प्रभु यीशु ने "नेक सामरी" के दृष्टांत द्वारा निसस्वार्थ सेवा का अर्थ समझाया है। समाज-सेवा के कार्यों के लिए कई परोपकारी जन आगे आते हैं और इस सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाते हैं। जैसे जैसे इस सेवा में उनका समय बीतता है, उनमें से कई उस व्याधि का शिकार हो जाते हैं जिसे मनोवैज्ञानिक अब "थके - हारे नेक सामरी" के नाम से जानते हैं। इतने लोगों की समस्याओं को सुनने और उनकी सहायता करने के प्रयासों में जूझने के बाद वे अपनी सहन शक्ति की सीमा तक आ जाते हैं और अब उनके लिए और सुन या कर पाना असंभव हो जाता है। चिकित्सक, मसीही-सेवक, मनोवैज्ञानिक, पुलिस कर्मी विशेषकर इस का शिकार होते हैं। अपने आप को टूटने से बचाने के लिए या तो उन्हें अपना यह सेवा भाव छोड़ना पड़ता है, या वे सेवा में ही बेपरवाह और कठोर होने लगते हैं या उन्हें कोई दूसरा कार्य देखना पड़ता है।
हम मसीही विश्वासियों के लिए परोपकार और सेवा हमारी बुलाहट की एक ज़िम्मेदारी है, और दूसरों के दुखः तकलीफ में अपने आप को डुबोए रख कर हम अछूते नहीं रह सकते; हम भी अपनी इस ज़िम्मेदरी के निर्वाह में थक सकते हैं। ऐसे में यदि हम इस सेवा को छोड़ दें तो हम मसीह की शिक्षा और उम्मीद से पीछे हट जाते हैं; और यदि इस सेवा में बेपरवाह और असंवेदनशील हो जाएं तो मसीह के मापदण्ड पर पूरे नहीं उतरते। फिर हमारे लिए रास्ता क्या है? हम अपनी सेवा की कार्यविधि में कुछ ऐसे बदलाव कर सकते हैं जो हमारे तनाव को कम कर सकें। मूसा के समान, जिसने अपने ससुर की नेक सलाह के अनुसार अपने कार्य में अपने दायित्वों को अन्य योग्य लोगों में विभाजित किया, हमें भी अपनी मानवीय सीमाओं का आदर करते हुए बुद्धिमानी से अपने सेवा दायित्वों का निर्वाह करना चहिए।
कुछ मसीही विश्वासी मानते हैं कि आत्मिक होने का तात्पर्य है सेवा करने के लिए अपने आप को तब तक धकलेते रहो जब तक प्रभु के लिए टूट कर बिखर न जाओ। लेकिन यह बाइबल और मसीह की शिक्षा के अनुरूप नहीं है। मसीह ने भी अपने चेलों से, जब वे एक बड़ी सेवकाई से लौटे थे क्या कहा: "प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उस को बता दिया। उस ने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। इसलिये वे नाव पर चढ़ कर, सुनसान जगह में अलग चले गए" (मरकुस ६:३०-३२)।
मसीही शिक्षा और बाइबल के अनुसार भला यह है कि हम अपनी सेवकाई की कार्यविधि में कुछ ऐसे सुधार करें कि हम प्रभु के लिए प्रभावी भी रहें और "थके - हारे नेक सामरी" भी न बनें। - मार्ट डी हॉन
सेवा भाव से भरे भले हृदय को बुद्धिमान सिर के नियंत्रण में रहना चहिए।
इससे तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता। - निर्गमन १८:१८
बाइबल पाठ: निर्गमन १८:१३-२७
Exo 18:13 दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे।
Exo 18:14 यह देख कर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आस-पास खड़े रहते हैं?
Exo 18:15 मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है।
Exo 18:16 जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं।
Exo 18:17 मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं।
Exo 18:18 और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता।
Exo 18:19 इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर।
Exo 18:20 इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इनको जता दिया कर।
Exo 18:21 फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उनको हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे।
Exo 18:22 और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे।
Exo 18:23 यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें।
Exo 18:24 अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।
Exo 18:25 सो उस ने सब इस्त्राएलियों में से गुणी-गुणी पुरूष चुनकर उन्हें हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर प्रधान ठहराया।
Exo 18:26 और वे सब लोगों का न्याय करने लगे; जो मुकद्दमा कठिन होता उसे तो वे मूसा के पास ले आते थे, और सब छोटे मुकद्दमों का न्याय वे आप ही किया करते थे।
Exo 18:27 और मूसा ने अपने ससुर को विदा किया, और उस ने अपने देश का मार्ग लिया।
Exo 18:13 दूसरे दिन मूसा लोगों का न्याय करने को बैठा, और भोर से सांझ तक लोग मूसा के आसपास खड़े रहे।
Exo 18:14 यह देख कर कि मूसा लोगों के लिये क्या क्या करता है, उसके ससुर ने कहा, यह क्या काम है जो तू लोगों के लिये करता है? क्या कारण है कि तू अकेला बैठा रहता है, और लोग भोर से सांझ तक तेरे आस-पास खड़े रहते हैं?
Exo 18:15 मूसा ने अपने ससुर से कहा, इसका कारण यह है कि लोग मेरे पास परमेश्वर से पूछने आते है।
Exo 18:16 जब जब उनका कोई मुकद्दमा होता है तब तब वे मेरे पास आते हैं और मैं उनके बीच न्याय करता, और परमेश्वर की विधि और व्यवस्था उन्हें जताता हूं।
Exo 18:17 मूसा के ससुर ने उस से कहा, जो काम तू करता है वह अच्छा नहीं।
Exo 18:18 और इस से तू क्या, वरन ये लोग भी जो तेरे संग हैं निश्चय हार जाएंगे, क्योंकि यह काम तेरे लिये बहुत भारी है; तू इसे अकेला नहीं कर सकता।
Exo 18:19 इसलिये अब मेरी सुन ले, मैं तुझ को सम्मति देता हूं, और परमेश्वर तेरे संग रहे। तू तो इन लोगों के लिये परमेश्वर के सम्मुख जाया कर, और इनके मुकद्दमों को परमेश्वर के पास तू पहुंचा दिया कर।
Exo 18:20 इन्हें विधि और व्यवस्था प्रगट कर करके, जिस मार्ग पर इन्हें चलना, और जो जो काम इन्हें करना हो, वह इनको जता दिया कर।
Exo 18:21 फिर तू इन सब लोगों में से ऐसे पुरूषों को छांट ले, जो गुणी, और परमेश्वर का भय मानने वाले, सच्चे, और अन्याय के लाभ से घृणा करने वाले हों; और उनको हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, और दस-दस मनुष्यों पर प्रधान नियुक्त कर दे।
Exo 18:22 और वे सब समय इन लोगों का न्याय किया करें; और सब बड़े बड़े मुकद्दमों को तो तेरे पास ले आया करें, और छोटे छोटे मुकद्दमों का न्याय आप ही किया करें; तब तेरा बोझ हलका होगा, क्योंकि इस बोझ को वे भी तेरे साथ उठाएंगे।
Exo 18:23 यदि तू यह उपाय करे, और परमेश्वर तुझ को ऐसी आज्ञा दे, तो तू ठहर सकेगा, और ये सब लोग अपने स्थान को कुशल से पहुंच सकेंगें।
Exo 18:24 अपने ससुर की यह बात मान कर मूसा ने उसके सब वचनों के अनुसार किया।
Exo 18:25 सो उस ने सब इस्त्राएलियों में से गुणी-गुणी पुरूष चुनकर उन्हें हज़ार-हज़ार, सौ-सौ, पचास-पचास, दस-दस, लोगों के ऊपर प्रधान ठहराया।
Exo 18:26 और वे सब लोगों का न्याय करने लगे; जो मुकद्दमा कठिन होता उसे तो वे मूसा के पास ले आते थे, और सब छोटे मुकद्दमों का न्याय वे आप ही किया करते थे।
Exo 18:27 और मूसा ने अपने ससुर को विदा किया, और उस ने अपने देश का मार्ग लिया।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह ४३-४४
- १ थिस्सलुनिकियों २
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