
    Col 3:8  पर अब तुम भी इन सब को अर्थात क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्‍दा, और मुंह से गालियां बकना ये सब बातें छोड़ दो।
    Col 3:9  एक दूसरे से झूठ मत बोलो क्‍योंकि तुम ने पुराने मनुष्यत्‍व को उसके कामों समेत उतार डाला है।
    Col 3:10  और नए मनुष्यत्‍व को पहिन लिया है जो अपने सृजनहार के स्‍वरूप के अनुसार ज्ञान प्राप्‍त करने के लिये नया बनता जाता है।
    Col 3:11  उस में न तो यूनानी रहा, न यहूदी, न खतना, न खतनारिहत, न जंगली, न स्‍कूती, न दास और न स्‍वतंत्र: केवल मसीह सब कुछ और सब में है।
    Col 3:12  इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं की नाईं जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करूणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो।
    Col 3:13  और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
    Col 3:14  और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो।
    Col 3:15  और मसीह की शान्‍ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।
    Col 3:16  मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दो; और सिद्ध ज्ञान सहित एक दूसरे को सिखाओ, और चिताओ, और अपने अपने मन में अनुग्रह के साथ परमेश्वर के लिये भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाओ।
    Col 3:17  और वचन से या काम से जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ९-११ 
  • १ तिमुथियुस ६

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2011

आकर्षण

   एक व्यक्ति अपने मित्र से मिलने उसके शहर गया। मित्र ने उसे अपने शहर का एक सुन्दर भवन दिखाया, किंतु उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई। उसकी खामोशी से निराश हो कर मित्र ने पूछा, "क्या यह भवन तुम्हें सुन्दर नहीं लगा?" उसने उत्तर दिया, "नहीं, क्योंकि मैं रोम के भवन देख कर आ रहा हूँ।" क्योंकि वह रोम के भव्य भवन देख चुका था, इसलिए मित्र के शहर के भवन उनके सामने उसे फीके प्रतीत हुए और उसे उन भवनों में कोई रुचि नहीं हुई।

   प्रसिद्ध प्रचारक स्पर्जन ने इस कहानी पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हे मसीही विश्वासी, यदि संसार तुम्हें अपने दृश्यों और संभावनाओं द्वारा आकर्षित करता है, तो स्वर्ग के उस दर्शन के समक्ष जो तुम्हें दिया गया है, और जिसे तुम विश्वास द्वारा कभी भी पुनः देख सकते हो, संसार के उन दृश्यों और प्रलोभनों को तुच्छ जानो।"
   जिन विश्वासियों ने परमेश्वर के वचन में विश्वास द्वारा स्वर्ग का स्वाद चख लिया है, और मसीह यीशु में होकर मिलने वाली स्वर्गीय आशीशों को जान लिया है, वे इस संसार के प्रलोभनों से आकर्षित नहीं होते। वे संसार के खोखलेपन और व्यर्थ आकर्षणों की सत्यता को पहचानते हैं और उनसे प्रभावित नहीं होते।

   खरी और अनन्त मूल्य की बातों को पहचान कर वे संसार की क्षणिक और नशवर बातों के लिए कहते हैं, "यह संसार ले लो, और मुझे यीशु दे दो।" - रिचर्ड डी हॉन

यदि मसीह हमें आकर्षित करता है तो संसार हमारा ध्यान भंग नहीं कर सकता।

तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्‍तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। - १ युहन्ना २:१५
 
बाइबल पाठ: १ युहन्ना २:१२-१७
    1Jn 2:12  हे बालको, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि उसके नाम से तुम्हारे पाप क्षमा हुए।
    1Jn 2:13  हे पितरों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि जो आदि से है, तुम उसे जानते हो: हे जवानों, मैं तुम्हें इसलिये लिखता हूं, कि तुम ने उस दुष्‍ट पर जय पाई है: हे लड़कों मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि तुम पिता को जान गए हो।
    1Jn 2:14  हे पितरों, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि जो आदि से है तुम उसे जान गए हो: हे जवानो, मैं ने तुम्हें इसलिये लिखा है, कि बलवन्‍त हो, और परमेश्वर का वचन तुम में बना रहता है, और तुम ने उस दुष्‍ट पर जय पाई है।
    1Jn 2:15  तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्‍तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है।
    1Jn 2:16  क्‍योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्‍ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्‍तु संसार ही की ओर से है।
    1Jn 2:17  और संसार और उस की अभिलाषाएं दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्‍छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ६-८ 
  • १ तिमुथियुस ५

सोमवार, 24 अक्टूबर 2011

जीवन तथा आनन्द का आधार

   जो लोग अपने जीवन का आधार भौतिक वस्तुओं की अपेक्षा आत्मिक मूल्यों पर रखते हैं, वे जीवन के उतार-चढ़ाव झेलने के लिए सर्वदा तैयार रहते हैं। अपनी पुस्तक "जीवन की ४५० कहानियां" में गस्ट एन्डरसन कैनडा के एलबर्टा प्रांत में अपने अनुभव के बारे में बताते हैं। जब वे वहां पहुंचे तो पिछले ८ वर्षों से वहां अकाल पड़ा हुआ था, किसानों की अर्थिक स्थिति बदहाल थी; किंतु अपनी गरीबी के बावजूद कई किसान परमेश्वर की स्तुति और आराधना करने के लिए एकत्रित हुआ करते थे। उन में से एक किसान की गवाही ने एन्डरसन को बहुत प्रभावित किया, जब अपने पुराने वस्त्र पहने हुए वह खड़ा हुआ और परमेश्वर के वचन बाइबल से हबक्कुक की पुस्तक के एक खंड को उद्वत किया: "क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा।" - हबक्कुक ३:१७-१८

   जो भौतिक वस्तुएं धन द्वारा प्राप्त करी जा सकती हैं उनमें आनदित होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन हमें उन्हें कभी अपने आनन्द का आधार नहीं बनाना चहिए। यदि भौतिक वस्तुएं हमारे आनन्द का आधार बनती हैं, तो किसी कारणवश हमारे जीवन में उनके बने न रहने पर हम टूट जाते हैं, निराश हो जाते हैं। किंतु यदि हमारे आनन्द का आधार हमारा परमेश्वर प्रभु है, तो एसा कुछ भी नहीं है जो हमारे आधार को नष्ट कर सके, आर्थिक संकट भी नहीं। जो अपने परमेश्वर को जानते हैं और उसपर विश्वास रखते हैं वे तंगहाली और कठिनाईयों में भी उसमें आनन्दित रह सकते हैं। - रिचर्ड डी हॉन

खुशी घटनाओं पर आधारित हो सकती है, परन्तु अनन्त आनन्द प्रभु यीशु पर ही आधारित है।

क्योंकि चाहे अंजीर के वृक्षों में फूल न लगें, और न दाखलताओं में फल लगें, जलपाई के वृक्ष से केवल धोखा पाया जाए और खेतों में अन्न न उपजे, भेड़शालाओं में भेड़-बकरियां न रहें, और न थानों में गाय बैल हों, तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा। - हबक्कुक ३:१७-१८
 
बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ४
    2Co 4:1  इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
    2Co 4:2  परन्‍तु हम ने लज्ज़ा के गुप्‍त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्‍तु सत्य को प्रगट करके, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
    2Co 4:3  परन्‍तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
    2Co 4:4  और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्‍धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
    2Co 4:5  क्‍योंकि हम अपने को नहीं, परन्‍तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और उसके विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
    2Co 4:6  इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिस ने कहा, कि अन्‍धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
    2Co 4:7  परन्‍तु हमारे पास यह धन मिट्टी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
    2Co 4:8  हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
    2Co 4:9  सताए तो जाते हैं, पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
    2Co 4:10  हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
    2Co 4:11  क्‍योंकि हम जीते जी सर्वदा यीशु के कारण मृत्यु के हाथ में सौंपे जाते हैं कि यीशु का जीवन भी हमारे मरणहार शरीर में प्रगट हो।
    2Co 4:12  सो मृत्यु तो हम पर प्रभाव डालती है और जीवन तुम पर।
    2Co 4:13  और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं।
    2Co 4:14  क्‍योंकि हम जानते हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जान कर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा।
    2Co 4:15  क्‍योंकि सब वस्‍तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए।
    2Co 4:16  इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।
    2Co 4:17  क्‍योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्‍त जीवन महिमा उत्‍पन्न करता जाता है।
    2Co 4:18  और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्‍योंकि देखी हुई वस्‍तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्‍तु अनदेखी वस्‍तुएं सदा बनी रहती हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह ३-५ 
  • १ तिमुथियुस ४

रविवार, 23 अक्टूबर 2011

लक्षय पर दृष्टि

   पौल पोवेल ने एक चित्र का वर्णन लिखा जिसमें पुराने समय के माल तथा यात्रि ले जाने वाली घोड़ा गाड़ियों के एक काफिले को दिखाया गया है। रात्रि का समय है, सुरक्षा के लिए सभी घोड़ा गाड़ियों को गोलाकार खड़ा किया गया है, गोलाकार के मध्य में आग के चारों ओर काफिले के लोग एकत्रित हैं और काफिले का अगुआ उनसे कुछ बात कर रहा है। अगुए के सामने एक नक्षा बिछा हुआ है जिसपर एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा द्वारा उनका अब तब का तय किया हुआ मार्ग अंकित है। उस रेखा के एक सिरे पर अगुए की एक अंगुली रखी हुई है, चेहरे पर दृढ़ निश्चय झलक रहा है और दूसरा हाथ दूर हलके से दिख रहे पर्वत श्रंखला की ओर संकेत कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह कह रहा हो कि चाहे हमें इस ओर से पर्वत श्रंखला से होकर जाना पड़े अथवा दूसरी ओर से बहती नदी में से होकर, लेकिन हमारा लक्षय उधर पश्चिम दिशा की ओर ही रहेगा।

   प्रत्येक मसीही विश्वासी को भी ऐसे ही दृढ़ निश्चय के साथ अपने निशाने की ओर बढ़ना चाहिए। मसीही जीवन यात्रा आसान नहीं है। जो मार्ग हमारे परमेश्वर ने हमारे लिए चुना है उस में पर्वत हो सकते हैं, कठिनाईयां और प्रलोभन हमें मार्ग से भटकाने के लिए सामने आ सकते हैं, किंतु यदि हम अपनी दिशा और लक्षय - प्रभु यीशु मसीह पर अपनी नज़रें लगाए रहें तो हम मार्ग से नहीं भटकेंगे। यदि हम अपने प्रभु के पीछे विश्वासयोग्यता से होकर चलते रहें तो अपने लक्षय तक अवश्य पहुंचेंगे।

   जब कभी मार्ग में प्रलोभन या ध्यान भंग करने वाली बातें हमें मार्ग से भटका कर ले जाएं, तो हम अपनी इस गलती को मान कर उसके लिए प्रभु यीशु से क्षमा मांग सकते हैं और फिर अपनी नज़रें अपने लक्षय की ओर लगा कर आगे बढ़ सकते हैं। जब तक हमारी दृष्टि हमारे प्रभु पर लगी रहेगी, हमारी दृष्टि सही दिशा और लक्षय पर भी लगी रहेगी। - डेव एगनर


यदि दृष्टि लक्ष्य पर टिकी रहे तो कोई बाधा हमें रोक नहीं पाएगी।

...तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें। और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें;... - इब्रानियों १२:१, २
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों ११:३२-१२:२
    Heb 11:32  अब और क्‍या कहूँ क्‍योंकि समय नहीं रहा, कि गिदोन का, और बाराक और समसून का, और यिफतह का, और दाऊद का और शामुएल का, और भविष्यद्वक्ताओं का वर्णन करूं।
    Heb 11:33  इन्‍होंने विश्वास ही के द्वारा राज्य जीते; धर्म के काम किए; प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तुएं प्राप्‍त की, सिंहों के मुंह बन्‍द किए।
    Heb 11:34  आग की ज्‍वाला को ठंडा किया; तलवार की धार से बच निकले, निर्बलता में बलवन्‍त हुए; लड़ाई में वीर निकले; विदेशियों की फौजों को मार भगाया।
    Heb 11:35  स्‍त्रियों ने अपने मरे हुओं को फिर जीवते पाया; कितने तो मार खाते खाते मर गए और छुटकारा न चाहा; इसलिये कि उत्तम पुनरूत्थान के भागी हों।
    Heb 11:36  कई एक ठट्ठों में उड़ाए जाने, और कोड़े खाने, वरन बान्‍धे जाने और कैद में पड़ने के द्वारा परखे गए।
    Heb 11:37  पत्थरवाह किए गए; आरे से चीरे गए; उन की परीक्षा की गई; तलवार से मारे गए; वे कंगाली में और क्‍लेश में और दुख भोगते हुए भेड़ों और बकिरयों की खालें ओढ़े हुए, इधर उधर मारे मारे फिरे।
    Heb 11:38  और जंगलों, और पहाड़ों, और गुफाओं में, और पृथ्वी की दरारों में भटकते फिरे।
    Heb 11:39  संसार उन के योगय न था: और विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्‍छी गवाही दी गई, तौभी उन्‍हें प्रतिज्ञा की हुई वस्‍तु न मिली।
    Heb 11:40  क्‍योंकि परमेश्वर ने हमारे लिये पहिले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को न पहुंचे।
    Heb 12:1  इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकने वाली वस्‍तु, और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिस में हमें दौड़ना है, धीरज से दौड़ें।
    Heb 12:2  और विश्वास के कर्ता और सिद्ध करने वाले यीशु की ओर से ताकते रहें; जिस ने उस आनन्‍द के लिये जो उसके आगे धरा था, लज्ज़ा की कुछ चिन्‍ता न करके, क्रूस का दुख सहा; और सिंहासन पर परमेश्वर के दाहिने जा बैठा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यर्मियाह १-२ 
  • १ तिमुथियुस ३

शनिवार, 22 अक्टूबर 2011

दैनिक ताज़गी

   अपनी दैनिक क्रियाओं में हम सब लगभग उन्हीं बातों को दोहराते रहते हैं; हम सब प्रतिदिन खाते-पीते हैं, सोते-उठते हैं, कार्य करते हैं, अपनी सफाई करते हैं, इत्यादि। इसि प्रक्रिया को दोहराते दोहराते कभी कभी मन में विचार उठता है कि अन्ततः इस सब का प्रयोजन क्या है?

   परमेश्वर चाहता है कि हम इसे कुछ फर्क संदर्भ में देखें - बार बार दोहराई जाने वाली बातें भी मसीही विश्वासी के लिए कुछ महत्वपूर्ण रहस्य छिपाए हुए होती हैं। परमेश्वर की योजना का एक भाग है कि बार बार दोहराई जाने वाली बातों में भी उसके मार्गदर्शन को ढूंढें और उसका पालन करें।

   संसार एक मंच के समान है जिस पर अनन्तता का नाटक प्रदर्शित हो रहा है। प्रत्येक दृश्य के लिए मंच के परदे के उठने और गिरने के समान सूर्य भी प्रतिदिन के दृश्य के लिए उदय और अस्त होता है। इस दैनिक दश्य में हम कलाकार अपनी भूमिकाओं और अपने संवाद की पंक्तियों को दोहराने के बारे में निर्णय लेते हैं - या तो हम अधीरता से केवल दश्य की समाप्ति के लिए अपनी भूमिकाएं और पंक्तियां, बिना किसी लगन और अनमने होकर के दोहरा मात्र देते हैं, अथवा उस दृश्य के लिए हम नाटक के निर्देशक की मनसा जान कर के अपनी भूमिका को उसकी इच्छा के अनुसार निभाते हैं। अवश्य ही परिस्थितियां और भूमिकाएं नित्यक्रमानुसार ही हैं, और हमें लग सकता है कि हम यह पहले भी निभा चुके हैं, किन्तु नित्यप्रायः कार्यों में सहर्ष भाग लेना हम में चरित्र का गठन करता है, हमारे विश्वास को मज़बूत करता है, हमारी आशा को बढ़ाता है और हम में सहनशीलता का विकास करता है।

   प्रतिदिन के सामन्य कार्यों के द्वारा परमेश्वर हमें सिखाता है कि हमारे पृथ्वी के जीवनों के लिए व्यर्थ दोहराने से बढ़कर कुछ निर्धारित है। दिन-प्रतिदिन परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना दैनिक ताज़गी का मूल मंत्र है। - मार्ट डी हॉन


अगर जीवन सान के पत्थर के समान है, तो उसे अपने चरित्र की धार बनाने के लिए उपयोग कीजिए।
 
जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है। - सभोपदेशक १:९
 
बाइबल पाठ: सभोपदेशक १:१-९
    Ecc 1:1  यरूशलेम के राजा, दाऊद के पुत्र और उपदेशक के वचन।
    Ecc 1:2  उपदेशक का यह वचन है, कि व्यर्थ ही व्यर्थ, व्यर्थ ही व्यर्थ! सब कुछ व्यर्थ है।
    Ecc 1:3  उस सब परिश्रम से जिसे मनुष्य धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है?
    Ecc 1:4  एक पीढ़ी जाती है, और दूसरी पीढ़ी आती है, परन्तु पृथ्वी सर्वदा बनी रहती है।
    Ecc 1:5  सूर्य उदय होकर अस्त भी होता है, और अपने उदय की दिशा को वेग से चला जाता है।
    Ecc 1:6  वायु दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है।
    Ecc 1:7  सब नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, तौभी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियां निकलती हैं, उधर ही को वे फिर जाती हैं।
    Ecc 1:8  सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता, न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।
    Ecc 1:9  जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ६५-६६ 
  • १ तिमुथियुस २

शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

निर्थक और अयोग्य?

   किसी मूर्ख और अयोग्य व्यक्ति को लुप्त हो चुके डोडो पक्षी की संज्ञा दी जाती है। डोडो पक्षी हिन्द महासागर के तीन द्वीपों ही में पाए जाते थे। वे देखने में बहुत भद्दे और भारीभरकम होते थे; पूंछ के नाम पर उनके परों का एक गुच्छा होता था और पंखों के नाम पर ठूंठ जैसे अंग जिन पर तीन या चार काले पर लगे होते थे। उनकी खूंटी जैसी बड़ी सी चोंच और बड़े बड़े बेडौल पैर होते थे। इन पक्षियों के खोजने वालों ने उनके संबंध में लिखा कि "हम इन्हें घृणित पक्षी बुलाते थे क्योंकि जितना अधिक इनके माँस को पकाओ, वह उतना ही अधिक कड़ा और बेस्वाद होता जाता था।" उन द्वीपों पर आकर बसने वालों ने इन निर्थक और अयोग्य लगने वाले असहाय पक्षियों का सफाया कर दिया।

   लेकिन १९७७ में वैज्ञानिकों ने जाना कि उन्हीं द्वीपों में पाए जाने वाले बहुत ही सुन्दर कल्वेरिया वृक्षों के भी लुप्त होते जाने का कारण डोडो पक्षियों का ना होना है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कल्वेरिया पेड़ का बीज बहुत सख्त छिलके से ढका होता था, जिसे डोडो पक्षी खाते थे और उनके पेट तथा अंतड़ियों से होकर निकलने से बीज का बाहरी सख्त खोल हट जाता था और उसके पश्चात डोडो से बाहर आने पर बीज अंकुरित हो पाने के योग्य हो पाते थे। अब बाकि बचे हुए केवल १३ सुन्दर कल्वेरिया पेड़ों को बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक प्रयास किया और डोडो की जाति के समान एक अन्य पक्षी - टर्की को उन द्वीपों में लाया गया; प्रयोग सफल रहा और वे पेड़ लुप्त होने से बच गए।

   जैसे परमेश्वर की प्रकृति में, वैसे ही परमेश्वर की मण्डली में, कुछ भी या कोई भी निर्थक और अयोग्य नहीं है; परमेश्वर कुछ व्यर्थ नहीं रचता। हम में से प्रत्येक उसके लिए आवश्यक है, चाहे हमें यह लगे या ना लगे, लेकिन अपनी मण्डली में उसने प्रत्येक को अपनी योजना के अनुसार तैयार करके रखा है।

   मसीह की देह, उसकी मण्डली में प्रत्येक विश्वासी का अनन्त उद्देश्य है। - मार्ट डी हॉन

जो मनुष्यों की दृष्टि में अयोग्य प्रतीत होते हैं, वे अकसर परमेश्वर की दृष्टि में महान होते हैं।

परन्‍तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्‍छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है। - १ कुरिन्थियों १२:१८
 
बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों १२:१२-२७
    1Co 12:12  क्‍योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।
    1Co 12:13  क्‍योंकि हम सब ने क्‍या यहूदी हो, क्‍या युनानी, क्‍या दास, क्‍या स्‍वतंत्र एक ही आत्मा के द्वारा एक देह होने के लिये बपतिस्मा लिया, और हम एक को एक ही आत्मा पिलाया गया।
    1Co 12:14  इसलिये कि देह में एक ही अंग नहीं, परन्‍तु बहुत से हैं।
    1Co 12:15  यदि पांव कहे: कि मैं हाथ नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्‍या वह इस कारण देह का नहीं?
    1Co 12:16  और यदि कान कहे कि मैं आंख का नहीं, इसलिये देह का नहीं, तो क्‍या वह इस कारण देह का नहीं?
    1Co 12:17  यदि सारी देह आंख की होती तो सुनना कहां से होता? यदि सारी देह कान ही होती तो सूंघना कहां होता?
    1Co 12:18  परन्‍तु सचमुच परमेश्वर ने अंगो को अपनी इच्‍छा के अनुसार एक एक करके देह में रखा है।
    1Co 12:19  यदि वे सब एक ही अंग होते, तो देह कहां होती?
    1Co 12:20  परन्‍तु अब अंग तो बहुत से हैं, परन्‍तु देह एक ही है।
    1Co 12:21  आंख हाथ से नहीं कह सकती, कि मुझे तेरा प्रयोजन नहीं, और न सिर पांवों से कह सकता है, कि मुझे तुम्हारा प्रयोजन नहीं।
    1Co 12:22  परन्‍तु देह के वे अंग जो औरों से निर्बल देख पड़ते हैं, बहुत ही आवश्यक हैं।
    1Co 12:23  और देह के जिन अंगो को हम आदर के योग्य नहीं समझते हैं उन्‍ही को हम अधिक आदर देते हैं; और हमारे शोभाहीन अंग और भी बहुत शोभायमान हो जाते हैं।
    1Co 12:24  फिर भी हमारे शोभायमान अंगो को इस का प्रयोजन नहीं, परन्‍तु परमेश्वर ने देह को ऐसा बना दिया है, कि जिस अंग को घटी थी उसी को और भी बहुत आदर हो।
    1Co 12:25  ताकि देह में फूट न पड़े, परन्‍तु अंग एक दूसरे की बराबर चिन्‍ता करें।
    1Co 12:26  इसलिये यदि एक अंग दु:ख पाता है, तो सब अंग उसके साथ दु:ख पाते हैं; और यदि एक अंग की बड़ाई होती है, तो उसके साथ सब अंग आनन्‍द मनाते हैं।
    1Co 12:27  इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो, और अलग अलग उसके अंग हो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ६२-६४ 
  • १ तिमुथियुस १

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2011

सम्मानजनक कार्य

   चाहे वह कितनी भी छोटी लगे, परमेश्वर की सेवा में उपयोग होना वास्तव में बहुत बड़ा सम्मान है। भजन ८४ का लेखक इस बात को भली भांति जानता था। वह संभवतः परमेश्वर के मन्दिर की सेवकाई को समर्पित लेवी गोत्र का कोई सदस्य था जो, जब उसने यह भजन लिखा तब किसी कारणवश, मन्दिर में नहीं रहता था।
   उसकी अनुपस्थिति का जो भी कारण रहा हो, लेकिन भजन यह बात दर्शाता है कि वह बहुत लालसा से मन्दिर में उपस्थित रहना चाहता था; उसने मन्दिर में घोंसला बना कर रहने वाले पक्षियों के बारे में सोचकर उन्हें धन्य जाना (पद ३, ४); उन तीर्थयात्रियों के विष्य में सोचा जो मन्दिर में दर्शन की यात्रा कर रहे थे और उन्हें धन्य जाना (पद ५-७)। उसने परमेश्वर से प्रार्थना करी और चाहा कि परमेश्वर उसकी सुधि ले और चाहे उसे मन्दिर की डेवढ़ी पर खड़ा रहने वाला द्वारपाल ही बनने दे, तो यह भी उसे दुष्टों के साथ किसी ऊंचे स्थान पर बैठने की अपेक्षा स्वीकार होगा।

   कई वर्षों से परमेश्वर की सेवकाई में लगे लोगों के साथ काम करते करते, मैं ने उन लोगों का बहुत आदर करता हूँ जो परमेश्वर के नाम से और परमेश्वर के लिए छोटे से छोटा काम करने को भी बड़ी बात मानते हैं।  उनके पास जो भी कार्यकुशलता होती है, वे उसे परमेश्वर की सेवकाई में लगा देते हैं; जैसे, परमेश्वर के भवन की मरम्मत करना, किसी बुज़ुर्ग को चर्च लाने के लिए अपनी गाड़ी का उपयोग करना, जो चर्च नहीं आ पाते उनके पास जाकर कारण का पता करना और उनकी सुधि लेना, आदि। अन्य लोग स्वयंसेवक बनकर सौंपे गए किसी भी कार्य को सहर्ष कर देते हैं।

   ये वे समर्पित लोग हैं जो परमेश्वर के लिए, प्रसन्न्ता से कुछ भी करने को तैयार रहते हैं; इनके लिए कोई काम छोटा नहीं है, वरन परमेश्वर के लिए किया गया प्रत्येक कार्य सम्मानजनक है, तथा उनके लिए आदर की बात है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


परमेश्वर कई दफा हमें थोड़ा देकर परखता है कि हम बड़ा कैसे संभालेंगे।

क्योंकि तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है। - भजन ८४:१०
 
बाइबल पाठ: भजन ८४
    Psa 84:1  हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं!
    Psa 84:2  मेरा प्राण यहोवा के आंगनों की अभिलाषा करते करते मूर्च्छित हो चला; मेरा तन मन दोंनो जीवते ईश्वर को पुकार रहे।
    Psa 84:3  हे सेनाओं के यहोवा, हे मेरे राजा, और मेरे परमेश्वर, तेरी वेदियों में गौरैया ने अपना बसेरा और शूपाबेनी ने घोंसला बना लिया है जिस में वह अपने बच्चे रखे।
    Psa 84:4  क्या ही धन्य हैं वे, जो तेरे भवन में रहते हैं; वे तेरी स्तुति निरन्तर करते रहेंगे।
    Psa 84:5  क्या ही धन्य है, वह मनुष्य जो तुझ से शक्ति पाता है, और वे जिनको सिय्योन की सड़क की सुधि रहती है।
    Psa 84:6  वें रोने की तराई में जाते हुए उस को सोतों का स्थान बनाते हैं, फिर बरसात की अगली वृष्टि उसमें आशीष ही आशीष उपजाती है।
    Psa 84:7  वे बल पर बल पाते जाते हैं; उन में से हर एक जन सिय्योन में परमेश्वर को अपना मुंह दिखाएगा।
    Psa 84:8  हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन, हे याकूब के परमेश्वर, कान लगा!
    Psa 84:9  हे परमेश्वर, हे हमारी ढ़ाल, दृष्टि कर; और अपने अभिषिक्ति का मुख देख!
    Psa 84:10  क्योंकि तेरे आंगनों में का एक दिन और कहीं के हजार दिन से उत्तम है। दुष्टों के डेरों में वास करने से अपने परमेश्वर के भवन की डेवढ़ी पर खड़ा रहना ही मुझे अधिक भावता है।
    Psa 84:11  क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं उन से वह कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा।
    Psa 84:12  हे सेनाओं के यहोवा, क्या ही धन्य वह मनुष्य है, जो तुझ पर भरोसा रखता है!
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५९-६१ 
  • २ थिस्सलुनिकियों ३

बुधवार, 19 अक्टूबर 2011

विश्वासयोग्य फीबी

   जब किसी ने एक बाइबल शिक्षक से पूछा कि उनका बाइबल का प्रीय भाग कौन सा है तो उन्हों ने उत्तर दिया, "रोमियों की पत्री का अन्तिम अध्याय।" प्रश्नकर्ता ने अश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, "बड़ी विचित्र बात है, उस अध्याय में तो अधिकांशतः नामों की सूची ही है।" प्रचारक ने उत्तर दिया, "जी हां; जिनके नाम वहां लिखे हैं वे सब अलग अलग व्यक्तित्व के लोग हैं, किंतु प्रत्येक ने अपनी सेवकाई द्वारा विशिष्ट योगदान दिया। परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने उनके नाम वहां दर्ज करवाए जिससे हमें यह ज्ञात हो सके कि परमेश्वर उन सब से प्रेम करता था और उनके कार्य का आदर करता है।"

   पौलुस प्रेरित ने रोमियों के अन्तिम अध्याय का आरंभ फीबी की प्रशंसा से किया। उसने अपने समकालीन विश्वासियों से कहा कि जब कभी आवश्यक्ता हो तो वे फीबी की सहायता करें "क्‍योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है" (रोमियों १६:२)।

   कई बार हम सोचते हैं कि सबसे प्रभावी मसीही सेवक वे ही हैं जो किसी सांसारिक काम में लगे बिना केवल मसीही सेवकाई में ही अपना जीवन व्यतीत कर देते हैं; और हम उन अनगिनित लोगों के सेवकाई के कार्यों को सम्मान देने से रह जाते हैं, जिनके नाम प्रसिद्ध नहीं हो पाए। जिनके नाम सेवकाई में प्रसिद्ध हुए हैं उनको आदर देना स्वाभाविक बात है, लेकिन हमें उनका भी ध्यान करना चाहिए, उन्हें भी प्रोत्साहित करना चहिए और उनके लिए भी प्रार्थनाएं करनी चाहिएं जो फीबी के समान हैं।

   प्रभु के कार्य में आपका थोड़ा सा योगदान किसी अन्य संघर्षरत मसीही सेवक के लिए प्रोत्साहन का साधन और संघर्ष मे विजयी होने का कारण बन सकता है। एसी सहायता की कभी अनदेखी नहीं होगी, और परमेश्वर आपका भी नाम फीबी के समान अपने विशिष्ट सेवकों की सूची में प्रतिफल के लिए शामिल कर लेगा। - हेनरी बौश

इस विचार से कि हम कुछ विशेष नहीं कर सकते, कुछ भी न करना बहुत बड़ी बरबादी है।

प्रिसका और अक्‍विला को भी जो यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्‍कार। उन्‍होंने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं। - रोमियों १६:३, ४

बाइबल पाठ: रोमियों १६:१-१५
    Rom 16:1  मैं तुम से फीबी की, जो हमारी बहिन और किंखिया की कलीसिया की सेविका है, बिनती करता हूं।
    Rom 16:2  कि तुम, जैसा कि पवित्र लोगों को चाहिए, उसे प्रभु में ग्रहण करो, और जिस किसी बात में उस को तुम से प्रयोजन हो, उस की सहायता करो; क्‍योंकि वह भी बहुतों की वरन मेरी भी उपकारिणी हुई है।
    Rom 16:3  प्रिसका और अक्‍विला को भी जो यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्‍कार।
    Rom 16:4  उन्‍होंने मेरे प्राण के लिये अपना सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।
    Rom 16:5  और उस कलीसिया को भी नमस्‍कार जो उन के घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को जो मसीह के लिये आसिया का पहिला फल है, नमस्‍कार।
    Rom 16:6  मरियम को जिस ने तुम्हारे लिये बहुत परिश्रम किया, नमस्‍कार।
    Rom 16:7  अन्‍द्रुनीकुस और यूनियास को जो मेरे कुटम्बी हैं, और मेरे साथ कैद हुए थे, और प्रेरितों में नामी हैं, और मुझ से पहिले मसीह में हुए थे, नमस्‍कार।
    Rom 16:8  अम्पलियातुस को, जो प्रभु में मेरा प्रिय है, नमस्‍कार।
    Rom 16:9  उरबानुस को, जो मसीह में हमारा सहकर्मी है, और मेरे प्रिय इस्‍तखुस को नमस्‍कार।
    Rom 16:10  अपिल्लेस को जो मसीह में खरा निकला, नमस्‍कार। अरिस्‍तुबुलुस के घराने को नमस्‍कार।
    Rom 16:11  मेरे कुटुम्बी हेरोदियोन को नमस्‍कार। नरिकयुस के घराने के जो लोग प्रभु में हैं, उन को नमस्‍कार।
    Rom 16:12  त्रूफैना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं, नमस्‍कार। प्रिया परसिस को जिस ने प्रभु में बहुत परिश्रम किया, नमस्‍कार।
    Rom 16:13  रूफुस को जो प्रभु में चुना हुआ है, और उस की माता को जो मेरी भी है, दोनों को नमस्‍कार।
    Rom 16:14  असुक्रितुस और फिलगोन और हिमस ओर पत्रुबास और हिमांस और उन के साथ के भाइयों को नमस्‍कार।
    Rom 16:15  फिलुलुगुस और यूलिया और नेर्युस और उस की बहिन, और उलुम्पास और उन के साथ के सब पवित्र चुम्बन से नमस्‍कार करो: तुम को मसीह की सारी कलीसियाओं की ओर से नमस्‍कार।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५६-५८ 
  • २ थिस्सलुनिकियों २

मंगलवार, 18 अक्टूबर 2011

थोड़ा भी बहुत है

   लन्डन में एक रात दो प्रचारक असमंजस में थे कि थोड़ी देर में होने के लिए निर्धारित रात्रि की प्रचार सभा को रद्द कर दें या होने दें, क्योंकि मौसम बहुत खराब था और मूसलाधार बारिश पड़ रही थी। फिर भी, बादलों की तेज़ गड़गड़ाहट और मूसलाधार बरिश के बावजूद जब उन्होंने सभा आरंभ करी तो प्रचार सुनने के लिए केवल एक श्रोता वहां उपस्थित था। थोड़ि देर में, एक अन्य व्यक्ति जो वहां मार्ग से हो कर गुज़र रहा था, बारिश से बचने के लिए और अपने आप को थोड़ा सुखा लेने के उद्देश्य से सभा-स्थल में अन्दर आ कर बैठ गया और इस तरह श्रोताओं की संख्या दोगुनी हो गई। अपने आप को सुखा लेने के उद्देश्य से अन्दर आए व्यक्ति ने जब बैठ कर सन्देश सुनना आरंभ किया उस समय प्रचारक अमेरिका महाद्वीप के मूल निवासियों के बीच प्रचार करने वाले सेवकों की आवश्यक्ता के विष्य में सशक्त आग्रह कर रहा था। थोड़ी देर में सभा समाप्त हो गई, और एक प्रचारक ने दूसरे से कहा, "आज रात्रि का यह समय व्यर्थ गया।" लेकिन वह गलत था। मार्ग से गुज़रने वाले और सभा-स्थल में अनायास ही आए उस व्यक्ति ने परमेश्वर की पुकार को सुन लिया था और अपना जीवन उसे समर्पित कर दिया था। महीने भर के अन्दर ही उसने अपना व्यवसाय बेच दिया और अमेरिका के मूल निवासियों के बीच जाकर सेवकाई की तैयारियां करने लगा। वह उत्तरी अमेरिका के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में जाकर ३५ वर्ष तक रहा और वहां के मूल निवासियों के बीच मसीह यीशु के प्रचार की सेवकाई करता रहा।

   जब एक छोटे लड़के ने अपने भोजन - दो मछलियों और पांच रोटियों को प्रभु के हाथ में सौंप दिया, तो प्रभु यीशु ने उसे प्रार्थना कर के बांटना आरंभ कर दिया और वह थोड़ा सा भोजन प्रभु के हाथ में हज़ारों की भीड़ को तृप्त करने का साधन बन गया।

   जब हम अपने छोटे से छोटे कार्य और क्षमताएं उसे निस्वार्थ सौंप देते हैं, तो वे प्रभु के हाथ में बड़े सामर्थी और उपयोगी हो जाते हैं। जब हम अपने विश्वास को परमेश्वर की सामर्थ से जोड़ देते हैं, तो महान सफलताएं अवश्यंभावी हो जाती हैं।

   सच है, यदि परमेश्वर उसमें हो तो थोड़ा भी बहुत होता है। - पौल वैन गोर्डर

छोटी बातों को कभी तुच्छ न जानें; एक दीपक वह कर सकता है जो सूर्य के लिए संभव नहीं - अंधकार में ज्योति का साधन बनना।

क्योंकि किस ने छोटी बातों के दिन तुच्छ जाना है? - ज़कर्याह ४:१०
 
बाइबल पाठ: युहन्ना ६:१-१३
    Joh 6:1  इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
    Joh 6:2  और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्‍चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
    Joh 6:3  तब यीशु पहाड़ पर चढ़ कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
    Joh 6:4  और यहूदियों के फसह के पर्ब्‍ब निकट था।
    Joh 6:5  तब यीशु ने अपनी आंखे उठा कर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलप्‍पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
    Joh 6:6  परन्‍तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्‍योंकि वह आप जानता था कि मैं क्‍या करूंगा।
    Joh 6:7  फिलप्‍पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
    Joh 6:8  उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्‍द्रियास ने उस से कहा।
    Joh 6:9  यहां एक लड़का है जिस के पास जव की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं?
    Joh 6:10  यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
    Joh 6:11  तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद कर के बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
    Joh 6:12  जब वे खाकर तृप्‍त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
    Joh 6:13  सो उन्‍होंने बटोरा, और जव की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५३-५५ 
  • २ थिस्सलुनिकियों १

सोमवार, 17 अक्टूबर 2011

अपनी सेवकाई पूरी कीजिए

   कभी कभी हम परमेश्वर द्वारा हमें दी गई ज़िम्मेदारियों से सन्तुष्ट नहीं होते, हमें लगता है कि हम किसी अन्य ही बड़ी सेवकाई के योग्य हैं। किसी अन्य विश्वासी की सेवकाई की ओर ईर्ष्या से देखकर हम अपने कार्य की ओर कम ध्यान देने लगते हैं और उसकी उपेक्षा करने लगते हैं।

   अपनी पुस्तक Be Faithful में वारेन रिस्बी ने बताया कि सुप्रसिद्ध प्रचारक चार्लस स्पर्जन ने कैसे इस समस्या का उत्तर दिया। उन्होंने लिखा, "एक जवान पास्टर ने स्पर्जन से शिकायत करी कि जितना बड़ा चर्च उसके ज़िम्मे होना चाहिए, उतना उसे नहीं दिया गया। स्पर्जन ने उस जवान प्रचारक से पूछा कि ’आप चर्च में कितने लोगों को साधारणत्या प्रचार करते हैं?’ प्रचारक ने कहा, ’लगभग १०० लोगों क”। स्पर्जन ने कहा, ’अन्तिम न्याय के समय आपके द्वारा जीवनों का हिसाब देने के लिए इतने काफी हैं।’"

   स्पर्जन के कहे की सत्यता पौलुस द्वारा अपने सहकर्मी तिमुथियुस को दीए गए निर्देश से प्रमाणित होती है; पौलुस ने कहा, "पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर" (२ तिमुथियुस ४:५); पौलुस अपने मित्र को समझा रहा था कि जिस कार्य के लिए परमेश्वर ने उसे नियुक्त किया है उसे भली भांति पूरा करे। लेकिन इसका यह तात्पर्य नहीं था कि तिमुथियुस को भी वही करना था जो पौलुस कर रहा था और ना ही यह कि तिमुथियुस भी को भी उतना ही कार्य करना है जितना पौलुस कर रहा था। वरन इसका तात्पर्य था कि चाहे तिमुथियुस का कार्य थोड़ा हो या अधिक, प्रत्यक्ष हो या परोक्ष, उसे अपनी सेवकाई मन लगाकर पूरी करनी है, जिससे उसकी विश्वासयोग्यता प्रकट हो सके।

   यही प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए भी आवश्यक है - महत्व सौंपी गई सेवकाई के विश्वासयोग्यता के साथ पूरे होने का है, उसकी मात्रा अथवा प्रकार का नहीं। - डेव एग्नर


हमारे पास जो भी साधन हों, उनके द्वारा हम जो भी कर सकते हों, हम जहां भी हों वहीं उसे यथासंभव पूरा करें।

पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर। - २ तिमुथियुस ४:५

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:१-८
    2Ti 4:1  परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उस के प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिला कर मैं तुझे चिताता हूं।
    2Ti 4:2  कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
    2Ti 4:3  क्‍योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
    2Ti 4:4  और अपने कान सत्य से फेर कर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
    2Ti 4:5  पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
    2Ti 4:6  क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
    2Ti 4:7  मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
    2Ti 4:8  भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ५०-५२ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ५

रविवार, 16 अक्टूबर 2011

योग्य प्रबन्धन

   एक तूफानी रात में एक वृद्ध दम्पति एक छोटे से होटल में आए और एक कमरा लेना चाहा। होटल भरा हुआ था, इसलिए होटल के स्वगत-कक्ष के क्लर्क ने उनसे कहा, "अब रात के १ बजे, इस तूफान में मैं आपको बाहर भी नहीं भेज सकता और होटल में कोई कमरा भी खाली नहीं है, क्या आप मेरे कमरे में रह लेंगे?" दम्पति ने आनाकानि करी लेकिन क्लर्क ने ज़ोर देकर उन्हें अपने कमरे में रुकवा लिया। प्रातः अपने बिल चुकाते हुए वृद्ध ने उस क्लर्क से कहा, "आप वह हैं जिसे अमेरिका के सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ होटल का प्रबन्धक होना चाहिए। संभवतः मैं किसी दिन आपके लिए ऐसा होटल बनवाऊंगा।" क्लर्क ने यह बात सुनकर उसे उनका विनोद समझा और मुस्कुरा दिया।

   कुछ वर्ष पश्चात उस क्लर्क को उस वृद्ध का एक पत्र मिला, जिसमें उस तूफानी रात का ज़िक्र था और उसे न्यूयॉर्क आने का निमंत्रण, तथा आने-जाने का यात्रा टिकिट भी संलग्न था। जब वह न्यूयॉर्क पहुँचा तो उसके मेज़बान उसे एक विशाल होटल की इमारत पर ले गए और बोले, "यह वह होटल है जिसे मैंने आपके प्रबन्धक बनने के लिए बनवाया है" - वह होटल मालिक विलियम वॉल्डौर्फ अस्टोरिया थे और वह होटल था न्यूयॉर्क का सबसे आलिशान और सर्वश्रेष्ठ विश्वप्रसिद्ध होटल वॉलडौर्फ अस्टोरिया।

   स्वर्ग में भी कई भव्य भवन होंगे जिनका प्रबन्धन हम मसीही विश्वासियों को करना होगा। इसलिए जो हम इस पृथ्वी पर प्रभु यीशु के लिए कर रहे हैं उसके मूल्य को कभी हलका या तुच्छ नहीं आँकना चाहिए। संसार में विश्वासयोग्यता से करी गई सेवकाई हमें हमारे द्वारा स्वर्ग में करी जाने वाली महान सेवकाई के लिए तैयार कर रही है। - डेनिस डी हॉन

परमेश्वर हमसे विश्वासयोग्यता चाहता है, उसका प्रतिफल हमारा परमेश्वर के लिए फलवन्त होना है।

उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख। - लूका १९:१७
 
बाइबल पाठ: लूका १९:११-२७
    Luk 19:11  जब वे ये बातें सुन रहे थे, तो उस ने एक दृष्‍टान्‍त कहा, इसलिये कि वह यरूशलेम के निकट था, और वे समझते थे, कि परमेश्वर का राज्य अभी प्रगट हुआ चाहता है।
    Luk 19:12  सो उस ने कहा, एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर फिर आए।
    Luk 19:13  और उस ने अपने दासों में से दस को बुला कर उन्‍हें दस मुहरें दीं, और उन से कहा, मेरे लौट आने तक लेन-देन करना।
    Luk 19:14  परन्‍तु उसके नगर के रहने वाले उस से बैर रखते थे, और उसके पीछे दूतों के द्वारा कहला भेजा, कि हम नहीं चाहते, कि यह हम पर राज्य करे।
    Luk 19:15  जब वह राजपद पाकर लौट आया, तो ऐसा हुआ कि उस ने अपने दासों को जिन्‍हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्‍होंने लेन-देन से क्‍या क्‍या कमाया।
    Luk 19:16  तब पहिले ने आकर कहा, हे स्‍वामी तेरे मोहर से दस और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:17  उस ने उस से कहा; धन्य हे उत्तम दास, तुझे धन्य है, तू बहुत ही थोड़े में विश्वासी निकला अब दस नगरों का अधिकार रख।
    Luk 19:18  दूसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी तेरी मोहर से पांच और मोहरें कमाई हैं।
    Luk 19:19  उस ने कहा, कि तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।
    Luk 19:20  तीसरे ने आकर कहा; हे स्‍वामी देख, तेरी मोहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बान्‍ध रखी।
    Luk 19:21  क्‍योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
    Luk 19:22  उस ने उस से कहा; हे दुष्‍ट दास, मैं तेरे ही मुंह से तुझे दोषी ठहराता हूं: तू मुझे जानता था कि कठोर मनुष्य हूं, जो मैं ने नहीं रखा उसे उठा लेता, और जो मैं ने नहीं बोया, उसे काटता हूं।
    Luk 19:23  तो तू ने मेरे रूपये कोठी में क्‍यों नहीं रख दिए, कि मैं आकर ब्याज समेत ले लेता?
    Luk 19:24  और जो लोग निकट खड़े थे, उस ने उन से कहा, वह मोहर उस से ले लो, और जिस के पास दस मोहरें हैं उसे दे दो।
    Luk 19:25  (उन्‍होंने उस से कहा; हे स्‍वामी, उसके पास दस मोहरें तो हैं)।
    Luk 19:26  मैं तुम से कहता हूं, कि जिस के पास है, उसे दिया जाएगा; और जिस के पास नहीं, उस से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।
    Luk 19:27  परन्‍तु मेरे उन बैरियों को जो नहीं चाहते थे कि मैं उन पर राज्य करूं, उन को यहां लाकर मेरे सामने घात करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४७-४९ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ४

शनिवार, 15 अक्टूबर 2011

योगदान

   सर माइकिल कोस्टा द्वारा संचालित वाद्यवृन्द का अभ्यास चल रहा था; पूरे ज़ोर से नगाड़े बज रहे थे, तुरहियाँ फूँकी जा रही थीं और वायलिन भी ऊँची ध्वनि से अपनी मधुर आवाज़ बिखेर रहे थे। ऐसे में एकमात्र बाँसुरी बजाने वाले को लगा कि उसकी बाँसुरी की आवाज़ किसे सुनाई देगी, उसकी कोई उपयोगिता नहीं है और उसने बाँसुरी केवल होठों से लगा कर रखी लेकिन बजाना बन्द कर दिया। कुछ ही क्षणों में कोस्टा चिल्ला उठे, "रुको, रुको; बाँसुरी कहाँ है?" वाद्यवृन्द के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति ने तुरंत उस भव्य संगीत में बाँसुरी के योगदान की कमी को भाँप लिया और संगीत रोक दिया।

   हम सबके जीवनों में वे क्षण आते हैं जब हम अपने आप को बेकार और हीन महसूस करते हैं। अपने आस-पास अपने गुणों से बेहतर गुणों से भरे लोगों को कार्य करते देख कर हमें ऐसा लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है, हमारे योगदान की कोई पहचान या आवश्यक्ता नहीं है, इसलिए इन गुणी लोगों को ही कर लेने दो, हम शान्त हो जाते हैं।

   हम यह भूल जाते हैं कि प्रभु यीशु मसीह ने पाँच रोटी और दो मछलियों से हज़ारों की भीड़ को खिला कर तृप्त किया। उस छोटे बालक के समान जिस के पास वे रोटी और मछलियाँ थीं, हम में से प्रत्येक के पास प्रभु के हाथों में सौंपने और प्रभु के उपयोग के लिए कुछ-न-कुछ अवश्य है; यदि हम अपने योगदान को तुच्छ जान कर उसे प्रभु को समर्पित नहीं करते तो यह हमारी मूर्खता है।

   चाहे हमारा योगदान छोटा हो या बड़ा, मसीही सेवकाई के वाद्यवृन्द का भव्य संगीत हमारे उस योगदान के बिना अधूरा है। अपने योगदान को प्रभु के हाथों में सौंप दें, वह उसे अपनी महीमा के लिए उपयोग करने में सक्षम है। - रिचर्ड डी हॉन

परमेश्वर की नज़रों में किसी छोटे से कार्य को भी भली-भांति करना बहुत महान कार्य है।

यहां एक लड़का है जिस के पास जौ की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं? - युहन्ना ६:९

बाइबल पाठ: युहन्ना ६:१-१४
    Joh 6:1  इन बातों के बाद यीशु गलील की झील अर्थात तिबिरियास की झील के पास गया।
    Joh 6:2  और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली क्योंकि जो आश्‍चर्य कर्म वह बीमारों पर दिखाता था वे उन को देखते थे।
    Joh 6:3  तब यीशु पहाड़ पर चढ़ कर अपने चेलों के साथ वहां बैठा।
    Joh 6:4  और यहूदियों के फसह के पर्ब्‍ब निकट था।
    Joh 6:5  तब यीशु ने अपनी आंखे उठा कर एक बड़ी भीड़ को अपने पास आते देखा, और फिलप्‍पुस से कहा, कि हम इन के भोजन के लिये कहां से रोटी मोल लाएं?
    Joh 6:6  परन्‍तु उस ने यह बात उसे परखने के लिये कही; क्‍योंकि वह आप जानता था कि मैं क्‍या करूंगा।
    Joh 6:7  फिलप्‍पुस ने उस को उत्तर दिया, कि दो सौ दीनार की रोटी उन के लिये पूरी भी न होंगी कि उन में से हर एक को थोड़ी थोड़ी मिल जाए।
    Joh 6:8  उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्‍द्रियास ने उस से कहा।
    Joh 6:9  यहां एक लड़का है जिस के पास जौ की पांच रोटी और दो मछिलयां हैं परन्‍तु इतने लोगों के लिये वे क्‍या हैं।
    Joh 6:10  यीशु ने कहा, कि लोगों को बैठा दो। उस जगह बहुत घास थी: तब वे लोग जो गिनती में लगभग पांच हजार के थे, बैठ गए:
    Joh 6:11  तब यीशु ने रोटियां लीं, और धन्यवाद करके बैठने वालों को बांट दी: और वैसे ही मछिलयों में से जितनी वे चाहते थे बांट दिया।
    Joh 6:12  जब वे खाकर तृप्‍त हो गए तो उस ने अपने चेलों से कहा, कि बचे हुए टुकड़े बटोर लो, कि कुछ फेंका न जाए।
    Joh 6:13  सो उन्‍होंने बटोरा, और जौ की पांच रोटियों के टुकड़े जो खाने वालों से बच रहे थे उन की बारह टोकिरयां भरीं।
    Joh 6:14  तब जो आश्‍चर्य कर्म उस ने कर दिखाया उसे वे लोग देख कर कहने लगे कि वह भविष्यद्वक्ता जो जगत में आने वाला था निश्‍चय यही है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४५-४६ 
  • १ थिस्सलुनिकियों ३

शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2011

थके - हारे नेक सामरी

   प्रभु यीशु ने "नेक सामरी" के दृष्टांत द्वारा निसस्वार्थ सेवा का अर्थ समझाया है। समाज-सेवा के कार्यों के लिए कई परोपकारी जन आगे आते हैं और इस सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाते हैं। जैसे जैसे इस सेवा में उनका समय बीतता है, उनमें से कई उस व्याधि का शिकार हो जाते हैं जिसे मनोवैज्ञानिक अब "थके - हारे नेक सामरी" के नाम से जानते हैं। इतने लोगों की समस्याओं को सुनने और उनकी सहायता करने के प्रयासों में जूझने के बाद वे अपनी सहन शक्ति की सीमा तक आ जाते हैं और अब उनके लिए और सुन या कर पाना असंभव हो जाता है। चिकित्सक, मसीही-सेवक, मनोवैज्ञानिक, पुलिस कर्मी विशेषकर इस का शिकार होते हैं। अपने आप को टूटने से बचाने के लिए या तो उन्हें अपना यह सेवा भाव छोड़ना पड़ता है, या वे सेवा में ही बेपरवाह और कठोर होने लगते हैं या उन्हें कोई दूसरा कार्य देखना पड़ता है।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए परोपकार और सेवा हमारी बुलाहट की एक ज़िम्मेदारी है, और दूसरों के दुखः तकलीफ में अपने आप को डुबोए रख कर हम अछूते नहीं रह सकते; हम भी अपनी इस ज़िम्मेदरी के निर्वाह में थक सकते हैं। ऐसे में यदि हम इस सेवा को छोड़ दें तो हम मसीह की शिक्षा और उम्मीद से पीछे हट जाते हैं; और यदि इस सेवा में बेपरवाह और असंवेदनशील हो जाएं तो मसीह के मापदण्ड पर पूरे नहीं उतरते। फिर हमारे लिए रास्ता क्या है? हम अपनी सेवा की कार्यविधि में कुछ ऐसे बदलाव कर सकते हैं जो हमारे तनाव को कम कर सकें। मूसा के समान, जिसने अपने ससुर की नेक सलाह के अनुसार अपने कार्य में अपने दायित्वों को अन्य योग्य लोगों में विभाजित किया, हमें भी अपनी मानवीय सीमाओं का आदर करते हुए बुद्धिमानी से अपने सेवा दायित्वों का निर्वाह करना चहिए।

   कुछ मसीही विश्वासी मानते हैं कि आत्मिक होने का तात्पर्य है सेवा करने के लिए अपने आप को तब तक धकलेते रहो जब तक प्रभु के लिए टूट कर बिखर न जाओ। लेकिन यह बाइबल और मसीह की शिक्षा के अनुरूप नहीं है। मसीह ने भी अपने चेलों से, जब वे एक बड़ी सेवकाई से लौटे थे क्या कहा: "प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्‍होंने किया, और सिखाया था, सब उस को बता दिया। उस ने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्‍योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्‍हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। इसलिये वे नाव पर चढ़ कर, सुनसान जगह में अलग चले गए" (मरकुस ६:३०-३२)।

   मसीही शिक्षा और बाइबल के अनुसार भला यह है कि हम अपनी सेवकाई की कार्यविधि में कुछ ऐसे सुधार करें कि हम प्रभु के लिए प्रभावी भी रहें और "थके - हारे नेक सामरी" भी न बनें। - मार्ट डी हॉन

सेवा भाव से भरे भले हृदय को बुद्धिमान सिर के नियंत्रण में रहना चहिए।

इससे तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। - निर्गमन १८:१८
 
बाइबल पाठ: निर्गमन १८:१३-२७
    Exo 18:13  दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे।
    Exo 18:14  यह देख कर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आस-पास खड़े रहते हैं?
    Exo 18:15  मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है।
    Exo 18:16  जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं।
    Exo 18:17  मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं।
    Exo 18:18  और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता।
    Exo 18:19  इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर।
    Exo 18:20  इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इनको जता दिया कर।
    Exo 18:21  फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उनको हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे।
    Exo 18:22  और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे।
    Exo 18:23  यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें।
    Exo 18:24  अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।
    Exo 18:25  सो उस ने सब इस्त्राएलियों में से गुणी-गुणी पुरूष चुनकर उन्हें हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर प्रधान ठहराया।
    Exo 18:26  और वे सब लोगों का न्याय करने लगे; जो मुकद्दमा कठिन होता उसे तो वे मूसा के पास ले आते थे, और सब छोटे मुकद्दमों का न्याय वे आप ही किया करते थे।
    Exo 18:27  और मूसा ने अपने ससुर को विदा किया, और उस ने अपने देश का मार्ग लिया।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४३-४४ 
  • १ थिस्सलुनिकियों २

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

प्रेम - उद्देश्य एवं प्रतिफल

   परोपकारी एवं मसीही विश्वासी फ्रेड स्मिथ ने अपने परिवार का एक अनुभव बयान किया। उनकी पुत्री - ब्रेन्डा और दामाद - रिक ने एक ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करी जो अपराधी होने के कारण जेल से सज़ा काट कर निकला था और अब एक महिला के साथ रह रहा था। दोनो ने उनके लिए उनकी आवश्यक्ता का सामान खरीद कर दिया, रिक ने उस आदमी को नौकरी दी और ब्रेन्डा उस महिला के साथ समय बिताती थी, उसे मसीह यीशु और उसके प्रेम के बारे में बताती थी; वे उन्हें इस बात के लिए भी तैयार कर सके कि ऐसे साथ रहने की अपेक्षा शादि करके साथ रहना बेहतर है, और इस विवाह के होने के लिए रिक और ब्रेन्डा ने अपने घर को भी उन्हें उपलब्ध कराया। लेकिन कुछ दिन पश्चात ही वे दोनो अचानक कहीं चले गए, रिक के लिए एक छोटा पत्र छोड़ गए कि कुछ लोगों द्वारा उनकी हत्या करने के लिए भाड़े पर लिए गए हत्यारे से बचने के लिए उन्हें जाना पड़ रहा है।

   फ्रेड स्मिथ ने अपनी बेटी से पूछा कि इतना समय, साधन, पैसा और सामर्थ व्यय करने के बाद इस रिशते के ऐसे अचानक अन्त हो जाने पर उसे कैसा लगा? ब्रेन्डा की आँखें भर आईं, और वह बोली, "वे चाहे जहाँ भी रहें, जितने दिन भी रहें, लेकिन वे कभी नहीं भूल सकेंगे कि कोई था जिसे उनकी परवाह थी।"

   हम किसी की इसलिए भी सहायता कर सकते हैं क्योंकि हम उनसे प्रत्युत्तर में कुछ चाहते हैं, लेकिन ऐसा प्रेम परमेश्वर को आदर नहीं देता। मसीही प्रेम का एक अनिवार्य गुण है उसका निसस्वार्थ होना। जब हम लोगों के साथ सिर्फ इसलिए भला बर्ताव करते हैं क्योंकि हम उनकी सहायता करना चाहते हैं और अपने प्रभु का आदर करना चाहते हैं, तब हम मसीह यीशु का सा प्रेम प्रदर्शित करते हैं।

    मसीही प्रेम का उद्देश्य संसार में निसस्वार्थ प्रेम प्रदर्शित करना है। यद्यपि मसीही प्रेम का उद्देश्य उसके प्रतिफल नहीं हैं, तौ भी मसीही प्रेम में उसके प्रतिफल निहित भी हैं। ऐसा प्रेम प्रदर्शित करने वालों को संसर से किसी प्रतिफल अथवा मान्यता या सम्मान की अभिलाषा की आवश्यक्ता नहीं है, क्योंकि उसके लिए स्वतः ही स्वर्ग में प्रतिफल तैयार होता रहता है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट


स्वार्थी स्वभाव कुछ पा लेने के लिए प्रेम रखता है; किंतु मसीही स्वभाव कुछ दे पाने के लिए।
 
परन्‍तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को बुला। तब तू धन्य होगा, क्‍योंकि उन के पास तुझे बदला देने को कुछ नहीं, परन्‍तु तुझे धमिर्यों के जी उठने पर इस का प्रतिफल मिलेगा। - लूका १४:१३, १४
 
बाइबल पाठ: लूका १४:७-१४
    Luk 14:7  जब उस ने देखा, कि नेवताहारी लोग क्‍यों कर मुख्य मुख्य जगहें चुन लेते हैं तो एक दृष्‍टान्‍त देकर उन से कहा।
    Luk 14:8  जब कोई तुझे ब्याह में बुलाए, तो मुख्य जगह में न बैठना, कहीं ऐसा न हो, कि उस ने तुझ से भी किसी बड़े को नेवता दिया हो।
    Luk 14:9  और जिस ने तुझे और उसे, दोनों को नेवता दिया है: आकर तुझ से कहे, कि इस को जगह दे, और तब तुझे लज्ज़ित होकर सब से नीची जगह में बैठना पड़े।
    Luk 14:10  पर जब तू बुलाया जाए, तो सब से नीची जगह जा बैठ, कि जब वह, जिस ने तुझे नेवता दिया है आए, तो तुझ से कहे कि हे मित्र, आगे बढ़कर बैठ; तब तेरे साथ बैठने वालों के साम्हने तेरी बड़ाई होगी।
    Luk 14:11  और जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा, और जो कोई अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।
    Luk 14:12  तब उस ने अपने नेवता देने वाले से भी कहा, जब तू दिन का या रात का भोज करे, तो अपने मित्रों या भाइयों या कुटुम्बियों या धनवान पड़ोसियों को न बुला, कहीं ऐसा न हो, कि वे भी तुझे नेवता दें, और तेरा बदला हो जाए।
    Luk 14:13  परन्‍तु जब तू भोज करे, तो कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को बुला।
    Luk 14:14  तब तू धन्य होगा, क्‍योंकि उन के पास तुझे बदला देने को कुछ नहीं, परन्‍तु तुझे धमिर्यों के जी उठने पर इस का प्रतिफल मिलेगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ४१-४२ 
  • १ थिस्सलुनिकियों १

बुधवार, 12 अक्टूबर 2011

कोई और कर लेगा!

   जैसे ही मैंने मोड़ काटा, मेरी गाड़ी की रौशनी एक महिला पर पड़ी जो बड़ी व्याकुलता से अपने हाथ हिला कर रुकने का इशारा कर रही थी। दिन भर के कार्य के बाद मैं और मेरी पत्नि दोनो बहुत थके हुए थे, रात बहुत हो चुकी थी, बाहर ठंडा भी था, और पिछली सीट पर हमारा बेटा सो रहा था और सुबह उठकर मुझे एक क्लास लेनी थी। मैं रुकना नहीं चाह रहा था; मैंने कहा, "उसकी सहायता राह पर आता हुआ कोई और कर लेगा"; लेकिन मेरा विवेक नहीं माना और मैंने गाड़ी रोक ली - और यह बहुत अच्छा हुआ। उस महिला की गाड़ी में चार बच्चे बेहोश पड़े थे; उसकी गाड़ी में खराबी के कारण गाड़ी चलती गाड़ी में से धुंआ अन्दर आने लगा था जिससे बच्चे बेहोश हो गए थे। जल्दी से हमने उन्हें अपनी गाड़ी में डाला और निकट के अस्पताल ले गए, जहाँ तुरंत इलाज पाकर वे ठीक हो सके।

   बहुत से ज़रूरी काम ऐसे ही रह जाते हैं। एक वृद्ध दम्पति हैं जो अब गाड़ी नहीं चला पाते; इस कारण महीनों से वे चर्च नहीं आ पाए और किसी ने उन्हें अपने साथ ले कर आने की पेशकश नहीं करी। एक विधवा अकेली रहती है, बीमार है; वह चाहती है कि कोई आवश्यक सामान दुकान से खरीदने में और उसे चर्च लाने-लेजाने में उसकी सहायता कर दे, लेकिन कोई नहीं करता। मैं परेशान होता हूँ कि क्यों कोई किसी की सहायता नहीं करता? फिर मुझे उस रात की अपनी पहली प्रतिक्रिया स्मरण हो आती है, "कोई और कर लेगा।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में इब्रानियों के नाम लिखी पत्री में इसका समाधान दिया गया है - "प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्‍ता किया करें" (इब्रानियों १०:२४)। मसीही विश्वासी होने के नाते हम भले उदाहरण बन सकते हैं - हम वह "कोई और" बन सकते हैं। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

जब दूसरों के लिए कार्य करने की बात आती है, कुछ लोग खड़े ही रह जाते हैं।

प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्‍ता किया करें। - इब्रानियों १०:२४
 
बाइबल पाठ: इब्रानियों १०:१९-२५
    Heb 10:19  सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है।
    Heb 10:20  जो उस ने परदे अर्थात अपने शरीर में से होकर, हमारे लिये अभिषेक किया है,
    Heb 10:21  और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है।
    Heb 10:22  तो आओ हम सच्‍चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक को दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव लेकर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।
    Heb 10:23  और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्‍योंकि जिस ने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्‍चा है।
    Heb 10:24  और प्रेम, और भले कामों में उक्साने के लिये एक दूसरे की चिन्‍ता किया करें।
    Heb 10:25  और एक दूसरे के साथ इकट्ठा होना ने छोड़ें, जैसे कि कितनों की रीति है, पर एक दूसरे को समझाते रहें; और ज्यों ज्यों उस दिन को निकट आते देखो, त्यों त्यों और भी अधिक यह किया करो।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३९-४० 
  • कुलुस्सियों ४

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

कार्य बोलते हैं

   साधारणत्या हम उन्हें ही प्रचारक समझते हैं जो किसी मंच से प्रचार करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि हम सब दिन प्रतिदिन "प्रचार" करते रहते हैं। हमारे विष्य में जो कुछ लोग देखते हैं, वही हमारा प्रचार है। किसी ने कहा, "आपके कार्य इतना ऊँचा बोलते हैं कि आप के मुँह से निकले बोल सुनाई ही नहीं देते।"

   सबसे अच्छा प्रचार कार्यों द्वारा ही होता है, मुख से नहीं। जब बिना कुछ कहे हम वह करते हैं जो सही है, तो भलाई के लिए उसका प्रभाव उस बात से कहीं अधिक होता है जो हम दुसरों से करने को केवल कहते भर हैं।

   बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को सिखाते समय इस महत्वपूर्ण बात को नज़रन्दाज़ कर देते हैं। कई मसीही माता-पिता भी अपने बच्चों को परमेश्वर, मसीह यीशु द्वारा उद्धार आदि के बारे में बताने के बाद उनसे भले कामों की आशा तो रखते हैं - लेकिन यह भूल जाते हैं कि उनके व्यक्तिगत जीवन के उदाहरण, अपने बच्चों से करी गई उनकी आशा से मेल नहीं खाते। लेकिन कई मसीही परिवारों में माता-पिता यह सुनिश्चित करते हैं कि जो वे अपने बच्चों को सिखा रहे हैं, उनका निज जीवन भी उसी के अनुरूप हो। उनका यह अनुसरणीय जीवन उनके बच्चों के लिए कथनी को करनी में परिवर्तित करने का स्पष्ट मार्गदर्शक होता है।

   पौलुस प्रेरित ने थिस्सलुनीके के विश्वासियों की, उस उदाहरण के लिए जो उन्होंने प्रदर्शित किया था, सरहना करी (१ थिस्सलुनिकियों १:७)। उन विश्वासियों के कार्य उनके विश्वास के अनुरूप थे। उन के समान आज हमें भी अपने जीवनों में परमेश्वर की प्रगट इच्छा के अनुरूप कार्य करते रहने वाला होना चाहिए।

   आप मानिए या ना मानिए, लेकिन वास्तविकता यही है कि हमारे कार्य बोलते हैं। - रिचर्ड डी हॉन


प्रत्येक मसीही विश्वासी को एक चलता-फिरता "प्रचार" होना चाहिए।

यहां तक कि मकिदुनिया और आखया के सब विश्वासियों के लिये तुम आदर्श बने। - १ थिस्सलुनिकियों १:७

बाइबल पाठ: १ थिस्सलुनिकियों १
    1Th 1:1  पौलुस और सिलवानुस और तीमुथियुस की ओर से थिस्‍सलुनिकियों की कलीसिया के नाम जो परमेश्वर पिता और प्रभु यीशु मसीह में है। अनुग्रह और शान्‍ति तुम्हें मिलती रहे।
    1Th 1:2  हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं।
    1Th 1:3  और अपने परमेश्वर और पिता के साम्हने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं।
    1Th 1:4  और हे भाइयो, परमेश्वर के प्रिय लोगों हम जानतें हैं, कि तुम चुने हुए हो।
    1Th 1:5  क्‍योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन सामर्थ और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्‍चय के साथ पहुंचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे।
    1Th 1:6  और तुम बड़े क्‍लेश में पवित्र आत्मा के आनन्‍द के साथ वचन को मान कर हमारी और प्रभु की सी चाल चलने लगे।
    1Th 1:7  यहां तक कि मकिदुनिया और आखया के सब विश्वासियों के लिये तुम आदर्श बने।
    1Th 1:8  क्‍योंकि तुम्हारे यहां से न केवल मकिदुनिया और आखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है, कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं।
    1Th 1:9  क्‍योंकि वे आप ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुम्हारे पास हमारा आना कैसा हुआ और तुम क्‍योंकर मूरतों से परमेश्वर की ओर फिरे ताकि जीवते और सच्‍चे परमेश्वर की सेवा करो।
    1Th 1:10  और उसके पुत्र के स्‍वर्ग पर से आने की बाट जोहते रहो जिसे उस ने मरे हुओं में से जिलाया, अर्थात यीशु की, जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३७-३८ 
  • कुलुस्सियों ३

सोमवार, 10 अक्टूबर 2011

मन श्रेष्ठ करना


   एक बालक - ली शार्प, अपने पिता एड शार्प के साथ गाँव के लुहार की दुकान पर खेत में प्रयोग होने वाले उपकरण की मरम्मत कराने के लिए गया। जब लुहार ने काम कर दिया तो पिता ने पूछा कि मरम्मत करने के कितने पैसे हुए? लुहार ने कहा, "नहीं इसका कोई पैसा नहीं, मैंने यह कार्य अपनी खुशी के लिए किया है।" लेकिन जब पिता कुछ मेहनताना देने की ज़िद करने लगा तो अन्ततः लुहार ने कहा, "एड, क्या तुम किसी को कुछ भलाई केवल उसकी अपनी खुशी के लिए नहीं करने दे सकते?" बड़े हो कर ली शार्प ने अपने बचपन की इस शिक्षा के बारे में लिखा, "उस नम्र और प्रेमी लुहार के मुँह से मिला थोड़े शब्दों का यह बड़ा संदेश मेरे जीवन में बार बार उस बड़े आनन्द और शांति का कारण रहा है जो दूसरों के लिए कुछ करने से आती है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल की नीतिवचन पुस्तक के ११वें अध्याय में ऐसे ही दया और करुणा के लिए अपने मन को विशाल करने के अनुभव के बारे में बताया गया है। अपनी पुस्तक Tha Pulpit Commentary में एडनी लेखते हैं, "दया करने वाला, दया करने से ही आशीशित हो जाता है; यह प्रकृति का नियम है कि दया का आरंभ आत्म-त्याग के दर्द से होता है, लेकिन शीघ्र ही यह भीतरी शांति और आनन्द के प्रतिफल ले आती है। दया करना मन को उठाने वाला और श्रेष्ठता प्रदान करने वाला कर्य होता है।"

   नीतिवचन ११:१७ बताता है कि हर कृपालु और प्रेम रखने वाला मनुष्य इस बात के उत्तम प्रतिफलों का आनन्द लेता है, क्योंकि ऐसा करने में उत्तम प्रतिफल निहित हैं, और यह मन को उभारने और श्रेष्ठ करने का अद्भुत तरीका है। - रिचर्ड डी हॉन


जो दूसरों के लिए भले रहते हैं, वे अपने लिए और भी भले हो जाते हैं।

कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है। - नीतिवचन ११:१७

बाइबल पाठ: नीतिवचन ११:१७-२५
    Pro 11:17  कृपालु मनुष्य अपना ही भला करता है, परन्तु जो क्रूर है, वह अपनी ही देह को दु:ख देता है।
    Pro 11:18  दुष्ट मिथ्या कमाई कमाता है, परन्तु जो धर्म का बीज बोता, उसको निश्चय फल मिलता है।
    Pro 11:19  जो धर्म में दृढ़ रहता, वह जीवन पाता है, परन्तु जो बुराई का पीछा करता, वह मृत्यु का कौर हो जाता है।
    Pro 11:20  जो मन के टेढ़े है, उन से यहोवा को घृणा आती है, परन्तु वह खरी चाल वालों से प्रसन्न रहता है।
    Pro 11:21  मैं दृढ़ता के साथ कहता हूं, बुरा मनुष्य निर्दोष न ठहरेगा, परन्तु धर्मी का वंश बचाया जाएगा।
    Pro 11:22  जो सुन्दर स्त्री विवेक नहीं रखती, वह थूथन में सोने की नत्थ पहिने हुए सूअर के समान है।
    Pro 11:23  धमिर्यों की लालसा तो केवल भलाई की होती है; परन्तु दुष्टों की आशा का फल क्रोध ही होता है।
    Pro 11:24  ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है।
    Pro 11:25  उदार प्राणी हृष्ट पुष्ट हो जाता है, और जो औरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।
 
एक साल में बाइबल: यशायाह ३४-३६ कुलुस्सियों २

रविवार, 9 अक्टूबर 2011

विलंब

   क्या कभी आप के साथ ऐसा हुआ कि आपने किसी के लिए कष्ट सह कर उसका कुछ भला किया और ना किसी ने उस भलाई की परवाह करी और ना ही किसी ने आपकी इस भलाई को जाना हो? जब ऐसा होता है तो कितना बुरा लगता है ना? कम से कम मेरी प्रतिक्रिया तो यही होती है। कभी कभी मैं सोचता हूँ कि किसी के लिए कष्ट सह कर भला करने से कोई लाभ है? लेकिन बिना प्रतिफल की इच्छा के भलाई किये जाना, यही परमेश्वर के साथ बने रहने वालों की जीवन शैली है। मसीही विश्वासी होने के नाते हमें अपने द्वारा करी गई भलाई के लिए तुरंत प्रतिफल की इच्छा या आशा नहीं रखनी चाहिए। परमेश्वर चाहता है कि हम इस बात को स्मरण रखें कि वह हर बात को जानता है और सही समय पर सही रीति और बहुतायत से हर भलाई का प्रतिफल देगा।

   अखबार में छपे एक समाचार ने मेरा ध्यान ऐसे विलंब से मिलने वाले प्रतिफल की ओर खींचा। एक कार विक्रेता ने विदेश से आए एक छात्र को एक नई गाड़ी बहुत कम मुनाफे पर और सस्ते में बेची। पन्द्राह वर्ष बाद यह छात्र इरानी ठेकेदारों के संघ के लिए सौदे करने वाला एकमात्र एजेंट बना। उसने उस कार विक्रेता के प्रति अपनी कृतज्ञता उसे ७५० भारी सामान ढोने वाले विशाल ट्रकों और ३५० लौरियों का ठेका दिलवा कर प्रगट करी।

   जैसे उस कार विक्रेता का प्रतिफल विलंब से आया किंतु जब आया तो उसकी कलपना से परे था, वैसे ही परमेश्वर भी हमें प्रतिफल देगा। यदि हमारा उद्देश्य है मात्र यह है कि जिनके प्रति हम भलाई करें, वे तुरंत ही उसके लिए हमें धन्यवाद का प्रतिफल दे दें, तो हमने अपना प्रतिफल मनुष्यों से पा लिया। किंतु यदि हम भलाई परमेश्वर के नाम से और परमेश्वर के अनुयायी होने के कारण करते हैं तो प्रतिफल भी परमेश्वर के हाथों में छोड़ दें, क्योंकि "जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ी वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं" (१ कुरिन्थियों २:९); उसके समय में, हमारे प्रतिफल भी उसकी उदारता और महानता के अनुसार ही होंगे। - मार्ट डी हॉन


जो मनुष्यों से प्रतिफल की आशा रखते हैं, उनके लिए परमेश्वर से प्रतिफल की आशा नहीं है।

...तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा। - मत्ती ६:४
 
बाइबल पाठ: मत्ती ६:१-६
    Mat 6:1  सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्‍वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे।
    Mat 6:2  इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसा कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें, मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना फल पा चुके।
    Mat 6:3  परन्‍तु जब तू दान करे, तो जो तेरा दाहिना हाथ करता है, उसे तेरा बांया हाथ न जानने पाए।
    Mat 6:4  ताकि तेरा दान गुप्‍त रहे; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
    Mat 6:5  और जब तू प्रार्थना करे, तो कपटियों के समान न हो क्‍योंकि लोगों को दिखाने के लिये सभाओं में और सड़कों के मोड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना उन को अच्‍छा लगता है; मैं तुम से सच कहता हूं, कि वे अपना प्रतिफल पा चुके।
    Mat 6:6  परन्‍तु जब तू प्रार्थना करे, तो अपनी कोठरी में जा, और द्वार बन्‍द कर के अपने पिता से जो गुप्‍त में है प्रार्थना कर; और तब तेरा पिता जो गुप्‍त में देखता है, तुझे प्रतिफल देगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३२-३३ 
  • कुलुस्सियों १

शनिवार, 8 अक्टूबर 2011

शान्ति से परिपूर्ण जीवन

   चीन में मिशनरी कार्य करने वाले हड्सन टेलर से मिलने एक पास्टर पहुँचे। टेलर के कार्य के बोझ और फिर भी सदा उन के शान्त बने रहने को देख कर वह पास्टर आश्चर्यचकित थे। एक दिन हिम्मत बांध कर उन्होंने टेलर से कहा, "आप पर लाखों की देख-रेख का बोझ है, मुझ पर कुछ गिने-चुने हुओं का ही; आपको कितने ही अति आवश्यक पत्र लिखने पड़ते हैं, मुझे थोड़े से ही और कम महत्व के। फिर भी मैं चिंतित और परेशान रहता हूँ लेकिन आप सदा शान्त रहते हैं। आपकी इस शान्ति का रहस्य क्या है?" टेलर ने उत्तर दिया, "यदि परमेश्वर की वह शान्ति जो समझ से परे है मेरे हृदय में बसी न हो तो मैं अपना कार्य कभी पूरा नहीं कर सकता।" बाद में उस पास्टर ने टेलर के विष्य में लिखा, "वे सदा परमेश्वर में बने रहते थे, और परमेश्वर उन में। युहन्ना १५ में प्रभु यीशु द्वारा कही गई परमेश्वर में बने रहने की बात के वे सजीव और सच्चे उदाहरण थे।"

   यदि हम चिंतित, अशान्त और भयभीत होते हैं और उस शान्ति की लालसा रखते हैं जिसके बारे में प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा, तो हड्सन टेलर के समान हमें मसीह में बने रहने का पालन करना चहिए। इसका तात्पर्य है कि हम लगातार मसीह के सम्पर्क में रहें, जिससे उसका शान्त स्वभाव हमारे जीवनों को प्रभावित करता रहे। मसीह में बने रहने के मार्ग का आरंभ होता है हर ऐसे पाप का अंगीकार कर लेने से, जिस के बारे में हम जानते हों, और उसकी क्षमा मांग कर उसका तिरिस्कार कर लेने द्वारा; इसके बाद अपने आप को पूर्णतः उसे समर्पित करके हर बात में विश्वासयोग्यता से उसकी ओर देखना और उसी की सामर्थ द्वारा सब कुछ करना। अर्थात सदा सर्वदा हर बात के लिए पूर्णतः उस पर निर्भर रहना।

   यदि हम मसीह में बने रहना सीख लेंगे तो शान्ति के आनन्द से भरा जीवन बिताने वाले हो जाएंगे। - हर्ब वैण्डर लुग्ट

जब मसीह मन में राज्य करेगा, तो मन शान्ति से भर जाएगा।

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - युहन्ना १४:२७
 
बाइबल पाठ: १४:२७-१५-७
    Joh 14:27  मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
    Joh 14:28  तुम ने सुना, कि मैं ने तुम से कहा, कि मैं जाता हूं, और तुम्हारे पास फिर आता हूं: यदि तुम मुझ से प्रेम रखते, तो इस बात से आनन्‍दित होते, कि मैं पिता के पास जाता हूं क्‍योंकि पिता मुझ से बड़ा है।
    Joh 14:29  और मैं ने अब इस के होने के पहिले तुम से कह दिया है, कि जब वह हो जाए, तो तुम प्रतीति करो।
    Joh 14:30  मैं अब से तुम्हारे साथ और बहुत बातें न करूंगा, क्‍योंकि इस संसार का सरदार आता है, और मुझ में उसका कुछ नहीं।
    Joh 14:31  परन्‍तु यह इसलिये होता है कि संसार जाने कि मैं पिता से प्रेम रखता हूं, और जिस तरह पिता ने मुझे आज्ञा दी, मैं वैसे ही करता हूं: उठो, यहां से चलें।
    Joh 15:1  सच्‍ची दाखलता मैं हूं और मेरा पिता किसान है।
    Joh 15:2  जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
    Joh 15:3  तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
    Joh 15:4  तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
    Joh 15:5  में दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्‍योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।
    Joh 15:6  यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली की नाई फेंक दिया जाता, और सूख जाता है, और लोग उन्‍हें बटोर कर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।
    Joh 15:7  यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
 
एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह ३०-३१ 
  • फिलिप्पियों ४