अमेरिका के इडाहो प्रांत में कूना के दक्षिण में धरती के नीचे एक सुरंग है जिसमें से लावा बहता है, और यह स्थान काफी बदनाम भी है। जहाँ तक मेरी जानकारी है, उस सुरंग तक पहुँचने का एक ही मार्ग है जो धरती की सतह पर एक गहरा गड्ढ़ा है, जिसकी गहराई सीधे नीचे अन्धकार में उस सुरंग तक जाती है। कुछ वर्ष पहले मैं उस गड्ढ़े के किनारे खड़ा होकर नीचे की ओर झाँक रहा था। मैं उसकी कगार तक जाने के लिए आकर्षित हुआ, और कगार के पास पहुँच कर मैंने अपना संतुलन लगभग खो ही दिया था। उस पल में मैंने हृदय दहला देने वाले भय का अनुभव किया और तुरंत ही मैं उस गड्ढ़े से पीछे हट गया।
पाप के साथ व्यवहार भी ऐसा ही है: जिज्ञासा हमें पाप के गढ़े के कगार तक आकर्षित कर लेती है। कितनी ही बार ऐसा हुआ है कि ऐसे आकर्षित हुए लोग फिर उस पाप में गिर भी गए हैं, उस विनाश के अन्धकार में समा गए हैं। उन बुराईयों और अनैतिकताओं से किए गए छोटे-मोटे खिलवाड़ के कारण वे अपने परिवार, प्रतिष्ठा, और आजीविका के साधनों को नाश कर लेते हैं, क्योंकि जो एक छेड़-छाड़ से आरंभ हुआ था, वह फिर विचारों में बस गया और क्रिया में परिवर्तित हो गया, और परिणाम बहुत भयानक हुआ। अपने जीवन में पीछे की ओर देखकर वे यही कहते हैं कि, "मुझे कभी ऐसा नहीं लगा था कि यह बढ़कर ऐसा हो जाएगा, इससे मेरा यह हाल हो जाएगा।"
हमें लगता है कि हम पाप से छेड़-छाड़ के लिए उसके निकट आ सकते हैं, उसकी कगार पर आकर फिर वापस लौट कर जा सकते हैं; परन्तु यह मूर्खता का विचार है। हम जानते हैं कि जो हम कर रहे हैं वह गलत हैं, फिर भी हम उससे खिलवाड़ का मज़ा लेना चाहते हैं। लेकिन निकट आने के कारण, खिलवाड़ करने के कारण, हम फिर बारंबार उस पाप की ओर लौट कर आते हैं, उसमें गहरे, और गहरे धंसते चले जाते हैं; और जब तक हमें अपनी वस्तुस्थिति का एहसास होता है, हम पाप के चँगुल में फंस चुके होते हैं।
परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने इसीलिए कहा, "...मैं तुम से सच सच कहता हूं कि जो कोई पाप करता है, वह पाप का दास है" (यूहन्ना 8:34)। इसलिए चाहिए कि पाप के चँगुल में फँसने से बचे रहने के लिए हम दाऊद के समान प्रार्थना करें "तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा" (भजन 19:13), जिससे परमेश्वर की सहायता और सामर्थ्य से हम पाप से दूर रहें, बचे रहें। - डेविड रोपर
प्रत्येक बड़ा पतन एक छोटे से लड़खड़ाने से आरंभ होता है।
क्या हो सकता है कि कोई अपनी छाती पर आग रख ले; और उसके कपड़े न जलें? - नीतिवचन 6:27
बाइबल पाठ: रोमियों 6:16-23
Romans 6:16 क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है
Romans 6:17 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, कि तुम जो पाप के दास थे तौभी मन से उस उपदेश के मानने वाले हो गए, जिस के सांचे में ढाले गए थे।
Romans 6:18 और पाप से छुड़ाए जा कर धर्म के दास हो गए।
Romans 6:19 मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास कर के सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास कर के सौंप दो।
Romans 6:20 जब तुम पाप के दास थे, तो धर्म की ओर से स्वतंत्र थे।
Romans 6:21 सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे?
Romans 6:22 क्योंकि उन का अन्त तो मृत्यु है परन्तु अब पाप से स्वतंत्र हो कर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिस से पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है।
Romans 6:23 क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है।
एक साल में बाइबल:
- भजन 63-65
- रोमियों 6
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