फ्रांस
के कलाकार हेनरी मातिस्से के अनुसार, उनके जीवन के अन्त के समय उनके द्वारा बनाई
गई कलाकृतियां उनके जीवन की सब से उत्तम प्रतीक थीं। उस समय में उन्होंने चित्र
बनाने की एक नई शैली के साथ प्रयोग किया, विशाल तसवीरें बनाना, रंग के साथ नहीं
वरन रंगीन कागज़ का उपयोग करने के द्वारा। उन्होंने अपने कमरे की दीवारों को इन
चटकीले रंग की तस्वीरों से सजा लिया था। उनके लिए यह महत्वपूर्ण था, क्योंकि तब वे
कैंसर पीड़ित थे और अकसर बिस्तर पर ही रहने के लिए बाध्य होते थे।
बीमार
पड़ना, नौकरी खो देना, किसी दुखद स्थिति से होकर निकलना, आदि ऐसे अनुभव हैं जिन्हें
कुछ लोग “घाटी के अनुभव” कहते हैं, जहाँ भय अन्य हर बात पर छाया रहता है। परमेश्वर
के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में हम देखते हैं कि यहूदा के लोगों ने भी ऐसी
ही स्थिति का अनुभव किया जब उन्हें पता चला कि तीन बड़ी जातियां एक संयुक्त सेना
बनाकर उन पर चढ़ाई करने के लिए आ रही है (2 इतिहास 20: 1-3)। यहूदा के राजा ने
परमेश्वर के आगे अपनी विनती रखी, “हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर
चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और
हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी
आंखें तेरी ओर लगी हैं” (पद 12); और परमेश्वर ने उन्हें
उत्तर दिया कि “इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे
रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो,
और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना
करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा” (पद 17)।
परमेश्वर
के कहे अनुसार यहूदा के राजा ने अपनी सेना को युद्ध-भूमि में भेजा, और वे परमेश्वर
की स्तुति करते हुए गए (पड़ 20-21)। उन्होंने पाया कि उन्हें किसी युद्ध में नहीं पड़ना
पड़ा, वरन उनके विरुद्ध आई सेना के लोग आपस में ही लड़ मरे, और यहूदा की सेना तीन
दिन तक उन पर से लूट को जमा करती रही। उन्होंने उस युद्ध-स्थल का नाम “बराका की
तराई,” अर्थात “आशीष” रखा।
हमारे
जीवनों के न्यूनतम बिंदुओं में भी परमेश्वर हमारे साथ होता है। उसके साथ होने से
हम अपनी घाटी के अनुभव में भी आशीष को पा सकते हैं। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
परमेश्वर बोझ को भी आशीष में बदल देने में
माहिर है।
तुम्हारा स्वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो;
क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न
छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर
कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है;
मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। -
इब्रानियों 13:5-6
बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:1, 12-22
2 Chronicles 20:1
इसके बाद मोआबियों और अम्मोनियों ने और उनके साथ कई मूनियों ने युद्ध करने के लिये
यहोशापात पर चढ़ाई की।
2 Chronicles 20:12 हे
हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके
साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये?
परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं।
2 Chronicles 20:13
और सब यहूदी अपने अपने बाल-बच्चों, स्त्रिीयों और पुत्रों
समेत यहोवा के सम्मुख खड़े रहे।
2 Chronicles 20:14
तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता
और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के
बीच यहोवा का आत्मा समाया।
2 Chronicles 20:15 और
वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे
यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है।
2 Chronicles 20:16
कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम
जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे।
2 Chronicles 20:17
इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और
खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा
मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा
तुम्हारे साथ रहेगा।
2 Chronicles 20:18
तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों
ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया।
2 Chronicles 20:19
और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा
की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे।
2 Chronicles 20:20
बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और
चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर
रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब
तुम कृतार्थ हो जाओगे।
2 Chronicles 20:21
तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि
पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं,
और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का
धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।
2 Chronicles 20:22
जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने
अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो
यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे
गए।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 39-40
- मत्ती 11
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें