हाल
ही में मैं अपनी एक सहेली से बात कर रही थी, और उसने मुझे बताया कि क्यों
उसने अपने विश्वास को त्याग दिया है। ऐसा करने के लिए उसने मुझे वही पुराना चला आ
रहा तर्क दिया : “मैं कैसे ऐसे परमेश्वर में विश्वास रख सकती हूँ जो कुछ करता हुआ
प्रतीत ही नहीं होता है?” यह झकझोरने वाला प्रश्न हम सभी के सामने कभी न कभी अवश्य
आता है, विशेषकर तब जब हम संसार में हो रही हिंसा की घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं या
लोगों के शोषण किए जाने, आदि के बारे में देखते-पढ़ते हैं, या अपने ही किसी दुःख का
सामना कर रहे होते हैं। मेरी सहेली की व्यथा ने प्रकट किया कि कैसे उसकी अपनी
इच्छा यही थी कि परमेश्वर उसके पक्ष में होकर शीघ्रता से कार्य करे; जिस व्यथा का
हम सभी संभवतः सामना कर चुके हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि इस्राएल भी इस स्थिति का सामना कर चुका था।
बेबीलोन के साम्राज्य ने इस्राएल को कठोरता से कुचल डाला था, और यरूशलेम को
बर्बाद कर डाला था। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने लोगों की भावनाओं को आवाज़ देते हुए पूछा, “वह परमेश्वर कहाँ
है जिसे हमें बचा लेना चाहिए?” (यशायाह 63:11-15)। लेकिन फिर भी ठीक उसी स्थान से
यशायाह एक साहसी प्रार्थना भी करता है, और परमेश्वर से आग्रह करता है, “भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़
तेरे सामने कांप उठे” (64:1)। यशायाह की पीड़ा
और दुःख ने उसे परमेश्वर से दूर हो जाने के लिए नहीं, वरन उसके और भी निकट बढ़ने
के लिए प्रेरित किया।
हमारे
संदेह और कठिनाइयाँ हमारे लिए एक अनोखा उपहार बन जाते हैं; उनके द्वारा हम जानने पाते
हैं कि हम कितने खोए हुए हैं और हमें परमेश्वर की निकटता में बढ़ने की कितनी
आवश्यकता है। हम प्रभु यीशु मसीह के आगमन में देखते हैं कि परमेश्वर वास्तव में
आकाश फाड़ कर हमारे लिए पृथ्वी पर उतरा आया। उसने अपनी देह को पीटे और तोड़े जाने
दिया जिससे कि हमारे प्रति अपने प्रेम को दिखा सके। वह आज भी हमारे साथ बना रहता
है, हम में होकर कार्य करता है, हमारे लिए विनती प्रार्थना कर रहा है, स्थान तैयार कर
रहा है, और हमें अपने दूसरे आगमन के लिए तैयार कर रहा है, जिससे कि हम अनंतकाल तक
उसके साथ रहने वाले हो सकें।
परमेश्वर
शिथिल या निष्क्रिय नहीं है; वह आज भी संसार भर में सक्रिय है। - विन्न कोलियर
परमेश्वर हमारे पक्ष में सदा सक्रिय रहता है।
मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि
मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार
करूं, तो फिर आकर तुम्हें
अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां
तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:2, 3
बाइबल पाठ: यशायाह 64:1-8
यशायाह 64:1 भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे सामने काँप उठे।
यशायाह 64:2 जैसे आग झाड़-झँखाड़ को जला देती या जल को उबालती है, उसी रीति से तू अपने शत्रुओं पर अपना नाम ऐसा
प्रगट कर कि जाति जाति के लोग तेरे प्रताप से कांप उठें!
यशायाह 64:3 जब तू ने ऐसे भयानक काम किए जो हमारी आशा से भी बढ़कर थे, तब तू उतर आया, पहाड़ तेरे प्रताप से कांप उठे।
यशायाह 64:4 क्योंकि प्राचीनकाल ही से तुझे छोड़ कोई और ऐसा परमेश्वर न तो कभी
देखा गया और न कान से उसकी चर्चा सुनी गई जो अपनी बाट जोहने वालों के लिये काम करे।
यशायाह 64:5 तू तो उन्हीं से मिलता है जो धर्म के काम हर्ष के साथ करते,
और तेरे मार्गों पर चलते हुए तुझे स्मरण
करते हैं। देख, तू क्रोधित हुआ
था, क्योंकि हम ने पाप किया;
हमारी यह दशा तो बहुत काल से है,
क्या हमारा उद्धार हो सकता है?
यशायाह 64:6 हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान
हैं। हम सब के सब पत्ते के समान मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु के समान उड़ा दिया
है।
यशायाह 64:7 कोई भी तुझ से प्रार्थना नहीं करता, न कोई तुझ से सहायता लेने के लिये चौकसी करता है कि तुझ
से लिपटा रहे; क्योंकि हमारे अधर्म
के कामों के कारण तू ने हम से अपना मुंह छिपा लिया है, और हमें हमारी बुराइयों के वश में छोड़ दिया है।
यशायाह 64:8 तौभी, हे यहोवा,
तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन 21-22
- मत्ती 19
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