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बुधवार, 8 दिसंबर 2010

पश्चाताप की विरासत

सब धर्म ग्रंथों के अपने अपने नायक होते हैं जिनके कार्य और शौर्य को उदाहरण के लिये याद किया जाता है। परन्तु शायद बाइबल ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें अपने एक महान नायक के पतन पर भजन रचा और स्मरणीय बनाया गया है। बाइबल के भजन संहिता में भजन ५१ एक ऐसा भजन जो इस्त्राएल के महानतम राजा और प्रभु यीशु मसीह के पूर्वज दाऊद का, उसके पाप में पड़ने, पश्चाताप, परमेश्वर के प्रति भक्ति और फिर बहाल किये जाने को दिखाता है। यह बाइबल का एक अनूठा गुण है कि उसमें उसके पात्रों के चरित्र को उसकी वास्तविकता में दिखाया गया है। उनके जीवन के पाप या कमज़ोरियों को ना छुपाया गया, न नज़रंदाज़ किया गया और न उसे किसी अन्य रूप से उचित अथवा न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया गया है।

भजन ५१ में हम देखते हैं कि कैसे अपने पाप के कारण दाऊद के मन में अशांति थी, उसका दोष उसे कैसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था, फिर परमेश्वर के सन्मुख उसका पाप स्वीकार करने से मिले पाप क्षमा और बहाल होने के आनन्द को देखते हैं। यह भजन उदहारण है पाप के प्रभाव का भी और साथ ही पश्चाताप के प्रभाव का भी।

इस भजन से पाप की वास्तविकता सामने आती है - परमेश्वर से टूटा संबंध। दाऊद दुखी मन से परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाता है " मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है" (पद ४) और यह भी दिखाता है कि परमेश्वर पापी जन से प्रायश्चित नहीं पश्चाताप चाहता है " क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (पद १६, १७)

अपनी इस प्रार्थना में दाऊद ज्योति की एक किरण देखने पाता है कि उसके पाप और पश्चाताप से दूसरों को सीख मिलने का अवसर है "तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।" (पद १३) दाऊद की यह प्रार्थना सार्थक हुई और पाप अंगीकार तथा पश्चाताप का उसका यह भजन अनन्त काल के लिये परमेश्वर के वचन का भाग बन गया जिससे इसे पढ़ने वाले दाउद की गलतियों से सबक लें और स्वयं उनमें न पड़ें; और जो पाप में पड़े हैं वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध की बहाली का मार्ग सीख सकें।

इस्त्राएल का सबसे अच्छा राजा पतन की गहराई तक गिर गया था, परन्तु न तो वो न और कोई कभी परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की सीमा के बाहर गिर सकता है। यह भजन, राजा दाऊद की ’आप बीती’, प्रमाण है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं तथा सच्चे पश्चाताप की एक प्रार्थना घोर पापी के लिये भी सब बदल देती है।

दाऊद का यह भजन संसार के हर जन के लिये पश्चाताप की विरासत है। - फिलिप यैनसी


पश्चाताप वह भूमी है जिसमें क्षमा फूलती फलती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन ५१:१७


बाइबल पाठ: भजन ५१

हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
मुझे भलीं भांति धो कर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा दे कर मुझे सम्भाल।
तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता, होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा, तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ८-१०
  • ३ युहन्ना

मंगलवार, 7 दिसंबर 2010

कलह और सच्ची शांति

दिसंबर ७, १९४१ को एक जापानी युद्धपोत ’अकागी’ से मित्सुओ फ़ुचीदा ने जंगी वायुयान में उड़ान भरी। फ़ुचीदा ने अमेरिका के पर्ल हारबर पर आकस्मात किये गये जापानी हवाई हमले का नेतृत्व किया, जिसके बाद अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया।

इसके बाद के युद्ध के वर्षों में फ़ुचीदा जंगी जहाज़ों में उड़ान भरता रहा और कई दफा मौत से बाल बाल बचा। युद्ध के अन्त होने तक फ़ुचीदा निराशा और कटुता से भर गया था।

कुछ वर्षों पश्चात उसने एक सच्ची कहानी पढ़ी जिसने उसकी आत्मिक जिज्ञासा को जागृत किया। एक जवान मसीही युवती ने, जिसके माता पिता युद्ध में जापानीयों द्वारा मारे गये थे, निर्ण्य लिया कि वह जापानी युद्ध बंदीयों की सेवा करेगी। इससे प्रभावित फ़ूचिदा ने बाइबल पढ़ना आरंभ किया।

जब उसने क्रूस पर से अपने सताने वालों के लिये प्रभु यीशु मसीह द्वारा कहे गए शब्द पढ़े "हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं।" (लूका २३:३४), तब वह समझ सका कि वह युवती अपने दुशमनों को दया कैसे दिखा सकी। उस दिन फ़ुचिदा ने प्रभु यीशु को अपना हृदय समर्पित कर दिया।

यह भूतपूर्व सैनिक अपने सहनागरिकों के लिये सुसमाचार प्रचारक बन गया और उसका जीवन उस शांति का उदहरण बन गया जो मसीह पर विश्वास लाने वालों के जीवन में काम करती है, और उसने अपने जीवन से दिखाया कि कैसे "तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी।" (फिलिप्पियों ४:१७)।

क्या आपने यह शांति पाई है? आप चाहे जैसी भी परिस्थितियों से होकर निकले हों, परमेश्वर का वायदा है कि "किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्‍तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं" (फिलिप्पियों ४:१६) और वह अवश्य अपनी शांति आपको उपलब्ध करायेगा। - डेनिस फिशर


सच्ची शांति जीवन में कलह की अनुपस्थिति नहीं, वरन जीवन में सच्चे परमेश्वर की उपस्थिति है।

तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे ह्रृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षित रखेगी। - फिलिप्पियों ४:१७


बाइबल पाठ: लूका २३:३२-४३

वे और दो मनुष्यों को भी जो कुकर्मी थे उसके साथ घात करने को ले चले।
जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्‍होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी ओर और दूसरे को बाईं ओर क्रूसों पर चढ़ाया।
तब यीशु ने कहा हे पिता, इन्‍हें क्षमा कर, क्‍योंकि ये जानते नहीं कि क्‍या कर रहें हैं; और उन्‍होंने चिट्ठियां डाल कर उसके कपड़े बांट लिए।
लोग खड़े खड़े देख रहे थे, और सरदार भी ठट्ठा कर करके कहते थे, कि इस ने औरों को बचाया, यदि यह परमेश्वर का मसीह है, और उसका चुना हुआ है, तो अपने आप को बचा ले।
सिपाही भी पास आकर और सिरका दे कर उसका ठट्ठा करके कहते थे।
यदि तू यहूदियों का राजा है, तो अपने आप को बचा।
और उसके ऊपर एक पत्र भी लगाया, कि यह यहूदियों का राजा है।
जो कुकर्मी लटकाए गए थे, उन में से एक ने उस की निन्‍दा करके कहा "क्‍या तू मसीह नहीं? तो फिर अपके आप को और हमें बचा।"
इस पर दूसरे ने उसे डांट कर कहा, "क्‍या तू परमेश्वर से भी नहीं डरता? तू भी तो वही दण्‍ड पा रहा है।"
"और हम तो न्यायानुसार दण्‍ड पा रहे हैं, क्‍योंकि हम अपने कामों का ठीक फल पा रहे हैं; पर इस ने कोई अनुचित काम नहीं किया।"
तब उस ने कहा "हे यीशु, जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।"
उस ने उस से कहा, मैं तुझ से सच कहता हूं कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ५-७
  • २ युहन्ना

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

कानाफूसी

मसीही उद्योगपति और अविष्कारक ला टूर्नियो अपनी बनाई मिट्टी खोदने और ढोने वाली विशाल मशीनों के लिये जाने जाते हैं। उनकी बनाई एक मशीन का विचित्र नाम था - Model G [नमूना जी.]। एक खरीददार ने मशीन विक्रेता को चकराने के उद्देश्य से उससे पूछा "इस G का क्या तात्पर्य है?"

विक्रेता ने तुरंत उत्तर दिया "मेरे विचार से G रखा गया है Gossip, यानि कानाफूसी के लिये। क्योंकि यह मशीन कानाफूसी जैसी व्यर्थ मिट्टी बड़े कौशल से और बहुत शीघ्रता से फेंकने को ले जाती है।"

बाइबल में मूल इब्रानी भाषा में जो शब्द कानाफूसी के लिये प्रयोग हुआ है उसका अर्थ होता है नाशकारी बातों को फुसफुसाना, और नीतिवचन की पुस्तक में कानाफूसी के विष्य में बहुत कुछ लिखा है: कानाफूसी करने वाले विश्वासयोग्य नहीं होते (नीतिवचन ११:१३) और उनसे दूर रहना चाहिये (नीतिवचन २०:१९)। कानाफूसी से अच्छे मित्रों में भी फूट और मतभेद हो जाते हैं (नीतिवचन १६:२८) और इसके द्वारा रिश्तों की दरारें बनी रहती है (नीतिवचन १८:८)। इससे परस्पर विरोध के अंगारों को हवा मिलती है और गलतफहमीयां तथा ठेस की अग्नि की लपटें तेज़ होतीं हैं (नीतिवचन २६:२१-२२)।

यदि हम सोचते हैं कि कुछ मज़ेदार, रसीली, चटपटी बातों को इधर उधर फुसफुसाने से कुछ नुकसान नहीं होता, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं। कानाफूसी सदा अपने पीछे विनाश का मंज़र छोड़ती है और यह वह अपराध है जिसका शिकार का कोई न कोई अवश्य ही होता है। कानाफूसी से किसी न किसी को तो नुकसान अवश्य ही होता है। इसलिये अकलमंदों के लिये एक सलाह है: "...जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।" (नीतिवचन २६:२०)

भला होगा कि हम कानाफूसी को अपने जीवन में कोई स्थान न दें और आपसी प्रेम तथा सदभाव से रिशतों को निभाएं और बढ़ाएं। - जो स्टोवैल


कानाफूसी को खत्म करना है तो उसे बिलकुल नज़रांदाज़ करना आरंभ कर दीजिये।

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है। - नीतिवचन २६:२०


बाइबल पाठ: नीतिवचन २६:२०-२८

जैसे लकड़ी न होने से आग बुझती है, उसी प्रकार जहां कानाफूसी करने वाला नहीं वहां झगड़ा मिट जाता है।
जैसा अंगारों में कोयला और आग में लकड़ी होती है, वैसा ही झगड़े के बढ़ाने के लिये झगड़ालू होता है।
कानाफूसी करने वाले के वचन, स्वादिष्ट भोजन के समान भीतर उतर जाते हैं।
जैसा कोई चान्दी का पानी चढ़ाया हुआ मिट्टी का बर्तन हो, वैसा ही बुरे मन वाले के प्रेम भरे वचन होते हैं।
जो बैरी बात से तो अपने को भोला बनाता है, परन्तु अपने भीतर छल रखता है,
उसकी मीठी-मीठी बात प्रतीति न करना, क्योंकि उसके मन में सात घिनौनी वस्तुएं रहती हैं;
चाहे उसका बैर छल के कारण छिप भी जाए, तौभी उसकी बुराई सभा के बीच प्रगट हो जाएगी।
जो गड़हा खोदे, वही उसी में गिरेगा, और जो पत्थर लुढ़काए, वह उलट कर उसी पर लुढ़क आएगा।
जिस ने किसी को झूठी बातों से घायल किया हो वह उस से बैर रखता है, और चिकनी चुपड़ी बात बोलने वाला विनाश का कारण होता है।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल १, २
  • १ युहन्ना ५

रविवार, 5 दिसंबर 2010

उपहार या उपस्थिति

प्रसिद्ध बाइबल शिक्षक ओस्वॉलड चेमबर्स ने लिखा "हमें परमेश्वर संबंधी प्रतिज्ञाओं की नहीं, स्वयं परमेश्वर की आवश्यक्ता है।"

क्रिसमस की इस ऋतु में अकसर लोग कहते हैं " परमेश्वर की उपस्थिति उपहारों से अधिक ज़रूरी है।" लेकिन जितना समय और मेहनत वे उपहारों की खरीददारी में लगाते हैं उससे कुछ और ही दिखाई देता है।

संसार के कुछ भागों में लोग ६ दिसंबर को ही उपहारों का आदान-प्रदान कर लेते हैं जिससे आगे का महीना प्रभु यीशु के जन्म और संसार को दिये गए परमेश्वर के इस अद्भुत और सिद्ध उपहार पर ध्यान केंद्रित रख सकें।

जब हम कहते हैं कि हम लोगों से उपहारों की बजाए परमेश्वर की उपस्थिति चाहते हैं, तो हो सकता है कि हम सत्य कह रहे हों। परन्तु कितने हैं जो पूरी ईमानदारी के साथ कह सकते हैं कि हम परमेश्वर से उसके उपहारों की बजाए उसकी उपस्थिति चाहते हैं?

सच तो यह है कि अकसर हम परमेश्वर से उसकी उपस्थिति की बजाए उसके उपहार ज़्यादा पसन्द करते हैं। हमें परमेश्वर से अच्छा स्वास्थ्य, धन-संपत्ति, ज्ञान, अच्छी या बेहतर नौकरी, रहने का अच्छा या बेहतर स्थान आदि सब चाहिये। हो सकता है कि परमेश्वर यह सब हमें देना भी चाहता हो, लेकिन यह सब हमें उससे अलग नहीं मिल सकता। प्रभु यीशु ने कहा "...क्‍योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्‍तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्‍तुएं तुम्हें मिल जाएंगी।" (मत्ती ६:३२, ३३)

दाउद ने इससे भी आगे बढ़कर सच्चे आनन्द के भेद को समझा और कहा " तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा। तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।" (भजन १६:११) सांसारिक उपहार हमें कुछ समय के लिये संतुष्टि दे सकते हैं और खुश कर सकते हैं, पर सच्चे और अनन्त आनन्द की भरपूरी तो परमेश्वर के साथ बने रहने वाले सही संबंध द्वारा उसकी उपस्थिति में ही मिल सकती है।

कैसा रहे यदि इस क्रिसमस आप उपहारों के नहीं वरन अपने जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति के लालायित हों? - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमारे साथ परमेश्वर की उपस्थिति हमारे लिये उसका सबसे उत्तम उपहार है।

तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा। तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है। - भजन १६:११


बाइबल पाठ: १ युहन्ना २:२४-२९

जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे।
और जिस की उस ने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्‍त जीवन है।
मैं ने ये बातें तुम्हें उस के विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं।
और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है, और तुम्हें इस का प्रयोजन नही, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्‍चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
निदान, हे बालको, उस में बने रहो; कि जब वह प्रगट हो, तो हमें हियाव हो, और हम उसके आने पर उसके साम्हने लज्ज़ित न हों।
यदि तुम जानते हो, कि वह धामिर्क है, तो यह भी जानते हो, कि जो कोई धर्म का काम करता है, वह उस से जन्मा है।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल १, २
  • १ युहन्ना ४

शनिवार, 4 दिसंबर 2010

जीवन की इच्छाएं तथा सच्चे आनन्द का स्त्रोत

क्या जो आप चाहते हैं आपको वह ज़िंदगी से मिल रहा है? या आपको लगता है कि अर्थव्यवस्था, सरकार, आपकी परिस्थितियां या कोई अन्य बात आपसे आपका आनन्द और आपकी प्रतिभा का प्रतिफल चुरा रहे हैं?

हाल ही में एक सर्वेक्षण करने वाली एजेंसी ने १००० लोगों से पूछा कि वे जीवन सबसे अधिक किस की इच्छा रखते हैं? सर्वेक्षण के नतीजों में से एक अद्भुत नतीजा था कि बाइबल पर विश्वास करने वाले मसीही विश्वासियों में से ९० प्रतिशत ये सब चाहते थे:
  • परमेश्वर के साथ और निकट संबंध,
  • जीवन का स्पष्ट उद्देश्य,
  • जीवन में अधिकाई से ईमानदारी, और
  • अपने विश्वास के प्रति दृढ़ समर्पण।
ध्यान कीजिए कि ये सभी इच्छाएं ऐसी हैं जिन्हें पूरा करने के लिये किसी को भी किसी अन्य सांसारिक सहायता की आवश्यक्ता नहीं है, प्रत्येक व्यक्ति स्वयं ही इनके लिये प्रयास कर सकता है। कोई सरकारी कार्यक्रम इन्हें उपलब्ध नहीं करा सकता और ना ही कठिन आर्थिक परिस्थितियां इन्हें छीन सकती हैं। यदि हम परमेश्वर के वचन को अपने जीवन में अधिकार रखने दें और पवित्रआत्मा की सहायता से अपने भीतरी मनुष्यत्व में बलवन्त होते जाएं (इफिसियों ३:१६) तो जीवन की इनये इच्छाएं की पूर्ति भी होती है और सच्चा आनन्द भी हासिल होता है।

यह सच है कि इस जटिल संसार में हम सबसे अलग होकर नहीं रह सकते और हमें कई बातों में लोगों की सहायता की आवश्यक्ता होती है। साथ ही अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिये दूसरों का सहारा लेने का प्रलोभन सदा बना रहता है - कोई आकर हमारी इच्छाओं को उपलब्ध करा दे; परन्तु सच्चे आनन्द का स्त्रोत कोई बाहरी सांसारिक सहायता कभी नहीं बन सकती। यह वह आनन्द है जो हमारे अन्दर से ही आता है और इसके लिये एक स्थिर और शांत मन की अवश्यक्ता होती है।

किंतु " मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है, उसका भेद कौन समझ सकता है?" (यर्मियाह १७:९) तथा "ऐसी तो कोई वस्‍तु नहीं जो मनुष्य को बाहर से समाकर अशुद्ध करे परन्‍तु जो वस्‍तुएं मनुष्य के भीतर से निकलती हैं, वे ही उसे अशुद्ध करती हैं। जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है। क्‍योंकि भीतर से अर्थात मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्‍ता, व्यभिचार, चोरी, हत्या, परस्त्रीगमन, लोभ, दुष्‍टता, छल, लुचपन, कुदृष्‍टि, निन्‍दा, अभिमान, और मूर्खता निकलती हैं। ये सब बुरी बातें भीतर ही से निकलती हैं और मनुष्य को अशुद्ध करती हैं।" (मरकुस ७:१५, २०-२३) इसीलिये दाउद ने प्रार्थना करी " हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर। ...टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है, हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (भजन ५१:१०, १७)

प्रभु यीशु मसीह इसी असाध्य मन को बदल कर पाप की कड़ुवाहट के स्थान पर आनन्द की भरपूरी देने आया " ...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्‍द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्‍द पूरा हो जाए।" (यूहन्ना १०:१०, १५:११)

प्रभु यीशु से करी गई एक सच्चे पश्चाताप की प्रार्थना आपके जीवन को सच्चे आनन्द से भर देगी। - डेव ब्रैनन


प्रभु यीशु में संसार के प्रत्येक दुखी और निराश व्यक्ति के लिये आशा है।

कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ। - इफिसियों ३:१६


बाइबल पाठ: इफिसियों ३:१४-२१

मैं इसी कारण उस पिता के साम्हने घुटने टेकता हूं,
जिस से स्‍वर्ग और पृथ्वी पर, हर एक घराने का नाम रखा जाता है।
कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्‍व में सामर्थ पाकर बलवन्‍त होते जाओ।
और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे ह्रृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर
सब पवित्र लोगों के साथ भली भांति समझने की शक्ति पाओ कि उसकी चौड़ाई, और लम्बाई, और ऊंचाई, और गहराई कितनी है।
और मसीह के उस प्रेम को जान सको जो ज्ञान से परे है, कि तुम परमेश्वर की सारी भरपूरी तक परिपूर्ण हो जाओ।
अब जो ऐसा सामर्थी है, कि हमारी बिनती और समझ से कहीं अधिक काम कर सकता है, उस सामर्थ के अनुसार जो हम में कार्य करता है,
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उस की महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन।

एक साल में बाइबल:
  • यहेजेकेल ४७, ४८
  • १ युहन्ना ३

शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010

परमेश्वर के प्रेम का आश्वासन

अमेरिका के फ्लोरिडा प्रांत के वेलिंगटन शहर में यीशु के जन्म की एक झांकी में से शिशु यीशु की कीमती मूर्ति चुरा ली गई। दुबारा ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियों ने उसकी जगह रखी गई नई मूर्ती में एक ऐसा उपकरण (GPS) छिपा दिया जो अपने रखे जाने के स्थान का पता देता रहता था। जब अगले वर्ष क्रिसमस के उपलक्षय पर उस झांकी से फिर से वह मूर्ती चुराई गई तो GPS के सहारे पुलिस को चोर के ठिकाने का पता मिल गया और वे वहां तक पहुंच सके।

ऐसे समय हमारे जीवन में भी आ सकते हैं जब परेशानियों और मुशकिलों के कारण हमें लगे कि जैसे किसी ने यीशु को हम से चुरा लिया है। यदि ऐसा हो तो हम यीशु को कैसे ढूंढें? आत्मिक GPS उपकरण की तरह रोमियों की पत्री का आठवां अध्याय हमें परमेश्वर के अटूट प्रेम और सदा बनी रहने वाली उपस्थिति के विषय में हमारा मार्गदर्शन करता है। इस अध्याय में हम पढ़ते हैं कि परमेश्वर का पवित्रआत्मा हमारे लिये विनती कर के हमारी कमज़ोरियों में हमारी सहायता करता है "इसी रीति से आत्मा भी हमारी र्दुबलता में सहायता करता है, क्‍योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए परन्‍तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है। और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्‍या है; क्‍योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार बिनती करता है। "(पद २६, २७)।

हमें न केवल यह आश्वासन है कि परमेश्वर हमारी ओर है (पद ३१), "सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?" वरन उससे भी अधिक यह कि "जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा?" (पद ३२)।

फिर हमें स्मरण दिलाया गया है कि हमें परमेश्वर के प्रेम से कोई अलग नहीं कर सकता है "क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।" (पद ३८, ३९)

यदि मसीह से दूरी अनुभव कर रहे हैं और मन में शंकाएं हैं तो रोमियों ८ को पढ़िये, प्रभु यीशु की सदा बनी रहनी निकटता और परमेश्वर के प्रेम का आश्वासन आपको हो जाएगा। - डेविड मैककैसलैंड


प्रभु यीशु पर केंद्रित रहिये, परिस्थितियां आप ही सही परिपेक्ष्य में आ जाएंगीं।

जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा? - रोमियों८:३२


बाइबल पाठ: रोमियों ८:२६-३९

इसी रीति से आत्मा भी हमारी र्दुबलता में सहायता करता है, क्‍योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए परन्‍तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है।
और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्‍या है; क्‍योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्‍छा के अनुसार बिनती करता है।
और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिल कर भलाई ही को उत्‍पन्न करती हैं अर्थात उन्‍हीं के लिये जो उस की इच्‍छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
क्‍योंकि जिन्‍हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्‍हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्‍वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
फिर जिन्‍हें उस ने पहिले से ठहराया, उन्‍हें बुलाया भी, और जिन्‍हें बुलाया, उन्‍हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्‍हें धर्मी ठहराया, उन्‍हें महिमा भी दी है।
सो हम इन बातों के विषय में क्‍या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
जिस ने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्‍तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्‍योंकर न देगा?
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उनको धर्मी ठहरानेवाला है।
फिर कौन है जो दण्‍ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्‍या क्‍लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम, या तलवार?
जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए जाते हैं, हम वध होने वाली भेंडों की नाई गिने गए हैं।
परन्‍तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिस ने हम से प्रेम किया है, जयवन्‍त से भी बढ़कर हैं।
क्‍योंकि मैं निश्‍चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्‍वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई,
न गहिराई और न कोई और सृष्‍टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।

एक साल में बाइबल:
  • यहेजेकेल ४५, ४६
  • १ युहन्ना २

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

उसकी सफलता की कोई संभावना नहीं

जोश हैमिल्टन २००४ में बेसबॉल का अच्छा खिलाड़ी था जिससे बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वह प्रतिबंधित ड्रग्स के सेवन में पकड़ा गया और खेल से निलंबित कर दिया गया। फिर एक रात उसने ऐसा स्वप्न दिखा जिसने उसके जीवन को बदल दिया। उसने देखा कि उसके हाथ में लाठी है और वह शैतान से लड़ रहा है। जितनी बार वह शैतान को लाठी से मारता, शैतान गिर जाता, लेकिन तुरंत फिर उठ कर खड़ा हो जाता। शैतान को मारते मारते वह थक कर निढ़ाल हो गया लेकिन शैतान वैसे ही खड़ा रहा।

इस दुःस्वप्न के बाद जोश ने निर्णय किया कि वह कोई गलत काम नहीं करेगा। उसका दुःस्वप्न फिर लौट कर आया किंतु एक महत्त्वपूर्ण फर्क के साथ, अब भी उसके मारने पर शैतान गिरकर फिर उठ जाता था, लेकिन अब जोश अकेला नहीं था, प्रभु यीशु भी उसके साथ खड़े थे। अब शैतान को मारने से जोश थक नहीं रहा था, उसमें नई सामर्थ और स्फूर्ति थी। अब उसे निश्चय था कि प्रभु यीशु की सहायता से शैतान की सफलता की कोई संभावना नहीं थी।

बाइबल बताती है कि मसीही विश्वासी के विरोध में शैतान की सफलता की कोई संभावना नहीं है क्योंकि जो आत्मा विश्वासी में है वह शैतान से सामर्थी है - " हे बालको, तुम परमेश्वर के हो, और तुम ने उस पर जय पाई है क्‍योंकि जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। " (१ युहन्ना ४:४)

प्रभु यीशु मसीह संसार में इसलिये आया कि अपने जीवन, कार्यों और क्रूस पर दिये गए बलिदान द्वारा शैतान के कार्यों को नाश कर सके "जो कोई पाप करता है, वह शैतान की ओर से है, क्‍योंकि शैतान आरम्भ ही से पाप करता आया है: परमेश्वर का पुत्र इसलिये प्रगट हुआ, कि शैतान के कामों को नाश करे।" (१ युहन्ना ३:८)

क्रूस पर प्रभु यीशु ने शैतान को निरस्त्र करके उस पर जय पाई "और उस ने तुम्हें भी, जो अपने अपराधों, और अपने शरीर की खतनारिहत दशा में मुर्दा थे, उसके साथ जिलाया, और हमारे सब अपराधों को क्षमा किया। और विधियों का वह लेख जो हमारे नाम पर और हमारे विरोध में या मिटा डाला और उस को क्रूस पर कीलों से जड़ कर साम्हने से हटा दिया है। और उस ने प्रधानताओं और अधिकारों को अपने ऊपर से उतार कर उन का खुल्लमखुल्ला तमाशा बनाया और क्रूस के कारण उन पर जय-जय-कार की घ्‍वनि सुनाई।" (कुलुस्सियों २:१३-१५)

यद्यपि शैतान क्रूस के कारण हारा हुआ है, फिर भी संसार में क्रीयाशील रहता है और लोगों को बहकाता भरमाता रहता है। लेकिन उसकी आखिरी हार भी निश्चित है "और उन का भरमाने वाला शैतान आग और गन्‍धक की उस झील में, जिस में वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा, और वे रात दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे।" (प्रकाशितवाक्य २०:१०) ऐसा होने तक हमें परमेश्वर के सारे हथियार बांध कर (इफिसियों ६:१०-१८), प्रभु यीशु के लहू और वचन के सहारे उसके विरुद्ध दृढ़ खड़े रहना है, क्योंकि उसकी सफलता की कोई संभावना नहीं है " फिर मैं ने स्‍वर्ग पर से यह बड़ा शब्‍द आते हुए सुना, कि अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, और सामर्थ, और राज्य, और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है, क्‍योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगाने वाला, जो रात दिन हमारे परमेश्वर के साम्हने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया। और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्‍त हुए, और उन्‍होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली। (प्रकाशितवाक्य १२:१०, ११) - मार्विन विलियम्स


यदि आप मसीह में हैं तो आपके लिए शैतान एक हारा हुआ शत्रु है।

...जो तुम में है, वह उस से जो संसार में है, बड़ा है। - १ युहन्ना ४:४


बाइबल पाठ: इफिसियों ६:१०-१८

निदान, प्रभु में और उस की शक्ति में बलवन्‍त बनो।
परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।
क्‍योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लोहू और मांस से नहीं, परन्‍तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अन्‍धकार के हाकिमों से, और उस दुष्‍टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं।
इसलिये परमेश्वर के सारे हथियार बान्‍ध लो, कि तुम बुरे दिन में साम्हना कर सको, और सब कुछ पूरा कर के स्थिर रह सको।
सो सत्य से अपनी कमर कस कर, और धार्मिकता की झिलम पहिन कर।
और पांवों में मेल के सुसमाचार की तैयारी के जूते पहिन कर,
और उन सब के साथ विश्वास की ढाल ले कर स्थिर रहो जिस से तुम उस दुष्‍ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सको।
और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो।
और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो।

एक साल में बाइबल:
  • यहेजेकेल ४२-४४
  • १ युहन्ना १