जब
अफ्रीका के घाना देश में तानो नदी पर बना एक पुल बह गया तो तानो नदी के बार नए
क्रोबो नगर के निवासी उस पार ही फंसे रह गए। नदी के इस पार पास्टर सैम्यूएल
अप्पियाह के चर्च में लोगों की उपस्थिति भी बहुत कम हो गई क्योंकि उनके चर्च के
बहुत से सदस्य नदी के उस पार नए क्रोबो नगर में रहते थे।
उस
समय पास्टर सैम्यूएल चर्च के बच्चों की देखभाल करने वाले स्थान को बढ़ाने के लिए
कार्य कर रहे थे, जिससे और भी अधिक
अनाथ बच्चों की देखभाल की जा सके। ऐसे में उनके चर्च ने नदी के पार ही नए क्रोबो
नगर में खुले स्थान में चर्च की सभाएं आयोजित करने का निर्णय लिया। सभाओं के आरंभ
होने के पश्चात शीघ्र ही नए मसीही विश्वासी चर्च के साथ जुड़ने लगे, वहाँ उस पार एक नया चर्च बनने लगा, और पास्टर सैम्यूएल के पास अनाथों के लिए
शरणस्थान बनाने के लिए बड़ा स्थान भी उपलब्ध हो गया। उन कठिन परिस्थितियों में होकर
भी परमेश्वर अपने रचनात्मक निर्माण कार्यों को पूरा कर रहा था।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में, जब पौलुस को पकड़ कर बंदीगृह में डाल दिया गया, तो उसने अपनी परिस्थितियों के लिए विलाप नहीं
किया। बंदीगृह से लिखी गई अपनी प्रबल पत्रियों के द्वारा पौलुस ने कई कलीसियाओं और
लोगों को प्रोत्साहित किया और शिक्षाएँ दीं। फिलिप्पी की मसीही मण्डली को लिखी पत्री
में पौलुस लिखता है “हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान
लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है” (फिलिप्पियों 1:12)। पौलुस ने बताया कि कैसे उसके बेड़ियों में डाले जाने
के कारण “कैसरी राज्य की सारी पलटन” मसीह यीशु के विषय में जानने पाई है (पद 13),
तथा औरों की हिम्मत बढ़ी है कि वे भी प्रभु यीशु का सुसमाचार प्रचार करें (पद 14)।
परिस्थितियों
और कठिनाइयों के बावजूद, पास्टर
सैम्यूएल और पौलुस, दोनों ने देखा कि कैसे परमेश्वर उन्हें नए तरीकों से सेवकाई के
लिए उपयोग कर रहा है। आज हमारी परिस्थितियों के द्वारा परमेश्वर हम से क्या सेवकाई
लेना चाहता है? – टिम गुस्ताफसन
परमेश्वर सभी मानवीय गड़बड़ी में भी अपना कार्य करता रहता है।
बाइबल का यही सन्देश है। - मैट शैंडलर
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार
बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:12-18
फिलिप्पियों 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से
सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।
फिलिप्पियों 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया
है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।
फिलिप्पियों 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन
में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का
वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।
फिलिप्पियों 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा
से।
फिलिप्पियों 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं
प्रेम से प्रचार करते हैं।
फिलिप्पियों 1:17 और कई एक तो सिधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न
करें।
फिलिप्पियों 1:18 सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और
आनन्दित रहूंगा भी।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 14-15
- याकूब 2
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