मैं एक व्यावसायिक दौरे पर फिलेडेलफिया में था और वहाँ ईस्टर पूर्व के गुरुवार को सन्ध्या काल में एक छोटे आराधनालय में आयोजित करी जाने वाली प्रभु-भोज की सभा में सम्मिलित हुआ। उस सन्ध्या को वह स्थान केवल कुछ मोमबत्तियों से ही रौशन था। प्रभु-भोज के उपरान्त परमेश्वर के वचन बाइबल में से यूहन्ना रचित सुसमाचार का एक खण्ड ऊँची आवाज़ में पढ़ा गया, फिर एक मोमबत्ती को बुझा दिया गया, और हमने प्रभु यीशु के क्रूस तक की यात्रा पर आधारित गीत का एक अन्तरा गाया। इसी प्रक्रिया को 14 बार दोहराया गया, जब तक कि वह आराधनालय पूर्णत्याः अन्धकारमय नहीं हो गया। इसके पश्चात हम सब उपस्थित लोग खामोशी में प्रार्थना करने के लिए घुटनों पर आ गए और अपनी अपनी प्रार्थना समाप्त कर के बिना कुछ बात-चीत किए वहाँ से बाहर निकल आए।
इस प्रकार की अन्धकार में करी गई आराधना का उद्देश्य था प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए गए बलिदान में कार्यकारी अन्धकार की बातों को स्मरण करना। प्रभु यीशु के अपने चेलों के साथ खाए गए अन्तिम भोज के बारे में विचार कीजिए, जब प्रभु ने अपने चेलों को बताया कि उनमें से एक उन्हें पकड़वाएगा (यूहन्ना 13:21-30)। केवल प्रभु यीशु ही जानते थे कि उन्हें पकड़वाने वाला वह चेला यहूदा इस्करियोती था, और जब प्रभु यीशु ने यहूदा को रोटी का टुकड़ा दिया, "तब वह टुकड़ा ले कर तुरन्त बाहर चला गया, और रात्रि का समय था" (यूहन्ना 13:30)।
प्रभु यीशु के जीवन की सबसे अन्धकारमय रात में वे गतसमनी के बाग़ में प्रार्थना में जूझे, उसी अन्धकार में वे धोखे तथा अन्याय से गिरफतार किए गए, सारी रात धर्म के अगुवों से मिली नाजायज़ ताड़ना को सहा, अपने चेले पतरस द्वारा तीन बार किया गया इन्कार झेला, और फिर उन्हें ले जा कर क्रूस पर चढ़ा दिया गया जहाँ उन्होंने समस्त मानव जाति के पापों के लिए अपने प्राण बलिदान कर दिए।
प्रभु यीशु ने अन्धकार और मृत्यु इसीलिए झेले ताकि हम सभी अपने अपने पापों की क्षमा पा सकें, उससे ज्योति और जीवन पा सकें। हमारे उद्धार के लिए जो कुछ प्रभु यीशु ने सह लिया उस के लिए उसकी जितनी भी स्तुति एवं प्रशंसा करी जा सके वह कम ही है। - डेविड मैक्कैसलैंड
कलवरी पर प्रभु यीशु का क्रूस हमारे पापों की निकृष्टता और परमेश्वर के प्रेम की महानता को दिखाता है।
जिसने मुझे भेजा है; हमें उसके काम दिन ही दिन में करना अवश्य है: वह रात आने वाली है जिस में कोई काम नहीं कर सकता। - यूहन्ना 9:4
बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:21-30
John 13:21 ये बातें कहकर यीशु आत्मा में व्याकुल हुआ और यह गवाही दी, कि मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।
John 13:22 चेले यह संदेह करते हुए, कि वह किस के विषय में कहता है, एक दूसरे की ओर देखने लगे।
John 13:23 उसके चेलों में से एक जिस से यीशु प्रेम रखता था, यीशु की छाती की ओर झुका हुआ बैठा था।
John 13:24 तब शमौन पतरस ने उस की ओर सैन कर के पूछा, कि बता तो, वह किस के विषय में कहता है
John 13:25 तब उसने उसी तरह यीशु की छाती की ओर झुक कर पूछा, हे प्रभु, वह कौन है? यीशु ने उत्तर दिया, जिसे मैं यह रोटी का टुकड़ा डुबोकर दूंगा, वही है।
John 13:26 और उसने टुकड़ा डुबोकर शमौन के पुत्र यहूदा इस्करियोती को दिया।
John 13:27 और टुकड़ा लेते ही शैतान उस में समा गया: तब यीशु ने उस से कहा, जो तू करता है, तुरन्त कर।
John 13:28 परन्तु बैठने वालों में से किसी ने न जाना कि उसने यह बात उस से किस लिये कही।
John 13:29 यहूदा के पास थैली रहती थी, इसलिये किसी किसी ने समझा, कि यीशु उस से कहता है, कि जो कुछ हमें पर्व के लिये चाहिए वह मोल ले, या यह कि कंगालों को कुछ दे।
John 13:30 तब वह टुकड़ा ले कर तुरन्त बाहर चला गया, और रात्रि का समय था।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों 16-18
- लूका 7:1-30
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