स्टीव एक साधारण सा व्यक्ति था। बहुत वर्ष पहले मैं जिस चर्च में जाया करता था स्टीव भी वहीं खामोशी से सेवा किया करता था। वो चर्च सभा की तैयारियों में सहायता करता, चर्च के आस-पास के मार्ग को साफ रखता, चर्च के मैदान की घास को छांटता। जिन किशोरों के पिता नहीं थे स्टीव उनके साथ समय बिताता। कई बार मैंने स्टीव को शान्त रीति से लोगों से कहते सुना कि कैसे परमेश्वर उसके साथ भला बना रहा है। जब प्रार्थना सभा होती तो वह अपने लिए कुछ नहीं कहता वरन अनुरोध करता के हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जिन्हें वो प्रभु यीशु के प्रेम और क्षमा के बारे में बता रहा है।
परमेश्वर के वचन बाइबल के यूहन्ना रचित सुसमाचार में यूहन्ना बप्तिस्मा देने वाले के बारे में आया एक पद - यूहन्ना 10:41 मुझे स्टीव की याद दिलाता है। युहन्ना बप्तिस्मा देने वाला अपने बारे में व्याख्यान देने संसार में नहीं आया था, उसके आने का उद्देश्य था: "यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं" (यूहन्ना 1:7); उसने, "दूसरे दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते देखकर कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना1:29)। मेरा मित्र स्टीव भी यही करता रहता था।
हम मसीही विश्वासियों के जीवन का उद्देश्य भी यही रहना चाहिए, कि हम भी जगत की सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु मसीह की गवाही संसार के सामने रखें। हम सभी साधारण लोग हैं, जो संसार के अपने अपने कोनों में परमेश्वर की सेवा के लिए रखे गए हैं। अपने शान्त स्वभाव और निस्वार्थ तथा विश्वासयोग्य कार्यों से, स्टीव के समान ही हमें भी औरों को उस सच्ची ज्योति, प्रभु यीशु की ओर आकर्षित करना है। - ऐनी सेटास
मसीही विश्वासी साधारण लोग हैं जो मसीह यीशु के असाधारण व्यक्तित्व के प्रति समर्पित हैं।
और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था। - यूहन्ना 10:41
बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:27-42
John 10:27 मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।
John 10:28 और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा।
John 10:29 मेरा पिता, जिसने उन्हें मुझ को दिया है, सब से बड़ा है, और कोई उन्हें पिता के हाथ से छीन नहीं सकता।
John 10:30 मैं और पिता एक हैं।
John 10:31 यहूदियों ने उसे पत्थरवाह करने को फिर पत्थर उठाए।
John 10:32 इस पर यीशु ने उन से कहा, कि मैं ने तुम्हें अपने पिता की ओर से बहुत से भले काम दिखाए हैं, उन में से किस काम के लिये तुम मुझे पत्थरवाह करते हो?
John 10:33 यहूदियों ने उसको उत्तर दिया, कि भले काम के लिये हम तुझे पत्थरवाह नहीं करते, परन्तु परमेश्वर की निन्दा के कारण और इसलिये कि तू मनुष्य हो कर अपने आप को परमेश्वर बनाता है।
John 10:34 यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो?
John 10:35 यदि उसने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्र शास्त्र की बात लोप नहीं हो सकती।)
John 10:36 तो जिसे पिता ने पवित्र ठहराकर जगत में भेजा है, तुम उस से कहते हो कि तू निन्दा करता है, इसलिये कि मैं ने कहा, मैं परमेश्वर का पुत्र हूं।
John 10:37 यदि मैं अपने पिता के काम नहीं करता, तो मेरी प्रतीति न करो।
John 10:38 परन्तु यदि मैं करता हूं, तो चाहे मेरी प्रतीति न भी करो, परन्तु उन कामों की तो प्रतीति करो, ताकि तुम जानो, और समझो, कि पिता मुझ में है, और मैं पिता में हूं।
John 10:39 तब उन्होंने फिर उसे पकड़ने का प्रयत्न किया परन्तु वह उन के हाथ से निकल गया।
John 10:40 फिर वह यरदन के पार उस स्थान पर चला गया, जहां यूहन्ना पहिले बपतिस्मा दिया करता था, और वहीं रहा।
John 10:41 और बहुतेरे उसके पास आकर कहते थे, कि युहन्ना ने तो कोई चिन्ह नहीं दिखाया, परन्तु जो कुछ यूहन्ना ने इस के विषय में कहा था वह सब सच था।
John 10:42 और वहां बहुतेरों ने उस पर विश्वास किया।
एक साल में बाइबल:
- व्यवस्थाविवरण 20-22
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