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रविवार, 14 फ़रवरी 2016

सच्चा प्रेम


   मेरे भाई के विवाह समारोह के पूर्वाभ्यास के समय मेरे पति ने होने वाले पति-पत्नि का एक चित्र खींचा जिसमें वे एक दुसरे की ओर मुँह किए हुए पास्टर के सामने खड़े थे। बाद में जब हम ने उस चित्र को देखा तो पाया कि कैमरे के फ्लैश से पृष्ठभूमि में टंगा धातु से बना एक क्रूस चमक उठा था और उस दंपत्ति के ऊपर खड़े एक चमकते हुए क्रूस के समान दिख रहा था।

   इस चित्र ने मुझे स्मरण कराया कि विवाह प्रभु यीशु मसीह के अपनी विश्वासियों की मण्डली के प्रति प्रेम का सूचक है, उस प्रेम का जिसे प्रभु यीशु ने क्रूस पर दर्शाया था। जब परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि पति को अपने पत्नियों से प्रेम करना है (इफिसियों 5:25), तो परमेश्वर इस प्रेम को समझाने के लिए प्रभु यीशु के द्वारा अपनी मण्डली से किए गए विश्वासयोग्य, स्वार्थविहीन प्रेम का उदाहरण देता है। क्योंकि इस प्रेम के अन्तर्गत प्रभु यीशु ने अपने प्राण बलिदान कर दिए, हमें भी एक दूसरे से प्रेम करना है (1 यूहन्ना 4:10-11)। प्रभु हमारे लिए मरा ताकि हमारे पाप हमें परमेश्वर से अनन्त दूरी में रख सकें। प्रभु ने वह कर दिखाया जो उसने अपने शिष्यों से कहा था: "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे" (यूहन्ना 15:13)।

   हम में से अनेक लोग त्यागे जाने, तुच्छ समझ कर तिरिस्कृत होने और धोखा दिए जाने की पीड़ा को जानते हैं, उसे सहा है। लेकिन इस सब के बावजूद, मसीह यीशु में होकर हम एक बलिदानपूर्ण, अनुकम्पा से भरे और चिरस्थाई सच्चे प्रेम का अनुभव कर सकते हैं।

   आज यह मत भूलें कि परमेश्वर आप से प्रेम करता है; और उसने आपके लिए क्रूस पर अपने प्राण बलिदान करके इसे प्रमाणित किया है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


प्रभु यीशु के क्रूस से बढ़कर स्पष्टता से परमेश्वर के प्रेम को और कुछ नहीं दिखा सकता।

प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए। - 1 यूहन्ना 4:10-11

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:9-17
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो। 
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं। 
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। 
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। 
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। 
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो। 
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्‍वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। 
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे। 
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 15-16
  • मत्ती 27:1-26


शनिवार, 13 फ़रवरी 2016

चरित्र या ख्याति?


   प्रसिद्ध बास्केटबॉल प्रशिक्षक जौन वुडन (1910-2010) का मानना था कि चरित्र ख्याति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। वे अकसर अपने खिलाड़ियों से कहा करते थे कि, "आपकी ख्याति वह है जैसा दूसरे लोग आपको देखते हैं; परन्तु आपका चरित्र वह है जो आप वास्तव में हैं। केवल आप ही हैं जो अपने चरित्र को जानते हैं। आप दूसरों को धोखा दे सकते हैं, लेकिन अपने आप को धोखा नहीं दे सकते।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रकाशितवाक्य नामक पुस्तक में हम पुनरुथित प्रभु यीशु द्वारा सात मसीही मण्डलियों को उनके बारे में कही गई बातें पाते हैं। सरदीस की मण्डली के लिए प्रभु यीशु ने कहा, "और सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि, जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूं, कि तू जीवता तो कहलाता है, पर, है मरा हुआ" (प्रकाशितवाक्य 3:1)। प्रभु उनकी हकीकत को जानता था, और निःसन्देह उस मण्डली के लोग स्वयं भी अपनी इस हकीकत को जानते थे। प्रभु यीशु ने उन्हें सचेत किया कि वे जागरूक हों और अपने आत्मिक जीवन को सुदृढ़ करें जो समाप्त होने को था (पद 2)। इसके लिए प्रभु ने उन से अनुरोध किया कि वे उस सत्य को स्मरण करें जो उन्हें दिया गया था, उसका पालन करें और पुनः सच्चाई की ओर फिरकर नई दिशा में अग्रसर हों (पद 3)।

   जब प्रभु हमें दिखाता है कि हमारे जीवनों में क्या गलत है, तो साथ ही वह उस गलती को सुधारने का मार्ग भी बताता है। जब भी हम अपने पापों से फिरकर पश्चाताप में उसके पास आते हैं, वह हमें क्षमा करता है और हमें सामर्थ देता है कि हम एक नई शुरुआत कर सकें।

   प्रभु यीशु को जानने और मानने से होने वाला परिवर्तन, एक आडंबरी एवं झूठी आत्मिक ख्याति का एक सच्चे और खरे चरित्र में परिवर्तित होना, कितना उन्मुक्त कर देने वाला होता है, यह अनुभव से ही जाना जा सकता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


हमारे चरित्र का सही आँकलन वे कार्य हैं जो हम तब करते हैं जब हमें कोई नहीं देख रहा होता है।

और हे मेरे पुत्र सुलैमान! तू अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान रख, और खरे मन और प्रसन्न जीव से उसकी सेवा करता रह; क्योंकि यहोवा मन को जांचता और विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है उसे समझता है। यदि तू उसकी खोज में रहे, तो वह तुझ को मिलेगा; परन्तु यदि तू उसको त्याग दे तो वह सदा के लिये तुझ को छोड़ देगा। - 1 इतिहास 28:9

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 3:1-6
Revelation 3:1 और सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि, जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूं, कि तू जीवता तो कहलाता है, पर, है मरा हुआ। 
Revelation 3:2 जागृत रह, और उन वस्‍तुओं को जो बाकी रह गई हैं, और जो मिटने को थी, उन्हें दृढ़ कर; क्योंकि मैं ने तेरे किसी काम को अपने परमेश्वर के निकट पूरा नहीं पाया। 
Revelation 3:3 सो चेत कर, कि तू ने किस रीति से शिक्षा प्राप्त की और सुनी थी, और उस में बना रह, और मन फिरा: और यदि तू जागृत न रहेगा, तो मैं चोर की नाईं आ जाऊंगा और तू कदापि न जान सकेगा, कि मैं किस घड़ी तुझ पर आ पडूंगा। 
Revelation 3:4 पर हां, सरदीस में तेरे यहां कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हों ने अपने अपने वस्‍त्र अशुद्ध नहीं किए, वे श्वेत वस्‍त्र पहिने हुए मेरे साथ घूमेंगे क्योंकि वे इस योग्य हैं। 
Revelation 3:5 जो जय पाए, उसे इसी प्रकार श्वेत वस्‍त्र पहिनाया जाएगा, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्‍तक में से किसी रीति से न काटूंगा, पर उसका नाम अपने पिता और उसके स्‍वर्गदूतों के साम्हने मान लूंगा। 
Revelation 3:6 जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 14
  • मत्ती 26:51-75


शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2016

कलाकृति


   मूर्तिकारों के लिए एक शब्द प्रयुक्त होता है "वृहतदृष्टि", जिसका तात्पर्य है कि वह कलाकार एक बेडौल से पत्थर में उस पत्थर का वह अन्तिम और पूर्ण सुन्दर तथा आकर्षक रूप देख सकता है जो उसके अपना कार्य कर लेने से निकलकर आएगा।

   गुटज़ोन बोर्गल्म (1867-1941) एक ऐसे मूर्तिकार हैं जिन्होंने अनेक जानी-पहिचानी कलाकृतियों को बनाया है। उनकी कलाकृतियों में सबसे विख्यात और जानी-पहिचानी है अमेरिका के दक्षिणी डकोटा प्रांत में स्थित रश्मोर पहाड़ पर बना माउन्ट रश्मोर राष्ट्रीय स्मारक, जहाँ उन्होंने पहाड़ को तराशकर चार प्रसिद्ध अमेरीकी राष्ट्रपतियों के विशालाकार चेहरे बनाए। जब गटज़ोन बोर्गल्म के घर की देखभाल और संचाल करने वाली कर्मचारी महिला ने पहली बार उनकी इस विशाल और अद्भुत कलाकृति को देखा तो वह भौंचकी रह गई और तेज़ चलती सांस के साथ उसने बोर्गल्म से पूछा, "मिस्टर बोर्गल्म, आपको कैसे पता चला कि इस चट्टान के अन्दर राष्ट्रपति लिंकन हैं?"

   वृहतदृष्टि रखना हमारे सर्वज्ञानी परमेश्वर के लिए भी उपयुक्त शब्द है क्योंकि हम जो कुछ हैं, और जो कुछ हो सकते हैं, हमारे बारे में परमेश्वर सब कुछ जानता है। वह जानता है कि जब वह हम में अपना कार्य पूरा कर चुकेगा तो हमारा स्वरूप कैसा होगा; जब सब कुछ हो चुकने के बाद अन्ततः हम उसके सामने खड़े होंगे तो कैसे होंगे - हमारे प्रभु यीशु की समानता और स्वरूप में, पवित्र और निषकलंक (2 कुरिन्थियों 3:18)। जिस परमेश्वर ने हम में यह कार्य करना आरंभ किया है, वह उसे प्रभु यीशु के आगमन के दिन तक पूरा भी करेगा: "और मुझे इस बात का भरोसा है, कि जिसने तुम में अच्छा काम आरम्भ किया है, वही उसे यीशु मसीह के दिन तक पूरा करेगा" (फिलिप्पियों 1:6)।

  परमेश्वर का कार्य कभी रुकता नहीं है; उसमें हमें सिद्ध बनाने की ऐसी लालसा है कि उसके द्वारा हमारे सिद्ध किए जाने में कुछ भी या कोई भी अवरोध नहीं बन सकता। जो उसने हम में आरंभ किया है वह उसे पूरा भी करेगा। इस कार्य में हमारा योगदान बस इतना ही है कि हम अपने आप को उसके हाथों में तराशे जाने और हमारी व्यर्थ बातों के छांटे जाने के लिए समर्पित कर दें और उसे अपना कार्य कर लेने दें। फिर जो कलाकृति निकलकर आएगी, हम स्वयं उसे देखकर भौंचके रह जाएंगे। - डेविड रोपर


परमेश्वर हम में कार्य करता है जिससे हमें वह बना सके जो वह हमारे लिए चाहता है।

...तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18 

बाइबल पाठ: रोमियों 8:28-30
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। 
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे। 
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 13
  • मत्ती 26:26-50


गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

भय और शंका


   हमारे विवाह के बारह वर्ष बीत चुके थे और हम सन्तान पाने के सुख में बनने और बिगड़ने वाली आशाओं-निराशाओं में बारंबार पड़ने से हताश हो चुके थे। मेरे एक मित्र ने मुझे इस संबंध में "परमेश्वर के विचार" समझाने का प्रयास किया; क्योंकि वह जानता था कि मेरी माँ का क्रोध अति तीव्र होता था जिसके नियंत्रण के प्रयासों में वह काफी संघर्षों से होकर निकलीं थीं, इसलिए उस मित्र ने मुझ से कहा कि हमें सन्तान का सुख शायद इसलिए नहीं मिल पा रहा है क्योंकि परमेश्वर जानता है कि मैं एक अच्छा पिता नहीं हो सकूँगा।

   फिर 1988 के क्रिसमस के समय में हमें ज्ञात हुआ कि मेरी पत्नि हमारे पहले बच्चे से गर्भवती है। लेकिन अब मेरे मित्र द्वारा कही गई बात का भय मुझे सताता था। अगस्त महीने में मेरी बच्ची कैथ्रीन का जन्म हुआ; उसके जन्म के तुरंत पश्चात डॉक्टर और नर्स मेरी पत्नि की देखभाल कर रहे थे, उसे संभाल रहे थे और कैथ्रीन पास ही उसके शरीर को गर्मी प्रदान करने वाली ट्रे में लेटी रो रही थी; मैंने अपना हाथ अपनी बच्ची की ओर उसे सांत्वना देने के लिए बढ़ाया। कैथ्रीन ने अपनी छोटी छोटी ऊँगलियों से मेरी ऊँगली थाम ली, और उस एक क्षण में पवित्र आत्मा ने मेरी सारी शंका दूर कर दी और मैंने जान लिया कि इस नन्हीं सी जान से मैं बहुत प्रेम करूँगा, और वह प्रेम उस पर भली-भांति प्रगट भी करूँगा। जिन बातों को लेकर मैं अभी तक शंका में था, परमेश्वर के द्वारा एक पल में ही उन सभी शंकाओं का निवारण हो गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में उल्लेखित सारपात की विध्वा भी शंकाओं से भरी थी। उसका पुत्र एक घातक बीमारी से जाता रहा था, और वह शोक तथा वियोग से वशीभूत होकर चिल्ला उठी: "...हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए?" (1 राजा 17:18); किंतु परमेश्वर की योजना कुछ और ही थी। एक आश्चर्यकर्म के द्वारा परमेश्वर ने उसकी सारी शंकाओं का निवारण कर दिया।

   हम मसीही विश्वासी एक ऐसे परमेश्वर के लोग हैं जो हमारे सभी संघर्षों से कहीं सामर्थी और महान है; जो हमें क्षमा करने, हमसे प्रेम करने और हमारे अन्दर के टूटेपन को चंगा करने के लिए सदा तत्पर और लालायित रहता है। परमेश्वर ना केवल हमारे प्रत्येक भय और शंका को जानता है, वरन वह उन सभी भय और शंकाओं का निवारण भी जानता है। उसे सदा समर्पित रहें, सदा उसके आज्ञाकारी रहें और वह हमारे लिए हमारी समझ से परे मार्ग निकालता रहेगा। - रैंडी किल्गोर


परमेश्वर का प्रेम हमें जीवन के मिथ्या भय और शंकाओं की धारा के विरुद्ध सुरक्षित लिए चलता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। - 2 कुरिन्थियों 12:9 

बाइबल पाठ: 1 राजा 17:17-24
1 Kings 17:17 इन बातों के बाद उस स्त्री का बेटा जो घर की स्वामिनी थी, रोगी हुआ, और उसका रोग यहां तक बढ़ा कि उसका सांस लेना बन्द हो गया। 
1 Kings 17:18 तब वह एलिय्याह से कहने लगी, हे परमेश्वर के जन! मेरा तुझ से क्या काम? क्या तू इसलिये मेरे यहां आया है कि मेरे बेटे की मृत्यु का कारण हो और मेरे पाप का स्मरण दिलाए? 
1 Kings 17:19 उसने उस से कहा अपना बेटा मुझे दे; तब वह उसे उसकी गोद से ले कर उस अटारी पर ले गया जहां वह स्वयं रहता था, और अपनी खाट पर लिटा दिया। 
1 Kings 17:20 तब उसने यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा! क्या तू इस विधवा का बेटा मार डाल कर जिसके यहां मैं टिका हूं, इस पर भी विपत्ति ले आया है? 
1 Kings 17:21 तब वह बालक पर तीन बार पसर गया और यहोवा को पुकार कर कहा, हे मेरे परमेश्वर यहोवा! इस बालक का प्राण इस में फिर डाल दे। 
1 Kings 17:22 एलिय्याह की यह बात यहोवा ने सुन ली, और बालक का प्राण उस में फिर आ गया और वह जी उठा। 
1 Kings 17:23 तब एलिय्याह बालक को अटारी पर से नीचे घर में ले गया, और एलिय्याह ने यह कहकर उसकी माता के हाथ में सौंप दिया, कि देख तेरा बेटा जीवित है। 
1 Kings 17:24 स्त्री ने एलिय्याह से कहा, अब मुझे निश्चय हो गया है कि तू परमेश्वर का जन है, और यहोवा का जो वचन तेरे मुंह से निकलता है, वह सच होता है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 11-12
  • मत्ती 26:1-25


बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

गीत


   इंगलैण्ड के वेल्स इलाके में पुरुषों के गायन-समूहों का संगीत वहां की संसकृति का अभिन्न अंग है। दूसरे विश्वयुद्ध के पहले वेल्स के एक गायन-समूह की मित्रतापूर्ण किंतु वर्चस्व की स्पर्धा एक जर्मन गायन-समूह के साथ होती रहती थी। परन्तु दुसरे विश्वयुद्ध के दौरान और पश्चात यह स्पर्धा परस्पर बैर में बदल गई। लेकिन उन दोनों समूहों के बीच का यह तनाव उन दोनों के बीच की स्पर्धा में जीती जाने वाली ट्रॉफी पर लिखे वाक्य के द्वारा दूर हो सकी; उस ट्रोफी पर लिखा था: "मेरे साथ वार्तालाप करने से आप मेरे मित्र होते हैं; मेरे साथ गाने से आप मेरे भाई हो जाते हैं।"

   संगीत द्वारा सहायता और चंगाई परमेश्वर द्वारा दिया गया एक वरदान है जिससे बहुतेरों ने कठिन समयों में राहत पाई है। इसीलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में दिए गए भजन संहिता खण्ड के भजन हम से इतनी गहराई से बातें करते हैं। इन भजनों में हम वे भाव पाते हैं जो हमारे दिलों से बातें करते हैं, जो हमें आत्मा की गहराईयों से होकर परमेश्वर से वार्तालाप करने में सहायता करते हैं। उदाहरणस्वरूप दाऊद द्वारा लिखे एक भजन को देखिए: "परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है" (भजन 59:16); और अचरज कि बात यह है कि दाऊद ने जब यह भजन लिखा तब उसे मारने के लिए निकले लोगों से वह अपनी जान बचाता, छुपता हुआ फिर रहा था। अपनी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दाऊद ने परमेश्वर की दया और सामर्थ को स्मरण रखा और उस पर मनन किया, उसका वर्णन किया जिससे उसका विश्वास और दृढ़ हो सका, उसे परमेश्वर से सहायता तथा सुरक्षा मिलती रही।

   हमारा परमेश्वर हमें आज भी कोई ना कोई ऐसा गीत देगा जो हमें उसकी भलाई और महानता को स्मरण करवाएगी, चाहे हमारी परिस्थिति कैसी भी हो; और उस गीत के गाने से उसपर मनन करने से हम उन परिस्थितियों में भी उभारे जाएंगे, अपने मसीही विश्वास में और दृढ़ हो सकेंगे। - बिल क्राउडर


... इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का मैं भजन करूंगी। - न्यायियों 5:3

यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्चर्यकर्म किए है! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है! - भजन 98:1

बाइबल पाठ: भजन 59:6-17
Psalms 59:6 वे लोग सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं। देख वे डकारते हैं, 
Psalms 59:7 उनके मुंह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, कौन सुनता है? 
Psalms 59:8 परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हंसेगा; तू सब अन्य जातियों को ठट्ठों में उड़ाएगा। 
Psalms 59:9 हे मेरे बल, मुझे तेरी ही आस होगी; क्योंकि परमेश्वर मेरा ऊंचा गढ़ है।
Psalms 59:10 परमेश्वर करूणा करता हुआ मुझ से मिलेगा; परमेश्वर मेरे द्रोहियों के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
Psalms 59:11 उन्हें घात न कर, न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर बितर कर, उन्हें दबा दे। 
Psalms 59:12 वह अपने मुंह के पाप, और ओठों के वचन, और शाप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फंसे हुए पकड़े जाएं। 
Psalms 59:13 जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएं तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है।
Psalms 59:14 वे सांझ को लौटकर कुत्ते की नाईं गुर्राएं, और नगर के चारों ओर घूमें। 
Psalms 59:15 वे टुकड़े के लिये मारे मारे फिरें, और तृप्त न होने पर रात भर वहीं ठहरे रहें।
Psalms 59:16 परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊंगा, और भोर को तेरी करूणा का जयजयकार करूंगा। क्योंकि तू मेरा ऊंचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है। 
Psalms 59:17 हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊंगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊंचा गढ़ और मेरा करूणामय परमेश्वर है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 8-10
  • मत्ती 25:31-46


मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

एकता


   समुद्री दुर्घटना से बचकर एक टापू पर अकेले रह रहे एक व्यक्ति को आखिरकर खोज निकाला गया। जब उसे बचाकर लाने वाले उस टापू पर पहुँचे तो उन्होंने वहाँ तीन झोंपड़ियाँ बनी हुई देखीं। जब उन झोंपड़ियों के बारे में उस व्यक्ति से पूछा गया तो उसने एक की ओर संकेत कर के कहा कि "वह मेरा घर है", फिर दूसरी की ओर संकेत कर के कहा कि "वह मेरा चर्च है"; और फिर तीसरी कि ओर संकेत करके कहा, "वह मेरा भूतपूर्व चर्च है!" हम इस कहानी की मूर्खता पर हंस सकते हैं, परन्तु यह कहानी मसीही विश्वासियों में एकता की आवश्यकता को दिखाती है।

   प्रेरित पौलुस के समय में इफिसुस में स्थित मसीही विश्वासियों की मण्डली में कई प्रकार के लोग थे - अमीर और गरीब, यहूदी और गैर-यहूदी, पुरुष और स्त्री, स्वामी और दास। जहाँ भिन्नता होगी वहाँ तनाव और परस्पर टकराव भी होगा। इसलिए पौलुस ने जो पत्री उनको लिखी उसमें पौलुस की एक चिंता उनकी आपसी एकता को लेकर थी। इस संबंध में पौलुस ने इफिसुस के मसीही विश्वासियों को यह नहीं लिखा कि वे एकता लाने या एकत को संगठित करने के प्रयास करें; वरन पौलुस ने उन्हें लिखा कि, "मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो" (इफिसियों 4:3)। अर्थात, क्योंकि सभी मसीही विश्वासी एक ही देह, एक ही आत्मा, एक ही आशा, एक ही प्रभु, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मे और एक ही पिता परमेश्वर के साथ जुड़े हैं (पद 4-6) इसलिए एकता तो उन्हें दे दी गई है; उन्हें तो बस अपने परस्पर व्यवहार द्वारा उसे संसार के सामने प्रगट रखना है।

   प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के साथ हमें मिलने वाली इस एकता को हम कैसे बनाए रख सकते हैं? इसका उत्तर भी पौलुस ने इसी खण्ड में दिया है: "अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो" (पद 2)। जब भी किसी के विचारों एवं मतों के साथ हमारे विचार तथा मत मेल ना खाएं, तो परमेश्वर के आत्मा की अगुवाइ में प्रेम और सहनशीलता के साथ, हमें अपने विचार और मत नम्रता से व्यक्त करने हैं, उन्हें प्रेम के साथ अपनी बात समझानी है ना कि उन पर अपनी बात जबरदस्ती थोपनी है; आखिरकर हम सभी मसीही विश्वासी एक ही प्रभु के लिए ही तो कार्य कर रहे हैं। - एलबर्ट ली


मसीह के साथ हुई हमारी एकता से ही मसिहीयों के साथ हमारी एकता होती है।

सो यदि मसीह में कुछ शान्‍ति और प्रेम से ढाढ़स और आत्मा की सहभागिता, और कुछ करूणा और दया है। तो मेरा यह आनन्द पूरा करो कि एक मन रहो और एक ही प्रेम, एक ही चित्त, और एक ही मनसा रखो। विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो। - फिलिप्पियों 2:1-3

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-6
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 6-7
  • मत्ती 25:1-30


सोमवार, 8 फ़रवरी 2016

निवारण


   मैं अपने पोते एलेक्स को वापस उसके माता-पिता के पास छोड़ने जा रहा था। मार्ग में इतनी अधिक गाड़ियां थीं और वे तेज़ रफतार से भी चल रहीं थीं कि मुझे मार्ग का कर देने वाली सही पंक्ति में आना कठिन हो रहा था और ना चाहते हुए भी मैं गलत पंक्ति में फंस गया जिसमें केवल उन गाड़ियों को जाना था जिनके पास पहले से कर चुकाने के लिए भरे हुए पैसों वाले कार्ड हैं। एलेक्स ने मुझसे कहा कि अब मेरी गाड़ी के नंबर की तसवीर खींच कर मुझे चालान भरने के लिए कहा जाएगा। यह जानकर मैं क्षुब्ध हुआ क्योंकि गलत पंक्ति में मैं जान-बूझ कर नहीं वरन मजबूरन आया था, परन्तु फिर भी मुझे गलत पंक्ति में आने का दोषी ठहरकर उस गलती के निवारण के लिए चालान भरना था।

   प्राचीन यहूदियों के लिए भी परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन करना भारी होता था, चाहे वह अनजाने में या ना चाहते हुए ही हुआ हो। पुराने नियम में दी गई परमेश्वर की व्यवस्था इस बात को पहचानती थी कि गलतियाँ अनजाने में या ना चहते हुए भी हो सकती हैं, और इस अनचाहे उल्लंघनों के प्रायश्चित के लिए उस व्यवस्था में उचित बलिदान दिए गए थे: "...यदि कोई मनुष्य उन कामों में से जिन को यहोवा ने मना किया है किसी काम को भूल से कर के पापी हो जाए;" (लैव्यवस्था 4:2)।

   पुराने नियम में दिए गए ये बलिदान इस बात की यादगार थे कि पाप के दुष्परिणाम होते हैं, चाहे वे पाप अनजाने में या ना चाहते हुए ही किए गए हों। ये बलिदान यह भी स्मरण करवाते थे कि इन दुष्परिणामों के निवारण के लिए परमेश्वर ही मार्ग देगा, एक निर्दोष हमारे पापों का दोष लिए हुए बलिदान होगा - जो प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए करा; उसका बलिदान सभी के पापों के निवारण के लिए था। परमेश्वर का अनुग्रह हमारे सोचने समझने से कहीं अधिक बढ़कर है, वह हमारी हर आवश्यकता का निवारण पहले से कर के रखता है। - डेनिस फिशर


अनुग्रह का अर्थ है वह आशीष प्राप्त करना हम जिसके योग्य नहीं है। 
दया का अर्थ है हमें वह दण्ड नहीं दिया जाना हम जिसके योग्य हैं।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8 

बाइबल पाठ: लैव्यवस्था 4:1-3; रोमियों 3:20-26
Leviticus 4:1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा 
Leviticus 4:2 कि इस्त्राएलियों से यह कह, कि यदि कोई मनुष्य उन कामों में से जिन को यहोवा ने मना किया है किसी काम को भूल से कर के पापी हो जाए; 
Leviticus 4:3 और यदि अभिषिक्त याजक ऐसा पाप करे, जिस से प्रजा दोषी ठहरे, तो अपने पाप के कारण वह एक निर्दोष बछड़ा यहोवा को पापबलि कर के चढ़ाए।

Romans 3:20 क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है। 
Romans 3:21 पर अब बिना व्यवस्था परमेश्वर की वह धामिर्कता प्रगट हुई है, जिस की गवाही व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता देते हैं। 
Romans 3:22 अर्थात परमेश्वर की वह धामिर्कता, जो यीशु मसीह पर विश्वास करने से सब विश्वास करने वालों के लिये है; क्योंकि कुछ भेद नहीं। 
Romans 3:23 इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। 
Romans 3:24 परन्तु उसके अनुग्रह से उस छुटकारे के द्वारा जो मसीह यीशु में है, सेंत मेंत धर्मी ठहराए जाते हैं। 
Romans 3:25 उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे। 
Romans 3:26 वरन इसी समय उस की धामिर्कता प्रगट हो; कि जिस से वह आप ही धर्मी ठहरे, और जो यीशु पर विश्वास करे, उसका भी धर्मी ठहराने वाला हो।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 4-5
  • मत्ती 24:29-51