कल्पना कीजिए, आप अपने कार्यस्थल पर पहुँचे ही हैं कि आपका अधिकारी आपसे कहता है, "मेरे कमरे में ९:३० बजे पहुँच जाना, मुझे तुमसे तुम्हारे काम के बारे में कुछ बात करनी है।"
स्वाभाविक है कि अब आप अपने अधिकारी की आपके काम के प्रति प्रतिक्रिया और समीक्षा के बारे में सोचने लग जाएंगे और यह आपके लिए घबराहट का समय भी हो सकता है। आप सोच सकते हैं कि मेरा अधिकारी मेरे काम के बारे में क्या सोचता होगा? क्या वह मुझ से प्रसन्न है, और क्या मैं तरक्की तथा तन्ख़ा में बढ़ोतरी के बारे में आशा रख सकता हूँ? कहीं किसी ने मेरे विरुद्ध उसके कान तो नहीं भर दिए? क्या मेरी नौकरी तो जाती नहीं रहेगी? वह मुझ से क्या कहेगा: ’अच्छा किया’ या ’बस! अब बहुत हुआ’? ऐसे कितने ही प्रश्न आपके मन में उठते रहेंगे।
पृथ्वी के हमारे अधिकारीयों के सामने इस प्रकार की मुलाकात और समीक्षा चाहे जितनी भी आवश्यक हो, बाइबल इससे भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण और प्रत्येक की होने वाली समीक्षा की बात करती है। जब इस जीवन का अन्त होगा, हम सब को प्रभु परमेश्वर के सामने खड़ा होना होगा, पृथ्वी पर बिताए अपने जीवन की समीक्षा और प्रतिफल के लिए। पौलुस ने लिखा, "क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए" (२ कुरिन्थियों ५:१०)।
जिन्होंने प्रभु यीशु पर विश्वास और पापों की क्षमा द्वारा उद्धार प्राप्त किया है तथा अपने प्रभु की आज्ञाकारिता में जीवन बिताया है, उन्हें अपने प्रतिफल पाने के लिए अपने प्रभु से यही सुनने की लालसा होगी, "धन्य है अच्छे और विश्वासयोग्य दास, तू थोड़े में विश्वासयोग्य रहा; मैं तुझे बहुत वस्तुओं का अधिकारी बनाऊंगा अपने स्वामी के आनन्द में सम्भागी हो" (मत्ती २५:२१)।
जिन्होंने उद्धार तो पाया किंतु प्रभु के आज्ञाकारी नहीं रहे वे इस समीक्षा में इस बात के निश्चय से तो जाएंगे कि उनका उद्धार सुरक्षित है किंतु चाहे उनका उद्धार सुरक्षित रहे, उन्हें प्रशंसा नहीं नुकसान मिलेगा - उनके अनन्त काल के प्रतिफल का अनन्त काल का नुकसान; "तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा, इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा। और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते" (१ कुरिन्थियों ३:१३-१५)।
किंतु जिन्होंने उद्धार नहीं पाया है, प्रभु द्वारा उन्हें बार बार दिए गए उद्धार के अवसरों का तिरिस्कार करके उन्होंने प्रभु की बजाए अपने कर्मों पर भरोसा करा, वे अपनी ’स्व-धार्मिकता’ अथवा ’भले कामों’ के आधार पर प्रभु को प्रसन्न नहीं कर सकेंगे "क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है। इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं" (रोमियों ३:२०, २३); यह उन्हें बहुत भारी पड़ेगा, और वे अनन्त नरक के भागी होंगे।
हम जो मसीह के विश्वासी हैं, आज उनके लिए यह चुनौती है कि हम मसीह द्वारा हमें दी गई सेवकाई को उत्तम रीति तथा विश्वासयोग्यता के साथ करें, जिससे हम अपने प्रतिफलों का नुकसान ना उठाएं और हमें प्रभु से सुनने को मिल सके "धन्य है अच्छे और विश्वासयोग्य दास"; जो उद्धार पाकर भी अपनी सेवकाई को गंभीरता से नहीं ले रहे, उनके लिए अवसर है कि इस बात की क्षमा माँग कर प्रभु की सेवकाई में गंभीरता से लग जाएं। जिन्होंने मसीह और उसमें उद्धार के अवसर को अभी तक स्वीकार नहीं किया है, प्रभु अपनी दया और अनुग्रह में एक बार फिर उन्हें उद्धार का अवसर प्रदान कर रहा है; भला हो कि वे इसे स्वीकार कर लें और अभी अपना भला अनन्त सुरक्षित कर लें।
हमारा आज का निर्णय और जीवन निरधारित करेगा कि प्रभु द्वारा हमारी समीक्षा कैसी होगी और समीक्षा का परिणाम क्या होगा। - बिल क्राउडर
इस पृथ्वी पर भली भाँति करी गई सेवकाई स्वर्ग में भले प्रतिफल और प्रशंसा देगी।
क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए। - २ कुरिन्थियों ५:१०
बाइबल पाठ: २ कुरिन्थियों ५:१-११
2Co 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
2Co 5:2 इस में तो हम कहरते, और बड़ी लालसा रखते हैं कि अपने स्वर्गीय घर को पहिन लें।
2Co 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं।
2Co 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कहरते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
2Co 5:5 और जिस ने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिस ने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है।
2Co 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
2Co 5:7 क्योंकि हम रूप को देख कर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
2Co 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
2Co 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें।
2Co 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए।
2Co 5:11 सो प्रभु का भय मान कर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा।
2Co 5:1 क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है।
2Co 5:2 इस में तो हम कहरते, और बड़ी लालसा रखते हैं कि अपने स्वर्गीय घर को पहिन लें।
2Co 5:3 कि इस के पहिनने से हम नंगे न पाए जाएं।
2Co 5:4 और हम इस डेरे में रहते हुए बोझ से दबे कहरते रहते हैं; क्योंकि हम उतारना नहीं, वरन और पहिनना चाहते हैं, ताकि वह जो मरनहार है जीवन में डूब जाए।
2Co 5:5 और जिस ने हमें इसी बात के लिये तैयार किया है वह परमेश्वर है, जिस ने हमें बयाने में आत्मा भी दिया है।
2Co 5:6 सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
2Co 5:7 क्योंकि हम रूप को देख कर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
2Co 5:8 इसलिये हम ढाढ़स बान्धे रहते हैं, और देह से अलग हो कर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
2Co 5:9 इस कारण हमारे मन की उमंग यह है, कि चाहे साथ रहें, चाहे अलग रहें पर हम उसे भाते रहें।
2Co 5:10 क्योंकि अवश्य है, कि हम सब का हाल मसीह के न्याय आसन के साम्हने खुल जाए, कि हर एक व्यक्ति अपने अपने भले बुरे कामों का बदला जो उस ने देह के द्वारा किए हों पाए।
2Co 5:11 सो प्रभु का भय मान कर हम लोगों को समझाते हैं और परमेश्वर पर हमारा हाल प्रगट है; और मेरी आशा यह है, कि तुम्हारे विवेक पर भी प्रगट हुआ होगा।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति १०-१२
- मत्ती ४
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