कहा जाता है कि प्रसिद्ध वैज्ञानिक एलबर्ट आइन्सटाईन ने कहा था, "केवल दो चीज़ें असीम हैं, सृष्टि एवं मनुष्यों की मूर्खता; लेकिन इन में से प्रथम के बारे में मैं इतना निश्चित नहीं हूँ।" दुर्भाग्यवश, हम अपनी मूर्खता के कारण अपने आप को अकसर परेशानियों में डाल लेते हैं, या अपनी मूर्खता से दूसरों को परेशानी दे देते हैं अथवा दूसरों की बर्बादी का कारण बन जाते हैं; और हमारे ऐसा करते रहने की कोई सीमा नहीं है।
ऐसे ही एक खेद के समय में दाऊद ने भजन 38 में अपनी हालत और शिकायत को परमेश्वर के सामने रखा। अपनी मूर्खता के कारण मिले दुखद परिणामों और असफलताओं का वर्णन करते हुए दाऊद ने गंभीर बात कही: "मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं" (भजन 38:5)। यद्यपि भजनकार यह तो नहीं बताता है कि वे मूर्खताएं क्या थीं या फिर उसके घाव कैसे थे, लेकिन जो बात स्पष्ट है वह है कि दाऊद को यह पता था कि उन दुखों का कारण उसकी मूर्खता ही है।
ऐसी विनाशकारी मूर्खता के दुषपरिणामों से निकलने का एक ही मार्ग है - परमेश्वर की बुद्धिमानी की शरण में आ जाएं। परमेश्वर के वचन बाइबल की नीतिवचन नामक पुस्तक में लिखा है, "यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र ईश्वर को जानना ही समझ है" (नीतिवचन 9:10)। केवल परमेश्वर को हमें बदल देने की अनुमति देने और उससे ऐसा करने का आग्रह करने के द्वारा ही हम अपनी मूर्खताओं और उनके दुषपरिणामों से निकल सकते हैं। उसके धैर्यपूर्ण तथा सप्रेम मार्गदर्शन द्वारा हम बुद्धिमानी के मार्ग पर चलते रह सकते हैं। - बिल क्राउडर
जो नम्रता के साथ परमेश्वर से आग्रह करते हैं, उन्हें परमेश्वर अपनी बुद्धिमता अवश्य प्रदान करता है।
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उसको दी जाएगी। पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। - याकूब 1:5-6
बाइबल पाठ: भजन 38:1-15
Psalms 38:1 हे यहोवा क्रोध में आकर मुझे झिड़क न दे, और न जलजलाहट में आकर मेरी ताड़ना कर!
Psalms 38:2 क्योंकि तेरे तीर मुझ में लगे हैं, और मैं तेरे हाथ के नीचे दबा हूं।
Psalms 38:3 तेरे क्रोध के कारण मेरे शरीर में कुछ भी आरोग्यता नहीं; और मेरे पाप के कारण मेरी हडि्डयों में कुछ भी चैन नहीं।
Psalms 38:4 क्योंकि मेरे अधर्म के कामों में मेरा सिर डूब गया, और वे भारी बोझ की नाईं मेरे सहने से बाहर हो गए हैं।
Psalms 38:5 मेरी मूढ़ता के कारण से मेरे कोड़े खाने के घाव बसाते हैं और सड़ गए हैं।
Psalms 38:6 मैं बहुत दुखी हूं और झुक गया हूं; दिन भर मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए चलता फिरता हूं।
Psalms 38:7 क्योंकि मेरी कमर में जलन है, और मेरे शरीर में आरोग्यता नहीं।
Psalms 38:8 मैं निर्बल और बहुत ही चूर हो गया हूं; मैं अपने मन की घबराहट से कराहता हूं।
Psalms 38:9 हे प्रभु मेरी सारी अभिलाषा तेरे सम्मुख है, और मेरा कराहना तुझ से छिपा नहीं।
Psalms 38:10 मेरा हृदय धड़कता है, मेरा बल घटता जाता है; और मेरी आंखों की ज्योति भी मुझ से जाती रही।
Psalms 38:11 मेरे मित्र और मेरे संगी मेरी विपत्ति में अलग हो गए, और मेरे कुटुम्बी भी दूर जा खड़े हुए।
Psalms 38:12 मेरे प्राण के ग्राहक मेरे लिये जाल बिछाते हैं, और मेरी हानि के यत्न करने वाले दुष्टता की बातें बोलते, और दिन भर छल की युक्ति सोचते हैं।
Psalms 38:13 परन्तु मैं बहिरे की नाईं सुनता ही नहीं, और मैं गूंगे के समान मूंह नहीं खोलता।
Psalms 38:14 वरन मैं ऐसे मनुष्य के तुल्य हूं जो कुछ नहीं सुनता, और जिसके मुंह से विवाद की कोई बात नहीं निकलती।
Psalms 38:15 परन्तु हे यहोवा, मैं ने तुझ ही पर अपनी आशा लगाई है; हे प्रभु, मेरे परमेश्वर, तू ही उत्तर देगा।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 1-2
- गलतियों 5
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