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मंगलवार, 25 मई 2021

साहस

 

          1963 की गर्मियों की बात है, सारी रात की बस यात्रा के बाद नागरिक अधिकारों के लिए सक्रिय कार्यकर्ता, फैनी लू हैमर और छः अन्य यात्री भोजन के लिए एक भोजनालय पर रुके। कुछ न्यायिक अधिकारियों द्वारा उन्हें वहाँ से जबरन निकल जाने के लिए बाध्य करने के पश्चात, उन्हें पकड़ कर जेल में डाल दिया गया। किन्तु उनका अपमानित किए जाना इस गैर-कानूनी गिरफ्तारी के साथ ही समाप्त नहीं हुआ। उन सभी को बुरी तरह से पीटा भी गया; किन्तु फैनी को सबसे बुरी मार पड़ी। एक क्रूर आक्रमण के बाद, जिससे वह मृत्यु के निकट आ गई थी, फैनी ने स्तुति का भजन गाना आरंभ कर दिया; गाने वाली वह अकेली ही नहीं थी; अन्य बंदी भी उसके साथ गाने लगे, “पौलुस और सिलास को बांधकर जेल में डाला गया; मेरे लोगों को जा लेने दो!” वे सभी कैदी शरीर से बंधे हुए थे, किन्तु आत्मा से नहीं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों 16 अध्याय में हम देखते हैं कि पौलुस और सिलास एक बहुत कठिन परिस्थिति में पड़े हुए थे, क्योंकि औरों को प्रभु यीशु के बारे में बताने के कारण उन्हें बाँध कर जेल में डाल दिया गया था। लेकिन उनके क्लेशों ने उन्हें निरुत्साहित नहीं किया;आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्‍धुए उन की सुन रहे थे” (प्रेरितों 16:25)। उनके इस साहसी स्तुतिगान और आराधना ने उनके लिए अवसर तैयार किया कि वे प्रभु यीशु के बारे में और भी बताते रहें। वे वहाँ के जेलर को भी उद्धार का सुसमाचार सुना सके, और उसने विश्वास किया तथा उद्धार भी पाया (पद 32)।

          हम में से अधिकांश को उन कठोर परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिनका पौलुस, सिलास और फैनी ने किया; किन्तु हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी को किसी-न-किसी अप्रिय स्थिति का सामना अवश्य करना होगा। जब हमारे साथ ऐसा होगा, तब उस परिस्थिति के लिए हमारी सामर्थ्य हमें हमारे विश्वासयोग्य परमेश्वर से मिलेगी। उन विकट परिस्थितियों में हमारे भी मनों में कोई स्तुति और आराधना का भजन हो, और उन कठिनाइयों में भी हम प्रभु यीशु मसीह के बारे में बोलने का साहस दिखा सकें। - आर्थर जैक्सन

 

कठिन समयों में उसकी स्तुति और आराधना करें, जो हर बात को नियंत्रित करता है।


जब वे तुम्हें पकड़वाएंगे तो यह चिन्ता न करना, कि हम किस रीति से; या क्या कहेंगे: क्योंकि जो कुछ तुम को कहना होगा, वह उसी घड़ी तुम्हें बता दिया जाएगा। - मत्ती 10:19

बाइबल पाठ: प्रेरितों 16:25-34

प्रेरितों के काम 16:25 आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्‍धुए उन की सुन रहे थे।

प्रेरितों 16:26 कि इतने में एकाएक बड़ा भुई-डोल हुआ, यहां तक कि बन्‍दीगृह की नेव हिल गईं, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्धन खुल पड़े।

प्रेरितों 16:27 और दारोगा जाग उठा, और बन्‍दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि बन्‍धुए भाग गए, सो उसने तलवार खींचकर अपने आप को मार डालना चाहा।

प्रेरितों 16:28 परन्तु पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा; अपने आप को कुछ हानि न पहुंचा, क्योंकि हम सब यहां हैं।

प्रेरितों 16:29 तब वह दीया मंगवाकर भीतर लपक गया, और कांपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा।

प्रेरितों 16:30 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहबों, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं?

प्रेरितों 16:31 उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।

प्रेरितों 16:32 और उन्होंने उसको, और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया।

प्रेरितों 16:33 और रात को उसी घड़ी उसने उन्हें ले जा कर उन के घाव धोए, और उसने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया।

प्रेरितों 16:34 और उसने उन्हें अपने घर में ले जा कर, उन के आगे भोजन रखा और सारे घराने समेत परमेश्वर पर विश्वास कर के आनन्द किया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • इतिहास 25-27 
  • यूहन्ना 9:1-30

बुधवार, 24 मार्च 2021

संगीत

 

          बीसवीं सदी के आरंभिक समय में इंग्लैंड में हुए वेल्श मसीही-पुनर्जागरण के समय में बाइबल शिक्षक और लेखक जी. कैम्पबेल मॉर्गन ने जो होते हुए देखा, उसका वर्णन किया। उनका मानना था कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा, “पवित्र भजनों की उफनती हुई लहरों” पर होकर लोगों में कार्य कर रहा था। मॉर्गन ने लिखा कि उन्होंने उन सभाओं में संगीत के एकता लाने वाले प्रभाव को देखा था, जिन में स्वेच्छा से प्रार्थना करना, पाप अंगीकार करना, और भजन गाना प्रोत्साहित किया जाता था। यदि कोई भावनाओं में बहकर बहुत लंबी प्रार्थना करने लगता था, या ऐसा बोलने लगता था जो उस माहौल में औरों के साथ तालमेल नहीं रखता था, तो कोई भी जन धीरे से कोई भजन गाना आरंभ कर देता था। धीरे धीरे अन्य लोग भी उस भजन के गाने में जुड़ते चले जाते थे, और शीघ्र ही उस संगीत की आवाज़ इतनी ऊँची हो जाती थी कि उस में अन्य सभी आवाजें दब जाती थीं।

          मॉर्गन ने संगीत के द्वारा जिस पुनः जागृत होने का वर्णन किया है, उसका आधार परमेश्वर के वचन बाइबल में से है, जहाँ पर संगीत की कई बातों में प्रमुख भूमिका दिखाई गई है। बाइबल में हम देखते हैं कि संगीत का प्रयोग विजय के उत्सव मनाने के लिए किया गया (निर्गमन 15:1-21); आराधना के साथ मंदिर के परमेश्वर को समर्पित किए जाने के लिए किया गया (2 इतिहास 5:12-14); और शत्रुओं पर विजयी होने के लिए सैनिक रणनीति के समान किया गया (2 इतिहास 20:21-23)। बाइबल के ठीक मध्य में हम 150 भजनों के संकलन की पुस्तक, भजन संहिता, को पाते हैं। और पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में उन्हें एक दूसरे के साथ वार्तालाप में भी भजनों का प्रयोग करने के लिए लिखा (इफिसियों 5:19)।

          चाहे संघर्ष हों, चाहे आराधना करनी हो, जीवन की चाहे कोई भी परिस्थिति क्यों न हो, हमारे मसीही विश्वास का संगीत हम सभी को एक स्वर में होकर बोलने वाला बना सकता है। नए और पुराने गीतों और भजनों के द्वारा, हम बारंबार पुनः जागृत किए जाते हैं – न तो बल से, न शक्ति से, परन्तु परमेश्वर के आत्मा और परमेश्वर की स्तुति के संगीत के द्वारा। - मार्ट डीहान

 

जिनके पास सुनने के कान हों, उनके लिए पवित्र आत्मा के पास उपयुक्त संगीत है।


और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के सामने गाते और कीर्तन करते रहो। - इफिसियों 5:19

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 5:7-14

2 इतिहास 5:7 तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सन्दूक उसके स्थान में, अर्थात भवन की भीतरी कोठरी में जो परम पवित्र स्थान है, पहुंचा कर, करूबों के पंखों के तले रख दिया।

2 इतिहास 5:8 सन्दूक के स्थान के ऊपर करूब तो पंख फैलाए हुए थे, जिससे वे ऊपर से सन्दूक और उसके डंडों को ढांपे थे।

2 इतिहास 5:9 डण्डे तो इतने लम्बे थे, कि उनके सिरे सन्दूक से निकले हुए भीतरी कोठरी के सामने देख पड़ते थे, परन्तु बाहर से वे दिखाई न पड़ते थे। वे आज के दिन तक वहीं हैं।

2 इतिहास 5:10 सन्दूक में पत्थर की उन दो पटियाओ को छोड़ कुछ न था, जिन्हें मूसा ने होरेब में उसके भीतर उस समय रखा, जब यहोवा ने इस्राएलियों के मिस्र से निकलने के बाद उनके साथ वाचा बान्‍धी थी।

2 इतिहास 5:11 जब याजक पवित्रस्थान से निकले ( जितने याजक उपस्थित थे, उन सभों ने तो अपने अपने को पवित्र किया था, और अलग अलग दलों में हो कर सेवा न करते थे;

2 इतिहास 5:12 और जितने लेवीय गवैये थे, वे सब के सब अर्थात पुत्रों और भाइयों समेत आसाप, हेमान और यदूतून सन के वस्त्र पहने झांझ, सारंगियां और वीणाएँ लिये हुए, वेदी के पूर्व की ओर खड़े थे, और उनके साथ एक सौ बीस याजक तुरहियां बजा रहे थे।)

2 इतिहास 5:13 तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन में बादल छा गया,

2 इतिहास 5:14 और बादल के कारण याजक लोग सेवा-टहल करने को खड़े न रह सके, क्योंकि यहोवा का तेज परमेश्वर के भवन में भर गया था।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहोशू 16-18
  • लूका 2:1-24

शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

साथ

 

         नशीली वस्तुओं की तस्करी करने के दोषी दो व्यक्तियों को मृत्यु दण्ड की सज़ा दी गई। उन्हें बंदीगृह में मृत्यु दण्ड के दिए जाने की प्रतीक्षा करते समय, उन्होंने उनके प्रति परमेश्वर के प्रेम और प्रभु यीशु मसीह में मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार का सुसमाचार सुना, उस पर विश्वास किया, और पापों की क्षमा मांगकर उन्होंने अपने जीवन प्रभु को समर्पित किए, उनके जीवन बदल गए। जब उन्हें मृत्यु दण्ड दिए जाने की बारी आई, तो वे बंदूक की गोली से मारने वालों के सामने प्रभु की प्रार्थना को दोहराते हुए और “फज़ल अजीब” (Amazing Grace) गीत गाते हुए खड़े हुए, और गाते हुए ही मारे गए। परमेश्वर में उनके विश्वास, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य के कारण वे मृत्यु का सामना बहुत साहस के साथ कर सके।

         उन्होंने परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखे उनके उद्धारकर्ता, प्रभु यीशु के उदाहरण का अनुसरण किया। यह जानते हुए भी कि कुछ ही समय में उनकी मृत्यु अवश्यंभावी है, यीशु ने अपने शिष्यों के साथ अपनी अंतिम समय को भजन गाते हुए बिताया। यह अद्भुत है कि वे इन परिस्थितियों में भी स्तुति गीत गा सके; लेकिन इससे भी अद्भुत वे भजन हैं जिन्हें प्रभु यीशु ने गाया। उनके पकड़वाए जाने की रात को उन्होंने अपने शिष्यों के साथ फसह का भोज खाया था; और इस भोज का समापन सदा ही बाइबल में लिखे कुछ भजनों के साथ होता था। ये भजन, भजन 113-118 हल्लेल भजन कहलाते थे। मृत्यु का सामना करते हुए प्रभु यीशु ने  “मृत्यु की रस्सियों” (भजन 116:3) के बारे में गाया। फिर भी उन्होंने परमेश्वर के विश्वासयोग्य प्रेम की प्रशंसा की (भजन 117:2), और उद्धार के लिए उसका धन्यवाद किया (भजन 118:14)। निःसंदेह, उनकी क्रूस के मृत्यु से पहले, प्रभु यीशु को इन भजनों में होकर दिलासा मिली।

         परमेश्वर में प्रभु यीशु का विश्वास इतना दृढ़ था कि अपनी मृत्यु के निकट आने पर भी – ऐसी मृत्यु जिसे भोगने योग्य उन्होंने कोई कार्य नहीं किया था – उन्होंने परमेश्वर के प्रेम के बारे में भजन गाना पसंद किया। प्रभु यीशु के कारण, हम भी यह भरोसा रख सकते हैं कि हमें चाहे जिस परिस्थिति का सामना करना पड़े, हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पिता परमेश्वर सदा हमारे साथ है। - एमी पीटरसन

 

परमेश्वर के अनुग्रह का शब्द कितना मधुर है।


परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है। - भजन 118:14

बाइबल पाठ: मरकुस 14:16-26

मरकुस 14:16 सो चेले निकलकर नगर में आये और जैसा उसने उन से कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया।

मरकुस 14:17 जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ आया।

मरकुस 14:18 और जब वे बैठे भोजन कर रहे थे, तो यीशु ने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक, जो मेरे साथ भोजन कर रहा है, मुझे पकड़वाएगा।

मरकुस 14:19 उन पर उदासी छा गई और वे एक एक कर के उस से कहने लगे; क्या वह मैं हूं?

मरकुस 14:20 उसने उन से कहा, वह बारहों में से एक है, जो मेरे साथ थाली में हाथ डालता है।

मरकुस 14:21 क्योंकि मनुष्य का पुत्र तो, जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य पर हाय जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है! यदि उस मनुष्य का जन्म ही न होता, तो उसके लिये भला होता।

मरकुस 14:22 और जब वे खा ही रहे थे तो उसने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, लो, यह मेरी देह है।

मरकुस 14:23 फिर उसने कटोरा ले कर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उस में से पीया।

मरकुस 14:24 और उसने उन से कहा, यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है।

मरकुस 14:25 मैं तुम से सच कहता हूं, कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊंगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीऊं।

मरकुस 14:26 फिर वे भजन गाकर बाहर जैतून के पहाड़ पर गए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 34-36
  • कुलुस्सियों 2

रविवार, 9 जून 2019

आराधना



      गीत गाने से मस्तिष्क में परिवर्तन आते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जब हम गाते हैं तो हमारी शरीर में चिन्ता और तनाव को कम करने वाले हार्मोन्स अधिक निकलते हैं। अन्य शोध में देखा गया है कि जब लोग सामूहिक गान में सम्मिलित होते हैं तो उनकी हृदय की धडकनें भी एक दूसरे के साथ लय में हो जाती हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीही विश्वासियों की मंडलियों के लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे भजनों, आत्मिक गीतों और स्तुतिगान में साथ सम्मिलित हों, और परमेश्वर के धन्यवादी बने रहें (इफिसियों 5:19-20)। और बाइबल में “स्तुति करें” 50 से भी अधिक बार दोहराया गया है।

      बाइबल के पुराने नियम खण्ड के 2 इतिहास 20 में हम परमेश्वर के लोगों द्वारा युद्ध भूमि में जाते हुए परमेश्वर की आराधना, उसका स्तुतिगान करते हुए आगे बढ़ने के द्वारा परमेश्वर पर अपना भरोसा व्यक्त करने की घटना के विषय पढ़ते हैं। यहूदा के लोगों की ओर तीन शत्रु जातियां मिलकर आक्रमण करने के लिए आईं। यहूदा के राजा यहोशापात ने घबराकर सभी लोगों को एकत्रित किया, और परमेश्वर से गहन प्रार्थना करने में उनकी अगुवाई के। उन्होंने उपवास रखा, खाना-पीना छोड़कर बस प्रार्थना करने में समय बिताया, “हे हमारे परमेश्वर, क्या तू उनका न्याय न करेगा? यह जो बड़ी भीड़ हम पर चढ़ाई कर रही है, उसके साम्हने हमारा तो बस नहीं चलता और हमें हुछ सूझता नहीं कि क्या करना चाहिये? परन्तु हमारी आंखें तेरी ओर लगी हैं” (पद 12)। परमेश्वर से आश्वासन और निर्देश पाकर वे अगले दिन युद्धभूमि की ओर निकल पड़े। लेकिन यहूदा की सेना की अगुवाई उनके सर्वोत्तम योद्धा नहीं वरन परमेश्वर की आराधना और स्तुति गाने वाले लोग कर रहे थे, और वे परमेश्वर का स्तुतिगान करते हुए शत्रुओं की ओर बढ़ चले। उन्हें परमेश्वर के वायदे पर भरोसा था, कि उन्हें यह युद्ध लड़ना नहीं पड़ेगा (पद 17)।

      जब वे स्तुतिगान और आराधना करते हुए यूद्ध भूमि की ओर बढ़ रहे थे, उनके विरोध में आने वाले शत्रु आपस में ही लड़ने लग गए और उन्होंने एक दूसरे को मार डाला। यहूदा के लोगों के वहाँ पहुंचने तक युद्ध समाप्त हो चुका था; यहूदा के लोगों को युद्ध भूमि में जाकर उन शत्रुओं के साथ आई ढेर सारी लूट को एकत्रित करने का कार्य शेष रह गया था। परमेश्वर ने अपने आराधना और स्तुति करने वाले, उसपर भरोसा रखने वाले लोगों न केवल बचा लिया था, वरन उन्हें बहुत पुरुस्कृत भी किया था।

      परमेश्वर चाहता है कि हम उसकी आराधना और स्तुति करें, और इसमें वह हमारी भलाई चाहता है। चाहे हम किसी युद्ध भूमि की ओर कूच कर रहे हों अथवा नहीं, परन्तु परमेश्वर की आराधना करने में हमारे विचारों, मनों, और जीवन को परिवर्तित करने की सामर्थ्य है। - एमी पीटरसन


जो मन परमेश्वर के साथ लयबद्ध है, वह उसकी आराधना और स्तुति करेगा।

और आपस में भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो। और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। - इफिसियों 5:19-20

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 20:14-22
2 Chronicles 20:14 तब आसाप के वंश में से यहजीएल नाम एक लेवीय जो जकर्याह का पुत्र और बनायाह का पोता और मत्तन्याह के पुत्र यीएल का परपोता था, उस में मण्डली के बीच यहोवा का आत्मा समाया।
2 Chronicles 20:15 और वह कहने लगा, हे सब यहूदियो, हे यरूशलेम के रहनेवालो, हे राजा यहोशापात, तुम सब ध्यान दो; यहोवा तुम से यों कहता है, तुम इस बड़ी भीड़ से मत डरो और तुम्हारा मन कच्चा न हो; क्योंकि युद्ध तुम्हारा नहीं, परमेश्वर का है।
2 Chronicles 20:16 कल उनका साम्हना करने को जाना। देखो वे सीस की चढ़ाई पर चढ़े आते हैं और यरूएल नाम जंगल के साम्हने नाले के सिरे पर तुम्हें मिलेंगे।
2 Chronicles 20:17 इस लड़ाई में तुम्हें लड़ना न होगा; हे यहूदा, और हे यरूशलेम, ठहरे रहना, और खड़े रह कर यहोवा की ओर से अपना बचाव देखना। मत डरो, और तुम्हारा मन कच्चा न हो; कल उनका साम्हना करने को चलना और यहोवा तुम्हारे साथ रहेगा।
2 Chronicles 20:18 तब यहोशापात भूमि की ओर मुंह कर के झुका और सब यहूदियों और यरूशलेम के निवासियों ने यहोवा के साम्हने गिर के यहोवा को दण्डवत किया।
2 Chronicles 20:19 और कहातियों और कोरहियों में से कुछ लेवीय खड़े हो कर इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति अत्यन्त ऊंचे स्वर से करने लगे।
2 Chronicles 20:20 बिहान को वे सबेरे उठ कर तकोआ के जंगल की ओर निकल गए; और चलते समय यहोशापात ने खड़े हो कर कहा, हे यहूदियो, हे यरूशलेम के निवासियो, मेरी सुनो, अपने परमेश्वर यहोवा पर विश्वास रखो, तब तुम स्थिर रहोगे; उसके नबियों की प्रतीत करो, तब तुम कृतार्थ हो जाओगे।
2 Chronicles 20:21 तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।
2 Chronicles 20:22 जिस समय वे गाकर स्तुति करने लगे, उसी समय यहोवा ने अम्मोनियों, मोआबियों और सेईर के पहाड़ी देश के लोगों पर जो यहूदा के विरुद्ध आ रहे थे, घातकों को बैठा दिया और वे मारे गए।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 इतिहास 32-33
  • यूहन्ना 18:19-40



बुधवार, 8 मई 2019

आशा



      पिछले कुछ वर्षों में, मेरे परिवार के दो सदस्यों को घातक बीमारियों का सामना करना पड़ा है। मेरे लिए, उनके इलाज के दौरान उनकी देखभाल करते हुए सबसे कठिन बात उनकी सेहत की अनिश्चितता रही है। मैं सदा ही डॉक्टर से कोई निश्चित बात पता पड़ने की लालसा में रही हूँ, परन्तु शायद ही कभी बात इतनी सीधी और स्पष्ट रही होगी। कोई स्पष्ट बात बताने के स्थान पर बहुधा हम से प्रतीक्षा करने के लिए ही कहा जाता है।

      अनिश्चितता का बोझ उठाना कठिन होता है, सदा आशंका बनी रहती है कि अगली जाँच में क्या निकल कर आएगा; इससे पहले कि मृत्यु हमें पृथक कर दे, हमारे पास साथ रहने के लिए कितना समय शेष है – क्या कुछ सप्ताह, या महीने, या वर्ष? किन्तु बीमारी या इलाज चाहे कोई भी हो, हम में से प्रत्येक को एक-न-एक दिन तो मरना ही है – बस कैंसर जैसी बीमारियाँ हमारी नश्वरता को हमारे मस्तिष्क के छिपे स्थानों से निकालकर उन्हें हमारे समक्ष ले आती हैं।

      हमारी नश्वरता की गंभीर स्मृतियों के सामने, मैं अपने आप को परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा द्वारा की गई प्रार्थना को दोहराते हुए पाती हूँ। बाइबल में भजन 90 हमें स्मरण दिलाता है कि हमारे जीवन घास के समान हैं जो मुरझा और सूख जाती है (पद 5-6), परन्तु हमारे लिए परमेश्वर के पास एक अनन्त निवास-स्थान तैयार है (पद 1)। मूसा के समान ही हम भी परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं कि हमें अपने दिन गिनना सिखाए जिससे हम बुद्धिमानी के साथ निर्णय ले सकें (पद 12), और ऐसा जीवन व्यतीत करें जो परमेश्वर के लिए उपयोगी और सार्थक हो (पद 17)। अन्ततः, भजन हमें स्मरण करवाता है कि, हमारी आशा किसी डॉक्टर द्वारा किए गए बीमारी के निदान या उपचार पर नहीं है, परन्तु उस परमेश्वर पर है जो “अनादिकाल से अनन्तकाल” का है। - एमी पीटरसन


क्योंकि हमारी आशा परमेश्वर पर है 
इसलिए हम अपने नश्वर होने की वास्तविकता का सामना कर सकते हैं।

हे यहोवा ऐसा कर कि मेरा अन्त मुझे मालुम हो जाए, और यह भी कि मेरी आयु के दिन कितने हैं; जिस से मैं जान लूं कि कैसा अनित्य हूं! – भजन 39:4

बाइबल पाठ: भजन 90
Psalms 90:1 हे प्रभु, तू पीढ़ी से पीढ़ी तक हमारे लिये धाम बना है।
Psalms 90:2 इस से पहिले कि पहाड़ उत्पन्न हुए, वा तू ने पृथ्वी और जगत की रचना की, वरन अनादिकाल से अनन्तकाल तक तू ही ईश्वर है।
Psalms 90:3 तू मनुष्य को लौटा कर चूर करता है, और कहता है, कि हे आदमियों, लौट आओ!
Psalms 90:4 क्योंकि हजार वर्ष तेरी दृष्टि में ऐसे हैं, जैसा कल का दिन जो बीत गया, वा रात का एक पहर।
Psalms 90:5 तू मनुष्यों को धारा में बहा देता है; वे स्वप्न से ठहरते हैं, वे भोर को बढ़ने वाली घास के समान होते हैं।
Psalms 90:6 वह भोर को फूलती और बढ़ती है, और सांझ तक कट कर मुर्झा जाती है।
Psalms 90:7 क्योंकि हम तेरे क्रोध से नाश हुए हैं; और तेरी जलजलाहट से घबरा गए हैं।
Psalms 90:8 तू ने हमारे अधर्म के कामों से अपने सम्मुख, और हमारे छिपे हुए पापों को अपने मुख की ज्योति में रखा है।
Psalms 90:9 क्योंकि हमारे सब दिन तेरे क्रोध में बीत जाते हैं, हम अपने वर्ष शब्द की नाईं बिताते हैं।
Psalms 90:10 हमारी आयु के वर्ष सत्तर तो होते हैं, और चाहे बल के कारण अस्सी वर्ष के भी हो जाएं, तौभी उनका घमण्ड केवल नष्ट और शोक ही शोक है; क्योंकि वह जल्दी कट जाती है, और हम जाते रहते हैं।
Psalms 90:11 तेरे क्रोध की शक्ति को और तेरे भय के योग्य तेरे रोष को कौन समझता है?
Psalms 90:12 हम को अपने दिन गिनने की समझ दे कि हम बुद्धिमान हो जाएं।
Psalms 90:13 हे यहोवा लौट आ! कब तक? और अपने दासों पर तरस खा!
Psalms 90:14 भोर को हमें अपनी करूणा से तृप्त कर, कि हम जीवन भर जयजयकार और आनन्द करते रहें।
Psalms 90:15 जितने दिन तू हमें दु:ख देता आया, और जितने वर्ष हम क्लेश भोगते आए हैं उतने ही वर्ष हम को आनन्द दे।
Psalms 90:16 तेरा काम तेरे दासों को, और तेरा प्रताप उनकी सन्तान पर प्रगट हो।
Psalms 90:17 और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 4-6
  • लूका 24:36-53



मंगलवार, 7 मई 2019

आराधना



      यद्यपि मेरे मित्र मिकी की दृष्टि क्षीण होती चली जा रही थी, और जाने पर थी, फिर भी उसने कहा कि वह प्रतिदिन परमेश्वर की आराधना करता रहेगा क्योंकि परमेश्वर ने उसके लिए बहुत कुछ किया है।

      प्रभु यीशु ने मिकी को तथा हम को ऐसी अविरल आराधना करते रहने का कारण दिया है। परमेश्वर के वचन बाइबल में मत्ती रचित सुसमाचार का छबीस्वां अध्याय हमें बताता है कि किस प्रकार प्रभु यीशु ने क्रूसित होने से पहले की रात को अपने शिष्यों के साथ फसह का पर्व खाया था। उस अध्याय का पद 30 बताता है कि उन्होंने उस भोज का अन्त किस प्रकार से किया: “फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।

      जो प्रभु और उनके शिष्यों ने गाया था वह कोई भी स्तुति का भजन नहीं था – वह आराधना का भजन था। हज़ारों वर्षों से यहूदी बाइबल में भजन संहिता में दिए हुए “हल्लेल” भजनों के संग्रह में से फसह के पर्व के समय गाया करते हैं। “हल्लेल” इब्रानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है “परमेश्वर की आराधना या स्तुति।” इन भजनों के अंतिम तीन भजन, भजन 113-118 परमेश्वर के उद्धारकर्ता होने के लिए उसकी आराधना और स्तुति करते हैं (118:21)। भजन 118 उस निकम्मे ठहराए गए पत्थर के बारे में कहता है जो कोने के सिरे का पत्थर बन गया (पद 22), और उसके विषय जो प्रभु के नाम में आता है (पद 26)। संभव है कि प्रभु और शिष्यों ने यह भी गाया हो, “आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इस में मगन और आनन्दित हों” (पद 24)।

      जब प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस फसह के पर्व की रात को भजन गाए, तब वह हमें अपनी परिस्थितियों पर से अपनी आँखें उठाकर उसकी ओर देखने के लिए सर्वोत्तम कारण प्रदान कर रहे थे। वे परमेश्वर के अनन्त प्रेम और विश्वासयोग्यता के लिए उसकी आराधना और स्तुति करने में हमारी अगुवाई कर रहे थे। - जेम्स बैंक्स


परमेश्वर की आराधना करने से हम उसके अनन्त भलाई को स्मरण करते हैं।

इसलिये हम उसके द्वारा स्‍तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें। - इब्रानियों 13:15

बाइबल पाठ: मत्ती 26:17-30
Matthew 26:17 अखमीरी रोटी के पर्व्‍व के पहिले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे; तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?
Matthew 26:18 उसने कहा, नगर में फलाने के पास जा कर उस से कहो, कि गुरू कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व्‍व मनाऊंगा।
Matthew 26:19 सो चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया।
Matthew 26:20 जब सांझ हुई, तो वह बारहों के साथ भोजन करने के लिये बैठा।
Matthew 26:21 जब वे खा रहे थे, तो उसने कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम में से एक मुझे पकड़वाएगा।
Matthew 26:22 इस पर वे बहुत उदास हुए, और हर एक उस से पूछने लगा, हे गुरू, क्या वह मैं हूं?
Matthew 26:23 उसने उत्तर दिया, कि जिसने मेरे साथ थाली में हाथ डाला है, वही मुझे पकड़वाएगा।
Matthew 26:24 मनुष्य का पुत्र तो जैसा उसके विषय में लिखा है, जाता ही है; परन्तु उस मनुष्य के लिये शोक है जिस के द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाता है: यदि उस मनुष्य का जन्म न होता, तो उसके लिये भला होता।
Matthew 26:25 तब उसके पकड़वाने वाले यहूदा ने कहा कि हे रब्बी, क्या वह मैं हूं?
Matthew 26:26 उसने उस से कहा, तू कह चुका: जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांग कर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, लो, खाओ; यह मेरी देह है।
Matthew 26:27 फिर उसने कटोरा ले कर, धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, तुम सब इस में से पीओ।
Matthew 26:28 क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।
Matthew 26:29 मैं तुम से कहता हूं, कि दाख का यह रस उस दिन तक कभी न पीऊंगा, जब तक तुम्हारे साथ अपने पिता के राज्य में नया न पीऊं।।
Matthew 26:30 फिर वे भजन गाकर जैतून पहाड़ पर गए।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 1-3
  • लूका 24:1-35



गुरुवार, 25 मई 2017

संगीत


   संगीतकार और बैण्ड निर्देशक जौन फिलिप सॉसा, जिन्हें "द मार्च किंग" भी कहा जाता है ने ऐसा संगीत और धुनें बनाईं हैं जिन्हें संसार भर में सौ से भी अधिक वर्षों से मिलिट्री बैण्ड बजाते आ रहे हैं। संगीत के इतिहासकार तथा विरजीनिया ग्रैण्ड मिल्ट्री बैण्ड के संचालक लॉरस जौन स्कीसल के अनुसार, "जैसे बिथोवेन सुरीली संगीत रचनाओं के लिए हैं, वैसे ही सॉसा सैनिक मार्च संगीत के लिए हैं।" सॉसा ने लोगों को प्रभावित करने, प्रोत्साहित करने, प्रेरणा देने में सक्षम संगीत की शक्ति को समझा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में, पुराने नियम के समय में, परमेश्वर के लोगों ने आवश्यकता के समयओं में परमेश्वर से मिलने वाली सहायता से प्रेरित होकर अनेकों भजन और स्तुति-गान लिखे और गाए-बजाए। जब परमेश्वर ने फिरौन की सेना से इस्त्राएलियों को बचाया, "तब मूसा और इस्राएलियों ने यहोवा के लिये यह गीत गाया। उन्होंने कहा, मैं यहोवा का गीत गाऊंगा, क्योंकि वह महाप्रतापी ठहरा है; घोड़ों समेत सवारों को उसने समुद्र में डाल दिया है। यहोवा मेरा बल और भजन का विषय है, और वही मेरा उद्धार भी ठहरा है; मेरा ईश्वर वही है, मैं उसी की स्तुति करूंगा, (मैं उसके लिये निवासस्थान बनाऊंगा), मेरे पूर्वजों का परमेश्वर वही है, मैं उसको सराहूंगा" (निर्गमन 15:1-2)।

   जब हम बीते समयों में हमारे प्रति बनी रही परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को स्मरण करते हैं, उसका धन्यवाद तथा अराधना करते हैं, तो यह अराधना संगीत हमारी आत्माओं को उत्साह के साथ ऊँचाईयों पर ले जाता है। जब हम निराश हों, तब भी हम भजन और गीतों के द्वारा अपनी आँखें उन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से ऊपर उठा कर परमेश्वर की सामर्थ्य और हमारे साथ बनी रहने वाली उसकी उपस्थिति पर लगाए रख सकते हैं। परमेश्वर ही सदा हमारी सामर्थ्य, संगीत और उध्दार रहा है। - डेविड मैक्कैसलैंड


स्तुति के गीत हमारी आँखें परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर केंद्रित कर सकते हैं।

तू मेरे छिपने का स्थान है; तू संकट से मेरी रक्षा करेगा; तू मुझे चारों ओर से छुटकारे के गीतों से घेर लेगा। - भजन 32:7

बाइबल पाठ: निर्गमन 15:10-19
Exodus 15:10 तू ने अपने श्वास का पवन चलाया, तब समुद्र ने उन को ढांप लिया; वे महाजलराशि में सीसे की नाईं डूब गए।
Exodus 15:11 हे यहोवा, देवताओं में तेरे तुल्य कौन है? तू तो पवित्रता के कारण महाप्रतापी, और अपनी स्तुति करने वालों के भय के योग्य, और आश्चर्य कर्म का कर्त्ता है।
Exodus 15:12 तू ने अपना दहिना हाथ बढ़ाया, और पृथ्वी ने उन को निगल लिया है।
Exodus 15:13 अपनी करूणा से तू ने अपनी छुड़ाई हुई प्रजा की अगुवाई की है, अपने बल से तू उसे अपने पवित्र निवासस्थान को ले चला है।
Exodus 15:14 देश देश के लोग सुनकर कांप उठेंगे; पलिश्तियों के प्राण के लाले पड़ जाएंगे।
Exodus 15:15 एदोम के अधिपति व्याकुल होंगे; मोआब के पहलवान थरथरा उठेंगे; सब कनान निवासियों के मन पिघल जाएंगें।
Exodus 15:16 उन में डर और घबराहट समा जाएगा; तेरी बांह के प्रताप से वे पत्थर की नाईं अबोल होंगे, जब तक, हे यहोवा, तेरी प्रजा के लोग निकल न जाएं, जब तक तेरी प्रजा के लोग जिन को तू ने मोल लिया है पार न निकल जाएं।
Exodus 15:17 तू उन्हें पहुँचाकर अपने निज भाग वाले पहाड़ पर बसाएगा, यह वही स्थान है, हे यहोवा जिसे तू ने अपने निवास के लिये बनाया, और वही पवित्रस्थान है जिसे, हे प्रभु, तू ने आप स्थिर किया है।
Exodus 15:18 यहोवा सदा सर्वदा राज्य करता रहेगा।
Exodus 15:19 यह गीत गाने का कारण यह है, कि फिरौन के घोड़े रथों और सवारों समेत समुद्र के बीच में चले गए, और यहोवा उनके ऊपर समुद्र का जल लौटा ले आया; परन्तु इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले गए।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23


बुधवार, 26 अक्टूबर 2016

स्तुति और आराधना


   अनेकों वर्ष तक मेरी पत्नि के प्यानो और मेरे बैन्जो के मध्य कभी-कभार का और सामन्जस्य रहित संबंध रहा। लेकिन फिर मेरी पत्नि जैनेट ने मेरे जन्म दिन के उपहार के लिए एक नया गिटार खरीदा, और मेरे पुराने गिटार को बजाना सीखने की इच्छा प्रगट करी। जैनेट एक बहुत माहिर संगीतज्ञ है, और हम शीघ्र ही अपने अपने गिटार पर एक साथ परमेश्वर की स्तुति और आराधना के गीत गाने लग गए। मैं यह कह सकता हूँ कि हमारे घर में अब एक नया ही स्तुति संबंध स्थापित हो गया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब भजनकार परमेश्वर की स्तुति और आराधना के लिए प्रेरित हुआ तो उसके आरंभिक शब्द थे, क्योंकि परमेश्वर ने अद्भुत कार्य किए हैं इसलिए सारी पृथ्वी इस स्तुति और आराधना में सम्मिलित हो (भजन 98:1); "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ" (पद 4); । उसने परमेश्वर की स्तुति के लिए वाद्यों के प्रयोग के लिए कहा, "वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो" (पद 5, 6)। उसने समुद्र, नदियों, पहाड़ियों, सारी मानव जाति को, अर्थात सारी सृष्टि को एक नए गीत के साथ इस स्तुति और आराधना में सम्मिलित होने को कहा (पद 7, 8)।

   आज अपने हृदयों को अन्य लोगों तथा परमेश्वर की सृष्टि के साथ जोड़ें और अपने महान सृष्टिकर्ता तथा उद्धारकर्ता परमेश्वर की स्तुति और आराधना में सम्मिलित हों। - डेनिस फिशर


परमेश्वर साधारण वस्तुओं को भी अपनी स्तुति-गान के लिए उपयोग कर सकता है।

याह की स्तुति करो, क्योंकि यहोवा भला है; उसके नाम का भजन गाओ, क्योंकि यह मन भाऊ है! - भजन 135:3

बाइबल पाठ: भजन 98:1-9
Psalms 98:1 यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! 
Psalms 98:2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है। 
Psalms 98:3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करूणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Psalms 98:4 हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ! 
Psalms 98:5 वीणा बजा कर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजा कर भजन का स्वर सुनाओ। 
Psalms 98:6 तुरहियां और नरसिंगे फूंक फूंककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
Psalms 98:7 समुद्र और उस में की सब वस्तुएं गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें! 
Psalms 98:8 नदियां तालियां बजाएं; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें। 
Psalms 98:9 यह यहोवा के साम्हने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आने वाला है। वह धर्म से जगत का, और सीधाई से देश देश के लोगों का न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 9-11
  • 1 तिमुथियुस 6


मंगलवार, 6 सितंबर 2016

गीत-संगीत


   मैंने अपने एक मित्र से उसकी माँ की हालत के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि बुढ़ापे ने उनकी स्मरण-शक्ति क्षीण कर दी है, और उन्हें कई लोगों के नाम और बीते समय की अनेकों घटनाएं अब याद नहीं रहती हैं। उसने आगे बताया कि, फिर भी, वे आज भी प्यानो पर बैठकर, बिना किसी छपी हुई हुए गीत-संगीत पुस्तक के, अनेकों भजन अपनी स्मरण-शक्ति से गा लेती हैं।

   प्राचीन दार्शनिकों, प्लेटो और अरस्तु ने संगीत के चँगाई देने वाले गुण के बारे में 2500 वर्ष पूर्व लिखा था। लेकिन उन से भी सदियों पहले, परमेश्वर के वचन बाइबल की पुस्तकों में गीत-संगीत की भरपूरी थी। बाइबल की प्रथम पुस्तक उत्पत्ति में यूबाल जो "...वीणा और बांसुरी आदि बाजों के बजाने की सारी रीति का उत्पादक हुआ" (उत्पत्ति 4:21) के उल्लेख से लेकर, बाइबल की अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य तक जहाँ परमेश्वर के लोगों को दिखाया गया है कि, "और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, कि हे र्स्‍वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य बड़े, और अद्भुत हैं, हे युग युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची है" (प्रकाशितवाक्य 15:3), बाइबल के पन्ने गीत-संगीत की गूंज से भरे पड़े हैं। भजन संहिता बाइबल की गीत-संगीत की पुस्तक है जिसके भजन हमें परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और प्रेम के बारे में बताते हैं; और इस पुस्तक का अन्त होता है इस आहावहन से: "जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें! याह की स्तुति करो" (भजन 150:6)।

   आज हमें अपने हृदयों में परमेश्वर की इस गीत-संगीत की सेवकाई की आवश्यकता इतिहास के किसी भी काल में रही आवश्यकता से बढ़कर है। दिन में हमारी चाहे जो भी परिस्थिति रही हो, संध्या के समय हम यही गाते हुए पाए जाएं: "हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊँगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊँचा गढ़, और मेरा करुणामय परमेश्वर है" (भजन 59:17)। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब आप अपनी आशीषों को गिनने लगते हैं, 
तो परमेश्वर कि स्तुति और आराधना स्वतः ही निकलने लगती है।

आओ हम यहोवा के लिये ऊंचे स्वर से गाएं, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें! - भजन 95:1

बाइबल पाठ: भजन 150
Psalms 150:1 याह की स्तुति करो! ईश्वर के पवित्रस्थान में उसकी स्तुति करो; उसकी सामर्थ्य से भरे हुए आकाशमण्डल में उसी की स्तुति करो! 
Psalms 150:2 उसके पराक्रम के कामों के कारण उसकी स्तुति करो; उसकी अत्यन्त बड़ाई के अनुसार उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:3 नरसिंगा फूंकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:4 डफ बजाते और नाचते हुए उसकी स्तुति करो; तार वाले बाजे और बांसुली बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:5 ऊंचे शब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो; आनन्द के महाशब्द वाली झांझ बजाते हुए उसकी स्तुति करो! 
Psalms 150:6 जितने प्राणी हैं सब के सब याह की स्तुति करें! याह की स्तुति करो!

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 148-150
  • 1 कुरिन्थियों 15:29-58


बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

गीत


   इंगलैण्ड के वेल्स इलाके में पुरुषों के गायन-समूहों का संगीत वहां की संसकृति का अभिन्न अंग है। दूसरे विश्वयुद्ध के पहले वेल्स के एक गायन-समूह की मित्रतापूर्ण किंतु वर्चस्व की स्पर्धा एक जर्मन गायन-समूह के साथ होती रहती थी। परन्तु दुसरे विश्वयुद्ध के दौरान और पश्चात यह स्पर्धा परस्पर बैर में बदल गई। लेकिन उन दोनों समूहों के बीच का यह तनाव उन दोनों के बीच की स्पर्धा में जीती जाने वाली ट्रॉफी पर लिखे वाक्य के द्वारा दूर हो सकी; उस ट्रोफी पर लिखा था: "मेरे साथ वार्तालाप करने से आप मेरे मित्र होते हैं; मेरे साथ गाने से आप मेरे भाई हो जाते हैं।"

   संगीत द्वारा सहायता और चंगाई परमेश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है जिससे बहुतेरों ने कठिन समयों में राहत पाई है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए भजन संहिता खण्ड के भजन हम से इतनी गहराई से बातें करते हैं। इन भजनों में हम वे भाव पाते हैं जो हमारे दिलों से बातें करते हैं, जो हमें आत्मा की गहराईयों से होकर परमेश्वर से वार्तालाप करने में सहायता करते हैं। उदाहरणस्वरूप दाऊद द्वारा लिखे एक भजन को देखिए: "परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है" (भजन 59:16); और अचरज कि बात यह है कि दाऊद ने जब यह भजन लिखा तब उसे मारने के लिए निकले लोगों से वह अपनी जान बचाता, छुपता हुआ फिर रहा था। अपनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दाऊद ने परमेश्वर की दया और सामर्थ को स्मरण रखा और उस पर मनन किया, उसका वर्णन किया जिससे उसका विश्वास और दृढ़ हो सका, उसे परमेश्वर से सहायता तथा सुरक्षा मिलती रही।

   हमारा परमेश्वर हमें आज भी कोई ना कोई ऐसा गीत देगा जो हमें उसकी भलाई और महानता को स्मरण करवाएगी, चाहे हमारी परिस्थिति कैसी भी हो; और उस गीत के गाने से उसपर मनन करने से हम उन परिस्थितियों में भी उभारे जाएंगे, अपने मसीही विश्वास में और दृढ़ हो सकेंगे। - बिल क्राउडर


... इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूंगी। - न्यायियों 5:3

यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! - भजन 98:1

बाइबल पाठ: भजन 59:6-17
Psalms 59:6 वे लोग सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। देख वे डकारते हैं, 
Psalms 59:7 उनके मुंह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, कौन सुनता है? 
Psalms 59:8 परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हंसेगा; तू सब अन्य जातियों को ठट्ठों में उड़ाएगा। 
Psalms 59:9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी; क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 59:10 परमेश्वर करूणा करता हुआ मुझ से मिलेगा; परमेश्वर मेरे द्रोहियों के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
Psalms 59:11 उन्हें घात न कर, न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर बितर कर, उन्हें दबा दे। 
Psalms 59:12 वह अपने मुंह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फंसे हुए पकड़े जाएं। 
Psalms 59:13 जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएं तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है।
Psalms 59:14 वे सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राएं, और नगर के चारों ओर घूमें। 
Psalms 59:15 वे टुकड़े के लिये मारे मारे फिरें, और तृप्त न होने पर रात भर वहीं ठहरे रहें।
Psalms 59:16 परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। 
Psalms 59:17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 8-10
  • मत्ती 25:31-46


सोमवार, 4 मई 2015

भजन


   गीत और संगीत से संबंधित तीन प्रसिद्ध लोगों पर बने एक वृतचित्र में जैक व्हाइट ने गीत लिखने के लिए आवश्यक पहली बात के लिए कहा, "यदि आपके अन्दर अथवा आस-पास कोई संघर्ष नहीं है, तो आपको एक संघर्ष बनाना पड़ेगा।"

   जो गीत हमारे अन्दर की गहरी भावनों को व्यक्त करते हैं वे ही हमारे लिए सबसे अधिक अर्थपूर्ण भी होते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल का भजन संहिता भाग बाइबल की "गीत की पुस्तक" भी कहलाता है। भजन संहिता में लिखे अनेक भजन लेखकों के संघर्ष से ही निकले थे। ये भजन उनकी और आज हमारी निराशा और भय की अभिव्यक्ति तो हैं किंतु साथ ही वे परमेश्वर पिता के सदा विश्वासयोग्य और सदा साथ बने रहने वाले प्रेम की ओर भी निर्देशित करते हैं।

   भजन 31 में दाऊद ने लिखा: "हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में हूं; मेरी आंखे वरन मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं" (भजन 31:9)। इस भजन में दाऊद अपने लिए विरोधियों द्वारा बिछाए जाल के बारे में लिखता है (पद 4), अपने पाप के बारे में (पद 10), मित्रों द्वारा बिसरा देने के बारे में (पद 11-12), और उसके जीवन के विरुद्ध बनाए जा रहे षड़यंत्रों (पद 13) के बारे में लिखता है। लेकिन फिर भी दाऊद की आशा उसका अपना बल-सामर्थ नहीं वरन परमेश्वर था: "परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सताने वालों के हाथ से छुड़ा" (भजन 31:14-15)।

   परमेश्वर के आत्मा की अगुवाई में लिखे गए ये भजन हमें परमेश्वर के आगे अपने हृदय की गहराईयों को खोलने और अपनी भावनाओं को मुक्त रीति से व्यक्त करना सिखाते हैं, और जो परमेश्वर पर अपना भरोसा बनाए रखते हैं उनके लिए उपलब्ध परमेश्वर की भलाई का आशवासन देते हैं (पद 19)। इन भजन के पठन और मनन को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बना लीजिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


अपनी सबसे गहरी आवश्यकता में भी आप भजन संहिता में परमेश्वर की शान्ति को पाएंगे।

जो जाल उन्होंने मेरे लिये बिछाया है उस से तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है। भजन 31:4

बाइबल पाठ: भजन 31:9-20
Psalms 31:9 हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में हूं; मेरी आंखे वरन मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं। 
Psalms 31:10 मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रह, और मेरी हडि्डयां घुल गई। 
Psalms 31:11 अपने सब विरोधियों के कारण मेरे पड़ोसियों में मेरी नामधराई हुई है, अपने जान पहिचान वालों के लिये डर का कारण हूं; जो मुझ को सड़क पर देखते हैं वह मुझ से दूर भाग जाते हैं। 
Psalms 31:12 मैं मृतक की नाईं लोगों के मन से बिसर गया; मैं टूटे बर्तन के समान हो गया हूं। 
Psalms 31:13 मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की। 
Psalms 31:14 परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है। 
Psalms 31:15 मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सताने वालों के हाथ से छुड़ा। 
Psalms 31:16 अपने दास पर अपने मुंह का प्रकाश चमका; अपनी करूणा से मेरा उद्धार कर। 
Psalms 31:17 हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैं ने तुझ को पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। 
Psalms 31:18 जो अंहकार और अपमान से धर्मी की निन्दा करते हैं, उनके झूठ बोलने वाले मुंह बन्द किए जाएं। 
Psalms 31:19 आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के साम्हने प्रगट भी की है! 
Psalms 31:20 तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उन को अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 राजा 16-18
  • लूका 22:47-71


शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

ईमानदारी की ज़िम्मेवारी

काश यह संभव होता कि मैं सच्चे मन से कह पाता कि मैंने सदा अपना कहा हर वचन सच्चाई से निभाया है। मैं चाहता हूं कि मैं यह दावा कर सकूं कि मैंने अपने जीवन में और कुछ चाहे किया हो या न किया हो, परन्तु अपने वचन का पालन अवश्य किया है। लेकिन सच्चाई यही है कि मैं यह दावा नहीं कर सकता। न केवल मैंने उन को दुख दिया है जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया, लेकिन अपने वायदे न निभा के अपने परमेश्वर को भी दुखी किया है।

परमेश्वर चाहता है कि मैं जो करने का वायदा करता हूं, वह करूं भी। भजन १५ इस विष्य में सन्देह का कोई स्थान नहीं छोड़ता। इस भजन में लिखा है कि परमेश्वर जिस मनुष्य के साथ रहना चाहता है उसका चरित्र और व्यवहार कैसा होता है: वह अपने चाल चलन में खरा, पूरे मन से ईमानदार, दूसरों के विष्य में झूठा नहीं, और जो कहे उसको सम्पूर्णतः निभाने वाला - चाहे इसके लिये उसे पीड़ा अथवा हानि ही क्यों न उठानी पड़े।

परमेश्वर ने अपने बड़े प्रेम में होकर मेरे पाप क्षमा किये हैं, और आज तक मेरे प्रति अपने प्रत्येक वायदे में पूर्णतः ईमानदार और विश्वासयोग्य रहा है। समय और परिस्थिति के कारण कभी उसे अपने वायदे टालने या बदलने का प्रयास नहीं किया, यहां तक कि मेरे उद्धार के लिये उसने अपने एकलौते पुत्र को भी बलिदान कर दिया।

परमेश्वर ने पाप को दण्डित करने, लेकिन फिर भी जिस किसी ने भी उस पर विश्वास करके उससे क्षमा मांगी, उसके प्रति दयावन्त होकर उसे क्षमा करने की अपनी वचबध्दता सदा निभाई है, चाहे उस व्यक्ति के पाप कैसे भी जघन्य क्यों न रहे हों, चाहे वह व्यक्ति अपनी दृष्टि में भी क्षमा के योग्य न रहा हो।

क्योंकि मेरा परमेश्वर ईमानदार है और अपने वचन का पूर्णतः पालन करता है, मुझे भी उसका पुत्र और अनुयायी होने के नाते, ऐसा ही जीवन बिताना है। उसमें किये गए अपने विश्वास और उससे मिली पापों की क्षमा को यदि मैं अपने ईमानदार जीवन और खरे चरित्र द्वारा संसार के समक्ष न रखूं, तो मेरा उसका पुत्र और अनुयायी होने का दावा करना व्यर्थ है।

जिसने इतनी दया और करुणा मेरे प्रति दिखाई कि मेरे लिये अपने आप को ही दे दिया उसके प्रति यह मेरी ईमानदारी की ज़िम्मेवरी है। - मार्ट डी हॉन


एक चीज़ है जिसे मसीही विश्वासी देकर भी रख सकता है - अपना वचन।

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा?...जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े। - भजन १५:१, ४

बाइबल पाठ: भजन १५

हे परमेश्वर तेरे तम्बू में कौन रहेगा? तेरे पवित्र पर्वत पर कौन बसने पाएगा?
वह जो खराई से चलता और धर्म के काम करता है, और हृदय से सच बोलता है;
जो अपनी जीभ से निन्दा नहीं करता, और न अपने मित्र की बुराई करता, और न अपने पड़ोसी की निन्दा सुनता है;
वह जिसकी दृष्टि में निकम्मा मनुष्य तुच्छ है, और जो यहोवा के डरवैयों का आदर करता है, जो शपथ खाकर बदलता नहीं चाहे हानि उठाना पड़े;
जो अपना रूपया ब्याज पर नहीं देता, और निर्दोष की हानि करने के लिये घूस नहीं लेता है। जो कोई ऐसी चाल चलता है वह कभी न डगमगाएगा।

एक साल में बाइबल:
  • निर्गमन ३४-३५ मत्ती
  • २२:२३-४६

सोमवार, 20 दिसंबर 2010

आनन्द से जयजयकार करो

ड्यूक विश्वविद्यालय के बास्केटबॉल प्रेमियों को ’कैमरून क्रेज़ीस’ के उपनाम से भी जाना जाता है। जब भी ड्यूक अपने प्रतिद्वन्दी नौर्थ कैरोलाइना से खेलता है तो क्रेज़ीस को बताया जाता है: "यही वह खेल का अवसर है जिसकी प्रतीक्षा की जा रही थी। अब कोई बहाना नहीं, बस अपना पूरा ज़ोर लगा दो। आज की रात कैमरून क्रीड़ास्थल जय के नारों से गूंजना चाहिये, नारों की आवाज़ में कोई कमी न हो।" स्पष्ट है कि ड्यूक के खेल प्रेमी ड्यूक से अपनी वफादारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं।

भजन १०० के लिखने वाले ने भी परमेश्वर के प्रति अपनी वफादारी को बड़ी गंभीरता से लिया, और चाहा कि दूसरे भी ऐसा ही करें। उसने अपने उदगार प्रगट किये "हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!" (भजन १००:१)। परमेश्वर के लोगों को परमेश्वर के प्रति अपनी स्तुति और प्रशंसा के भाव बिना हिचकिचाहट के प्रगट करने चाहियें, क्योंकि वह वाचा को बांधने और निभाने वाला वह परमेश्वर है जो उन सभी से जो इश्वर कहलाते हैं अति महान है। परमेश्वर की प्रजा को उस पर और उसकी भलाई पर अपनी सारी सामर्थ केंद्रित करनी चाहिये।

परमेश्वर का अनुग्रह और भलाई हमें प्रेरित करती है कि हम मुक्त भाव से उसके प्रति अपने प्रेम और वफादारी को अभिव्यक्त करें। इसके लिये जो लोग शांत रहते हैं उन्हें अपनी खामोशी की सीमाओं को तोड़कर सीखना चाहिये कि कि उन्मुक्त भाव से स्तुति करना कैसा होता है; और जो इतने उन्मुक्त रहते हैं कि मौन आराधना की खुबसूरती को नहीं समझ पाते, उन्हें भी मौन आराधना को समझना है। अन्ततः सच्चे परमेश्वर की सच्ची आराधाना सच्चे मन से आनी चाहिये, क्योंकि वह ऐसी आराधना ही चाहता है "परन्‍तु वह समय आता है, वरन अब भी है जिस में सच्‍चे भक्त पिता का भजन आत्मा और सच्‍चाई से करेंगे, क्‍योंकि पिता अपने लिये ऐसे ही भजन करने वालों को ढूंढ़ता है।" (यूहन्ना ४:२३)

आराधना समय है अपने सृजनहार, पालनहार और तारणहार परमेश्वर पर और उसके कार्यों पर ध्यान करने का और उसकी जयजयकार करने का। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के प्रति हमारे विचारों ऐसे हों कि हम आनन्द से उसकी जयजयकार करने को प्रेरित हों।

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो! - भजन १००:१


बाइबल पाठ: भजन १००

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!
आनन्द से यहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!
निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं, हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं।
उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आंगनों में स्तुति करते हुए प्रवेश करो, उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!
क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।

एक साल में बाइबल:
  • मीका १-३
  • प्रकाशितवाक्य ११

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

पश्चाताप की विरासत

सब धर्म ग्रंथों के अपने अपने नायक होते हैं जिनके कार्य और शौर्य को उदाहरण के लिये याद किया जाता है। परन्तु शायद बाइबल ही एक ऐसा धर्म ग्रंथ होगा जिसमें अपने एक महान नायक के पतन पर भजन रचा और स्मरणीय बनाया गया है। बाइबल के भजन संहिता में भजन ५१ एक ऐसा भजन जो इस्त्राएल के महानतम राजा और प्रभु यीशु मसीह के पूर्वज दाऊद का, उसके पाप में पड़ने, पश्चाताप, परमेश्वर के प्रति भक्ति और फिर बहाल किये जाने को दिखाता है। यह बाइबल का एक अनूठा गुण है कि उसमें उसके पात्रों के चरित्र को उसकी वास्तविकता में दिखाया गया है। उनके जीवन के पाप या कमज़ोरियों को ना छुपाया गया, न नज़रंदाज़ किया गया और न उसे किसी अन्य रूप से उचित अथवा न्यायसंगत ठहराने का प्रयास किया गया है।

भजन ५१ में हम देखते हैं कि कैसे अपने पाप के कारण दाऊद के मन में अशांति थी, उसका दोष उसे कैसे अन्दर ही अन्दर खाए जा रहा था, फिर परमेश्वर के सन्मुख उसका पाप स्वीकार करने से मिले पाप क्षमा और बहाल होने के आनन्द को देखते हैं। यह भजन उदहारण है पाप के प्रभाव का भी और साथ ही पश्चाताप के प्रभाव का भी।

इस भजन से पाप की वास्तविकता सामने आती है - परमेश्वर से टूटा संबंध। दाऊद दुखी मन से परमेश्वर के सामने गिड़गिड़ाता है " मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है" (पद ४) और यह भी दिखाता है कि परमेश्वर पापी जन से प्रायश्चित नहीं पश्चाताप चाहता है " क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता; होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता। टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।" (पद १६, १७)

अपनी इस प्रार्थना में दाऊद ज्योति की एक किरण देखने पाता है कि उसके पाप और पश्चाताप से दूसरों को सीख मिलने का अवसर है "तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।" (पद १३) दाऊद की यह प्रार्थना सार्थक हुई और पाप अंगीकार तथा पश्चाताप का उसका यह भजन अनन्त काल के लिये परमेश्वर के वचन का भाग बन गया जिससे इसे पढ़ने वाले दाउद की गलतियों से सबक लें और स्वयं उनमें न पड़ें; और जो पाप में पड़े हैं वे परमेश्वर के साथ अपने संबंध की बहाली का मार्ग सीख सकें।

इस्त्राएल का सबसे अच्छा राजा पतन की गहराई तक गिर गया था, परन्तु न तो वो न और कोई कभी परमेश्वर के प्रेम और क्षमा की सीमा के बाहर गिर सकता है। यह भजन, राजा दाऊद की ’आप बीती’, प्रमाण है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं तथा सच्चे पश्चाताप की एक प्रार्थना घोर पापी के लिये भी सब बदल देती है।

दाऊद का यह भजन संसार के हर जन के लिये पश्चाताप की विरासत है। - फिलिप यैनसी


पश्चाताप वह भूमी है जिसमें क्षमा फूलती फलती है।

टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता। - भजन ५१:१७


बाइबल पाठ: भजन ५१

हे परमेश्वर, अपनी करूणा के अनुसार मुझ पर अनुग्रह कर, अपनी बड़ी दया के अनुसार मेरे अपराधों को मिटा दे।
मुझे भलीं भांति धो कर मेरा अधर्म दूर कर, और मेरा पाप छुड़ा कर मुझे शुद्ध कर!
मैं तो अपने अपराधों को जानता हूं, और मेरा पाप निरन्तर मेरी दृष्टि में रहता है।
मैं ने केवल तेरे ही विरूद्ध पाप किया, और जो तेरी दृष्टि में बुरा है, वही किया है, ताकि तू बोलने में धर्मी और न्याय करने में निष्कलंक ठहरे।
देख, मैं अधर्म के साथ उत्पन्न हुआ, और पाप के साथ अपनी माता के गर्भ में पड़ा।
देख, तू हृदय की सच्चाई से प्रसन्न होता है, और मेरे मन ही में ज्ञान सिखाएगा।
जूफा से मुझे शुद्ध कर, तो मैं पवित्र हो जाऊंगा; मुझे धो, और मैं हिम से भी अधिक श्वेत बनूंगा।
मुझे हर्ष और आनन्द की बातें सुना, जिस से जो हडि्डयां तू ने तोड़ डाली हैं वह मगन हो जाएं।
अपना मुख मेरे पापों की ओर से फेर ले, और मेरे सारे अधर्म के कामों को मिटा डाल।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
मुझे अपने साम्हने से निकाल न दे, और अपने पवित्र आत्मा को मुझ से अलग न कर।
अपने किए हुए उद्धार का हर्ष मुझे फिर से दे, और उदार आत्मा दे कर मुझे सम्भाल।
तब मैं अपराधियों को तेरा मार्ग सिखाऊंगा, और पापी तेरी ओर फिरेंगे।
हे परमेश्वर, हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर, मुझे हत्या के अपराध से छुड़ा ले, तब मैं तेरे धर्म का जयजयकार करने पाऊंगा।
हे प्रभु, मेरा मुंह खोल दे तब मैं तेरा गुणानुवाद कर सकूंगा।
क्योकि तू मेलबलि में प्रसन्न नहीं होता, नहीं तो मैं देता, होमबलि से भी तू प्रसन्न नहीं होता।
टूटा मन परमेश्वर के योग्य बलिदान है; हे परमेश्वर, तू टूटे और पिसे हुए मन को तुच्छ नहीं जानता।
प्रसन्न हो कर सिय्योन की भलाई कर, यरूशलेम की शहरपनाह को तू बना,
तब तू धर्म के बलिदानों से अर्थात् सर्वांग पशुओं के होमबलि से प्रसन्न होगा, तब लोग तेरी वेदी पर बैल चढ़ाएंगे।

एक साल में बाइबल:
  • दानियेल ८-१०
  • ३ युहन्ना