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रविवार, 13 जून 2021

विशेष

 

          सन 1877 में इंग्लैंड के एक स्थान की एक मसीही आराधना सभा के बाद जब चर्च में उन लोगों से आगे आने के लिए कहा गया, जिन्होंने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया था, तब उन आगे आने वालों में से एक रॉडनी स्मिथ भी था। उसे आगे की ओर जाता हुआ देख, बैठे हुए लोगों में से किसी ने घृणा भरे स्वर में फुसफुसाकर कहा, “अरे यह तो बंजारों का लड़का है।” किसी को भी उस किशोर से, जो अशिक्षित बंजारों के परिवार में से था, कोई अपेक्षा नहीं थी। किन्तु रॉडनी ने उन सभी आलोचकों की कोई परवाह नहीं की। वह दृढ़ निश्चय था कि उसके जीवन के लिए परमेश्वर का कोई उद्देश्य है, इसलिए उसने अपने लिए परमेश्वर के वचन बाइबल की एक प्रति तथा अंग्रेज़ी भाषा का एक शब्दकोष मोल लिया, और अपने आप को पढ़ना तथा लिखना सिखाया। उसने एक बार कहा था, “प्रभु यीशु तक पहुँचने का मार्ग कैम्ब्रिज, हार्वर्ड, या येल (इंग्लैंड के विश्व-विख्यात विश्व-विद्यालय), या कवियों में से होकर नहीं जाता है। वह तो उस पुराने टीले, कलवरी से होकर जाता है।” अनेकों कठिनाइयों के बावजूद, रॉडनी एक ऐसा सुसमाचार प्रचारक बना जिसे परमेश्वर ने इंग्लैंड और अमेरिका में बहुत से लोगों को प्रभु यीशु मसीह के पास लाने के लिए प्रयोग किया।

          बाइबल का एक प्रमुख पात्र, प्रभु यीशु मसीह के बारह चेलों में से एक, पतरस, भी गलील में रहने वाला एक साधारण अनपढ़ मछुआरा था (प्रेरितों 4:13)। वह अपने इसी कार्य में लगा हुआ था, जब प्रभु यीशु ने उसे अपने पीछे हो लेने के लिए बुलाया (मत्ती 4:19)। वही पतरस, उसकी साधारण परवरिश और प्रभु यीशु का अनुसरण करते हुए अनेकों असफलताओं के अनुभाव करने के बावजूद, बाद में अपनी पत्री में लिखता है कि जो प्रभु यीशु मसीह के पीछे चलने की ठान लेते हैं, वे परमेश्वर के विशेष, आशीष पाए हुए, अद्भुत लोग हो जाते हैं (1 पतरस 2:9)।

          प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के द्वारा, संसार का कोई भी जन, उसकी शिक्षा, परवरिश, लिंग, जाति, स्तर आदि चाहे कुछ भी हो, वह परमेश्वर के परिवार का एक विशिष्ट सदस्य बन जाता है। फिर वह परमेश्वर के लिए उपयोगी हो जाता है, और स्वर्ग के राज्य में उसका एक विशेष स्थान हो जाता है।

          क्या आपने प्रभु यीशु पर विश्वास करने के द्वारा अपना विशेष दर्जा प्राप्त कर लिया है? – एस्तेरा पिरोसका एस्कोबार

 

प्रभु परमेश्वर अपने में मुझे विशेष बना लेने के लिए धन्यवाद।


परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:4-10

1 पतरस 2:4 उसके पास आकर, जिसे मनुष्यों ने तो निकम्मा ठहराया, परन्तु परमेश्वर के निकट चुना हुआ, और बहुमूल्य जीवता पत्थर है।

1 पतरस 2:5 तुम भी आप जीवते पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।

1 पतरस 2:6 इस कारण पवित्र शास्त्र में भी आया है, कि देखो, मैं सिय्योन में कोने के सिरे का चुना हुआ और बहुमूल्य पत्थर धरता हूं: और जो कोई उस पर विश्वास करेगा, वह किसी रीति से लज्जित नहीं होगा।

1 पतरस 2:7 सो तुम्हारे लिये जो विश्वास करते हो, वह तो बहुमूल्य है, पर जो विश्वास नहीं करते उन के लिये जिस पत्थर को राजमिस्त्रीयों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया।

1 पतरस 2:8 और ठेस लगने का पत्थर और ठोकर खाने की चट्टान हो गया है: क्योंकि वे तो वचन को न मान कर ठोकर खाते हैं और इसी के लिये वे ठहराए भी गए थे।

1 पतरस 2:9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।

1 पतरस 2:10 तुम पहिले तो कुछ भी नहीं थे, पर अब परमेश्वर ही प्रजा हो: तुम पर दया नहीं हुई थी पर अब तुम पर दया हुई है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एज्रा 6-8
  • यूहन्ना 21


मंगलवार, 8 जून 2021

कार्य

 

          जब मैंने अपनी सहेली एरिन के टखने पर बोलिंग बॉल के द्वारा खूँटियाँ गिराए जाने के टैटू को देखा तो मेरे मन में जिज्ञासा उत्पन्न हुई। इस अनुपम टैटू को बनवाने के लिए एरिन को सारा ग्रोव के एक गाने “Setting Up the Pins” से प्रेरणा प्राप्त हुई थी। उस गाने के शब्दों में श्रोताओं को प्रोत्साहित किया गया है कि वे बारंबार दोहराए जाने वाले दिनचर्या के कार्यों में भी आनन्द प्राप्त करें। ऐसे कार्यों में भी जो बोलिंग बॉल द्वारा गिराए जाने के लिए खूँटियों को खड़े करते रहने के समान हैं – एक जन जाकर उन खूँटियों को ठीक से खड़ा करता है, और तुरंत ही कोई और जन बॉल को फेंक कर उन्हें गिरा देने का प्रयास करता है, और किसी को उन्हें फिर से खड़ा करना पड़ता है, ताकि अगला खिलाड़ी आकर उन्हें फिर से गिराने का प्रयास करे; और यही क्रम बारंबार दोहराया जाता है।

          घरेलू कार्य, कपड़े धोना, खाना बनाना, बागीचे का ध्यान करते रहना – जीवन ऐसे कार्यों से भरा हुआ प्रतीत होता है जिन्हें एक बार कर लेने के बाद फिर से बारंबार दोहराते रहना पड़ता है। यह कोई नया संघर्ष नहीं है, परन्तु एक पुरानी खिसियाहट है। ऐसा संघर्ष जिसके बार में परमेश्वर के वचन बाइबल में पुराने नियम की पुस्तक सभोपदेशक में भी लिखा गया है। इस पुस्तक के आरंभिक अध्याय में लेखक मानव जीवन दोहराए जाते रहने वाले दैनिक कार्यों के चक्र की व्यर्थता के बारे में लिखता है (1:2-3)। वह कहता है,जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है” (पद 9)।

          लेकिन मेरी सहेली के समान ही, लेखक भी उनमें आनन्द और अर्थपूर्ण होने की अनुभूति को देखने पाता है, यह स्मरण करने के द्वारा कि हमारी पूर्ण तृप्ति परमेश्वर के भय में उसकी आज्ञाकारिता से ही है “सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्तव्य यही है” (12:13)। यह समझ पाने में हमारे लिए संतुष्टि है कि परमेश्वर साधारण और नीरस प्रतीत होने वाले कार्यों को भी महत्व देता है, और उनके प्रति हमारी विश्वासयोग्यता के लिए हमें प्रतिफल देगा (पद 14)।

          आप को कौन सी “खूँटियाँ” दिन-प्रतिदिन खड़ी करते रहना पड़ता है? उन समयों में जब बारंबार दोहराए जाने वाले कार्य उबाऊ लगने लगते हैं, हम अपने हर कार्य को परमेश्वर को एक प्रेम भेंट के समान अर्पित करें। - लिसा सामरा

 

पिता परमेश्वर मेरे साधारण कार्यों को भी महत्वपूर्ण समझने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।


और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो। - कुलुस्सियों 3:23

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 1:3-11

सभोपदेशक 1:3 उस सब परिश्रम से जिसे मनुष्य धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है?

सभोपदेशक 1:4 एक पीढ़ी जाती है, और दूसरी पीढ़ी आती है, परन्तु पृथ्वी सर्वदा बनी रहती है।

सभोपदेशक 1:5 सूर्य उदय हो कर अस्त भी होता है, और अपने उदय की दिशा को वेग से चला जाता है।

सभोपदेशक 1:6 वायु दक्खिन की ओर बहती है, और उत्तर की ओर घूमती जाती है; वह घूमती और बहती रहती है, और अपने चक्करों में लौट आती है।

सभोपदेशक 1:7 सब नदियां समुद्र में जा मिलती हैं, तौभी समुद्र भर नहीं जाता; जिस स्थान से नदियां निकलती हैं; उधर ही को वे फिर जाती हैं।

सभोपदेशक 1:8 सब बातें परिश्रम से भरी हैं; मनुष्य इसका वर्णन नहीं कर सकता; न तो आंखें देखने से तृप्त होती हैं, और न कान सुनने से भरते हैं।

सभोपदेशक 1:9 जो कुछ हुआ था, वही फिर होगा, और जो कुछ बन चुका है वही फिर बनाया जाएगा; और सूर्य के नीचे कोई बात नई नहीं है।

सभोपदेशक 1:10 क्या ऐसी कोई बात है जिसके विषय में लोग कह सकें कि देख यह नई है? यह तो प्राचीन युगों में वर्तमान थी।

सभोपदेशक 1:11 प्राचीन बातों का कुछ स्मरण नहीं रहा, और होने वाली बातों का भी स्मरण उनके बाद होने वालों को न रहेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 30-31
  • यूहन्ना 18:1-18


गुरुवार, 14 जून 2018

धन्यवादी


   औरों की गवाहियाँ सुनना कि कैसे परमेश्वर ने उनके जीवनों में अद्भुत कार्य किए हैं, हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हम प्रार्थनाओं के उत्तर में हुए कार्यों के लिए आनन्दित हो सकते हैं, किन्तु साथ ही यह विचार भी रख सकते हैं कि परमेश्वर ने हाल ही में हमारे लिए कुछ अद्भुत क्यों नहीं किया है?

   यह सोच रखना सरल है कि यदि परमेश्वर हमारे पास भी उन अद्भुत रीतियों से आता जैसे वह अब्राहम के पास आया करता था, तो हम भी परमेश्वर के और अधिक प्रभावी तथा वफादार सेवक होते। लेकिन यदि हम परमेश्वर के वचन बाइबल में ध्यान से देखें तो पाएँगे कि परमेश्वर अब्राहम के पास 12 से 14 वर्षों के अन्तराल में ही आया करता था, और अब्राहम की अधिकांश जीवन यात्रा सामान्य सी ही थी (देखिए उत्पत्ति 12:1-4; 15:1-6; 16-17:12)।

   अधिकाँशतः परमेश्वर का कार्य जीवन की सामान्य बातों के द्वारा और उसके सामने आए बिना ही होता है। वह हर परिस्थिति में हमारा ध्यान रखता है, हमें हमारी सामर्थ्य से बाहर परिक्षा में पड़ने से बचाए रखता है और परीक्षाओं से निकलने के मार्ग भी बनाकर देता रहता है (1 कुरिन्थियों 10:13)। प्रतिदिन, प्रतिपल परमेश्वर हमें शैतान के घातक हमलों से बचाता रहता है, अन्यथा हम पूर्णतयाः असफल हो गए होते। और जब शैतान के प्रलोभन और परीक्षाएं हम पर आते हैं, तब परमेश्वर हमारे निकास के मार्ग बनाकर देता है, जिससे हम उनसे बच कर निकल सकें।

   आज रात सोने से पहले परमेश्वर का धन्यवाद करें कि आज दिन भर के जीवन की सामान्य प्रतीत होने वाले बातों में उसने कैसे अद्भुत रीति से हमारे लिए कितने ही कार्य किए हैं। इसलिए यह लालसा करते रहने के स्थान पर कि परमेश्वर हमारे लिए कुछ अद्भुत कर दे, हमें उसका धन्यवादी रहना चाहिए उन सभी बातों के लिए जो वह आज तक हमारे जीवनों में करता आया है। - जो स्टोवैल


परमेश्वर अदृश्य रहता है किन्तु सदा प्रत्येक परिस्थिति को
 अपने नियंत्रण में बनाए रखता है, “साधारण” दिनों में भी।

तुम किसी ऐसी परीक्षा में नहीं पड़े, जो मनुष्य के सहने से बाहर है: और परमेश्वर सच्चा है: वह तुम्हें सामर्थ्य से बाहर परीक्षा में न पड़ने देगा, वरन परीक्षा के साथ निकास भी करेगा; कि तुम सह सको। - 1 कुरिन्थियों 10:13

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 12:1-4; 17:1-2
Genesis 12:1 यहोवा ने अब्राम से कहा, अपने देश, और अपनी जन्मभूमि, और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा।
Genesis 12:2 और मैं तुझ से एक बड़ी जाति बनाऊंगा, और तुझे आशीष दूंगा, और तेरा नाम बड़ा करूंगा, और तू आशीष का मूल होगा।
Genesis 12:3 और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे।
Genesis 12:4 यहोवा के इस वचन के अनुसार अब्राम चला; और लूत भी उसके संग चला; और जब अब्राम हारान देश से निकला उस समय वह पचहत्तर वर्ष का था।
Genesis 17:1 जब अब्राम निन्नानवे वर्ष का हो गया, तब यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर हूं; मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा।
Genesis 17:2 और मैं तेरे साथ वाचा बान्धूंगा, और तेरे वंश को अत्यन्त ही बढ़ाऊंगा।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • एज्रा 9-10
  • प्रेरितों 1


शुक्रवार, 3 नवंबर 2017

साधारण कार्य


   मैंने जिस हाई-स्कूल में पढ़ाई की थी, वहाँ चार वर्ष तक लैटिन भाषा सीखना अनिवार्य था। उस भाषा को सीखने के लिए जिस अनुशासन की आवश्यकता होती थी, मैं उसकी कीमत आज समझता हूँ; परन्तु तब हमारे लिए वह मात्र रट्टा लगाना होता था। हमारी अध्यापिका बारंबार दोहराने और अभ्यास करवाने में विश्वास करती थीं। दिन में अनेकों बार वह हमसे कहती थीं, "दोहराना सीखने की जननी है", और प्रत्युत्तर में हम दबी आवाज़ में बुदबुदाते, "दोहराना निर्थक होता है"।

   लेकिन आज मैं आभास करता हूँ कि जीवन अधिकांशतः दोहराना ही है - बारंबार उन्हीं नीरस, उदासीन और फीकी बातों को करते रहना। डेनमार्क के दार्शनिक सोरेन कर्क्गार्ड ने कहा, "दोहराना रोटी के समान सामान्य किंतु आवश्यक है; लेकिन ऐसी रोटी, अन्ततः जिससे आशीष मिलती है।"

   यह प्रत्येक कर्तव्य को लेकर, वह चाहे कितना भी सामान्य, नगण्य या नीरस हो, उस पर परमेश्वर कि आशीष माँगकर, उस कार्य को परमेश्वर के उद्देश्यों के अनुसार, उस की महिमा के लिए पूरा करना है। ऐसा करने के द्वारा हम जीवन के अरुचिकर कार्यों को भी पावन कार्य बना देते हैं, जिनके परिणाम चाहे दिखाई न भी दें किंतु अनन्तकाल तक प्रभावी होते हैं।

   कवि गेराड मैनली हौपकिन्स ने कहा, "प्रार्थना में हाथों को उठाना परमेश्वर को महिमा देता है, परन्तु हाथों में अपने कार्य करने के लिए उपकरण लिया हुआ व्यक्ति, पोंछा लगाने के लिए पोंछे के पानी की बाल्टी और कपड़ा लिए हुए महिला भी परमेश्वर को महिमा देते हैं। परमेश्वर इतना महान है कि यदि आप देना चाहें तो सभी बातों से उसे महिमा दे सकते हैं।"

   हम जो कुछ भी करते हैं, यदि वह प्रभु परमेश्वर की महिमा के लिए किया जाए, तो आप को आश्चर्य होगा उस आनन्द और सार्थकता से जो हम साधारण से कार्य से भी प्राप्त कर सकते हैं। - डेविड रोपर


इच्छा रखने वाली आत्मा 
कर्तव्य पूरा करने की नीरसता को भी प्रेम का कार्य बना देती है।

सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: इफिसियों 6:5-9; कुलुस्सियों 3:22-25
Ephesians 6:5 हे दासो, जो लोग शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, अपने मन की सीधाई से डरते, और कांपते हुए, जैसे मसीह की, वैसे ही उन की भी आज्ञा मानो। 
Ephesians 6:6 और मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों के समान दिखाने के लिये सेवा न करो, पर मसीह के दासों के समान मन से परमेश्वर की इच्छा पर चलो। 
Ephesians 6:7 और उस सेवा को मनुष्यों की नहीं, परन्तु प्रभु की जानकर सुइच्‍छा से करो। 
Ephesians 6:8 क्योंकि तुम जानते हो, कि जो कोई जैसा अच्छा काम करेगा, चाहे दास हो, चाहे स्‍वतंत्र; प्रभु से वैसा ही पाएगा। 
Ephesians 6:9 और हे स्‍वामियों, तुम भी धमकियां छोड़कर उन के साथ वैसा ही व्यवहार करो, क्योंकि जानते हो, कि उन का और तुम्हारा दोनों का स्‍वामी स्वर्ग में है, और वह किसी का पक्ष नहीं करता।

Colossians 3:22 हे सेवकों, जो शरीर के अनुसार तुम्हारे स्‍वामी हैं, सब बातों में उन की आज्ञा का पालन करो, मनुष्यों को प्रसन्न करने वालों के समान दिखाने के लिये नहीं, परन्तु मन की सीधाई और परमेश्वर के भय से। 
Colossians 3:23 और जो कुछ तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझ कर कि मनुष्यों के लिये नहीं परन्तु प्रभु के लिये करते हो। 
Colossians 3:24 क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हें इस के बदले प्रभु से मीरास मिलेगी: तुम प्रभु मसीह की सेवा करते हो। 
Colossians 3:25 क्योंकि जो बुरा करता है, वह अपनी बुराई का फल पाएगा; वहां किसी का पक्षपात नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 30-31
  • फिलेमोन


शनिवार, 8 जुलाई 2017

साधारण लोग


   परमेश्वर के वचन बाइबल में न्यायियों की पुस्तक के 6 अध्याय में दर्ज गिदोन की कहानी मुझे प्रेरणा देती है। गिदोन एक किसान था, और स्वभाव से डरपोक भी। जब परमेश्वर ने गिदोन से कहा कि वह इस्त्राएलियों को मिदियानियों के हाथों से छुड़ाए तो गिदोन की प्रतिक्रिया थी, "हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, मैं इस्राएल को क्योंकर छुड़ाऊ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सब से कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सब से छोटा हूं" (न्यायियों 6:15)। लेकिन परमेश्वर ने गिदोन को आश्वस्त किया कि वह उसके साथ रहेगा और परमेश्वर की सहायता से गिदोन वह करने पाएगा जो उसे कहा जा रहा है (पद 16)। गिदोन ने परमेश्वर की बात मानी और उसकी आज्ञाकारिता के कारण इस्त्राएल को विजय मिली, और गिदोन का नाम विश्वास के महान नायकों की सूची में लिखा गया (इब्रानियों 11:32)।

   इस्त्राएलियों को मिदियानियों की प्रबल हाथों से छुड़ाने की इस योजना में कई अन्य लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। परमेश्वर ने गिदोन के साथ 300 और लोगों को खड़ा किया, जो सभी वीर योद्धा थे। हमें उनके नाम तो नहीं बताए गए हैं परन्तु उनकी वीरता और आज्ञाकारिता बाइबल में लिखी गई है (न्यायियों 7:5-23)।

   परमेश्वर आज भी साधारण लोगों को अपने लिए असाधारण कार्य करने के लिए बुला रहा है (1 कुरिन्थियों 1:26-27); उसका वायदा है कि जब हम उसके कहे के अनुसार आगे बढ़ेंगे, तो वह और उसकी सामर्थ्य हम में होकर उन कार्यों को पूरा करेगी। क्योंकि हम परमेश्वर के लिए कार्य करने को आगे आए साधारण लोग हैं, इसलिए यह प्रकट है हमारी अपनी सामर्थ्य या बुद्धिमानी नहीं वरन परमेश्वर की सामर्थ्य और योजना हम में होकर कार्य करेगी, साधारण से असाधारण करवाएगी। परमेश्वर की आज्ञाकारिता में निश्चिंत होकर आगे बढ़ें, और परमेश्वर की महिमा होने का माध्यम बनें। - पो फैंग चिया


परमेश्वर साधारण लोगों में होकर अपने असाधारण कार्य पूरे करता है।

हे भाइयो, अपने बुलाए जाने को तो सोचो, कि न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान, और न बहुत सामर्थी, और न बहुत कुलीन बुलाए गए। परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्ज़ित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्ज़ित करे। - 1 कुरिन्थियों 1:26-27

बाइबल पाठ: न्यायियों 6:1-16
Judges 6:1 तब इस्राएलियों ने यहोवा की दृष्टि में बुरा किया, इसलिये यहोवा ने उन्हें मिद्यानियों के वश में सात वर्ष कर रखा। 
Judges 6:2 और मिद्यानी इस्राएलियों पर प्रबल हो गए। मिद्यानियों के डर के मारे इस्राएलियों ने पहाड़ों के गहरे खड्डों, और गुफाओं, और किलों को अपने निवास बना लिए। 
Judges 6:3 और जब जब इस्राएली बीज बोते तब तब मिद्यानी और अमालेकी और पूर्वी लोग उनके विरुद्ध चढ़ाई कर के 
Judges 6:4 अज्जा तक छावनी डाल डालकर भूमि की उपज नाश कर डालते थे, और इस्राएलियों के लिये न तो कुछ भोजनवस्तु, और न भेड़-बकरी, और न गाय-बैल, और न गदहा छोड़ते थे। 
Judges 6:5 क्योंकि वे अपने पशुओं और डेरों को लिये हुए चढ़ाई करते, और टिड्डियों के दल के समान बहुत आते थे; और उनके ऊंट भी अनगिनत होते थे; और वे देश को उजाड़ने के लिये उस में आया करते थे। 
Judges 6:6 और मिद्यानियों के कारण इस्राएली बड़ी दुर्दशा में पड़ गए; तब इस्राएलियों ने यहोवा की दोहाई दी।
Judges 6:7 जब इस्राएलियों ने मिद्यानियों के कारण यहोवा की दोहाई दी, 
Judges 6:8 तब यहोवा ने इस्राएलियों के पास एक नबी को भेजा, जिसने उन से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं तुम को मिस्र में से ले आया, और दासत्व के घर से निकाल ले आया; 
Judges 6:9 और मैं ने तुम को मिस्रियों के हाथ से, वरन जितने तुम पर अन्धेर करते थे उन सभों के हाथ से छुड़ाया, और उन को तुम्हारे साम्हने से बरबस निकाल कर उनका देश तुम्हें दे दिया; 
Judges 6:10 और मैं ने तुम से कहा, कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं; एमोरी लोग जिनके देश में तुम रहते हो उनके देवताओं का भय न मानना। परन्तु तुम ने मेरा कहना नहीं माना।
Judges 6:11 फिर यहोवा का दूत आकर उस बांजवृझ के तले बैठ गया, जो ओप्रा में अबीएजेरी योआश का था, और उसका पुत्र गिदोन एक दाखरस के कुण्ड में गेहूं इसलिये झाड़ रहा था कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे। 
Judges 6:12 उसको यहोवा के दूत ने दर्शन देकर कहा, हे शूरवीर सूरमा, यहोवा तेरे संग है। 
Judges 6:13 गिदोन ने उस से कहा, हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, यदि यहोवा हमारे संग होता, तो हम पर यह सब विपत्ति क्यों पड़ती? और जितने आश्चर्यकर्मों का वर्णन हमारे पुरखा यह कहकर करते थे, कि क्या यहोवा हम को मिस्र से छुड़ा नहीं लाया, वे कहां रहे? अब तो यहोवा ने हम को त्याग दिया, और मिद्यानियों के हाथ कर दिया है। 
Judges 6:14 तब यहोवा ने उस पर दृष्टि कर के कहा, अपनी इसी शक्ति पर जा और तू इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाएगा; क्या मैं ने तुझे नहीं भेजा? 
Judges 6:15 उसने कहा, हे मेरे प्रभु, बिनती सुन, मैं इस्राएल को क्योंकर छुड़ाऊ? देख, मेरा कुल मनश्शे में सब से कंगाल है, फिर मैं अपने पिता के घराने में सब से छोटा हूं। 
Judges 6:16 यहोवा ने उस से कहा, निश्चय मैं तेरे संग रहूंगा; सो तू मिद्यानियों को ऐसा मार लेगा जैसा एक मनुष्य को। 

एक साल में बाइबल: 
  • अय्युब 36-37
  • प्रेरितों 15:22-41


बुधवार, 10 मई 2017

साधारण


   बहुत सी ऐसी माताएं, जिनके बच्चे अभी छोटे ही थे, प्रार्थनाओं के उत्साहजनक उत्तरों के बारे में अपने अनुभव साझा कर रही थीं। परन्तु फिर भी एक महिला ने कहा कि अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को लेकर परमेश्वर को परेशान करना उसे स्वार्थी लगता है। उसने समझाया, "परमेश्वर का सामने सारे संसार की इतनी बड़ी-बड़ी समस्याएं और आवश्यकताएं हैं; ऐसे में मेरी परिस्थितियाँ और आवश्यकताएं उन्हें बहुत साधारण और ध्यान देने योग्य नहीं लगते होंगे।" कुछ ही पल बाद उस महिला का बेटा चिल्लाकर रोता हुआ अपनी माँ के पास भागता हुआ आया; उसकी अँगुली दरवाज़े में दब गई थी। उस महिला ने अपने बेटे के साथ बहुत कोमलता और करुणा दिखाई; तब उस महिला ने अपने बेटे से यह नहीं कहा कि, "मैं इतनी व्यस्त हूँ और तुम हो कि एक छोटी सी चोट के कारण मुझे परेशान कर रहे हो।" यह उस प्रेम के कारण था जो वह महिला अपने पुत्र से करती थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 103:13 हमें परमेश्वर के प्रेम के बारे में समझाता है, उसके प्रेम को पिता के प्रेम के समान बताता है। यशायाह 49 में परमेश्वर कहता है कि चाहे माता अपने बच्चे पर करुणा करना भूल जाए लेकिन परमेश्वर अपने बच्चों को कभी नहीं भूलता है (पद 15)। इस विषय में परमेश्वर ने अपने लोगों को आश्वासन दिया है, "देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है" (पद 16)।

   परमेश्वर के साथ ऐसी निकटता उन ही की होती है जो उसका भय मानते हैं, और स्वयं अपने ऊपर निर्भर रहने के स्थान पर परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं। जैसे वह बच्चा अपनी दुःखती हुई अँगुली लेकर निःसंकोच अपनी माँ के पास भागा चला आया, उसी प्रकार हम भी अपनी प्रत्येक समस्या और परिस्थिति को लेकर प्रतिदिन परमेश्वर के पास आया करें।

   हमारा करुणामय परमेश्वर हमारी चिन्ताओं और आवश्यकताओं के समाधान के लिए किसी अन्य की उपेक्षा नहीं करता है। उसके पास अपनी प्रत्येक सन्तान की प्रत्येक चिंता तथा आवश्यकता के लिए असीम समय, प्रेम और संसाधन हैं। उसके लिए हमारी कोई चिंता, कोई समस्या, कोई आवश्यकता साधारण नहीं है। - जोनी योडर


परमेश्वर अपने बच्चों को अपनी हथेली में थामे रहता है।

उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है। भजन 103:12-14

बाइबल पाठ: यशायाह 49:13-18
Isaiah 49:13 हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ों, गला खोल कर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है।
Isaiah 49:14 परन्तु सिय्योन ने कहा, यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है। 
Isaiah 49:15 क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता। 
Isaiah 49:16 देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है। 
Isaiah 49:17 तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं और खण्डहर बनाने वाले और उजाड़ने वाले तेरे बीच से निकले जा रहे हैं। 
Isaiah 49:18 अपनी आंखें उठा कर चारों ओर देख, वे सब के सब इकट्ठे हो कर तेरे पास आ रहे हैं। यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की शपथ, तू निश्चय उन सभों को गहने के समान पहिल लेगी, तू दुल्हिन की नाईं अपने शरीर में उन सब को बान्ध लेगी।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजा 10-12
  • यूहन्ना 1:29-51


शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

साधारण मनुष्य


   स्टीव एक साधारण सा व्यक्ति था। बहुत वर्ष पहले मैं जिस चर्च में जाया करता था स्टीव भी वहीं खामोशी से सेवा किया करता था। वो चर्च सभा की तैयारियों में सहायता करता, चर्च के आस-पास के मार्ग को साफ रखता, चर्च के मैदान की घास को छांटता। जिन किशोरों के पिता नहीं थे स्टीव उनके साथ समय बिताता। कई बार मैंने स्टीव को शान्त रीति से लोगों से कहते सुना कि कैसे परमेश्वर उसके साथ भला बना रहा है। जब प्रार्थना सभा होती तो वह अपने लिए कुछ नहीं कहता वरन अनुरोध करता के हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जिन्हें वो प्रभु यीशु के प्रेम और क्षमा के बारे में बता रहा है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के यूहन्ना रचित सुसमाचार में यूहन्ना बप्तिस्मा देने वाले के बारे में आया एक पद - यूहन्ना 10:41 मुझे स्टीव की याद दिलाता है। युहन्ना बप्तिस्मा देने वाला अपने बारे में व्याख्यान देने संसार में नहीं आया था, उसके आने का उद्देश्य था: "यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं" (यूहन्ना 1:7); उसने, "दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना1:29)। मेरा मित्र स्टीव भी यही करता रहता था।

   हम मसीही विश्वासियों के जीवन का उद्देश्य भी यही रहना चाहिए, कि हम भी जगत की सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु मसीह की गवाही संसार के सामने रखें। हम सभी साधारण लोग हैं, जो संसार के अपने अपने कोनों में परमेश्वर की सेवा के लिए रखे गए हैं। अपने शान्त स्वभाव और निस्वार्थ तथा विश्वासयोग्य कार्यों से, स्टीव के समान ही हमें भी औरों को उस सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु की ओर आकर्षित करना है। - ऐनी सेटास


मसीही विश्वासी साधारण लोग हैं जो मसीह यीशु के असाधारण व्यक्तित्व के प्रति समर्पित हैं।

और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था। - यूहन्ना 10:41

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:27-42
John 10:27 मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं। 
John 10:28 और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। 
John 10:29 मेरा पिता, जिसने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता। 
John 10:30 मैं और पिता एक हैं। 
John 10:31 यहूदियों ने उसे पत्थरवाह करने को फिर पत्थर उठाए। 
John 10:32 इस पर यीशु ने उन से कहा, कि मैं ने तुम्हें अपने पिता की ओर से बहुत से भले काम दिखाए हैं, उन में से किस काम के लिये तुम मुझे पत्थरवाह करते हो? 
John 10:33 यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, कि भले काम के लिये हम तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु परमेश्वर की निन्‍दा के कारण और इसलिये कि तू मनुष्य हो कर अपने आप को परमेश्वर बनाता है। 
John 10:34 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो? 
John 10:35 यदि उसने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्र शास्त्र की बात लोप नहीं हो सकती।) 
John 10:36 तो जिसे पिता ने पवित्र ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उस से कहते हो कि तू निन्‍दा करता है, इसलिये कि मैं ने कहा, मैं परमेश्वर का पुत्र हूं। 
John 10:37 यदि मैं अपने पिता के काम नहीं करता, तो मेरी प्रतीति न करो। 
John 10:38 परन्तु यदि मैं करता हूं, तो चाहे मेरी प्रतीति न भी करो, परन्तु उन कामों की तो प्रतीति करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूं। 
John 10:39 तब उन्होंने फिर उसे पकड़ने का प्रयत्न किया परन्तु वह उन के हाथ से निकल गया।
John 10:40 फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहां यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा। 
John 10:41 और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था। 
John 10:42 और वहां बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।

एक साल में बाइबल: 

  • व्यवस्थाविवरण 20-22