एक जवान किसान द्वारा आत्महत्या करे जाने के पश्चात उसकी पत्नि ने उसके विष्य में कहा, "उनके लिए खेती केवल एक व्यवसाय नहीं था; वह उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता, उनका धर्म था। ज़मीन के साथ मेहनत करने से हम दोनो को ऐसा लगता था मानो हम सर्वशक्तिमान के साथ हैं; लेकिन यह अनुभव उनके लिए अब कड़ुवा होने लगा था और वे इसे सह नहीं पाए।" ऐसे लोगों के बारे में जान कर उनके लिए मेरा दिल भर आता है। इन लोगों के पास परमेश्वर की सृष्टि के लिए गहरी लगन और चाह है और वे उसके लिए कड़ी मेहनत करने को भी तैयार रहते हैं; परन्तु बहुत से लोग एक दुखद अन्त को आ जाते हैं क्योंकि वे गलत ईश्वरों की उपासना में लग जाते हैं। यह उपासना दुष्टों द्वारा शरीर की लालसाओं के कारण अपराध तथा वासना रूपी ईश्वर की भी हो सकती है, या भले लोगों द्वारा अपनी सेहत, शरीर और परिवार की उपेक्षा करके अपने कार्य रूपी ईश्वर की भी हो सकती है।
जब कभी कोई भी चीज़ हमारे जीवन में इतनी महत्वपूर्ण हो जाती है कि उसका स्थान प्रथम और अन्य हर बात का उसके पश्चात हो जाता है, तो वह हमारा ईश्वर बन जाती है; प्रेरित युहन्ना ने चिताया: "तुम न तो संसार से और न संसार में की वस्तुओं से प्रेम रखो: यदि कोई संसार से प्रेम रखता है, तो उस में पिता का प्रेम नहीं है। क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात शरीर की अभिलाषा, और आंखों की अभिलाषा और जीविका का घमण्ड, वह पिता की ओर से नहीं, परन्तु संसार ही की ओर से है" (१ युहन्ना २:१५, १६)।
जब हम सच्चे जीवते परमेश्वर से अधिक महत्व किसी भी अन्य को देने लगते हैं, तो यह उसकी उपासना करने के समान है। वह जो भी हो, सदाकाल तक बना नहीं रहेगा; और ना ही जब हमारी योजनाएं विफल होने लगें, स्वास्थ्य बिगड़ने लगे या अन्त समय आ जाए तो वह हमारी कोई सहायता करने पाएगा। केवल परमेश्वर के वचन बाइबल में वर्णित सच्चा जीविता परमेश्वर ही ऐसे में हमारा सहायक हो सकता है। - हर्ब वैण्डर लुग्ट
जो भी प्रभु यीशु के प्रति हमारे प्रेम को ठंडा करता है, वही "संसार" है।
तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना। - व्यवस्थाविवरण ६:५
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण ६:१-७
Deu 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकरी होने को पार जाने पर हो
Deu 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
Deu 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
Deu 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
Deu 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
Deu 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
Deu 6:7 और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझा कर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
Deu 6:1 यह वह आज्ञा, और वे विधियां और नियम हैं जो तुम्हें सिखाने की तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने आज्ञा दी है, कि तुम उन्हें उस देश में मानो जिसके अधिकरी होने को पार जाने पर हो
Deu 6:2 और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
Deu 6:3 हे इस्राएल, सुन, और ऐसा ही करने की चौकसी कर; इसलिये कि तेरा भला हो, और तेरे पितरों के परमेश्वर यहोवा के वचन के अनुसार उस देश में जहां दूध और मधु की धाराएं बहती हैं तुम बहुत हो जाओ।
Deu 6:4 हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है;
Deu 6:5 तू अपने परमेश्वर यहोवा से अपने सारे मन, और सारे जीव, और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखना।
Deu 6:6 और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें;
Deu 6:7 और तू इन्हें अपने बालबच्चों को समझा कर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना।
एक साल में बाइबल:
- यर्मियाह १५-१७
- २ तिमुथियुस २
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें