हमारे बेटे मार्क के सेना में भरती को 4 सप्ताह ही हुए थे कि एक प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान उसके घुटने में गंभीर चोट लग गई। परिणामस्वरूप उसे सेना छोड़नी पड़ी, और 19 वर्ष की आयु में उसे चलने-फिरने के लिए लकड़ी का सहारा लेना पड़ा। चोट की गंभीरता के कारण उसे 2 वर्ष तक आराम, पुनःस्थापन के व्यायाम और पुनःस्वस्थ होने की लंबी प्रक्रिया से निकलना पड़ा। अन्ततः वह अपने घुटने पर बंधे सहायकों (braces) को उतारने पाया, जो उसे चोटिल होने के बाद से बांध कर रखने पड़े थे। यद्यपि आज भी उसे थोड़ा-बहुत दर्द होता रहता है लेकिन चंगा होने की लंबी और धीमी प्रक्रिया से होकर वह आज अपनी टांग को पूरी तरह से प्रयोग करने की स्थिति में आ गया है।
हमारे शरीरों को भला-चंगा होने में हमारे अनुमान से कहीं अधिक समय लगता है। यही बात हमारी आत्मिक चंगाई पर भी ऐसे ही लागू होती है। जीवन में लिए गए गलत निर्णयों, अविवेकपूर्ण कार्यों या दूसरों द्वारा हमें पहुंचाए गए आघातों के कारण हम पर आने वाले बोझ या घाव जीवन पर्यन्त हमारे साथ रहते हैं; उनकी पीड़ा हमें समय-असमय स्मरण आति रहती है। लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता की ओर से आश्वासन है कि मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के साथ ही हमारी आत्मिक चंगाई आरंभ हो जाती है और हम अन्ततः इन सब बातों से निकल कर एक ऐसे स्थान पर होंगे जहाँ इनका ना तो स्मरण और ना कोई प्रभाव शेष रहेगा। इस विषय में परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना लिखता है: "और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)।
जब भी हम किसी पीड़ादायक परिस्थिति में हों तो इस बात को ध्यान करना शान्तिदायक होता है कि हमारे परमेश्वर पिता की उपस्थिति सदा हमारे साथ बनी रहती है और वह हमें संपूर्ण तथा निश्चिंत करने के मार्ग बना कर देता रहता है, और अन्ततः अपने साथ अनन्त शांति में अनन्त काल के लिए ले लेगा। - बिल क्राउडर
हम जैसे ही मसीह यीशु के पास अपनी व्यथित तथा टूटी हुई दशा में आते हैं,
वह हमें संपूर्ण करना आरंभ कर देता है।
तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है; और परमेश्वर सच्चा है, वह तुम्हें सामर्थ से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13
बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 21:1-8
Revelation 21:1 फिर मैं ने नये आकाश और नयी पृथ्वी को देखा, क्योंकि पहिला आकाश और पहिली पृथ्वी जाती रही थी, और समुद्र भी न रहा।
Revelation 21:2 फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
Revelation 21:3 फिर मैं ने सिंहासन में से किसी को ऊंचे शब्द से यह कहते सुना, कि देख, परमेश्वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है; वह उन के साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर आप उन के साथ रहेगा; और उन का परमेश्वर होगा।
Revelation 21:4 और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।
Revelation 21:5 और जो सिंहासन पर बैठा था, उसने कहा, कि देख, मैं सब कुछ नया कर देता हूं: फिर उसने कहा, कि लिख ले, क्योंकि ये वचन विश्वास के योग्य और सत्य हैं।
Revelation 21:6 फिर उसने मुझ से कहा, ये बातें पूरी हो गई हैं, मैं अलफा और ओमिगा, आदि और अन्त हूं: मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा।
Revelation 21:7 जो जय पाए, वही इन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊंगा, और वह मेरा पुत्र होगा।
Revelation 21:8 पर डरपोकों, और अविश्वासियों, और घिनौनों, और हत्यारों, और व्यभिचारियों, और टोन्हों, और मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।
एक साल में बाइबल:
- 2 राजा 22-23
- यूहन्ना 4:31-54
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