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शनिवार, 5 सितंबर 2020

भेद-भाव

 

         हमारे पड़ोस में घरों के चारों ओर कॉन्क्रीट की ऊँची दीवारें हैं, और कई ऐसी हैं जिनके ऊपर कटीले तार लगे हैं, जिनमें बिजली प्रवाहित होती है। इन सभी का उद्देश्य है चोरों को घरों में आने से रोकना। हमारे निवास-स्थान पर विद्युत की कटौती भी बहुत आम बात है। इस कटौती के कारण बाहर के दरवाज़े की घंटी अकसर किसी काम की नहीं रहती है – जब बिजली नहीं होती है तो घर आने वाला व्यक्ति बाहर झुलसाने वाली धूप या तेज़ बारिश में खड़ा हुआ हो सकता है, और अन्दर किसी को पता भी नहीं चलता है। लेकिन जब घंटी काम भी कर रही होती है, तब भी आने वाले आगंतुक को घर में प्रवेश देना, आने वाला कौन है पर निर्भर करता है। हमारी दीवारें अच्छा उद्देश्य तो पूरा करती हैं, परन्तु वे भेद-भाव की दीवारें भी बन सकती हैं – चाहे आगंतुक कोई बुरे उद्देश्य से जबरन घुस आने वाला न भी हो।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु जिस सामरी स्त्री से कुएँ पर मिले थे, वह भी भेद-भाव का सामना कर रही थी। यहूदी लोग सामरियों के साथ कोई व्यवहार नहीं रखते थे। इसलिए जब प्रभु यीशु ने उससे पीने के लिए पानी माँगा तो उसने कहा, उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है?” (यूहन्ना 4:9)। जब वह प्रभु यीशु के साथ वार्तालाप करने लगी, तो उसे जीवन परिवर्तित करने वाला अनुभव हुआ, जिसका सकारात्मक प्रभाव उसके अपने तथा वहाँ के लोगों पर भी पड़ा (पद 39-42)। प्रभु यीशु मसीह में होकर उनके बीच की भेद-भाव की दीवार गिर गई।

         विभिन्न कारणों के आधार पर भेद-भाव करने की समस्या और प्रलोभन वास्तविक है। किन्तु जैसा प्रभु यीशु ने हमें अपने जीवन के उदाहरण से दिखाया है, हमें सभी लोगों से संपर्क बनाना है, वे चाहे किसी भी राष्ट्रीयता, जाति, सामाजिक स्तर, या ख्याति के हों। वह सभी के मध्य के भेद-भाव की दीवारों को गिरा कर, सभी को एक करके अपने साथ रखने के लिए आया था। - लॉरेंस दर्मानी

 

प्रभु यीशु में भेद-भाव की दीवारें ढा दी जाती हैं।


तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे। पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लहू के द्वारा निकट हो गए हो। क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। - इफिसियों 2:12-14

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:7-14, 39-42

यूहन्ना 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला।

यूहन्ना 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे।

यूहन्ना 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)।

यूहन्ना 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता।

यूहन्ना 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कुआं गहरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया?

यूहन्ना 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कुआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया?

यूहन्ना 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा।

यूहन्ना 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

यूहन्ना 4:39 और उस नगर के बहुत सामरियों ने उस स्त्री के कहने से, जिसने यह गवाही दी थी, कि उसने सब कुछ जो मैं ने किया है, मुझे बता दिया, विश्वास किया।

यूहन्ना 4:40 तब जब ये सामरी उसके पास आए, तो उस से बिनती करने लगे, कि हमारे यहां रह: सो वह वहां दो दिन तक रहा।

यूहन्ना 4:41 और उसके वचन के कारण और भी बहुतेरों ने विश्वास किया।

यूहन्ना 4:42 और उस स्त्री से कहा, अब हम तेरे कहने ही से विश्वास नहीं करते; क्योंकि हम ने आप ही सुन लिया, और जानते हैं कि यही सचमुच में जगत का उद्धारकर्ता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 146-147
  • 1 कुरिन्थियों 15:1-28

बुधवार, 9 नवंबर 2016

दीवारें


   दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के वर्षों को "शीत युद्ध" का समय कहा जाता है, जिसमें देश एक-दूसरे को डराने-धमकाने और वर्चस्व के लिए एक-दूसरे पर पैंतरे आज़माते रहे। इस सुलगते हुए वैमनस्य का एक चिन्ह था बर्लिन शहर को विभाजित करने वाली दीवार, जिसे अगस्त 1961 में खड़ा किया गया, और जो लगभग तीन दशक तक शीत युद्ध का प्रबल चिन्ह बनी रही। फिर 9 नवंबर 1989 को यह घोषणा करी गई कि उस दीवार की पूर्व और पश्चिम, दोनों ओर रहने वाले नागरिक स्वतंत्रता पूर्वक दीवार के पार एक दूसरे के पास आ-जा सकते हैं। इसके एक वर्ष पश्चात उस दीवार को गिरा दिया गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यूसुफ के जीवन का वृतांत दिया गया है जो चिर-परिचित है। युसुफ अपने पिता का दुलारा बेटा था जिस कारण उसके अन्य भाई उससे ईर्ष्या तथा बैर करते थे (उत्पत्ति 37-50)। उन भाईयों मे अवसर पाकर यूसुफ को गुलामी में बेच दिया और पिता से झूठ बोल दिया कि यूसुफ को किसी जानवर ने मार डाला है। लेकिन यूसुफ ने अपने तथा अपने भाईयों के बीच बैर की दीवार खड़ी नहीं करी। वर्षों पश्चात, परमेश्वर की अद्भुत योजना और तरीकों से यूसुफ मिस्त्र का प्रधानमंत्री बन गया और जब उस इलाके में भयानक अकाल पड़ा तो यूसुफ के भाई, जो उसके बारे में अब कुछ नहीं जानते थे, उसके पास मिस्त्र में भोजन लेने आए। यूसुफ ने उन से दया और प्रेम का ही बर्ताव किया, उन्हें अपने पास मिस्त्र में रहने के लिए बुलाया और उनकी आशंकाओं को शांत करते तथा अपने संबंध को दृढ़ करते हुए उन से कहा, "यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी" (उत्पत्ति 50:20-21)।

   मनुष्यों द्वारा बनाई गई एक दमनात्मक दीवार 25 वर्ष से भी अधिक पहले ढा दी गई, जिससे वहाँ के निवासियों को परस्पर मिलने की स्वतंत्रता और परिवारों को फिर से एक हो जाने अवसर मिल गया। यदि आपने किसी के साथ क्रोध और विभाजन करने वाली कोई दीवारें खड़ी कर लीं हैं, तो परमेश्वर की सहायता से उन्हें ढा दें और प्रेम के साथ अपने संबंधों को पुनःस्थापित कर लें। - डेविड मैक्कैसलैंड


क्रोध तथा बैर जो दीवारें खड़ी करते हैं, प्रेम उन्हें गिरा देता है।

प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। - 1 कुरिन्थियों 13:4-7

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 50:15-21
Genesis 50:15 जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, कदाचित यूसुफ अब हमारे पीछे पड़े, और जितनी बुराई हम ने उस से की थी सब का पूरा पलटा हम से ले। 
Genesis 50:16 इसलिये उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, कि तेरे पिता ने मरने से पहिले हमें यह आज्ञा दी थी, 
Genesis 50:17 कि तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम बिनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्वर के दासों का अपराध क्षमा कर। उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
Genesis 50:18 और उसके भाई आप भी जाकर उसके साम्हने गिर पड़े, और कहा, देख, हम तेरे दास हैं। 
Genesis 50:19 यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूं? 
Genesis 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। 
Genesis 50:21 सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 46-47
  • इब्रानियों 6


बुधवार, 13 अगस्त 2014

दीवार


   "दीवार"; पूर्वी जर्मनी के निवासियों के लिए 13 अगस्त 1961 को खड़ी करी गई देश को दो भागों में विभाजित करने वाली बाधा की पहचान कराने के लिए बस यही शब्द काफी था। यह तिथि कॉन्क्रीट की उस मज़बूत दीवार के निर्माण को आरंभ किए जाने की तिथि थी जो जर्मनी के पूर्वी और पश्चिमी भाग को पृथक करती थी। अन्ततः वह दीवार अभेद्य हो गई, उसकी रक्षा के लिए सशस्त्र सैनिक बल और काँटेदार तार की बाड़ लगा दी गई। किंतु सन 1989 में वह दीवार गिरा दी गई, और देश के दोनों भाग फिर से मिलकर एक हो गए।

   एक अन्य दीवार है, मानव जाति और परमेश्वर के बीच खड़ी मनुष्य के पाप की दीवार। इस दीवार का निर्माण अदन की वाटिका में हमारे आदि माता-पिता, आदम और हव्वा, द्वारा परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता के कारण संसार में हुए पाप के प्रवेश से हुआ, और तब से परमेश्वर की अवहेलना, उसकी अनाज्ञाकारिता और मनुष्य का पाप इस दीवार को बनाए हुए हैं। लेकिन परमेश्वर ने स्वयं ही पहल करके पाप में गिरे मनुष्यों को अपने से मेल-मिलाप करने का मार्ग तैयार करके दिया है।

   प्रभु यीशु के कलवरी के क्रूस पर समस्त मानव जाति के सभी पापों के लिए दिए गए बलिदान और उसके मृतकों में से पुनरुत्थान के द्वारा हम मनुष्यों का परमेश्वर से मेल-मिलाप हो पाना संभव हो गया है (2 कुरिन्थियों 5:17-21)। अब जो कोई भी, स्वेच्छा तथा साधारण विश्वास से प्रभु यीशु के क्रूस पर किए गए कार्य को ग्रहण करता है और उससे पापों की क्षमा माँगता है, उसके पाप क्षमा हो जाते हैं, उसके लिए परमेश्वर से पृथक करने वाली पाप की दीवार गिर जाती है और उसका मेल-मिलाप परमेश्वर से हो जाता है। प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर किए गए इस महान कार्य द्वारा ना केवल हमारा मेल परमेश्वर से हो जाता है, वरन मानव जाति को परस्पर विभाजित करने वाली दीवारें भी ढह जाती हैं; अब यहूदी तथा गैर-यहूदी, दास तथा स्वतंत्र, पुरुष तथा स्त्री आदि में कोई विभाजन शेष नहीं रहता (गलतियों 3:28)।

   संभव है आज अनिश्चय की दीवार आपको प्रभु यीशु के पक्ष में निर्णय लेने से रोक रही हो; इस दीवार को परमेश्वर से मिलने वाली पापों की क्षमा और उद्धार की आशीष से आपको वंचित ना रखने दीजिए। अपने अविश्वास की दीवार को गिरा कर प्रभु यीशु की ओर हाथ बढ़ाईए और अनन्त आशीष के संभागी हो जाईए। - सिंडी हैस कैस्पर


बाइबल, पाप में मनुष्य की पूर्ण बरबादी तथा मसीह यीशु में उसकी पूर्ण बहाली का अभिलेख है। - बार्नहाउस

सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। - रोमियों 5:1-2

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:13-18
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो। 
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। 
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। 
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया। 
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 52-54


रविवार, 29 सितंबर 2013

दीवार

   रोमी सम्राट हेड्रियन एक दीवार बनवाने के लिए जाने जाते हैं, जो उनके नाम से ही जानी जाती है। सन 117 में सत्ता में आए रोमी सम्राट हेड्रियन की इस उपलब्धि के उत्तरी इंग्लैंड में स्थित खंडहर देखते समय मुझे आभास हुआ कि ’हैड्रीयन की दीवार’ संभवतः उस सम्राट की सबसे प्रसिद्ध उपलब्धी थी। 80 मील लंबी इस दीवार पर 18,000 रोमी सैनिक तैनात रहते थे; उस दीवार और उन सैनिकों का उद्देश्य था उत्तरी इंग्लैंड के बर्बर निवासियों को दक्षिणी इलाकों में हमले करने के लिए प्रवेश करने से रोकना।

   सम्राट हेड्रियन ने भौतिक दीवार खड़ी करवाई लोगों को अलग-अलग और बाहर रखने के लिए, इसकी तुलना में राजाओं के राजा प्रभु यीशु ने एक आत्मिक दीवार गिराई जिससे मनुष्यों की पहुँच और मेल परमेश्वर तथा एक-दूसरे के साथ हो सके।

   जब आरंभिक मसीही मण्डली में यहूदी और गैर-यहूदी मूल से आए विश्वासियों के बीच धार्मिक आस्थाओं को लेकर तना-तनी होने लगी, तो प्रेरित पौलुस ने उन्हें स्मरण दिलाया कि प्रभु यीशु मसीह में विश्वास लाने के द्वारा वे सब एक साथ परमेश्वर के एक ही परिवार के सदस्य हो गए हैं: "क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे। क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है" (इफिसियों 2:14-15, 18)।

   मसीही विश्वास का एक अनुपम और अति सुन्दर पहलु है मसीह यीशु के अनुयायियों की परमेश्वर की दृष्टि में एकसमानता - किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं, कहीं कोई ऊँच-नीच नहीं; परमेश्वर सबसे समान प्रेम करता है और सबको समान दृष्टि से ही देखता है तथा सबके साथ समान व्यवहार करता है और यही एकता तथा समानता वह इस पृथ्वी पर हम मसीही विश्वासियों में आपस में भी देखना चाहता है। क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा प्रभु यीशु ने लोगों को एक दूसरे से और परमेश्वर से अलग करने वाली हर बाधा को दूर कर दिया है और सबको सच्चे प्रेम तथा सच्ची मित्रता के बन्धन में एक साथ अपने साथ कर लिया है जिससे हम सब एक दूसरे के साथ भी इसी बन्धन में बन्धे हुए रहें और संसार के सामने मसीही प्रेम का उदाहरण प्रस्तुत करें। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीही एकता का उद्गम मसीह का क्रूस है।

और उसके क्रूस पर बहे हुए लोहू के द्वारा मेल मिलाप कर के, सब वस्‍तुओं का उसी के द्वारा से अपने साथ मेल कर ले चाहे वे पृथ्वी पर की हों, चाहे स्वर्ग में की। - कुलुस्सियों 1:20

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:11-22
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे।
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बनाकर परमेश्वर से मिलाए।
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया।
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-8 
  • इफिसियों 2


शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

दीवार


   नवंबर 9, 2010 बर्लिन की दीवार के गिराए जाने की 21वीं वर्षगाँठ थी। उसी दिन 1989 में पूर्वी जर्मनी के टेलिविज़न पर हुई एक घोषणा द्वारा लोगों को बताया गया कि अब वे बिना रोक-टोक पश्चिमी जर्मनी में जा सकते हैं और उसके अगले दिन पूर्वी जर्मनी के बुल्डोज़र बर्लिन की दीवार को गिराने लग गए जो पिछले 28 वर्ष से पूर्वी तथा पश्चिमी जर्मनी को विभाजित किए हुई थी।

   प्रभु यीशु मसीह ने भी यहूदी एवं गैरयहूदियों को परस्पर विभाजित करने वाली दीवार को गिरा दिया (इफिसियों 2:14)। लेकिन इससे भी अधिक अभेद्य एक और दिवार थी - मनुष्यों के पाप की दीवार जो मनुष्यों को परमेश्वर कि संगति से दूर रखती थी, उसे भी प्रभु यीशु मसीह के क्रूस पर बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान ने गिरा दिया और सभी मनुष्यों के लिए परमेश्वर के साथ संगति करने का मार्ग खोल दिया (इफिसियों 2:16)। इन दीवारों के गिराए जाने से अब हर मसीही विश्वासी परमेश्वर के घराने के सदस्य हो जाता है और सभी विश्वासी एक साथ मिल कर परमेश्वर के पवित्र आत्मा का मन्दिर और परमेश्वर का निवास स्थान बन गए हैं (इफिसियों 2:19-21)।

   लेकिन दुख की बात है कि प्रभु यीशु द्वारा सभी दीवारें गिराए जाने और सब प्रकार का मेल-मिलाप करवा देने के बाद भी मसीही विश्वासी अपने बीच में कई दीवारें खड़ी कर लेते हैं और अपने अपने दायरों में सिमट कर रहना चाहते हैं। लेकिन परमेश्वर का वचन सिखाता है कि "सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो" (इफिसियों 4:1-3)।

   बजाए परस्पर दीवारें खड़ी करने के, विभाजित करने वाली दीवारों को गिराने के प्रयास करें और संसार को व्यावाहरिक रूप में दिखा दें कि हम एक ही परिवार के सदस्य, एक ही देह के अंग हैं। - सी. पी. हिया


मसीही विश्वासियों में एकता मसीह के साथ एक होने से संभव है।

क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया। - इफिसियों 2:14

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:11-22; इफिसियों 4:1-3
Ephesians 2:11 इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
Ephesians 2:12 तुम लोग उस समय मसीह से अलग और इस्‍त्राएल की प्रजा के पद से अलग किए हुए, और प्रतिज्ञा की वाचाओं के भागी न थे, और आशाहीन और जगत में ईश्वर रहित थे।
Ephesians 2:13 पर अब तो मसीह यीशु में तुम जो पहिले दूर थे, मसीह के लोहू के द्वारा निकट हो गए हो।
Ephesians 2:14 क्योंकि वही हमारा मेल है, जिसने दोनों को एक कर लिया: और अलग करने वाली दीवार को जो बीच में थी, ढा दिया।
Ephesians 2:15 और अपने शरीर में बैर अर्थात वह व्यवस्था जिस की आज्ञाएं विधियों की रीति पर थीं, मिटा दिया, कि दोनों से अपने में एक नया मनुष्य उत्पन्न कर के मेल करा दे।
Ephesians 2:16 और क्रूस पर बैर को नाश कर के इस के द्वारा दानों को एक देह बना कर परमेश्वर से मिलाए।
Ephesians 2:17 और उसने आकर तुम्हें जो दूर थे, और उन्हें जो निकट थे, दानों को मेल-मिलाप का सुसमाचार सुनाया।
Ephesians 2:18 क्योंकि उस ही के द्वारा हम दोनों की एक आत्मा में पिता के पास पंहुच होती है।
Ephesians 2:19 इसलिये तुम अब विदेशी और मुसाफिर नहीं रहे, परन्तु पवित्र लोगों के संगी स्‍वदेशी और परमेश्वर के घराने के हो गए।
Ephesians 2:20 और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है, बनाए गए हो।
Ephesians 2:21 जिस में सारी रचना एक साथ मिलकर प्रभु में एक पवित्र मन्दिर बनती जाती है।
Ephesians 2:22 जिस में तुम भी आत्मा के द्वारा परमेश्वर का निवास स्थान होने के लिये एक साथ बनाए जाते हो।
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो।
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 6-8 
  • लूका 15:1-10

सोमवार, 7 मार्च 2011

व्यवस्था का उद्देश्य

व्यवस्था ने न कभी किसी का उद्धार किया है न कभी कर सकती है। परमेश्वर ने व्यवस्था हमें पाप से छुड़ाने के लिये नहीं वरन पाप का बोध कराने और पाप से उद्धार की हमारी आवश्यक्ता को हमपर प्रगट करने के लिये दिया। इसीलिये प्रेरित पौलुस व्यवस्था को "शिक्षक" की संज्ञा देता है।

सुसमाचार प्रचारक फ्रेड ब्राउन ने अपने एक अविस्मरणीय प्रचार में व्यवस्था के उद्देश्य की व्याख्या तीन उदाहरणों से करी। व्यवस्था के उद्देश्य के लिये उसने सबसे पहला उदाहरण दिया एक छोटे दर्पण का जिसका उपयोग दन्तचिकित्सक मुंह के अन्दर का हाल जानने के लिये करते हैं। उस दर्पण के माध्यम से वे दांतों की सड़ाहट और दांतों में हुए छेदों को देख सकते हैं, लेकिन वह दर्पण न तो सड़े दांत निकाल सकता है और न ही उनका कोई उपचार कर सकता है। दर्पण केवल व्याधि को दिखा सकता है, उसका उपचार नहीं कर सकता।

ब्राउन ने व्यवस्था के उद्देश्य के लिये दूसरा उदाहरण टॉर्च से दिया। यदि रात में घर का फ्यूज़ उड़ जाए और घर की बिजली चली जाने से अनधकार हो जाए तो अन्धकार में टॉर्च के सहारे आप फ्यूज़ बॉक्स तक पहुंच सकते हैं और उड़े हुए फ्यूज़ के तार को देख सकते हैं, लेकिन उस तार को निकाल कर आप उसकी जगह टॉर्च को नहीं लगा सकते; वहां तो आपको फ्यूज़ का नया तार ही लगाना पड़ेगा, तब ही घर फिर से रौशन हो सकेगा। टॉर्च समस्या दिखा सकती है, उसका समाधान नहीं कर सकती।

व्यवस्था के उद्देश्य के लिये तीसरा उदाहरण ब्राउन ने दिया उस सीध नापने वाली डोर से जिसका उपयोग राजमिस्त्री भवन बनाते समय दीवार की सीध देखने के लिये करते हैं। यह डोर दिखा तो सकती है कि दीवार सीधी बन रही है या नहीं, परन्तु यदि दीवार में कोई टेढ़ापन है तो डोर उसे दूर नहीं कर सकती; यह सुधारने का काम तो राजमिस्त्री को ही करना होता है।

दर्पण, टॉर्च और सीध नापने वाली डोर की तरह व्यवस्था भी समस्या, अर्थात पाप की पहचान करवाती है, किंतु वह समस्या का निवारण नहीं कर सकती। पाप की समस्या का निवारण तो केवल प्रभु यीशु मसीह में है, और वही एकमात्र उद्धारकर्ता है जिसने व्यव्स्था की हर बात को पूरा करके क्रूस अपने बलिदान द्वारा समस्त मानव जाति के लिये उद्धार का मार्ग खोल दिया और अब कोई भी उसपर सहज विश्वास द्वारा, बिना किसी रीति रिवाज़ों, कार्यों अथवा व्यवस्था के पालन की समस्या में उलझे, अपने पापों से मुक्ति और उद्धार पा सकता है। - डेव एगनर


व्यवस्था हमें हमारी वह आवश्यक्ता दिखाती है जिसे केवल परमेश्वर का अनुग्रह पूरी कर सकता है।

इसलिये व्यवस्था मसीह तक पहुंचाने को हमारा शिक्षक हुई है, कि हम विश्वास से धर्मी ठहरें। - गलतियों ३:२४


बाइबल पाठ: गलतियों ३:१९-२९

तब फिर व्यवस्था क्‍या रही? वह तो अपराधों के कारण बाद में दी गई, कि उस वंश के आने तक रहे, जिस को प्रतिज्ञा दी गई थी, और वह स्‍वर्गदूतों के द्वारा एक मध्यस्थ के हाथ ठहराई गई।
मध्यस्थ तो एक का नहीं होता, परन्‍तु परमेश्वर एक ही है।
तो क्‍या व्यवस्था परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं के विरोध में है? कदापि न हो क्‍योंकि यदि ऐसी व्यवस्था दी जाती जो जीवन दे सकती, तो सचमुच धामिर्कता व्यवस्था से होती।
परन्‍तु पवित्र शास्‍त्र ने सब को पाप के आधीन कर दिया, ताकि वह प्रतिज्ञा जिस का आधार यीशु मसीह पर विश्वास करना है, विश्वास करने वालों के लिये पूरी हो जाए।
पर विश्वास के आने से पहिले व्यवस्था की आधीनता में हमारी रखवाली होती थी, और उस विश्वास के आने तक जो प्रगट होने वाला था, हम उसी के बन्‍धन में रहे।
इसलिये व्यवस्था मसीह तक पहुंचाने को हमारा शिक्षक हुई है, कि हम विश्वास से धर्मी ठहरें।
परन्‍तु जब विश्वास आ चुका, तो हम अब शिक्षक के आधीन न रहे।
क्‍योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्‍तान हो।
और तुम में से जितनों ने मसीह में बपतिस्मा लिया है उन्‍होंने मसीह को पहिन लिया है।
अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्‍वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्‍योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।
और यदि तुम मसीह के हो, तो इब्राहीम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो।

एक साल में बाइबल:
  • व्यवस्थाविवरण ३-४
  • मरकुस १०:३२-५२