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शनिवार, 26 अक्टूबर 2013

उन्नति के अवसर

   क्या किसी यात्रा के समय आप कभी किसी हवाईआड्डे पर फंसे हैं? वह भी 24 घंटों के लिए? और एक ऐसे स्थान पा जहाँ की भाषा आप नहीं जानते? तथा घर एवं संबंधियों से चार हज़ार मील दूर?

   ऐसा हाल ही में मेरे एक मित्र जौन के साथ हुआ; और इस घटना के लिए उसकी प्रतिक्रीय से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। जबकि हम में से अधिकांशतः इस असुविधा को असहनीय पाते, मेरे मित्र ने इस अनपेक्षित विलम्ब में परमेश्वर के हाथ को देखा। अपने कार्यक्रम में आई इस रुकावट के समय को वह अपने साथ के अन्य यात्रियों के साथ संबंध बनाने में उपयोग करने लगा। उसे कुछ मसीही विश्वासी यात्री मिले जो भारत से थे, और उनसे बात-चीत करते समय जौन को उनकी मसीही सेवकाई के बारे में जानने का अवसर मिला। क्योंकि जौन के कार्य और रुचि उनकी सेवकाई के समान ही थी, इसलिए उन लोगों ने जौन को निमंत्रण दिया कि वह भारत आए और उनके साथ कुछ समय एक परियोजना में कार्य करे।

   हमें कितनी ही बार विलम्ब, योजनाओं के परिवर्तन या पुनःनिर्धारण आदि का सामना करना पड़ता है, किन्तु अकसर हम इन बातों को नकारात्मक रीति से लेते हैं, कुंठित होते हैं, खिसिया जाते हैं। लेकिन यह भी हो सकता है कि परमेश्वर हमारा मार्ग बदल रहा है जिससे हम कुछ अलग, कुछ नया कर सकें और उसके लिए उपयोगी हो सकें। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरितों 16 में उल्लेखित प्रेरित पौलुस की फिलिप्पी की यात्रा को स्मरण कीजिए। पौलुस मकिदूनिया परमेश्वर से मिले दर्शन के कारण परमेश्वर की सेवकाई करने गया था (पद 9-10)। उसे क्या पता था कि वहाँ वह बन्दीगृह में डाला जाएगा। लेकिन उसका बन्दीगृह में डाला जाना भी परमेश्वर द्वारा निर्धारित था, क्योंकि वहाँ वह बन्‍दीगृह के दारोगा तथा उसके परिवार के उद्धार पाने के लिए उपयोग हुआ (पद 25-34)।

   परमेश्वर हमारे जीवन की असुविधाओं को भी अपने कार्यों, अपनी महिमा और हमारी उन्नति के अवसर बना सकता है, यदि हम प्रत्येक परिस्थिति को परमेश्वरीय प्रयोजन के रूप में देखने वाले हों। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर अवरोधों को भी उन्नति के अवसर बना सकता है।

आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्‍धुए उन की सुन रहे थे। - प्रेरितों 16:25

बाइबल पाठ: प्रेरितों 16:9-34
Acts 16:9 और पौलुस ने रात को एक दर्शन देखा कि एक मकिदुनी पुरूष खड़ा हुआ, उस से बिनती कर के कहता है, कि पार उतरकर मकिदुनिया में आ; और हमारी सहायता कर। 
Acts 16:10 उसके यह दर्शन देखते ही हम ने तुरन्त मकिदुनिया जाना चाहा, यह समझ कर, कि परमेश्वर ने हमें उन्हें सुसमाचार सुनाने के लिये बुलाया है।
Acts 16:11 सो त्रोआस से जहाज खोल कर हम सीधे सुमात्राके और दूसरे दिन नियापुलिस में आए। 
Acts 16:12 वहां से हम फिलिप्पी में पहुंचे, जो मकिदुनिया प्रान्‍त का मुख्य नगर, और रोमियों की बस्‍ती है; और हम उस नगर में कुछ दिन तक रहे। 
Acts 16:13 सब्त के दिन हम नगर के फाटक के बाहर नदी के किनारे यह समझ कर गए, कि वहां प्रार्थना करने का स्थान होगा; और बैठ कर उन स्‍त्रियों से जो इकट्ठी हुई थीं, बातें करने लगे। 
Acts 16:14 और लुदिया नाम थुआथीरा नगर की बैंजनी कपड़े बेचने वाली एक भक्त स्त्री सुनती थी, और प्रभु ने उसका मन खोला, ताकि पौलुस की बातों पर चित्त लगाए। 
Acts 16:15 और जब उसने अपने घराने समेत बपतिस्मा लिया, तो उसने बिनती की, कि यदि तुम मुझे प्रभु की विश्वासिनी समझते हो, तो चल कर मेरे घर में रहो; और वह हमें मनाकर ले गई।
Acts 16:16 जब हम प्रार्थना करने की जगह जा रहे थे, तो हमें एक दासी मिली जिस में भावी कहने वाली आत्मा थी; और भावी कहने से अपने स्‍वामियों के लिये बहुत कुछ कमा लाती थी। 
Acts 16:17 वह पौलुस के और हमारे पीछे आकर चिल्लाने लगी कि ये मनुष्य परमप्रधान परमेश्वर के दास हैं, जो हमें उद्धार के मार्ग की कथा सुनाते हैं। 
Acts 16:18 वह बहुत दिन तक ऐसा ही करती रही, परन्तु पौलुस दु:खित हुआ, और मुंह फेर कर उस आत्मा से कहा, मैं तुझे यीशु मसीह के नाम से आज्ञा देता हूं, कि उस में से निकल जा और वह उसी घड़ी निकल गई।
Acts 16:19 जब उसके स्‍वामियों ने देखा, कि हमारी कमाई की आशा जाती रही, तो पौलुस और सीलास को पकड़ कर चौक में प्राधानों के पास खींच ले गए। 
Acts 16:20 और उन्हें फौजदारी के हाकिमों के पास ले जा कर कहा; ये लोग जो यहूदी हैं, हमारे नगर में बड़ी हलचल मचा रहे हैं। 
Acts 16:21 और ऐसे व्यवहार बता रहे हैं, जिन्हें ग्रहण करना या मानना हम रोमियों के लिये ठीक नहीं। 
Acts 16:22 तब भीड़ के लोग उन के विरोध में इकट्ठे हो कर चढ़ आए, और हाकिमों ने उन के कपड़े फाड़कर उतार डाले, और उन्हें बेंत मारने की आज्ञा दी। 
Acts 16:23 और बहुत बेंत लगवा कर उन्हें बन्‍दीगृह में डाला; और दारोगा को आज्ञा दी, कि उन्हें चौकसी से रखे। 
Acts 16:24 उसने ऐसी आज्ञा पाकर उन्हें भीतर की कोठरी में रखा और उन के पांव काठ में ठोक दिए। 
Acts 16:25 आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बन्‍धुए उन की सुन रहे थे। 
Acts 16:26 कि इतने में एकाएक बड़ा भुईंडोल हुआ, यहां तक कि बन्‍दीगृह की नेंव हिल गईं, और तुरन्त सब द्वार खुल गए; और सब के बन्‍धन खुल पड़े। 
Acts 16:27 और दारोगा जाग उठा, और बन्‍दीगृह के द्वार खुले देखकर समझा कि बन्‍धुए भाग गए, सो उसने तलवार खींचकर अपने आप को मार डालना चाहा। 
Acts 16:28 परन्तु पौलुस ने ऊंचे शब्द से पुकारकर कहा; अपने आप को कुछ हानि न पहुंचा, क्योंकि हम सब यहां हैं। 
Acts 16:29 तब वह दीया मंगवा कर भीतर लपक गया, और कांपता हुआ पौलुस और सीलास के आगे गिरा। 
Acts 16:30 और उन्हें बाहर लाकर कहा, हे साहिबो, उद्धार पाने के लिये मैं क्या करूं? 
Acts 16:31 उन्होंने कहा, प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।
Acts 16:32 और उन्होंने उसको, और उसके सारे घर के लोगों को प्रभु का वचन सुनाया। 
Acts 16:33 और रात को उसी घड़ी उसने उन्हें ले जा कर उन के घाव धोए, और उसने अपने सब लोगों समेत तुरन्त बपतिस्मा लिया। 
Acts 16:34 और उसने उन्हें अपने घर में ले जा कर, उन के आगे भोजन रखा और सारे घराने समेत परमेश्वर पर विश्वास कर के आनन्द किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मियाह 9-11 
  • 1 तीमुथियुस 6


शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

खरा न्याय

   प्रकाशन में मेरा एक पूर्व सहकर्मी लगभग एक वर्ष तक इसी भय में जीता और कार्य करता रहा कि बस अब उसकी नौकरी गई। ऐसा इसलिए क्योंकि उस विभाग में आया एक नया अधिकारी, अनजाने कारणों से मेरे मित्र की व्यक्तिगत फाईल में उसके विरुद्ध नकारात्मक बातें भरता जा रहा था। फिर एक दिन ऐसा आया जब मेरे मित्र को लगा कि बस आज तो मेरी नौकरी गई ही समझो; उस दिन नौकरी तो गई, लेकिन मेरे मित्र की नहीं वरन उस अधिकारी की जो मेरे मित्र के विरुद्ध कार्य कर रहा था।

   एक ऐसी ही घटना हम परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम नामक खण्ड में एस्तेर की पुस्तक में दर्ज पाते हैं। जब इस्त्राएलियों को बन्धुआ बनाकर बेबिलोन ले जाया गया, तो मोर्देकै नामक एक इस्त्राएली ऐसी ही परिस्थिति में आ पड़ा। उस समय के राजा क्षयर्ष का सबसे चहेता अधिकारी हमान राजा की उस पर बनी हुई कृपादृष्टि के कारण घमण्ड में ऐसा फूल गया कि उसने रीति बना दी की प्रत्येक अधिकारी उसके सामने झुक कर दण्डवत करे। लेकिन मोरदकै परमेश्वर को छोड़ किसी अन्य के आगे झुकना और दण्डवत करना स्वीकार नहीं करता था (एस्तेर 3:1-2)। मोरदकै के इस रवैये से हमान क्रोधित हो उठा और उसने मोरदकै सहित सभी इस्त्राएलियों को मार डालने का षड़यंत्र रच डाला। हमान ने राजा क्षयर्ष को मना लिया कि वह एक राजाज्ञा पर हस्ताक्षर करे जिसमें एक विशेष दिन राज्य के सभी लोगों को उनके इलाके में पाए जाने वाले इस्त्राएलियों को घात करने की खुली छूट दी गई (एस्तेर 3:5-6), और उसने यह राजाज्ञा सारे राज्य में सुनवा दी। मोरदकै के लिए हमान ने अपने घर में एक ऊँचा फांसी का स्थान बनवाया जिससे सब उसकी मृत्यु को देख सकें (एस्तेर 5:14)। लेकिन परमेश्वर के लोग इस्त्राएली, उपवास और प्रार्थना में लग गए और परिस्थितियों ने नाटकीय मोड़ लिया; राजा द्वारा मोर्दकै को हमान के हाथों सम्मानित करवाया गया, तथा फिर और भी नाटकीय घटनाक्रम में हमान राजा की नज़रों से एकदम गिर गया और उस पर राजा की ओर से मृत्यु दण्ड की आज्ञा सुना दी गई तथा इस्त्राएलियों को अपना बचाव करने की छूट दे दी गई। राजा की आज्ञा के अन्तर्गत घमण्डी हमान को उसी फांसी के स्थान पर लटका दिया गया जो उसने मोर्दकै के लिए बनवाया था (एस्तेर 7:9-10; 8)।

   यह सच है कि हर किसी को इस नाटकीय रूप में न्याय तो नहीं मिलता, लेकिन यह भी सच है कि परमेश्वर का वचन हमें आश्वस्त करता है कि परमेश्वर एक दिन सबका न्याय अवश्य चुकाएगा (रोमियों 12:19)। हम मसीही विश्वसियों को परमेश्वर से निर्देश है कि उसके खरे न्याय की प्रतीक्षा करते हुए हमें अपना पलटा आप नहीं लेना है वरन इस कार्य को उसके हाथ में ही छोड़ देना है। हमारा कर्तव्य है अपने और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु के जीवन और शिक्षाओं को संसार के सामने अपने जीवन से प्रगट करते रहना; हमारा प्रतिफल परमेश्वर के हाथों में सुरक्षित है। - जूली ऐकैर्मैन लिंक


परमेश्वर का न्याय अवश्यंभावी है, खरा है, पक्षपात रहित है। उसके भय में जीवन बिताएं।

हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा। - रोमियों 12:19

बाइबल पाठ: एस्तेर 3:1-11; 7:1-10
Esther 3:1 इन बातों के बाद राजा क्षयर्ष ने अगामी हम्मदाता के पुत्र हामान को उच्च पद दिया, और उसको महत्व देकर उसके लिये उसके साथी हाकिमों के सिंहासनों से ऊंचा सिंहासन ठहराया। 
Esther 3:2 और राजा के सब कर्मचारी जो राजभवन के फाटक में रहा करते थे, वे हामान के साम्हने झुककर दण्डवत किया करते थे क्योंकि राजा ने उसके विषय ऐसी ही आज्ञा दी थी; परन्तु मोर्दकै न तो झुकता था और न उसको दण्डवत करता था। 
Esther 3:3 तब राजा के कर्मचारी जो राजभवन के फाटक में रहा करते थे, उन्होंने मोर्दकै से पूछा, 
Esther 3:4 तू राजा की आज्ञा क्यों उलंघन करता है? जब वे उस से प्रतिदिन ऐसा ही कहते रहे, और उसने उनकी एक न मानी, तब उन्होंने यह देखने की इच्छा से कि मोर्दकै की यह बात चलेगी कि नहीं, हामान को बता दिया; उसने तो उन को बता दिया था कि मैं यहूदी हूँ। 
Esther 3:5 जब हामान ने देखा, कि मोर्दकै नहीं झुकता, और न मुझ को दण्डवत करता है, तब हामान बहुत ही क्रोधित हुआ। 
Esther 3:6 उसने केवल मोर्दकै पर हाथ चलाना अपनी मर्यादा के नीचे जाना। क्योंकि उन्होंने हामान को यह बता दिया था, कि मोर्दकै किस जाति का है, इसलिये हामान ने क्षयर्ष के साम्राज्य में रहने वाले सारे यहूदियों को भी मोर्दकै की जाति जानकर, विनाश कर डालने की युक्ति निकाली। 
Esther 3:7 राजा क्षयर्ष के बारहवें वर्ष के नीसान नाम पहिले महीने में, हामान ने अदार नाम बारहवें महीने तक के एक एक दिन और एक एक महीने के लिये “पूर” अर्थात चिट्ठी अपने साम्हने डलवाई। 
Esther 3:8 और हामान ने राजा क्षयर्ष से कहा, तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहने वाले देश देश के लोगों के मध्य में तितर बितर और छिटकी हुई एक जाति है, जिसके नियम और सब लोगों के नियमों से भिन्न हैं; और वे राजा के कानून पर नहीं चलते, इसलिये उन्हें रहने देना राजा को लाभदायक नहीं है। 
Esther 3:9 यदि राजा को स्वीकार हो तो उन्हें नष्ट करने की आज्ञा लिखी जाए, और मैं राजा के भणडारियों के हाथ में राजभणडार में पहुंचाने के लिये, दस हजार किक्कार चान्दी दूंगा। 
Esther 3:10 तब राजा ने अपनी अंगूठी अपने हाथ से उतार कर अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को, जो यहूदियों का बैरी था दे दी। 
Esther 3:11 और राजा ने हामान से कहा, वह चान्दी तुझे दी गई है, और वे लोग भी, ताकि तू उन से जैसा तेरा जी चाहे वैसा ही व्यवहार करे। 

Esther 7:1 सो राजा और हामान एस्तेर रानी की जेवनार में आगए। 
Esther 7:2 और राजा ने दूसरे दिन दाखमधु पीते-पीते एस्तेर से फिर पूछा, हे एस्तेर रानी! तेरा क्या निवेदन है? वह पूरा किया जाएगा। और तू क्या मांगती है? मांग, और आधा राज्य तक तुझे दिया जाएगा। 
Esther 7:3 एस्तेर रानी ने उत्तर दिया, हे राजा! यदि तू मुझ पर प्रसन्न है, और राजा को यह स्वीकार हो, तो मेरे निवेदन से मुझे, और मेरे मांगने से मेरे लोगों को प्राणदान मिले। 
Esther 7:4 क्योंकि मैं और मेरी जाति के लोग बेच डाले गए हैं, और हम सब विध्वंसघात और नाश किए जाने वाले हैं। यदि हम केवल दास-दासी हो जाने के लिये बेच डाले जाते, तो मैं चुप रहती; चाहे उस दशा में भी वह विरोधी राजा की हानि भर न सकता। 
Esther 7:5 तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से पूछा, वह कौन है? और कहां है जिसने ऐसा करने की मनसा की है? 
Esther 7:6 एस्तेर ने उत्तर दिया है कि वह विरोधी और शत्रु यही दुष्ट हामान है। तब हामान राजा-रानी के साम्हने भयभीत हो गया। 
Esther 7:7 राजा तो जलजलाहट में आ, मधु पीने से उठ कर, राजभवन की बारी में निकल गया; और हामान यह देखकर कि राजा ने मेरी हानि ठानी होगी, एस्तेर रानी से प्राणदान मांगने को खड़ा हुआ। 
Esther 7:8 जब राजा राजभवन की बारी से दाखमधु पीने के स्थान में लौट आया तब क्या देखा, कि हामान उसी चौकी पर जिस पर एस्तेर बैठी है पड़ा है; और राजा ने कहा, क्या यह घर ही में मेरे साम्हने ही रानी से बरबस करना चाहता है? राजा के मुंह से यह वचन निकला ही था, कि सेवकों ने हामान का मुंह ढांप दिया। 
Esther 7:9 तब राजा के साम्हने उपस्थित रहने वाले खोजों में से हर्वोना नाम एक ने राजा से कहा, हामान के यहां पचास हाथ ऊंचा फांसी का एक खम्भा खड़ा है, जो उसने मोर्दकै के लिये बनवाया है, जिसने राजा के हित की बात कही थी। राजा ने कहा, उसको उसी पर लटका दो। 
Esther 7:10 तब हामान उसी खम्भे पर जो उसने मोर्दकै के लिये तैयार कराया था, लटका दिया गया। इस पर राजा की जलजलाहट ठंडी हो गई।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मियाह 6-8 
  • 1 तीमुथियुस 5


गुरुवार, 24 अक्टूबर 2013

क्लेष, सेवकाई और प्रतिफल

   परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के एक महान नबी यिर्मयाह को, आम तौर से ’विलाप करना वाला नबी’ की संज्ञा भी दी जाती है। यिर्मयाह संभवतः एक संवेदनशील और उदास स्वभाव का व्यक्ति था, जिसका हृदय उसके लोगों इस्त्राएल द्वारा परमेश्वर की लगातार अनाज्ञाकारिता तथा उसके दुषपरिणामों के कारण टूट गया और उसकी उदासी और भी अधिक बढ़ गई। विलाप करने की उसकी क्षमता अद्भुत थी; इस्त्राएल की दुर्दशा को देखकर वह कहता है: "भला होता, कि मेरा सिर जल ही जल, और मेरी आंखें आँसुओं का सोता होतीं, कि मैं रात दिन अपने मारे हुए लोगों के लिये रोता रहता" (यिर्मियाह 9:1)।

   यद्यपि यिर्मियाह अपने राष्ट्र के पाप और उसके परिणाम के लिए शोकित था, लेकिन इस्त्राएल के लोगों ने उसके इस दुख को नहीं समझा, वरन परमेश्वर के न्याय की चेतावनी देने के लिए उसे ही सताया गया; यहां तक कि इस्त्राएल को परमेश्वर की ओर लौटने और पापों से पश्चाताप करने की उसकी पुकार के लिए एक बार उसे दलदल से भरे एक अन्धे कुएं में कैद कर दिया गया (यिर्मियाह 38:6)। परमेश्वर की आज्ञाकारिता में चलने और परमेश्वर के सन्देश को लोगों तक पहुँचाने के उसके प्रयासों का प्रतिफल उसे इस प्रकार दिया गया। लेकिन उन परिस्थितियों में भी परमेश्वर ने उसे नहीं छोड़ा, और ना ही यिर्मियाह ने परमेश्वर पर या अपनी सेवकाई शक किया; वह निराश अवश्य हुआ, लेकिन उसने परमेश्वर में अपने विश्वास को टलने नहीं दिया और पीछे नहीं हटा।

   कभी कभी अपने परमेश्वर की सेवकाई करने और उसकी आज्ञाकरिता में बने रहने के प्रयासों में हमें दुखदायी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, हमें गलत समझा जाता है, सताया जाता है और हमारे दिल भी टूटते हैं। ऐसे में हम यिर्मियाह के जीवन और उसकी सहनशीलता से पाठ सीख सकते हैं। यिर्मियाह को अपनी परमेश्वर से मिली बुलाहट और सेवकाई पर इतना दृढ़ विश्वास था कि कोई परिस्थिति, कोई प्रयास उसे इस सेवकाई को करने से डिगा नहीं सका; वह कहता है: "यदि मैं कहूं, मैं उसकी चर्चा न करूंगा न उसके नाम से बोलूंगा, तो मेरे हृदय की ऐसी दशा होगी मानो मेरी हड्डियों में धधकती हुई आग हो, और मैं अपने को रोकते रोकते थक गया पर मुझ से रहा नहीं जाता" (यिर्मियाह 20:9)।

   केवल यिर्मियाह का ही यह हाल नहीं था। परमेश्वर के प्रत्येक नबी और जन को सताया गया, गलत समझा गया, तिरिस्कृत किया गया, और कईयों को उनकी सेवकाई के लिए मार भी डाला गया; यहाँ तक कि प्रभु यीशु को भी इन्हीं बातों का सामना करना पड़ा। परन्तु ये सभी अपने विश्वास और अपनी सेवकाई में अडिग खड़े रहे, परमेश्वर द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी को भरसक निभाते रहे, और आज सारे संसार में आदर के पात्र हैं, परमेश्वर के वचन में स्थान पाते हैं, तथा हमारे लिए प्रेर्णा और मार्गदर्शन का स्त्रोत हैं।

   क्या परमेश्वर की सेवकाई में आपको निराशाओं और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या आपका मन भी दुखी है, हृदय टूट रहा है? हियाव रखिए, इन परिस्थितियों का सामना करने वाले ना तो आप पहले और ना ही अकेले जन हैं। आश्वस्त रहिए, जैसे परमेश्वर ने यिर्मियाह और अपने अन्य लोगों को नहीं छोड़ा, आपको भी नहीं छोड़ेगा; जैसे उन्होंने अपनी सेवकाई पूरी कर के एक बड़ा प्रतिफल पाया, आपके लिए भी परमेश्वर की ओर से एक बड़ा प्रतिफल रखा हुआ है (2 तीमुथियुस 4:8)। परमेश्वर से प्रार्थना कीजिए और अपने हृदय के लिए ताज़गी एवं सामर्थ मांगिए तथा उसकी पवित्र आत्मा की सहायता से, हरेक निराशा और सताव के बावजूद, अपनी सेवकाई को पूरा करने में लगे रहिए। अन्ततः, सेवकाई पूरा करने पर जो प्रतिफल मिलेगा, उसके सामने आज के ये दुख कुछ भी नहीं हैं (2 कुरिन्थियों 4:17)। - डेनिस फिशर


मसीह यीशु की कोई भी सेवकाई बिना प्रतिफल या महत्वहीन नहीं है।

इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। - 2 कुरिन्थियों 4:16-17

बाइबल पाठ: यिर्मियाह 20:7-13
Jeremiah 20:7 हे यहोवा, तू ने मुझे धोखा दिया, और मैं ने धोखा खाया; तू मुझ से बलवन्त है, इस कारण तू मुझ पर प्रबल हो गया। दिन भर मेरी हंसी होती है; सब कोई मुझ से ठट्ठा करते हैं। 
Jeremiah 20:8 क्योंकि जब मैं बातें करता हूँ, तब मैं जोर से पुकार पुकारकर ललकारता हूँ कि उपद्रव और उत्पात हुआ, हां उत्पात! क्योंकि यहोवा का वचन दिन भर मेरे लिये निन्दा और ठट्ठा का कारण होता रहता है। 
Jeremiah 20:9 यदि मैं कहूं, मैं उसकी चर्चा न करूंगा न उसके नाम से बोलूंगा, तो मेरे हृदय की ऐसी दशा होगी मानो मेरी हड्डियों में धधकती हुई आग हो, और मैं अपने को रोकते रोकते थक गया पर मुझ से रहा नहीं जाता। 
Jeremiah 20:10 मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना है। चारों ओर भय ही भय है! मेरी जान पहचान के सब जो मेरे ठोकर खाने की बाट जोहते हैं, वे कहते हैं, उसके दोष बताओ, तब हम उनकी चर्चा फैला देंगे। कदाचित वह धोखा खाए, तो हम उस पर प्रबल हो कर, उस से बदला लेंगे। 
Jeremiah 20:11 परन्तु यहोवा मेरे साथ है, वह भयंकर वीर के समान है; इस कारण मेरे सताने वाले प्रबल न होंगे, वे ठोकर खाकर गिरेंगे। वे बुद्धि से काम नहीं करते, इसलिये उन्हें बहुत लज्जित होना पड़ेगा। उनका अपमान सदैव बना रहेगा और कभी भूला न जाएगा। 
Jeremiah 20:12 हे सेनाओं के यहोवा, हे धर्मियों के परखने वाले और हृदय और मन के ज्ञाता, जो बदला तू उन से लेगा, उसे मैं देखूं, क्योंकि मैं ने अपना मुक़द्दमा तेरे ऊपर छोड़ दिया है। 
Jeremiah 20:13 यहोवा के लिये गाओ; यहोवा की स्तुति करो! क्योंकि वह दरिद्र जन के प्राण को कुकमिर्यों के हाथ से बचाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मियाह 3-5 
  • 1 तीमुथियुस 4


बुधवार, 23 अक्टूबर 2013

मेरा अच्छा रक्षक

   एक इतवार के दिन, चर्च में आराधना आरंभ होने के पहले के समय में, ऑर्गन बजाने वाला व्यक्ति एक ऐसे गीत की धुन बजा रहा था जो मेरे लिए नया था। मैंने स्तुति गीत की पुस्तक में से उस गीत को खोला, और पाया कि उस गीत का शीर्षक था, "The Lord My Shepherd Guards Me Well" ("प्रभु मेरा चरवाहा मेरा अच्छा रक्षक है"); वह परमेश्वर के वचन के एक बहुत ही जाने-पहचाने खण्ड, भजन 23, को लेकर गीत के रूप में लिखा गया था तथा भजन 23 की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति था.

   भजन 23 सदा ही परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोगों के लिए एक प्रीय भजन और कठिन समयों में शांति तथा आश्वासन का भजन रहा है। राजा दाऊद द्वारा, अपने अनुभवों के आधार पर लिखा यह भजन परमेश्वर की लगातार बनी रहने वाली देखभाल और उसके प्रेम को बताता है:
यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी। 
वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; 
वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है; 
वह मेरे जी में जी ले आता है। 
धर्म के मार्गो में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई करता है। 
चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में हो कर चलूं, 
तौभी हानि से न डरूंगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; 
तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।
तू मेरे सताने वालों के साम्हने मेरे लिये मेज बिछाता है; 
तू ने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमण्ड रहा है। 
निश्चय भलाई और करूणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; 
और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूंगा।
हम चाहे कितनी ही बार या किसी भी परिस्थिति में भजन 23 को पढ़ें, उसका सन्देश परमेश्वर की हमारे प्रति देखभाल और प्रेम को एक नई ताज़गी के साथ प्रस्तुत करता है।

   भजन 23 में व्यक्त यह छवि उन लोगों के लिए नई नहीं थी जिन्होंने प्रभु यीशु को यह कहते हुए सुना: "अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। मज़दूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा उन्हें पकड़ता और तित्तर-बित्तर कर देता है। वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्‍ता नहीं। अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं" (यूहन्ना 10:11-14)। भाड़े पर रखे हुए मज़दूर की अपेक्षा, जो खतरे को देखकर भेड़ों को छोड़कर भाग खड़ा होता है, चरवाहा भेड़ों के साथ ही बना रहता है और उनकी रक्षा करता है।

   यदि आप प्रभु यीशु से पापों की क्षमा और उद्धार प्राप्त करके उसके जन, अर्थात उसकी भेड़ बन गए हैं तो विश्वास रखिए कि आज आप किसी भी परिस्थिति का सामना क्यों ना कर रहे हों, प्रभु यीशु आपको नाम से जानता है, आपकी क्षमता को जानता है, आपकी परिस्थिति को जानता है और वह आपका साथ कभी नहीं छोड़ेगा, वह आपको हर खतरे में से सुरक्षित निकाल कर लेकर आएगा। आप भी निश्चिंत होकर, पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं, "प्रभु मेरा चरवाहा मेरा अच्छा रक्षक है"। - डेविड मैक्कैसलैंड


वह मेमना जो हमारे पापों की क्षमा और उद्धार के लिए बलिदान हुआ, वही आज हमारा मार्गदर्शक चरवाहा और रक्षक है।

इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं। - यूहन्ना 10:15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:7-15
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। 
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। 
John 10:12 मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है। 
John 10:13 वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्‍ता नहीं। 
John 10:14 अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं। 
John 10:15 इसी तरह मैं अपनी भेड़ों को जानता हूं, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मियाह 1-2 
  • 1 तीमुथियुस 3


मंगलवार, 22 अक्टूबर 2013

फिर मिलेंगे!

   मेरे दादा को किसी को विदा करते समय ’गुडबाय’ कहना बिलकुल पसन्द नहीं था; उनका मानना था कि ’गुडबाय’ शब्द बहुत निर्णायक और अन्तिम सा लगता है। इसलिए जब हम उनके साथ अपने पारिवारिक मिलन के समय के बाद वापस जाने के लिए यात्रा पर निकलते तो वे अपने घर के सामने खड़े होकर हाथ हिलाते हुए कहते, ’फिर मिलेंगे’। उनका विदा करने का सभी लोगों के लिए सदा ही यही तरीका रहता था।

   हम मसीही विश्वासियों को भी कभी किसी प्रीय जन को ’गुडबाय’ कहने की आवश्यकता नहीं है, यदि उस प्रीय जन ने भी मसीह यीशु को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया और उससे मिलने वाली पापों की क्षमा का विश्वास किया है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम से यह अटल प्रतिज्ञा करती है कि हम मसीही विश्वासी, इस पृथ्वी के जीवन के बाद, अपने मसीही विश्वासी प्रीय जनों से पुनः फिर मिलेंगे।

   प्रेरित पौलुस ने थिस्सुलुनीकियों के विश्वासियों को लिखे अपने पत्र में संसार से अन्तिम विदाई लेने वाले उनके प्रीय जनों के विषय में उन्हें समझाया, "हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं" (1 थिस्सुलुनीकियों 4:13), क्योंकि जब मसीह यीशु वापस आएगा, तब सभी मसीही विश्वासी अपनी कब्रों से जाग उठेंगे और उस समय संसार में जीवित विश्वासियों के संग, प्रभु से मिलने हवा में उठा लिए जाएंगे, "क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सुलुनीकियों 4:15-17)। हमें यह आश्वासन है कि हम सब मसीही विश्वासी एक साथ स्वर्ग में अपने प्रभु यीशु के साथ होंगे और वहाँ "वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं" (प्रकाशितवाक्य 21:4)।

   मसीही विश्वासियों को यह धन्य आशा है कि वे एक दिन अपने विश्वासी प्रीय जनों और अपने प्रभु यीशु, दोनों के साथ होंगे और अनन्त काल तक साथ रहेंगे। इसीलिए प्रेरित पौलुस ने कहा, "सो इन बातों से एक दूसरे को शान्‍ति दिया करो" (1 थिस्सुलुनीकियों 4:18)। आज किसी को सांत्वना दें, प्रोत्साहित करें, मसीह यीशु में मिलने वाली इस अनुपम धन्य आशा के विषय में बताएं, जो संसार से अन्तिम विदाई के विषय हमें भी ’गुडबाय’ नहीं वरन ’फिर मिलेंगे’ कहने की प्रेर्णा देती है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


मृत्यु पर परमेश्वर के लोग ’अलविदा’ नहीं कहते, वे कहते हैं, ’फिर मिलेंगे’!

हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं। - 1 थिस्सुलुनीकियों 4:13

बाइबल पाठ: 1 थिस्सुलुनीकियों 4:13-18
1 Thessalonians 4:13 हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं। 
1 Thessalonians 4:14 क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। 
1 Thessalonians 4:15 क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। 
1 Thessalonians 4:16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। 
1 Thessalonians 4:17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 
1 Thessalonians 4:18 सो इन बातों से एक दूसरे को शान्‍ति दिया करो। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66 
  • 1 तीमुथियुस 2


सोमवार, 21 अक्टूबर 2013

एक एक जन

   क्वेकर जॉन वूलमैन अमेरिका में एक मसीही प्रचारक थे जो स्थान स्थान पर जाकर मसीह यीशु का प्रचार करते थे। वे एक ऐसे व्यक्ति भी थे जिन्होंने उस समय के उपनिवेशी अमेरिका में रंग-भेद और दासत्व के अन्त के लिए अभियान चला रखा था। वे दासों के मालिकों से मिलते और उन्हें दास प्रथा के अन्तर्गत किसी मनुष्य को संपत्ति के समान रखने, बेचने और खरीदने में निहित अन्याय तथा अमानवीयता के बारे में समझाते। यद्यपि वुलमैन दास प्रथा को पूरी रीति से समाप्त तो नहीं कर सके लेकिन वे कई स्वामियों को मना सके कि वे दासों को मुक्त कर दें। उनकी यह सफलता व्यक्तिगत रीति से एक-एक जन से अनुनय करने के कारण थी।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस द्वारा फिलेमौन को लिखी पत्री में भी हम व्यक्तिगत रीति से करे गए निवेदन का प्रभाव देखते हैं। फिलेमौन नामक व्यक्ति के पास ओनिसिमस नामक एक दास था, जो अपने स्वामी के पास से भाग निकला था। ओनिसिमस पौलुस के संपर्क में आया और पौलुस की सेवकाई द्वारा मसीही विश्वास में आ गया। अब पौलुस उसे वापस उसके स्वामी फिलेमौन के पास भेज रहा था, जिससे फिलेमौन और ओनेसिमुस के मतभेद दूर हो जाएं और वे प्रभु यीशु में मिलने वाली स्वतंत्रता और आनन्द के सहभागी हो जाएं। पौलुस ने फिलेमौन को लिखा: "क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। परन्तु अब से दास की नाईं नहीं, वरन दास से भी उत्तम, अर्थात भाई के समान रहे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो" (फिलेमौन 1:15-16)। हम यह तो नहीं जानते कि ओनेसिमुस दासत्व से मुक्त हो सका कि नहीं, परन्तु मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा अब उसका स्तर बदल गया था, उसके स्वामी के साथ उसका संबंध बदल गया था। अब मसीह यीशु में होकर वह अपने स्वामी का सहविश्वासी भाई था, उसी के समान मसीह यीशु का विश्वासी और मसीह यीशु की विश्वासी मण्डली का समान-स्तरीय सदस्य था। पौलुस भी व्यक्तिगत प्रयासों द्वारा ही संसार पर प्रभाव डाल रहा था।

   प्रभु यीशु मसीह में सेंत-मेंत मिलने वाली पापों की क्षमा तथा उद्धार, और सबको बिना किसी भेद-भाव के समान रूप से परमेश्वर की सन्तान होने का दर्जा मिलना जीवन को बदल देता है। पाप क्षमा तथा उद्धार का यह सुसमाचार जीवनों, संबंधों और परिस्थितियों को प्रभावित करने और बदलने की सामर्थ रखता है। शैतान इस बात को भली-भांति जानता है इसीलिए इस सुसमाचार और मसीही विश्वास के प्रचार में इतने रोड़े अटकाता है, और प्रचारकों पर अत्याचार लाता है। बूँद-बूँद से भी घड़ा भरता है; जॉन वुलमैन और पौलुस के समान ही मसीही विश्वास के सुसमाचार द्वारा संसार पर व्यक्तिगत सम्पर्क तथा अनुनय के द्वारा प्रभाव डालने वाले बनें। हर जन महत्वपूर्ण है; एक एक जन करके ही सही, संसार प्रभु यीशु और उद्धार को तो जानेगा। - डेनिस फिशर


किसी दूसरे के लिए आपके द्वारा हो सकने वाला सबसे भला कार्य है उसे सत्य से परिचित कराना।

परन्तु अब से दास की नाईं नहीं, वरन दास से भी उत्तम, अर्थात भाई के समान रहे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो। - फिलेमौन1:16

बाइबल पाठ: फिलेमौन 1:12-21
Philemon 1:12 उसी को अर्थात जो मेरे हृदय का टुकड़ा है, मैं ने उसे तेरे पास लौटा दिया है। 
Philemon 1:13 उसे मैं अपने ही पास रखना चाहता था कि तेरी ओर से इस कैद में जो सुसमाचार के कारण है, मेरी सेवा करे। 
Philemon 1:14 पर मैं ने तेरी इच्छा बिना कुछ भी करना न चाहा कि तेरी यह कृपा दबाव से नहीं पर आनन्द से हो। 
Philemon 1:15 क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। 
Philemon 1:16 परन्तु अब से दास की नाईं नहीं, वरन दास से भी उत्तम, अर्थात भाई के समान रहे जो शरीर में भी और विशेष कर प्रभु में भी मेरा प्रिय हो। 
Philemon 1:17 सो यदि तू मुझे सहभागी समझता है, तो उसे इस प्रकार ग्रहण कर जैसे मुझे। 
Philemon 1:18 और यदि उसने तेरी कुछ हानि की है, या उस पर तेरा कुछ आता है, तो मेरे नाम पर लिख ले। 
Philemon 1:19 मैं पौलुस अपने हाथ से लिखता हूं, कि मैं आप भर दूंगा; और इस के कहने की कुछ आवश्यकता नहीं, कि मेरा कर्ज जो तुझ पर है वह तू ही है। 
Philemon 1:20 हे भाई यह आनन्द मुझे प्रभु में तेरी ओर से मिले: मसीह में मेरे जी को हरा भरा कर दे। 
Philemon 1:21 मैं तेरे आज्ञाकारी होने का भरोसा रखकर, तुझे लिखता हूं और यह जानता हूं, कि जो कुछ मैं कहता हूं, तू उस से कहीं बढ़कर करेगा। 

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 62-64 
  • 1 तीमुथियुस 1


रविवार, 20 अक्टूबर 2013

संभालने वाला

   कठिन समयों में हमारा दृष्टिकोण बदल सकता है, इस बात को मुझे हाल में हुई एक वार्तालाप ने स्मरण दिलाया। मैं और मेरी पत्नि, एक हमारे ही समान दुखियारी माँ से बातचीत कर रहे थे; जैसा हमारे साथ हुआ था, वैसे ही उस महिला की बेटी की भी किशोरावस्था में अनायास ही, बिना किसी चेतावनी के मृत्यु हो गई थी। उस महिला ने हमें बताया कि उन्हें अपने बेटी की कमी बहुत खलती है, और उन्होंने परमेश्वर से कहा कि इस दुख के कारण उनको लगता है कि उनका परमेश्वर में विश्वास छूट ही चला है और वे उसे बस मानो ऊँगली के नाखूनों के सहारे ही थामे हुई हैं। तब उन्हें महसूस हुआ कि परमेश्वर उन्हें कह रहा है कि उसका संभालने वाला हाथ उन के साथ है और उसने उन्हें थामा हुआ है। वे निश्चिन्त होकर अपने आप को उसके संभालने वाले हाथों में छोड़ दें, परमेश्वर उन्हें थामे और उठाए रखेगा - यह दृष्टिकोण रखना कितना अधिक उत्तम और भला है।

   यह हमें स्मरण दिलाता है कि जब परेशानियाँ आएं और हमें लगे कि अब शायद हम परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास को और थामे नहीं रह सकते, तब भी हमारा विश्वास में बने रहना हमारी सामर्थ पर नहीं वरन परमेश्वर के सम्भालने वाले हाथ पर निर्भर है और उसका सहारा तथा उसकी सहायता उसके बच्चों के प्रति सदा बनी रहती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने कहा, "मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है" (भजन 37:23-24); तथा, "मेरा मन तेरे पीछे पीछे लगा चलता है; और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है" (भजन 63:8)।

   जब कठिन समयों में हम अपने विश्वास को अपने ही प्रयासों से थामे रहने तथा किसी ना किसी प्रकार परमेश्वर से लिपटे रहने के प्रयासों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि परमेश्वर द्वारा हमें सदा थामे रहने की प्रतिज्ञा को भूल बैठते हैं, तब हमें स्मरण रखना चाहिए कि हमारा विश्वास में स्थिर बने रहना हमारे ऊँगुली के नाखूनों की ताकत पर नहीं वरन परमेश्वर के संभालने वाले हाथ और हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम पर निर्भर है, और उसका वायदा है कि "...मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा" (इब्रानियों 13:5)। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर के हाथ द्वारा संभाले हुए से अधिक सुरक्षित और कोई नहीं है।

यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है। - भजन145:14

बाइबल पाठ: भजन 37:23-34
Psalms 37:23 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; 
Psalms 37:24 चाहे वह गिरे तौभी पड़ा न रह जाएगा, क्योंकि यहोवा उसका हाथ थामे रहता है।
Psalms 37:25 मैं लड़कपन से ले कर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है। 
Psalms 37:26 वह तो दिन भर अनुग्रह कर कर के ऋण देता है, और उसके वंश पर आशीष फलती रहती है।
Psalms 37:27 बुराई को छोड़ भलाई कर; और तू सर्वदा बना रहेगा। 
Psalms 37:28 क्योंकि यहोवा न्याय से प्रीति रखता; और अपने भक्तों को न तजेगा। उनकी तो रक्षा सदा होती है, परन्तु दुष्टों का वंश काट डाला जाएगा। 
Psalms 37:29 धर्मी लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और उस में सदा बसे रहेंगे।
Psalms 37:30 धर्मी अपने मुंह से बुद्धि की बातें करता, और न्याय का वचन कहता है। 
Psalms 37:31 उसके परमेश्वर की व्यवस्था उसके हृदय में बनी रहती है, उसके पैर नहीं फिसलते।
Psalms 37:32 दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है। 
Psalms 37:33 यहोवा उसको उसके हाथ में न छोड़ेगा, और जब उसका विचार किया जाए तब वह उसे दोषी न ठहराएगा।
Psalms 37:34 यहोवा की बाट जोहता रह, और उसके मार्ग पर बना रह, और वह तुझे बढ़ाकर पृथ्वी का अधिकारी कर देगा; जब दुष्ट काट डाले जाएंगे, तब तू देखेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 59-61 
  • 2 थिस्सुलुनीकियों 3