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गुरुवार, 19 जुलाई 2012

आशा

   यरुशालेम से यरीहो जाने वाला प्राचीन मार्ग एक संकरा और जोखिम भरा मार्ग था जो एक गहरी घाटी के किनारे से होकर जाता था जिसका नाम ’वादी केल्ट’ था किंतु वह घाटी ’अन्धकार की तराई’ के नाम से भी जानी जाती थी। इसी स्थान से दाउद ने प्रेर्णा पा कर भजन २३ लिखा था। वह एक वीरान, सूखा तथा बहुत गहरी और खड़ी ढाल वाला ऐसा खतरनाक इलाका है जो चोरों और लुटेरों के लिए तो अच्छा स्थान हो सकता है, लेकिन किसी भली बात के लिए नहीं। उस स्थान को देख कर आश्चर्य होता है कि आशा के ऐसे उत्तम भजन की प्रेर्णा उस खतरनाक स्थान से मिली।

   दाउद का दावा कि, "चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा..." (भजन २३:४) एक ऐसी स्थिति के संदर्भ में था जहाँ दुष्टता और बुराई का जोखिम लगातार बनी रहने वाली वास्तविकता है। परमेश्वर में अपनी अटल आशा के कारण, वह कभी विकट परिस्थितियों से निराश नहीं हुआ और ना ही कभी डर से उसने हार मानी। उन विकट परिस्थितियों में दाउद की आशा यह नहीं थी कि परमेश्वर उसके लिए उस दुष्टता को समाप्त कर देगा जिससे कि वह सुरक्षित निकल सके। वरन भजन २३:४ में दाउद के कथन का तात्पर्य था कि परमेश्वर की उसके साथ बनी रहने वाली उपस्थिति के कारण वह पूर्णतः आश्वस्त है कि कठिन और बुराई से भरे स्थानों से होकर निकलने में भी परमेश्वर उसके साथ बना रहेगा, उसे छोड़ नहीं देगा। उसके लिए यही काफी है, क्योंकि जहां परमेश्वर है वहां उसकी कोई हानि हो ही नहीं सकती; और यही उसकी हिम्मत का कारण है। एक और भजन में दाउद परमेश्वर पर अपनी आशा और आधार के विषय में बताता है: "क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है" (भजन ७१:५)।

   बहुत से लोग बहुत सी बातों में आशा रखने का दावा करते हैं और लोकिक तथा अलोकिक शक्तियों को अपनी आशा का आधार बनाते हैं, किंतु केवल वे जिनकी आशा मसीह यीशु में है, अपनी आशा के विषय में हर परिस्थिति में, हर जोखिम और कठिनाई में आश्वस्त रहने पाते हैं। सच्ची आशा किसी बल-बुद्धि से या फिर अनुकूल परिस्थिति प्रदान किए जाने के आश्वासन से नहीं मिलती, वरन परमेश्वर की लगातार बनी रहने संगति से मिलती है, और इस संगति का वायदा केवल मसीह यीशु ही अपने अनुयायियों के साथ करता है, "...क्‍योंकि उस ने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों १३:५)।

स्वर्ग और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता परमेश्वर अपने विश्वासियों के साथ सदा बना रहता है और उन्हें वह सच्ची तथा अटल आशा प्रदान करता है जिसका आधार वह स्वयं है; फिर उनको किसी हानि का क्या डर?

   क्या आपने दाउद के समान परमेश्वर से सच्ची और अटल आशा प्राप्त करी है? - जूली ऐकैरमैन लिंक


आशा मसीही विश्वासी के लिए निश्चितता है क्योंकि उसका आधार मसीह यीशु है।

क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है। - भजन ७१:५

बाइबल पाठ: भजन २३
Psa 23:1  यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।
Psa 23:2  वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है;
Psa 23:3  वह मेरे जी में जी ले आता है। धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त अगुवाई करता है।
Psa 23:4  चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूं, तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।
Psa 23:5  तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है।
Psa 23:6  निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन २३-२५ 
  • प्रेरितों २१:१८-४०

बुधवार, 18 जुलाई 2012

अन्तिम विदाई

   रैन्डी पौश को जब कैंसर होने का पता चला तब वह ४७ वर्ष का था। रोग की इस अन्तिम अवस्था में वह अपने मित्रों, सहपाठियों और छात्रों को एक अन्तिम सन्देश देने के लिए कारनिजी मैलन विश्वविद्यालय आया। कंप्यूटर विज्ञान के प्राध्यापक ने सोचा कि संभवतः १५० के आस-पास लोग ही उसे सुनने के लिए आएंगे, किंतु ४०० लोगों के बैठने की क्षमता रखने वाला हॉल खचाखच भरा हुआ था। एक घंटे तक रैन्डी ने दिल खोल कर बातें करीं; एक रोचक, विनोदपुर्ण, अन्तःदर्शी और दिल छू लेने वाले अन्दाज़ में, उसकी बातें मृत्यु पर कम और जीवन पर अधिक केंद्रित थीं। थोड़े हफ्तों में ही वह वीडीयोटेप किया गया सन्देश इंटरनैट के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुँच गया और फिर कुछ समय बाद एक लोकप्रीय पुस्तक का आधार बना जिसकी बिक्री काफी मात्रा में हुई।

   जो लोग मृत्यु के समक्ष खड़े होते हैं, अकसर उन्हें जीवन की प्राथमिकताओं और परिपेक्ष की बहुत स्पष्ट जानकारी होती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस के अन्तिम विदाई सन्देश ने भी, इन बीती शताब्दियों, में प्रभु यीशु के अनेक अनुयायियों को बहुत प्रोत्साहित किया है। पौलुस ने अपनी अन्तिम पत्री में लिखा: "क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है" (२ तिमुथियुस ४:६-७)। अपने शिष्य तिमुथियुस को लिखी इस पत्री के उसके निर्देश आज भी हम मसीही विश्वासियों के लिए चुनौती हैं। इस पत्री का आरंभ और अन्त परमेश्वर के अनुग्रह के साथ है, और इन के बीच के सन्देश में परमेश्वर की निरंतर विश्वासयोग्यता का उत्सव है।

   मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों से जीवन जीने वालों को प्रेर्णा मिल सकती है। पौलुस का अन्तिम जय नाद "...उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे" (२ तिमुथियुस ४:१८) हम सबके लिए जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। - डेविड मैक्कैसलैंड


यदि हम मृत्यु के लिए तैयार होंगे तो जीने के लिए भी तैयार रहेंगे।


क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। - २ तिमुथियुस ४:६

बाइबल पाठ: २ तिमुथियुस ४:६-२२
2Ti 4:6  क्‍योंकि अब मैं अर्घ की नाई उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2Ti 4:7  मैं अच्‍छी कुश्‍ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2Ti 4:8   भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
2Ti 4:9  मेरे पास शीघ्र आने का प्रयत्‍न कर।
2Ti 4:10  क्‍योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्‍सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलतिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है।
2Ti 4:11  केवल लूका मेरे साथ है: मरकुस को लेकर चला आ, क्‍योंकि सेवा के लिये वह मेरे बहुत काम का है।
2Ti 4:12   तुखिकुस को मैं ने इफिसुस को भेजा है।
2Ti 4:13  जो बागा मैं त्रोआस में करपुस के यहां छोड़ आया हूं, जब तू आए, तो उसे और पुस्‍तकें विशेष करके चर्मपत्रों को लेते आना।
2Ti 4:14  सिकन्‍दर ठठेरे ने मुझ से बहुत बुराइयां की हैं प्रभु उसे उसके कामों के अनुसार बदला देगा।
2Ti 4:15  तू भी उस से सावधान रह, क्‍योंकि उस ने हमारी बातों का बहुत ही विरोध किया।
2Ti 4:16   मेरे पहिले प्रत्युत्तर करने के समय में किसी ने भी मेरा साथ नहीं दिया, वरन सब ने मुझे छोड़ दिया था: भला हो, कि इस का उनको लेखा देना न पड़े।
2Ti 4:17  परन्‍तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ दी: ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले, और मैं तो सिंह के मुंह से छुड़ाया गया।
2Ti 4:18  और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्‍वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुंचाएगा: उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
2Ti 4:19  प्रिसका और अक्‍विला को, और उनेसिफुरूस के घराने को नमस्‍कार।
2Ti 4:20  इरास्‍तुस कुरिन्थुस में रह गया, और त्रुफिमुस को मैं ने मीलेतुस में बीमार छोड़ा है।
2Ti 4:21  जाड़े से पहिले चले आने का प्रयत्‍न कर: यूबूलुस, और पूदेंस, और लीनुस और क्‍लौदिया, और सब भाइयों का तुझे नमस्‍कार।
2Ti 4:22   प्रभु तेरी आत्मा के साथ रहे: तुम पर अनुग्रह होता रहे।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन २०-२२ 
  • प्रेरितों २१:१-१७

मंगलवार, 17 जुलाई 2012

एलर्जी

   हमारी पोती को कई प्रकार के भोजन पदार्थों से एलर्जी है, जैसे दूध, पनीर, अण्डे, आईसक्रीम आदि। जिन का लोग सामन्यतः बिना किसी समस्या के सेवन कर लेते हैं, उनकी ज़रा सी भी मात्रा उसके लिए हानिकारक है, खतरनाक हो सकती है। वह ऐसी अकेली नहीं है, कई अन्य भी हैं जो इसी प्रकार शरीर की कई व्याधियों के साथ जी रहे हैं, जिनके लिए वह वर्जित है जिन के सेवन से आम तौर से लोग कोई समस्या अनुभव नहीं करते।
 
यही सिद्धांत प्रत्येक मसीही विश्वासी के आत्मिक जीवन के लिए भी लागू होता है। परमेश्वर का वचन बाइबल ऐसी कई बातों के लिए बताती है जिन से मसीही विश्वास का जीवन ’एलर्जी’ रखता है, जिनका प्रयोग मसीही जीवन के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर देता है; जैसे कि:

   १. सब प्रकार की बुराई - "सब प्रकार की बुराई से बचे रहो" (१ थिसलुनीकियों ५:२२)। हम मसीही विश्वासियों के लिए बुराई जांचने का नाप संसार का पैमाना नहीं वरन परमेश्वर का वचन बाइबल है। हमें जीवन की बातों के संबंध में अपने चुनावों का बारीकी से ध्यान रखना चाहिए और बहुत विचार के साथ किसी बात में सम्मिलित होना चहिए, क्योंकि किसी भी प्रकार की ज़रा सी भी बुराई हमारे आत्मिक जीवन के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है।

   २. मूर्खता के विवाद और झगड़े - "पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्‍योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं" (२ तिमुथियुस २:२३)। यहां समझ-बूझ की आवश्यक्ता होती है, क्योंकि मसीही विश्वास की रक्षा के लिए कभी कभी दृढ़ता से अपनी बात रखने की आवश्यक्ता होती है। लेकिन ऐसी बातें जिन से सत्य का कोई सरोकार नहीं है और जो प्रतिरोध तथा झगड़े उत्पन्न करती हैं, या जो केवल झगड़े और बहस के लिए ही उठाई जा रही हैं सत्य की जानकारी के लिए नहीं, ऐसी बातों से बच कर रहना ही भला है।

   ३. व्यभिचार - "क्‍योंकि परमेश्वर की इच्‍छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो" (१ थिसुलुनीकियों ४:३)। परमेश्वर का वचन बाइब्ल हमें बताती है कि विवाह के बन्धन के बाहर हर प्रकार का यौन संबंध व्यभिचार है, अनैतिक है (उत्पत्ति २:२४; निर्गमन २०:१४; १ कुरिन्थियों ७:२; इब्रानियों १३:४)। प्रभु यीशु ने चिताया कि मन में भी विचारा गया यह अनैतिक कार्य परमेश्वर की दृष्टि में शारीरिक रूप से इसे कर बैठने के तुल्य है: "तुम सुन चुके हो कि कहा गया था, कि व्यभिचार न करना। परन्‍तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्‍टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका" (मत्ती ५:२७-२८)।

   जो सामान्यतः संसार के लिए साधारण है और जिसके सेवन से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, मसीही विश्वासी के लिए भी वह वैसा ही हो यह आवश्यक नहीं। हम मसीही विश्वासियों का सदा यह प्रयास रहना चाहिए कि उन बातों को पहचानें और उनसे से दूर रहें जो हमारे आत्मिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। - डेव ब्रैनन


पाप के फल से बचने के लिए प्रलोभन का अंकुर फूटते ही उसे तोड़ डालिए।

सब प्रकार की बुराई से बचे रहो। - १ थिसलुनीकियों ५:२२

बाइबल पाठ: तीतुस ३:३-११
Tit 3:3  क्‍योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न मानने वाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्‍व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
Tit 3:4  पर जब हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर की कृपा, और मनुष्यों पर उसकी प्रीति प्रगट हुई।
Tit 3:5 तो उस ने हमारा उद्धार किया: और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार, नए जन्म के स्‍नान, और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ।
Tit 3:6  जिसे उस ने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर अधिकाई से उंडेला।
Tit 3:7 जिस से हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्‍त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें।
Tit 3:8 यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्‍होंने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों मे लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।
Tit 3:9 पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्‍योंकि वे निष्‍फल और व्यर्थ हैं।
Tit 3:10  किसी पाखंडी को एक दो बार समझा बुझाकर उस से अलग रह।
Tit 3:11  यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहरा कर पाप करता रहता है।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन १८-१९ 
  • प्रेरितों २०:१७-३८

सोमवार, 16 जुलाई 2012

जांच और न्याय

   जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे किसी दूसरे पर दोष ना लगाएं, तो इसका यह तात्पर्य नहीं था कि वे ना-समझ होकर या बुद्धिहीनता से कार्य करें। इस सम्सार में जहां हमें गलती और दुराचार का अकसर सामना करना पड़ता है, हमें लोगों और उनकी बातों के विश्लेषण और विवेचना करते रहने की आवश्यक्ता रहती है। प्रभु यीशु का यह बात कहने का आश्य था कि हमें किसी को दोषी ठहराकर उसकी निन्दा करने या उसका न्याय करने से बचना है, क्योंकि हर व्यक्ति की हर बात की सारी पृष्ठभूमि और उसकी सारी और सही परिस्थिति का हमें पता नहीं होता।

   कवि रॉबर्ट बर्न्स ने इसी बात को दूसरे शब्दों में कहा, "एक बात सदा अन्धकार में रहती है - उद्देश्य। ऐसा क्यों किया गया।" कोई किसी के उद्देश्यों को सही रीति से नहीं जानता। केवल परमेश्वर ही है जो अन्धकार में छुपी बातों को रौशन कर सकता है और मन में छुपी बातों को उजागर कर सकता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने लिखा: "सो जब तक प्रभु न आए, समय से पहिले किसी बात का न्याय न करो: वही तो अन्‍धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी" (१ कुरिन्थियों ४:५)।

   प्रभु यीशु मनुष्यों को प्रभावित करने वाले अदृश्य प्रभावों को भी जानता और समझता है; क्रूरता, भय, निराशाएं, टूटे मन, पाप और अपराध जो रोके नहीं गए, इत्यादि। और फिर वह उसे समर्पित हर एक मन में अपना कार्य कर रहा है कि उसे परिपक्वता तक लाए। अन्ततः, कई बातों और लोगों के बारे में हमारी सोच के विपरीत, जिन्हें वह परिपक्व और संपूर्ण कर देगा उन्हें अपनी प्रशंसा और महिमा का पात्र भी बना देगा, जिससे उनके जीवनों से परमेश्वर का नाम आदर पाए।

   केवल प्रभु परमेश्वर ही है जो मनों को जानता और सही रीति से जांचता है। जब तक वह अपना कार्य पूरा ना कर ले और उसका पुनःआगमन ना हो, हमारा कर्तव्य केवल अपने आप को जांचते रहना और अपने ही दोष ढूंढना है। प्रभु से प्रार्थना करें कि इस स्व-विश्लेषण में वह हमारी सहायता करे और हमें सुधारे तथा परिपक्व करे। - डेविड रोपर


दूसरों को दोष देने में धीमे किंतु अपने को जांचने में तत्पर बनें।

दोष मत लगाओ, कि तुम पर भी दोष न लगाया जाए। - मत्ती ७:१

बाइबल पाठ: १ कुरिन्थियों ४:१-७
1Co 4:1  मनुष्य हमें मसीह के सेवक और परमेश्वर के भेदों के भण्‍डारी समझें।
1Co 4:2  फिर यहां भण्‍डारी में यह बात देखी जाती है, कि विश्वास योग्य निकले।
1Co 4:3  परन्‍तु मेरी दृष्‍टि में यह बहुत छोटी बात है, कि तुम या मनुष्यों का कोई न्यायी मुझे परखे, वरन मैं आप ही अपने आप को नहीं परखता।
1Co 4:4  क्‍योंकि मेरा मन मुझे किसी बात में दोषी नहीं ठहराता, परन्‍तु इस से मैं निर्दोष नहीं ठहरता, क्‍योंकि मेरा परखने वाला प्रभु है।
1Co 4:5  सो जब तक प्रभु न आए, समय से पहिले किसी बात का न्याय न करो: वही तो अन्‍धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी।
1Co 4:6  हे भाइयों, मैं ने इन बातों में तुम्हारे लिये अपनी और अपुल्लोस की चर्चा, दृष्‍टान्‍त की रीति पर की है, इसलिये कि तुम हमारे द्वारा यह सीखो, कि लिखे हुए से आगे न बढ़ना, और एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में गर्व न करना।
1Co 4:7  क्‍योंकि तुझ में और दूसरे में कौन भेद करता है? और तेरे पास क्‍या है जो तू ने (दूसरे से) नहीं पाया: और जब कि तु ने (दूसरे से) पाया है, तो ऐसा घमण्‍ड क्‍यों करता है, कि मानों नही पाया?


एक साल में बाइबल: 

  • भजन १६-१७ 
  • प्रेरितों २०:१-१६

रविवार, 15 जुलाई 2012

मेरी आयु का व्यक्ति!

   हाल ही में एक हवाई यात्रा के समय मैंने अपना लैपटॉप कंप्यूटर और अन्य संबंधित इलैक्ट्रौनिक उपकरण, जो कि इस २१वीं शताब्दी के एक व्यस्त और कार्यशील व्यक्ति की पहचान हैं, निकाले और अपने सामने वाली ट्रे पर उन्हें सजाया और अपना काम करना आरंभ कर दिया। काम करते करते मेरे निकट बैठे एक युवक ने मुहसे एक टिप्पणी करने की अनुमति मांगी, और मेरे अनुमति देने पर वह बोला कि इन आधुनिक उपकरणों का एक मेरी आयु के व्यक्ति द्वारा इस तरह लगन और तन्मयता से उपयोग किया जाना देखना उसके लिए एक बहुत उत्साहवर्धक अनुभव है। यद्यपि उसका उद्देश्य मेरी प्रशंसा करना था, किंतु मुझे अचानक लगा जैसे मैं १२० वर्ष का वृद्ध हूँ। मैं सोचने लगा, "इसकी जुर्रत कि कहे ’मेरी आयु का व्यक्ति’! मैं तो अभी केवल ५७ वर्ष ही का हूँ।"

   फिर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल से भजन ७१ स्मरण आया जो मेरी और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों से संबंधित है। यह भजन हमें भली रीति से जीए गए जीवन की और उसके अनुभवों की बहुमूल्यता स्मरण दिलाता है: "इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं" (भजन ७१:१८)।

   इसलिए ’मेरी आयु’ का होना शायद इतना बुरा भी नहीं है। यह एक आयुवान मसीही विश्वासी का विशेषाधिकार है कि वह नई पीढ़ी के विश्वासियों को परमेश्वर के बल और पराक्रम के बारे में बताए और अपने विश्वास के जीवन के अनुभवों द्वारा उन्हें प्रोत्साहित करे। यह उन के लिए एक प्रेर्णादायक अनुभव और उन्हें एक भले मसीही जीवन को जीने का उत्साह देने का अच्छा तरीका है। - बिल क्राउडर


नई पीढ़ी के लिए सबसे अच्छी भेंट पिछली पीढ़ी के जीवन के भले और उत्तम उदाहरण हैं।

इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं। - भजन ७१:१८

बाइबल पाठ: भजन ७१
Psa 71:1  हे यहोवा मैं तेरा शरणागत हूं; मेरी आशा कभी टूटने न पाए!
Psa 71:2  तू तो धर्मी है, मुझे छुड़ा और मेरा उद्धार कर; मेरी ओर कान लगा, और मेरा उद्धार कर!
Psa 71:3  मेरे लिये सनातन काल की चट्टान का धाम बन, जिस में मैं नित्य जा सकूं; तू ने मेरे उद्धार की आज्ञा तो दी है, क्योंकि तू मेरी चट्टान और मेरा गढ़ ठहरा है।
Psa 71:4  हे मेरे परमेश्वर दुष्ट के, और कुटिल और क्रूर मनुष्य के हाथ से मेरी रक्षा कर।
Psa 71:5  क्योंकि हे प्रभु यहोवा, मैं तेरी ही बाट जोहता आया हूं; बचपन से मेरा आधार तू है।
Psa 71:6  मैं गर्भ से निकलते ही, तुझ से सम्भाला गया; मुझे मां की कोख से तू ही ने निकाला, इसलिये मैं नित्य तेरी स्तुति करता रहूंगा।
Psa 71:7  मैं बहुतों के लिये चमत्कार बना हूं; परन्तु तू मेरा दृढ़ शरणस्थान है।
Psa 71:8  मेरे मुंह से तेरे गुणानुवाद, और दिन भर तेरी शोभा का वर्णन बहुत हुआ करे।
Psa 71:9  बुढ़ापे के समय मेरा त्याग न कर; जब मेरा बल घटे तब मुझ को छोड़ न दे।
Psa 71:10  क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि
Psa 71:11  परमेश्वर ने उसको छोड़ दिया है; उसका पीछा करके उसे पकड़ लो, क्योंकि उसका कोई छुड़ाने वाला नहीं।
Psa 71:12  हे परमेश्वर, मुझ से दूर न रह; हे मेरे परमेश्वर, मेरी सहायता के लिये फुर्ती कर!
Psa 71:13  जो मेरे प्राण के विरोधी हैं, उनकी आशा टूटे और उनका अन्त हो जाए; जो मेरी हानि के अभिलाषी हैं, वे नामधराई और अनादर में गड़ जाएं।
Psa 71:14  मैं तो निरन्तर आशा लगाए रहूंगा, और तेरी स्तुति अधिक अधिक करता जाऊंगा।
Psa 71:15  मैं अपने मुंह से तेरे धर्म का, और तेरे किए हुए उद्धार का वर्णन दिन भर करता रहूंगा, परन्तु उनका पूरा ब्योरा जाना भी नहीं जाता।
Psa 71:16  मैं प्रभु यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन करता हुआ आऊंगा, मैं केवल तेरे ही धर्म की चर्चा किया करूंगा।
Psa 71:17  हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं।
Psa 71:18  इसलिये हे परमेश्वर जब मैं बूढ़ा हो जाऊं और मेरे बाल पक जाएं, तब भी तू मुझे न छोड़, जब तक मैं आने वाली पीढ़ी के लोगों को तेरा बाहुबल और सब उत्पन्न होने वालों को तेरा पराक्रम सुनाऊं।
Psa 71:19  और हे परमेश्वर, तेरा धर्म अति महान है। तू जिस ने महाकार्य किए हैं, हे परमेवर तेरे तुल्य कौन है?
Psa 71:20  तू ने तो हम को बहुत से कठिन कष्ट दिखाए हैं परन्तु अब तू फिर से हम को जिलाएगा? और पृथ्वी के गहिरे गड़हे में से उबार लेगा।
Psa 71:21  तू मेरी बड़ाई को बढ़ाएगा, और फिरकर मुझे शान्ति देगा।
Psa 71:22  हे मेरे परमेश्वर, मैं भी तेरी सच्चाई का धन्यवाद सारंगी बजाकर गाऊंगा; हे इस्राएल के पवित्र मैं वीणा बजाकर तेरा भजन गाऊंगा।
Psa 71:23  जब मैं तेरा भजन गाऊंगा, तब अपने मुंह से और अपने प्राण से भी जो तू ने बचा लिया है, जयजयकार करूंगा।
Psa 71:24  और मैं तेरे धर्म की चर्चा दिन भर करता रहूंगा; क्योंकि जो मेरी हानि के अभिलाषी थे, उनकी आशा टूट गई और मुंह काले हो गए हैं।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन १३-१५ 
  • प्रेरितों १९:२१-४१

शनिवार, 14 जुलाई 2012

सौदा

  क्या आपको अच्छी सौदेबाज़ी करना पसन्द है? मैं केवल दुकानदार से किसी चीज़ के दाम कम करवाने तक सीमित रहने वाली बात के लिए नहीं कह रहा  हूँ, वरन अपनी ओर से बिना कुछ भी दिए अपने लाभ के लिए किसी दूसरे को मना लेना कुछ लोगों का प्रयास रहता है और उन्हें बहुत अच्छा लगता है। यदि आप इस प्रकार की सौदेबाज़ी को जानते हैं तो प्रभु यीशु मसीह द्वारा दिए गए उड़ाऊ पुत्र के दृष्टांत में, उड़ाऊ पुत्र द्वारा बनाई गई घर वापस लौटने की योजना को बेहतर समझ सकेंगे।

   जिन दिनों की बात प्रभु यीशु ने बताई, उन दिनों में तीन प्रकार के दास होते थे: एक वे जो दिन के हिसाब से कार्य करते थे और दिन के अन्त में अपनी मज़दूरी पाते थे; दूसरे वे थे जो स्वामी के साथ जुड़े होते थे, उसके यहां घंटों कार्य तो करते थे, पर रहते कहीं बाहर थे जिससे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनी रहती थी; तीसरे वे थे जो अपने स्वामी के पूर्णतः आधीन थे और उसी के साथ रहते थे और सदा उसकी सेवा करते रहते थे।

   जब उड़ाऊ पुत्र अपना सब कुछ गंवा बैठा और उसे वापस अपने पिता के पास घर लौटने का विचार आया, तो यह रोचक है कि उसने पिता से जिस क्षमा याचना कि योजना बनाई उसमें उसने अपने एक दास होने की इच्छा को तो व्यक्त किया, किंतु वह दूसरे तरह का दास, जिसकी स्वतंत्रता बनी रहती है! उसने एक कृतज्ञ और पूर्णतः समर्पित तीसरी तरह का दास बनना क्यों नहीं चाहा? कुछ टीकाकारों का मानना है कि वह अपने पिता से एक सौदा करने का प्रयास कर रहा था, एक ऐसा सौदा जिसमें उसकी स्वतंत्रता भी बनी रहती और उसे जीवन यापन की सुविधा भी मिल जाती। लेकिन पिता की योजना तो कुछ और ही थी जो उस सौदेबाज़ उड़ाऊ पुत्र कि उम्मीदों से भी परे और अनपेक्षित थी। पिता ने तो उसे उसका सारा अधिकार, जिसे वह ठोकर मार कर चला गया था, लौटा दिया और दास के समान नहीं वरन अपने पुत्र के समान स्वीकार कर लिया, उसके लौटने के लिए आनन्द मनाया।

   कई बार हम भी परमेश्वर के साथ सौदेबाज़ी करना चाहते हैं, हम चाहते हैं और परमेश्वर से कहते हैं, "परमेश्वर, मैं आपकी सेवा तो कर लूंगा, किंतु आपको अपनी स्वतंत्रता नहीं सौंपूंगा।" हो सकता है कि उस समय हमें यह एक लाभकारी सौदा लगे, किंतु परमेश्वर द्वारा दी गई सौदे की शर्तें सदा ही बेहतर और भली होती हैं। उड़ाऊ पुत्र के पिता के समान, परमेश्वर पिता की बाहें भी अपनी पश्चातापी सन्तान को वापस पा लेने और उसे परिवार के सदस्य रूप में बहाल कर देने, उसके लौट आने के आनन्द को मनाने के लिए सदा खुली रहती हैं।

   संसार और पाप में खोए प्रत्येक जन की बहाली के लिए देर है तो बस उसके अपने प्रेमी पिता परमेश्वर की पुकार को सुनने और मानने की, उसकी ओर लौट आने की। इससे बेहतर सौदा क्या होगा; इससे अच्छी सेवकाई क्या होगी? - जो स्टोवैल


मसीह यीशु को संपूर्ण समर्पण में ही सच्ची स्वतंत्रता है।

अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले। - लूका १५:१९

बाइबल पाठ: लूका १५:११-२४
Luk 15:11  फिर उस ने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे।
Luk 15:12  उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उस ने उन को अपनी संपत्ति बांट दी।
Luk 15:13  और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा करके एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।
Luk 15:14  जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।
Luk 15:15  और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा : उस ने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा।
Luk 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्‍हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था।
Luk 15:17  जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं।
Luk 15:18 मैं अब उठकर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्‍वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्‍टि में पाप किया है।
Luk 15:19  अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर की नाईं रख ले।
Luk 15:20  तब वह उठकर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।
Luk 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्‍वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्‍टि में पाप किया है, और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं।
Luk 15:22 परन्‍तु पिता ने अपने दासों से कहा; झट अच्‍छे से अच्‍छा वस्‍त्र निकाल कर उसे पहिनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहिनाओ।
Luk 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खांए और आनन्‍द मनावें।
Luk 15:24 क्‍योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है : खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्‍द करने लगे।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन १०-१२ 
  • प्रेरितों १९:१-२०

शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

उदारता का मन

   अपनी पुस्तक Crazy Love में फ्रांसिस चैन एक परिवार के बारे में बताता है जो एक रोचक क्रिसमस परंपरा को मनाते हैं। क्रिसमस की प्रातः वे अपना समय क्रिसमस वृक्ष के नीचे रखे अपने इनामों को खोलने और देखने में नहीं लगाते, वरन वे उठकर कॉफी तथा नाश्ता बनाते हैं और जाकर बेघर लोगों को नाश्ता खिलाते हैं। यह गरीबों के लिए परमेश्वर के प्रेम और उदारता को प्रदर्शित करने का एक छोटा किंतु प्रभावी तरीका है।

   परमेश्वर अपने लोगों से ऐसी उदारता की आशा रखता है। व्यस्थाविवरण १५ अध्याय में मूसा ने गरीबी की वास्तविकता की ओर उनका ध्यान ले जाते हुए धनवानों को समझाया कि उनकी ओर वे किस प्रकार का बर्ताव रखें। उन्हें ४ बातों के लिए चिताया गया (व्यवस्थाविवरण १५:७-११):
   १. कठोर हृदय जो गरीबों की अनदेखी करता हो।
   २. सख्त मुट्ठी जो गरीबों से सहायता रोक कर रखती हो।
   ३. बुरा मन जो दे्ते में समय और स्थिति को आंक कर ही देता हो।
   ४. स्वार्थी आत्मा जिसे परमेश्वर की आज्ञाकारिता में भी गरीबों को देना बुरा लगे।

   परमेश्वर ने मूसा के द्वारा ना केवल उन्हें इन बातों के बारे में चिताया वरन उन्हें स्वाभाविक रूप से उदारता से देने वाला बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

   परमेश्वर के लोगों में उदारता और सहायता करने का मन सदा ही पाया जाना चाहिए। अपने हाथों और मन को खुला रखना मसीही विश्वासी के गुणों में से है, और उसके उस नए चरित्र का भाग है जो उसे परमेश्वर पिता से उसके पुराने मनुष्यतव के स्थान पर मिला है। - मारविन विलियम्स


उदारता उस हृदय से उमड़ती है जिसने परमेश्वर के अनुग्रह को अनुभव किया है।


जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास द्ररिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना; -  व्यवस्थाविवरण १५:७

बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण १५:७-११
Deu 15:7  जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास द्ररिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;
Deu 15:8  जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसका जितना प्रयोजन हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना।
Deu 15:9  सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवां वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।
Deu 15:10  तू उसको अवश्य देना, और उसे देते समय तेरे मन को बुरा न लगे; क्योकि इसी बात के कारण तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे सब कामों में जिन में तू अपना हाथ लगाएगा तुझे आशीष देगा।
Deu 15:11  तेरे देश में दरिद्र तो सदा पाए जाएंगे, इसलिये मैं तुझे यह आज्ञा देता हूं कि तू अपने देश में अपने दीन-दरिद्र भाइयों को अपना हाथ ढीला करके अवश्य दान देना।


एक साल में बाइबल: 

  • भजन ७-९ 
  • प्रेरितों १८