अन्तराष्ट्रीय बास्केट-बॉल संघ के अनुसार, बास्केट-बॉल संसार का दूसरा सबसे लोकप्रीय खेल है, और अनुमान लगाया गया है कि संसार भर में इसके 45 करोड़ चाहने वाले हैं। अमेरिका में मार्च महीने में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अकसर प्रसिद्ध बास्केट-बॉल प्रशिक्षक जॉन वुडेन को स्मरण किया जाता है। लॉस ऐन्जेलेस के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपने 27 वर्षों के दौरान वुडन द्वारा प्रशिक्षित टीमों ने अभूतपूर्व 10 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीतीं। लेकिन आज भी वुडेन को, जिनका देहांत 2010 में हुआ, उनकी इन उपलब्धियों से अधिक उनके व्यक्तित्व के लिए स्मरण किया जाता है।
जॉन वुडेन मसीही विश्वासी थे और अपने मसीही विश्वास को जी कर दिखाते थे; प्रतियोगिता जीतने से आसक्त वातावरण में भी वे दूसरों के प्रति एक सच्ची लगन और चिंता रखते थे। अपनी जीवनी, "They Call Me Coach" में उन्होंने लिखा, "मैंने सदा ही यह जताने का प्रयास किया है बास्केटबॉल सर्वोपरि नहीं है। हमारे उस संपूर्ण जीवन के सामने, जो हम जीते हैं, उसका महत्व बहुत कम है। एक ही जीवन है जो सदा विजयी रहता है, और वह है वो जीवन जो उद्धारकर्ता प्रभु के हाथ में समर्पित कर दिया गया है। जब तक यह समर्पण ना हो, हमारा जीवन मार्ग एक गोल चक्कर में चलते जाने के समान निरर्थक है, हमें कहीं नहीं पहुँचा सकता है।"
प्रभु यीशु ने कहा, "उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें" (मत्ती 5:16)। जॉन वुडेन ने अपने जीवन के हर कार्य से परमेश्वर को आदर दिया, और उनके चमकते हुए जीवन का उदाहरण आज हमें भी यही करने के लिए प्रेरित करता है। - डेविड मैक्कैसलैण्ड
अपने प्रकाश को चमकने दें - चाहे आप कोने में लगी मोमबत्ती हों अथवा पहाड़ी पर खड़ा प्रकाशस्तंभ।
परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है। - नीतिवचन 4:18
बाइबल पाठ: मत्ती 5:1-16
Matthew 5:1 वह इस भीड़ को देखकर, पहाड़ पर चढ़ गया; और जब बैठ गया तो उसके चेले उसके पास आए।
Matthew 5:2 और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें यह उपदेश देने लगा,
Matthew 5:3 धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Matthew 5:4 धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
Matthew 5:5 धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Matthew 5:6 धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जाएंगे।
Matthew 5:7 धन्य हैं वे, जो दयावन्त हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी।
Matthew 5:8 धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
Matthew 5:9 धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।
Matthew 5:10 धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है।
Matthew 5:11 धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें, और सताएं और झूठ बोल बोलकर तुम्हरो विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें।
Matthew 5:12 आनन्दित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिये स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिये कि उन्होंने उन भविष्यद्वक्ताओं को जो तुम से पहिले थे इसी रीति से सताया था।
Matthew 5:13 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए।
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता।
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है।
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।
एक साल में बाइबल:
- नीतिवचन 22-24
- 2 कुरिन्थियों 8
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