रे टौमलिन्सन सन 1971 में लोगों और कंप्यूटर्स के बीच पारस्परिक क्रिया-प्रतिक्रीया पर कार्य कर रहे थे। जब उन्होंने अपने कंप्यूटर से अपने दफतर में स्थापित कंप्यूटर नेटवर्क से होकर एक अन्य कंप्यूटर को एक सन्देश भेजा तो वह विश्व का सबसे पहला ई-मेल था। आज, इस घटना के कई दशकों पश्चात, प्रतिदिन एक अरब से भी अधिक ई-मेल इधर से उधर भेजे जाते हैं। बहुत से ई-मेलों में महत्वपूर्ण सूचनाएं एवं जानकारियाँ होती हैं जो परिवारजनों, मित्रों या अन्य लोगों-जानकारों तक पहुँचानी होती हैं, लेकिन बहुत से ई-मेल अनचाहे विज्ञापनों के वाहक होते हैं और अनेक में तो विनाशकारी वायरस भी होते हैं जो ई-मेल खोलने पर उस कंप्यूटर में गड़बड़ी और खराबी ला सकते हैं, उसका अनुचित प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए आज ई-मेल के प्रयोग से संबंधित एक नियम सा बन गया है, "यदि आप भेजेने वाले को नहीं जानते हैं या उस पर विश्वास नहीं रखते हैं तो ई-मेल को मत खोलिए।"
परमेश्वर ने भी हमें अपने पुत्र प्रभु यीशु के रूप में एक सन्देश भेजा है, और क्योंकि परमेश्वर विश्वासयोग्य है, वह सदा ही हमारा भला ही चाहता है, इसलिए उसके सन्देश पर निसंकोच विश्वास किया जा सकता है, उसे पढ़ा जा सका सकता है। पुराने नियम के काल में परमेश्वर लोगों से अपने भविष्यद्वक्ताओं में होकर बोलता था, लेकिन बहुतेरों ने परमेश्वर के उस वचन का इन्कार किया; लेकिन उस सब कुछ का लक्ष्य था वर्तमान का सन्देश: "पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि रची है" (इब्रानियों 1:1-2)।
संभव है कि हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के एक शिशु के रूप में इस संसार में आने के भेद से विस्मित हों, उसे समझ ना पाएं और अपने जीवनों को पूरी तरह से उसे समर्पित करने, उसे ग्रहण करने में हिचकिचाएं; लेकिन प्रभु यीशु का जन्म, जीवन, मृत्यु और मृतकों में से पुनरुत्थान ऐतिहासिक अकाट्य सत्य हैं।
प्रभु यीशु का जन्म परमेश्वर द्वारा भेजा गया उसके प्रेम, आशा और हमारे लिए पापों के दोष से छुटकारे का अविस्मरणीय सन्देश है। क्या आप उस भेजने वाले पर विश्वास कर के उसके सन्देश को पढ़ेंगे, उसे अपने जीवन में स्थान देंगे? - डेविड मैक्कैसलैंड
परमेश्वर द्वारा भेजा गया अनन्त आशीष और आशा का सन्देश आपके द्वारा पढ़े और ग्रहण किए जाने की प्रतीक्षा में है।
और हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में, जो बाप दादों से की गई थी, यह सुसमाचार सुनाते हैं। - प्रेरितों 13:32
बाइबल पाठ: इब्रानियों 1:1-9
Hebrews 1:1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा कर के और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के।
Hebrews 1:2 इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि रची है।
Hebrews 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।
Hebrews 1:4 और स्वर्गदूतों से उतना ही उत्तम ठहरा, जितना उसने उन से बड़े पद का वारिस हो कर उत्तम नाम पाया।
Hebrews 1:5 क्योंकि स्वर्गदूतों में से उसने कब किसी से कहा, कि तू मेरा पुत्र है, आज तू मुझ से उत्पन्न हुआ? और फिर यह, कि मैं उसका पिता हूंगा, और वह मेरा पुत्र होगा?
Hebrews 1:6 और जब पहिलौठे को जगत में फिर लाता है, तो कहता है, कि परमेश्वर के सब स्वर्गदूत उसे दण्डवत करें।
Hebrews 1:7 और स्वर्गदूतों के विषय में यह कहता है, कि वह अपने दूतों को पवन, और अपने सेवकों को धधकती आग बनाता है।
Hebrews 1:8 परन्तु पुत्र से कहता है, कि हे परमेश्वर तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा: तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है।
Hebrews 1:9 तू ने धर्म से प्रेम और अधर्म से बैर रखा; इस कारण परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर हर्ष रूपी तेल से तुझे अभिषेक किया।
एक साल में बाइबल:
- 2 यूहन्ना;
- 3 यूहन्ना;
- यहूदा
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