मेरे भाई के विवाह समारोह के पूर्वाभ्यास के समय मेरे पति ने होने वाले पति-पत्नि का एक चित्र खींचा जिसमें वे एक दुसरे की ओर मुँह किए हुए पास्टर के सामने खड़े थे। बाद में जब हम ने उस चित्र को देखा तो पाया कि कैमरे के फ्लैश से पृष्ठभूमि में टंगा धातु से बना एक क्रूस चमक उठा था और उस दंपत्ति के ऊपर खड़े एक चमकते हुए क्रूस के समान दिख रहा था।
इस चित्र ने मुझे स्मरण कराया कि विवाह प्रभु यीशु मसीह के अपनी विश्वासियों की मण्डली के प्रति प्रेम का सूचक है, उस प्रेम का जिसे प्रभु यीशु ने क्रूस पर दर्शाया था। जब परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि पति को अपने पत्नियों से प्रेम करना है (इफिसियों 5:25), तो परमेश्वर इस प्रेम को समझाने के लिए प्रभु यीशु के द्वारा अपनी मण्डली से किए गए विश्वासयोग्य, स्वार्थविहीन प्रेम का उदाहरण देता है। क्योंकि इस प्रेम के अन्तर्गत प्रभु यीशु ने अपने प्राण बलिदान कर दिए, हमें भी एक दूसरे से प्रेम करना है (1 यूहन्ना 4:10-11)। प्रभु हमारे लिए मरा ताकि हमारे पाप हमें परमेश्वर से अनन्त दूरी में रख सकें। प्रभु ने वह कर दिखाया जो उसने अपने शिष्यों से कहा था: "इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे" (यूहन्ना 15:13)।
हम में से अनेक लोग त्यागे जाने, तुच्छ समझ कर तिरिस्कृत होने और धोखा दिए जाने की पीड़ा को जानते हैं, उसे सहा है। लेकिन इस सब के बावजूद, मसीह यीशु में होकर हम एक बलिदानपूर्ण, अनुकम्पा से भरे और चिरस्थाई सच्चे प्रेम का अनुभव कर सकते हैं।
आज यह मत भूलें कि परमेश्वर आप से प्रेम करता है; और उसने आपके लिए क्रूस पर अपने प्राण बलिदान करके इसे प्रमाणित किया है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
प्रभु यीशु के क्रूस से बढ़कर स्पष्टता से परमेश्वर के प्रेम को और कुछ नहीं दिखा सकता।
प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा। हे प्रियो, जब परमेश्वर ने हम से ऐसा प्रेम किया, तो हम को भी आपस में प्रेम रखना चाहिए। - 1 यूहन्ना 4:10-11
बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:9-17
John 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।
John 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।
John 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।
John 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।
John 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।
John 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।
John 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।
John 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
John 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।
एक साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 15-16
- मत्ती 27:1-26
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