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रविवार, 13 दिसंबर 2015

चिरस्थायी ईनाम


   ओलंपिक खेलों में सबसे अधिक, 18 स्वर्ण पदक पाने का कीर्तिमान युक्रेन की जिमनैस्ट, लरीसा लतिनीना के पास था; उसने उन पदकों को 1956, 1960 और 1964 के ओलंपिक खेलों में जीता था। 48 वर्ष तक बने रहने वाला उनका यह कीर्तिमान तब टूटा जब 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में माईकल फेल्प्स ने अपना 19वें पदक 4 x 200 मीटर की तैराकी प्रतियोगिता में प्राप्त किया। इसके बारे में International Gymnast नामक पत्रिका के प्रकाशक ने कहा, लतिनीना इतिहास में कहीं खो गई थी; जब सोवियत यूनियन का विभाजन हुआ, हम उनके बारे में भूल गए।

   प्रेरित पौलुस हमें याद दिलाता है कि कभी कभी मेहनत से किया गया कार्य भी भुला दिया जाता है। खिलाड़ी अपने शरीरों की कड़ी मेहनत और अनुशासन के द्वारा नाशमान ईनामों को पाने के प्रयास करते हैं (1कुरिन्थियों 9:25)। लेकिन केवल ईनाम या पदक ही नाशमान नहीं होते, समय के साथ उन उपलब्धियों की यादें भी धूमिल पड़ती जाती हैं और समाप्त हो जाती हैं। यदि खिलाड़ी इस पृथ्वी पर नाशमान और भुला दिए जाने वाले ईनाम पाने के लिए इतनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ प्रयासरत रह सकते हैं तो हम मसीही विश्वासियों को अपने अविनाशी मुकटों को पाने के लिए कितनी अधिक मेहनत करने और अनुशासन रखने वाला होना चाहिए (1तिमुथियुस 4:8)?

   खिलाड़ियों के दृढ़ निश्चय और बलिदान का प्रतिफल उन्हें पदकों, ट्रोफियों और पैसे के रूप में मिलता है। लेकिन हमारा परमेश्वर पिता अपने बच्चों के अनुशासन का प्रतिफल इससे भी कहीं अधिक बढ़कर देगा (लूका 19:17)।

   जिस प्रभु यीशु ने हमसे हमारी पापों की दशा में ही प्रेम किया और हमारे लिए अपने आप को बलिदान कर दिया, उसके लिए हमारे प्रेम और सेवकाई की सेवा को परमेश्वर पिता कभी नहीं भुलाएगा, वह हमें चिरस्थायी ईनाम देगा। - सी. पी. हिया


परमेश्वर के राज्य के लिए किया गया बलिदान सदा पुरस्कृत होता है।

क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आने वाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है। - 1तिमुथियुस 4:8

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 9:24-27
1 Corinthians 9:24 क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। 
1 Corinthians 9:25 और हर एक पहलवान सब प्रकार का संयम करता है, वे तो एक मुरझाने वाले मुकुट को पाने के लिये यह सब करते हैं, परन्तु हम तो उस मुकुट के लिये करते हैं, जो मुरझाने का नहीं। 
1 Corinthians 9:26 इसलिये मैं तो इसी रीति से दौड़ता हूं, परन्तु बेठिकाने नहीं, मैं भी इसी रीति से मुक्कों से लड़ता हूं, परन्तु उस की नाईं नहीं जो हवा पीटता हुआ लड़ता है। 
1 Corinthians 9:27 परन्तु मैं अपनी देह को मारता कूटता, और वश में लाता हूं; ऐसा न हो कि औरों को प्रचार कर के, मैं आप ही किसी रीति से निकम्मा ठहरूं।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 12-14
  • प्रकाशितवाक्य 4


शनिवार, 12 दिसंबर 2015

वेशभूषा या वर्दी?


   मसीही शिष्यता पर यूनिस मैक्गैरेहन ने प्रोत्साहित करने वाली वार्ता प्रस्तुत करी। उस वार्ता में कही गई बातों में से एक थी, "वेशभूषा वह होती है जिसे आप पहनकर कोई अन्य होने का स्वाँग भरते हैं; जबकि वर्दी वह होती है जो आपको स्मरण दिलाती है कि आप कौन हैं और आपको किस उद्देश्य तथा ज़िम्मेदारी के लिए नियुक्त किया गया है।"

   यूनिस की इस बात से मुझे सेना में बुनियादी प्रशिक्षण की अपनी भरती के पहले दिन की याद दिलाई। भरती की कार्यवाही पूरी करने के बाद शिविर में पहुंचते ही हम सब रंगरूटों को एक एक डब्बा दिया गया और हम से कहा गया कि हम अपने सारे असैनिक कपड़े उस डब्बे में डाल दें, और फिर वह डब्बा हम सबके घरों को भेज दिया गया। उसके बाद प्रति दिन जो वर्दी हम पहनते थे वह हमें स्मरण दिलाती थी कि हम एक विशिषट अनुशासनपूर्ण प्रशिक्षण के लिए आए हैं जो हमारे व्यवहार और कार्यशैली को बदल देगा।

   प्रेरित पौलुस ने रोम में रह रहे मसीही विश्वासियों को लिखा, "...हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें" (रोमियों 13:12)। फिर पौलुस ने उन्हें आगे लिखा कि वे मसीह यीशु को पहिन लें और अन्धकार कामों को तज दें। इस तज देने और पहिन लेने का उद्देश्य था एक परिवर्तित जीवन जीना। जब हम मसीह यीशु के पीछे चलने तथा उसे अपना प्रभु स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं तो वह हमें अपनी समानता में ढालने की प्रक्रिया हमारे जीवनों में आरंभ करता है, और प्रतिदिन हमें अपनी समानता में ढालता जाता है।

   जो हम वास्तव में अन्दर से नहीं हैं उसे महज़ औपचारिकता तथा दिखावे के लिए संसार के समक्ष प्रस्तुत करना मसीही शिष्यता नहीं वरन एक प्रकार की वेशभूषा पहिन कर स्वांग भरने के समान है; जबकि मसीह यीशु में आने के कारण जो हम हो गए हैं और होते जा रहे हैं उसे अपने जीवनों से दिखाना मसीही वर्दी पहिन कर वास्तव में मसीही शिष्यता का जीवन जीना है। - डेविड मैक्कैसलैंड


उद्धार तो मुफ्त है, लेकिन मसिही शिष्यता की कीमत सम्पूर्ण जीवन का सम्पूर्ण समर्पण है। - डीट्रिश बॉनहॉफर

परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18 

बाइबल पाठ: रोमियों 13:11-14
Romans 13:11 और समय को पहिचान कर ऐसा ही करो, इसलिये कि अब तुम्हारे लिये नींद से जाग उठने की घड़ी आ पहुंची है, क्योंकि जिस समय हम ने विश्वास किया था, उस समय के विचार से अब हमारा उद्धार निकट है। 
Romans 13:12 रात बहुत बीत गई है, और दिन निकलने पर है; इसलिये हम अन्धकार के कामों को तज कर ज्योति के हथियार बान्ध लें। 
Romans 13:13 जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में। 
Romans 13:14 वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 9-11
  • प्रकाशितवाक्य 3


शुक्रवार, 11 दिसंबर 2015

आशा


   कार्य में होने तथा पास्टर होने का कार्य भी करने के कारण यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अनेक लोगों के साथ वार्तालाप में रह सकता हूँ। मेरे संपर्क में आने वाले अनेक लोग मसीही विश्वास को लेकर संशय में होते हैं। मैंने पाया है कि उनका यह संशय मुख्यतः तीन कारणों से होता है जिससे वे अपने पापों की क्षमा और उद्धार के लिए प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास नहीं कर पाते।

   सबसे पहला कारण है, और यह बड़े अचरज की बात है कि वे परमेश्वर के अस्तित्व पर विश्वास रखते हुए भी यह समझते हैं कि वे परमेश्वर के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं, परमेश्वर उनपर ध्यान नहीं देगा। दूसरा कारण है कि लोग समझते हैं कि वे परमेश्वर की क्षमा के योग्य नहीं हैं; लोग अपने ही सबसे कठोर आलोचक होते हैं। और तीसरा कारण है कि लोग असमंजस में रहते हैं कि यदि वह विद्यमान है तो फिर क्यों परमेश्वर उनसे संपर्क या संवाद नहीं कर रहा है?

   आईए हम इन तीनों कारणों पर परमेश्वर के वचन बाइबल के आधार पर थोड़ा विचार करें, जिसके लिए हम उपरोक्त कारणों को उलटे क्रम में लेंगे। परमेश्वर सबको समान दृष्टि से देखता है; उसका वायदा है कि यदि हम उसके वचन को पढ़ेंगे तो वह निश्चित करेगा कि वचन हमारे जीवनों में कार्य करे और परमेश्वर के उद्देश्यों की पूर्ति हो (यशायाह 55:11); कहने का तात्पर्य है कि यदि हम बाइबल को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि परमेश्वर हम से संपर्क और संवाद कर रहा है। इसीलिए बाइबल अनेक बार सबके प्रति परमेश्वर की दया और अनुग्रह की बात करती है, और हमें बताती है कि परमेश्वर की क्षमा करने की इच्छा और तत्परता हमारी अपनी क्षमता से कहीं अधिक बढ़कर है; इसलिए कोई भी उसकी क्षमा की सीमा से बाहर नहीं है और वह सबको क्षमा करने के लिए तैयार है (1 यूहन्ना 1:9)। अब जब हम यह जान चुके हैं कि परमेश्वर अपने वचन बाइबल के द्वारा हम से बातचीत करता है, और हमने उसकी दया और अनुग्रह को भी जान लिया है तो फिर हमारे लिए यह समझ पाना कठिन नहीं है कि हम जब भी उसे पुकारते हैं वह हमारी सुनता है, हम पर ध्यान करता है।

   परमेश्वर के द्वार सभी के लिए खुले हैं, उसके पास सभी के लिए आशा है, बस हमें अपनी धारणाओं से निकलकर उसके पास आने की देर है। - रैंडी किलगोर


सच्चा संशय दृढ़ विश्वास की ओर पहला कदम हो सकता है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9

बाइबल पाठ: यशायाह 55:6-13
Isaiah 55:6 जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो; 
Isaiah 55:7 दुष्ट अपनी चालचलन और अनर्थकारी अपने सोच विचार छोड़कर यहोवा ही की ओर फिरे, वह उस पर दया करेगा, वह हमारे परमेश्वर की ओर फिरे और वह पूरी रीति से उसको क्षमा करेगा। 
Isaiah 55:8 क्योंकि यहोवा कहता है, मेरे विचार और तुम्हारे विचार एक समान नहीं है, न तुम्हारी गति और मेरी गति एक सी है। 
Isaiah 55:9 क्योंकि मेरी और तुम्हारी गति में और मेरे और तुम्हारे सोच विचारों में, आकाश और पृथ्वी का अन्तर है।
Isaiah 55:10 जिस प्रकार से वर्षा और हिम आकाश से गिरते हैं और वहां यों ही लौट नहीं जाते, वरन भूमि पर पड़कर उपज उपजाते हैं जिस से बोने वाले को बीज और खाने वाले को रोटी मिलती है, 
Isaiah 55:11 उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा।
Isaiah 55:12 क्योंकि तुम आनन्द के साथ निकलोगे, और शान्ति के साथ पहुंचाए जाओगे; तुम्हारे आगे आगे पहाड़ और पहाडिय़ां गला खोल कर जयजयकार करेंगी, और मैदान के सब वृक्ष आनन्द के मारे ताली बजाएंगे। 
Isaiah 55:13 तब भटकटैयों की सन्ती सनौवर उगेंगे; और बिच्छु पेड़ों की सन्ती मेंहदी उगेगी; और इस से यहोवा का नाम होगा, जो सदा का चिन्ह होगा और कभी न मिटेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-8
  • प्रकाशितवाक्य 2


गुरुवार, 10 दिसंबर 2015

उपहार


   क्रिसमस के समय दिखाया जाने वाला एक टेलिविज़न विज्ञापन मुझे मनोरंजक लगता है। इस विज्ञापन में दो पड़ौसियों को दिखाया गया है जो मित्र-भावना के साथ परस्पर प्रतिस्पर्धा में हैं कि कौन क्रिसमस का आनन्द सबसे अधिक बाँट सकता है। दोनों ही अपने घरों को सजाने तथा पेड़ों पर बत्तियां लगाते में एक दूसरे पर नज़र रखते हैं, फिर दोनों ही अपने स्थान को दूसरे से अधिक अच्छा दिखाने के लिए उसे और उन्नत करते हैं, फिर एक से बढ़कर दूसरा अपने अन्य पड़ौसियों में उपहार बाँटता फिरता है।

   लेकिन वास्तविकता में परमेश्वर के लोग ऐसी किसी प्रतिस्पर्धा में नहीं रहते, और ना ही सब लोगों को यह दिखाते हैं कि कौन कितना और बेहतर दे सकता है। परमेश्वर का वचन बाइबल हम मसीही विश्वसियों को सिखाती है कि हम, "भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्‍पर हों" (1 तिमुथियुस 6:18)। प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के मसीही विश्वासियों को लिखा, "हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है" (2 कुरिन्थियों 9:7)।

   क्रिसमस के समय में हम एक दूसरे के साथ उपहार बाँट कर हमारे लिए परमेश्वर के उदार उपहार - अपने पुत्र को हमारे लिए बलिदान होने को दे देना स्मरण करते हैं। रे स्टेडमैन कहते हैं, "यीशु अपने वैभव और अमीरी को छोड़ कर इस संसार में ग़रीब बनकर आया जिससे कि अपने अनुग्रह के धन से हमें धनी बना सके।"

   कोई भी उपहार परमेश्वर द्वारा दिए गए इस उपहार का मुकाबला नहीं कर सकता। परमेश्वर के इस वर्णन से बाहर उपहार, प्रभु यीशु मसीह, के लिए हम परमेश्वर के कृतज्ञ और धन्यवादी रहें। - ऐनी सेटास


मसीह यीशु से बढ़कर और कोई उपहार है ही नहीं।

सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्‍न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ। - 2 कुरिन्थियों 8:7

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 9:6-15
2 Corinthians 9:6 परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। 
2 Corinthians 9:7 हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है। 
2 Corinthians 9:8 और परमेश्वर सब प्रकार का अनुग्रह तुम्हें बहुतायत से दे सकता है जिस से हर बात में और हर समय, सब कुछ, जो तुम्हें आवश्यक हो, तुम्हारे पास रहे, और हर एक भले काम के लिये तुम्हारे पास बहुत कुछ हो। 
2 Corinthians 9:9 जैसा लिखा है, उसने बिथराया, उसने कंगालों को दान दिया, उसका धर्म सदा बना रहेगा। 
2 Corinthians 9:10 सो जो बोने वाले को बीज, और भोजन के लिये रोटी देता है वह तुम्हें बीज देगा, और उसे फलवन्‍त करेगा; और तुम्हारे धर्म के फलों को बढ़ाएगा। 
2 Corinthians 9:11 कि तुम हर बात में सब प्रकार की उदारता के लिये जो हमारे द्वारा परमेश्वर का धन्यवाद करवाती है, धनवान किए जाओ। 
2 Corinthians 9:12 क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है। 
2 Corinthians 9:13 क्योंकि इस सेवा से प्रमाण ले कर वे परमेश्वर की महिमा प्रगट करते हैं, कि तुम मसीह के सुसमाचार को मान कर उसके आधीन रहते हो, और उन की, और सब की सहायता करने में उदारता प्रगट करते रहते हो। 
2 Corinthians 9:14 ओर वे तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं; और इसलिये कि तुम पर परमेश्वर का बड़ा ही अनुग्रह है, तुम्हारी लालसा करते रहते हैं। 
2 Corinthians 9:15 परमेश्वर को उसके उस दान के लिये जो वर्णन से बाहर है, धन्यवाद हो।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 1-4
  • प्रकाशितवाक्य 1


बुधवार, 9 दिसंबर 2015

परिस्थितियाँ


   परमेश्वर के भविष्यद्वक्ता योना और उसका परमेश्वर के निर्देशों का पालन ना करने की कहानी हमें सिखाती है कि कैसे परमेश्वर परिस्थितियों को, चाहे वे भली हों या बुरी, हमें जागरूक करने और हमें भला बनाने के लिए प्रयोग करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में योना की पुस्तक में हम देखते हैं कि परमेश्वर ने पाँच बार योना के लिए कुछ परिस्थितियाँ तैयार करीं, कुछ भली तो कुछ कष्टप्रद।

   हम योना 1:4 में पढ़ते हैं कि परमेश्वर ने उसकी आज्ञाकारिता से बचकर भाग रहे योना को लौटा लाने के लिए तूफान को भेजा, "तब यहोवा ने समुद्र में एक प्रचण्ड आंधी चलाई, और समुद्र में बड़ी आंधी उठी, यहां तक कि जहाज टूटने पर था" (योना 1:4)। जब उस जलपोत के नाविकों ने जाना कि उनके तूफान में फंसने का कारण योना ही है, तो योना के कहने पर उन्होंने उसे समुद्र में फेंक दिया (योना 1:15), जहाँ परमेश्वर ने पहले से उसके लिए एक बड़ा मच्छ ठहरा रखा था जिसने उसे निगल कर डूबने से बचा लिया (योना 1:17)। आगे चलकर हम पाते हैं कि परमेश्वर ने योना को कड़ी धूप से छाया देने के लिए एक पेड़ को उगाया (योना 4:6), और फिर परमेश्वर ने योना को समझाने के लिए पहले एक कीड़े को भेजा जिसने उस पेड़ को नाश करके योना पर से उसकी छाया को हटा दिया, फिर तेज़ लू और धूप को भेजा (योना 4:7-9)। इन सब परिस्थितियों के द्वारा परमेश्वर ने योना पर उसके बलवई तथा दयाविहीन मन को उजागर किया, योना को तैयार किया कि परमेश्वर उससे बात कर सके और उसे समझा सके।

   अपने जीवनों में जब हम भिन्न परिस्थितियों का सामना करते हैं तो हमें स्मरण रखना चाहिए कि चाहे आशीष हो या परेशानी, परमेश्वर की पूर्ण प्रभुता प्रत्येक बात और परिस्थिति पर रहती है। परमेश्वर हर परिस्थिति के द्वारा हमारे चरित्र का निर्माण करता रहता है (याकूब 1:1-5)। वह भली और कष्टप्रद, दोनों ही बातों को हमें सुधारने और हमारा मार्गदर्शन करने के लिए प्रयोग करता है। - डेनिस फिशर


परमेश्वर देता भी है और ले भी लेता है; हर बात से उसकी महिमा हो, उसका नाम धन्य हो।

हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है। - याकूब 1:2-3

बाइबल पाठ: योना4:1-11
Jonah 4:1 यह बात योना को बहुत ही बुरी लगी, और उसका क्रोध भड़का। 
Jonah 4:2 और उसने यहोवा से यह कह कर प्रार्थना की, हे यहोवा जब मैं अपने देश में था, तब क्या मैं यही बात न कहता था? इसी कारण मैं ने तेरी आज्ञा सुनते ही तर्शीश को भाग जाने के लिये फुर्ती की; क्योंकि मैं जानता था कि तू अनुग्रहकारी और दयालु परमेश्वर है, विलंब से कोप करने वाला करूणानिधान है, और दु:ख देने से प्रसन्न नहीं होता। 
Jonah 4:3 सो अब हे यहोवा, मेरा प्राण ले ले; क्योंकि मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही भला है। 
Jonah 4:4 यहोवा ने कहा, तेरा जो क्रोध भड़का है, क्या वह उचित है? 
Jonah 4:5 इस पर योना उस नगर से निकल कर, उसकी पूरब ओर बैठ गया; और वहां एक छप्पर बना कर उसकी छाया में बैठा हुआ यह देखने लगा कि नगर को क्या होगा? 
Jonah 4:6 तब यहोवा परमेश्वर ने एक रेंड़ का पेड़ लगा कर ऐसा बढ़ाया कि योना के सिर पर छाया हो, जिस से उसका दु:ख दूर हो। योना उस रेंड़ के पेड़ के कारण बहुत ही आनन्दित हुआ। 
Jonah 4:7 बिहान को जब पौ फटने लगी, तब परमेश्वर ने एक कीड़े को भेजा, जिसने रेंड़ का पेड़ ऐसा काटा कि वह सूख गया। 
Jonah 4:8 जब सूर्य उगा, तब परमेश्वर ने पुरवाई बहा कर लू चलाई, और घाम योना के सिर पर ऐसा लगा कि वह मूर्च्छा खाने लगा; और उसने यह कह कर मृत्यु मांगी, मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही अच्छा है। 
Jonah 4:9 परमेश्वर ने योना से कहा, तेरा क्रोध, जो रेंड़ के पेड़ के कारण भड़का है, क्या वह उचित है? उसने कहा, हां, मेरा जो क्रोध भड़का है वह अच्छा ही है, वरन क्रोध के मारे मरना भी अच्छा होता। 
Jonah 4:10 तब यहोवा ने कहा, जिस रेंड़ के पेड़ के लिये तू ने कुछ परिश्रम नहीं किया, न उसको बढ़ाया, जो एक ही रात में हुआ, और एक ही रात में नाश भी हुआ; उस पर तू ने तरस खाया है। 
Jonah 4:11 फिर यह बड़ा नगर नीनवे, जिस में एक लाख बीस हजार से अधिक मनुष्य हैं, जो अपने दाहिने बाएं हाथों का भेद नहीं पहिचानते, और बहुत घरेलू पशु भी उस में रहते हैं, तो क्या मैं उस पर तरस न खाऊं?

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 11-12
  • यहूदा


मंगलवार, 8 दिसंबर 2015

भय


   बच्चों की संगीत मण्डली कई सप्ताह से अभ्यास में लगी हुई थी और अब वह संध्या आ गई थी जब उन्हें अपना क्रिसमस कार्यक्रम प्रस्तुत करना था। कार्यक्रम के भिन्न भागों में अपनी अपनी भूमिका के अनुसार पोशाकें पहने सामने मंच पर जाने के लिए बच्चे हॉल में पिछले दरवाज़े से प्रवेश करने लगे। तभी हमें कुछ शोर-गुल सुनाई दिया, तो मैंने और मेरी पत्नि ने मुडकर पीछे की ओर देखा; हमारा सबसे छोटा बेटा मैट दरवाज़े के हैंडल को पूरी ताकत से पकड़े ज़ोर ज़ोर से रो रहा था, उसके चेहरे पर भय छाया हुआ था और वह हॉल में प्रवेश करने के लिए कतई तैयार नहीं हो रहा था। उसे बहुत समझाने-बुझाने का प्रयास करने के बाद अन्ततः कार्यक्रम के निर्देशक ने उसे आश्वस्त किया कि उसे मंच पर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी; वह हॉल में हमारे साथ बैठ सकता है। तब ही मैट ने हॉल में प्रवेश किया, वह हमारे साथ बैठा और कुछ ही समय में उसका भय भी जाता रहा।

   यद्यपि हम सामान्यतः क्रिसमस को भय के साथ जोड़कर नहीं देखते, लेकिन प्रभु यीशु के जन्म की उस रात को भय विद्यमान था। परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका, उन गड़रियों के विषय में जिन्हें सर्वप्रथम प्रभु यीशु के जन्म का समाचार दिया गया, लिखता है: "और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए" (लूका 2:9)। उन गड़रियों के लिए स्वर्गदूत को देखना भयभीत कर देने वाली घटना थी। परन्तु उस स्वर्गदूत ने उन्हें ढाढ़स बंधाया और उन से कहा, "...मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा" (लूका 2:10)।

   अनेक प्रकार के भय से भरे इस संसार में प्रभु यीशु शांति का राजकुमार बनकर आए (यशायाह 9:6)। आज उनकी इस शांति की सारे संसार को बहुत आवश्यकता है। प्रभु यीशु की संगती हमारे हर भय को शांत करती है, हमें हर बात के लिए आश्वस्त करती है क्योंकि उन्होंने स्वयं कहा है, "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है" (यूहन्ना 16:33)।


देहधारी परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए हर भय का अन्त है। - एफ़. बी. मेयर

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्‌भुत, युक्ति करने वाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। - यशायाह 9:6

बाइबल पाठ: लूका 2:8-20
Luke 2:8 और उस देश में कितने गड़रिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 
Luke 2:9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए। 
Luke 2:10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। 
Luke 2:11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 
Luke 2:12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े में लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। 
Luke 2:13 तब एकाएक उस स्वर्गदूत के साथ स्‍वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्‍तुति करते हुए और यह कहते दिखाई दिया। 
Luke 2:14 कि आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है शान्‍ति हो।
Luke 2:15 जब स्वर्गदूत उन के पास से स्वर्ग को चले गए, तो गड़रियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जा कर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। 
Luke 2:16 और उन्होंने तुरन्त जा कर मरियम और यूसुफ को और चरनी में उस बालक को पड़ा देखा। 
Luke 2:17 इन्हें देखकर उन्होंने वह बात जो इस बालक के विषय में उन से कही गई थी, प्रगट की। 
Luke 2:18 और सब सुनने वालों ने उन बातों से जो गड़रियों ने उन से कहीं आश्चर्य किया। 
Luke 2:19 परन्तु मरियम ये सब बातें अपने मन में रखकर सोचती रही। 
Luke 2:20 और गड़रिये जैसा उन से कहा गया था, वैसा ही सब सुनकर और देखकर परमेश्वर की महिमा और स्‍तुति करते हुए लौट गए।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 8-10
  • 3यूहन्ना


सोमवार, 7 दिसंबर 2015

ज्योति


   प्रति वर्ष दिसंबर के महीने में हमारे घर के निकट के 13 घरों एक मोहल्ले के सभी परिवार मिलकर 300,000 बत्तियों से बनी क्रिसमस ज्योति सजाते हैं। बत्तियों की यह सज्जा इतनी भव्य होती है कि लोग दूर दूर से उसे देखने आते हैं और घंटों पंक्ति में खड़े रहकर उन रंगीन जलती-बुझती-चमकती बत्तियों को देखने तथा उनके साथ बजने वाले संगीत का आनन्द लेते हैं। बत्तियों और संगीत के इस समागम को सुचारू रूप से चलाते रहने के लिए उन लोगों को 64 कंप्यूटरों की सहायता लेनी पड़ती है।

   जब मैं अवकाश काल में लगाई और जलाई जाने वाली इन ज्योतियों के बारे में सोचती हूँ तो मेरा ध्यान उस सच्ची ज्योति की ओर भी जाता है जिस के कारण क्रिसमस संभव हुआ - वह एकल तेजोमय ज्योति जो अपने प्रेम, खराई और न्याय से सारे जगत को रौशन करती है। यह एकमात्र ज्योति है प्रभु यीशु मसीह, और सारे संसार की हर आवश्यकता के लिए वही काफी है (यशायाह 9:2, 6-7)। हमारे जीवनों की इस ज्योति ने हमें, जो उसके अनुयायी हैं, यह कहा है कि उसकी इस ज्योति को सारे संसार में प्रदर्शित करें जिससे लोग उस ज्योति को देखकर परमेश्वर कि महिमा करने पाएं (मत्ती 5:16)।

   ज़रा विचार कीजिए, क्रिसमस की बत्तियों को लगाने और सुचारू रूप से चलाने के लिए मेहनत करने वाले उन 13 परिवारों के समान यदि हम मसीही विश्वासी भी परमेश्वर कि सच्ची ज्योति को लोगों के जीवनों तथा संसार को ज्योतिर्मय करने के लिए एक जुट और प्रयासरत हो जाएं तो कैसा रहे? फिर पाप के अन्धकार में रहने और जीने वाले लोगों को जीवन की ज्योति को ढूंढ़ने की आवश्यकता ही नहीं रहेगी, वह ज्योति उनके चारों ओर उन्हें चमकती मिलेगी।

   जब मसीही विश्वासी एक साथ मिलकर परमेश्वर के प्रेम की ज्योति को अपने अपने जीवनों से प्रदर्शित करेंगे, तो उद्धार तथा पाप-क्षमा के सुसमाचार की यह ज्योति और अधिक चमकेगी, और अधिक लोगों को प्रभु यीशु के पास आकर्षित करेगी और संसार को सच्ची ज्योति से ज्योतिर्मय कर देगी। - जूली ऐकैरमैन लिंक


संसार के पाप के अन्धकार में हमारे मसीही जीवन की गवाही आशा की ज्योति है।

जो लोग अन्धकार में बैठे थे उन्होंने बड़ी ज्योति देखी; और जो मृत्यु के देश और छाया में बैठे थे, उन पर ज्योति चमकी। - मत्ती 4:16

बाइबल पाठ: मत्ती 5:13-16
Matthew 5:13 तुम पृथ्वी के नमक हो; परन्तु यदि नमक का स्‍वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इस के कि बाहर फेंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। 
Matthew 5:14 तुम जगत की ज्योति हो; जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता। 
Matthew 5:15 और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। 
Matthew 5:16 उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 5-7
  • 2यूहन्ना