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रविवार, 29 मई 2016

नायक


   जे. आर. आर. टोलकिन के उपन्यास The Hobbit में बौने एकत्रित होते हैं कि भयानक दैत्य स्मौग द्वारा चुराया गया उनका धन उससे वापस लेकर आएं। यह करना बहुत जोखिम का कार्य था, किंतु इस खतरे के बावजुद, इस अभियान में उनका उप-नायक बौना बालिन अपने राजा और अभियान के प्रधान नायक थोरिन के विषय में कहता है, "यह एक है मैं जिसका अनुसरण कर सकता हूँ, जिसे मैं अपना राजा स्वीकार कर सकता हूँ।" उस खतरनाक अभियान के लिए बालिन की कटिबद्धता और समर्पण उसके नायक और अगुवे थोरिन में उसके विश्वास पर आधारित थी।

   पृथ्वी पर अपनी सेवकाई के आरंभ में प्रभु यीशु ने अपने साथ कार्य करने के लिए कुछ अनुयायियों को चुना, जो उसके साथ मिलकर परमेश्वर की सृष्टि से चुराए गए तथा पाप के दास्त्व में डाले गए, हम मनुष्यों, को शत्रु शैतान के चंगुल से निकाल कर ला सकें। अपने अनुयायियों को चुनने के साथ ही प्रभु यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे चले आओ" (मत्ती 4:19)। अब प्रभु यीशु के उन चेलों के लिए जीवन में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आना था - वे मछली पकड़ने वाले व्यक्ति अब पाप के दास्तव में खोए हुए लोगों को निकाल कर लाने वाले बन रहे थे। यह कोई सरल कार्य नहीं था, इसीलिए प्रभु यीशु ने इस कार्य को प्रतिदिन क्रूस उठाकर उसके पीछे चलने के समान बताया (लूका 9:23)। जो बात तब उन चेलों के लिए लागू थी वही प्रभु यीशु के वर्तमान अनुयायियों, आज के हम मसीही विश्वासियों, के लिए भी ठीक वैसे ही लागू है।

   आज यदि हमें प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दिया गया यह आत्माएं बचाने का कार्य कठिन और घबरा देने वाला लगे तो हम किस प्रकार इसमें अपने आप को लगाए रख सकते हैं? अपनी नज़रों को अपने नायक, अपने राजा प्रभु यीशु पर लगाए रखने के द्वारा; उसके चरित्र और जीवन पर मनन करने, उसकी शिक्षाओं को मानने, और बालिन के समान प्रभु यीशु के लिए "यह एक है मैं जिसका अनुसरण कर सकता हूँ, जिसे मैं अपना राजा स्वीकार कर सकता हूँ" अंगीकार करने के द्वारा। - जो स्टोवैल


अपने आस-पास के लोगों के जीवनों में प्रवेश पाने के लिए अपने नायक का अनुसरण करते रहें।

उसने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। - लूका 9:23

बाइबल पाठ: मत्ती 4:17-25
Matthew 4:17 उस समय से यीशु प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है। 
Matthew 4:18 उसने गलील की झील के किनारे फिरते हुए दो भाइयों अर्थात शमौन को जो पतरस कहलाता है, और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछवे थे। 
Matthew 4:19 और उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यों के पकड़ने वाले बनाऊंगा। 
Matthew 4:20 वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए। 
Matthew 4:21 और वहां से आगे बढ़कर, उसने और दो भाइयों अर्थात जब्‍दी के पुत्र याकूब और उसके भाई यूहन्ना को अपने पिता जब्‍दी के साथ नाव पर अपने जालों को सुधारते देखा; और उन्हें भी बुलाया 
Matthew 4:22 वे तुरन्त नाव और अपने पिता को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
Matthew 4:23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बल्ता को दूर करता रहा। 
Matthew 4:24 और सारे सूरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उसने उन्हें चंगा किया। 
Matthew 4:25 और गलील और दिकापुलिस और यरूशलेम और यहूदिया से और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29


शनिवार, 28 मई 2016

सुरक्षा


   बीसवीं सदी के आरंभिक दशकों में आई आर्थिक महामंदी के दौर से उभरने के वर्षों बाद भी लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करने से घबराते थे, निवेशकों के भरोसे को पुनः स्थापित कर पाना कठिन हो गया था। ऐसे में, 1952 में हैरी मार्कोविट्ज़ ने राय दी कि निवेशकों को किसी एक कंपनी या उद्योग में निवेश करने की बजाए अनेकों उद्योगों और कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा धन निवेश करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह चयन करने के लिए कि किस कंपनी या उद्योग में निवेश करना चाहिए कुछ सिद्धान्तों को भी बताया जिस से उन अनिश्चित समयों में निवेशकों को निवेश करने में बहुत सहायता मिली। सन 1990 में मार्कोविट्ज़ और दो अन्य लोगों को इस सिद्धांत के लिए अर्थविज्ञान का नोबेल पुरुस्कार दिया गया।

   उस समय के उन आशंकित निवेशकों के समान हम मसीही विश्वासी भी कभी-कभी अपने आप को आशंकित अनुभव कर सकते हैं। अपने बीते व्यक्तिगत जीवन में आई किसी ’तबाही’ या कठिनाई से निकल कर, जीवन के टुकड़ों को एकत्रित करके आगे बढ़ पाने से भयभीत और अनिश्चित अनुभव कर सकते हैं। संभवतः हमें भी किसी "मार्कोविट्ज़ पल" की प्रतीक्षा है जिस की सहायता से हम अपनी पिछली हार से उभर कर सुरक्षित हो कर आगे बढ़ सकें।

   ऐसे अनिश्चित समयों में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे प्रभु यीशु ने पहले से ही हमारे लिए हर निराशा से निकल कर सुरक्षित आगे बढ़ने का मार्ग तैयार करके दे रखा है। प्रभु ने हमारी बीती शर्म की बातों को ढांप दिया है, हमें बीती सभी बातों से स्वतंत्र करके अपने साथ संगति में ले लिया है, वह हमें अपने साथ लेकर चलता है, हमें परमेश्वर की महिमा के लिए उपयोगी बनाता है। प्रभु यीशु ने सारे संसार के सभी लोगों को पाप के दण्ड से स्वतंत्र करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह हम सब के उद्धार के लिए मृतकों में से पुनः जीवित हो उठा है; इसीलिए यदि हम गिर भी जाएं तो उसके साथ उठकर खड़े हो सकते हैं, क्योंकि "वह करुणा से प्रीति रखता है" (मीका 7:18)।

   जिस पल हम प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित करते हैं उसी पल से हमारे लिए अनन्त आशीष और शांति का काल आरंभ हो जाता है। ऐसा समय जिसमें वह हमें अंश अंश करके अपनी समानता में बदलना आरंभ कर देता है, हमें वैसे आत्मिक जन बनाता है जैसे होने की हमारी लालसा रहती है, जो परमेश्वर की सन्तान होने को प्रत्यक्ष दर्शाते हैं। - रैंडी किलगोर


अपनी विफलताओं से आँखें उठाकर ऊपर देखें, 
और आप प्रभु परमेश्वर को अपने साथ खड़ा पाएंगे।

प्रभु तो आत्मा है: और जहां कहीं प्रभु का आत्मा है वहां स्‍वतंत्रता है। परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। 2 कुरिन्थियों 3:17-18

बाइबल पाठ: मीका 7:5-9, 18-20
Micah 7:5 मित्र पर विश्वास मत करो, परममित्र पर भी भरोसा मत रखो; वरन अपनी अर्द्धांगिन से भी संभल कर बोलना। 
Micah 7:6 क्योंकि पुत्र पिता का अपमान करता, और बेटी माता के, और पतोह सास के विरुद्ध उठती है; मनुष्य के शत्रु उसके घर ही के लोग होते हैं। 
Micah 7:7 परन्तु मैं यहोवा की ओर ताकता रहूंगा, मैं अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर की बाट जोहता रहूंगा; मेरा परमेश्वर मेरी सुनेगा।
Micah 7:8 हे मेरी बैरिन, मुझ पर आनन्द मत कर; क्योंकि ज्योंही मैं गिरूंगा त्योंही उठूंगा; और ज्योंही मैं अन्धकार में पडूंगा त्योंहि यहोवा मेरे लिये ज्योति का काम देगा। 
Micah 7:9 मैं ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, इस कारण मैं उस समय तक उसके क्रोध को सहता रहूंगा जब तक कि वह मेरा मुकद्दमा लड़ कर मेरा न्याय न चुकाएगा। उस समय वह मुझे उजियाले में निकाल ले आएगा, और मैं उसका धर्म देखूंगा। 
Micah 7:18 तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है। 
Micah 7:19 वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा। 
Micah 7:20 तू याकूब के विषय में वह सच्चई, और इब्राहीम के विषय में वह करूणा पूरी करेगा, जिस की शपथ तू प्राचीनकाल के दिनों से ले कर अब तक हमारे पितरों से खाता आया है।

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 4-6
  • यूहन्ना 10:24-42

शुक्रवार, 27 मई 2016

द्वार


   मेरा दफ्तर मेरे घर की ज़मीनी मंज़िल पर है, इसलिए काम के समय कुछ चीज़ों के लिए मुझे अकसर ऊपर की मंज़िल के कमरों में आना-जाना पड़ता है। लेकिन मेरे साथ अकसर ऐसा भी होता है कि ऊपर पहुँचने तक मैं भूल चुली होती हूँ कि मैं ऊपर आई किस लिए हूँ! शोधकर्ता गेब्रियल रदवन्सकी ने इस प्रकार भूल जाने को समझाने के लिए एक व्याख्या दी है; तीन भिन्न प्रकार के प्रयोगों के आधार पर उनका कहना है कि कोई भी द्वार मस्तिष्क के लिए एक सीमा का संकेत देता है। जब हम एक द्वार पार करते हैं तो मस्तिष्क उस द्वार से पहले की सभी बातें और घटनाएं वर्तमान स्मरण से हटा कर मस्तिष्क के स्मरण-स्थान में डाल देता है; जब मैं अपने दफ्तर से निकल कर ऊपर की मंज़िल के कमरे में पहुँचती हूँ तो मस्तिष्क में मेरा वर्तमान स्मरण खाली होता है और वह कार्य पीछे कहीं स्मरण-स्थान में रखा जा चुका होता है, और मैं उस कमरे में खड़ी खिसियाती रहती हूँ यह सोचती हुई कि मैं वहाँ किस लिए आई हूँ।

   लेकिन हमारा भूलना हमारे लिए एक आशीष भी हो सकता है - रात को जब बत्ती बुझाकर बिस्तर पर लेटते हैं तो दिन भर की परेशानियों और चिंताओं को भूला कर अच्छी नींद लेना आने वाले दिन के लिए भला होता है; यदि हम उन चिंताओं और परेशानियों को नहीं भुला पाते तो फिर हमें अच्छे से नींद भी नहीं आती जो अगले दिन पर बुरा प्रभाव डालता है।

   जब मैं इस बात पर विचार करती हूँ कि प्रभु यीशु ने अपने आप को द्वार कहा (यूहन्ना 10:7, 9) तो उपरोक्त के संदर्भ में यह मेरे लिए एक शांति का सूचक है। प्रभु यीशु ने अपने जीवन के समकालीन कार्य पद्धति को लेकर यह बात कही थी - जब भेड़ें भेड़शाला के द्वार से अन्दर चली जाती थीं तो वे एक सुरक्षित स्थान में पहुँच जाती थीं। चरवाहा उस भेड़शाला के द्वार के बाहर ही लेट जाता था। यदि कोई चोर या जानवर भेड़ों को नुकसान पहुँचाने के लिए आता तो वह द्वार पर सो रहे चरवाहे से होकर ही भीतर जा सकता था, और इस प्रकार चरवाहा अन्दर सो रही भेड़ों की रखवाली करता और सुरक्षा बनकर रहता था।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रभु यीशु हमारा द्वार है जिसमें होकर हम परमेश्वर की सुरक्षा में प्रवेश पाते हैं, और वही हमारा महान चरवाहा भी है जो हमारे और शत्रु शैतान के बीच हमारी सुरक्षा के लिए सदा तैनात रहता है। प्रभु यीशु रूपी द्वार को पार करके हम अपनी सभी चिंताएं और खतरों को भूला कर, उनसे निश्चिंत होकर विश्राम कर सकते हैं क्योंकि हमारा रखवाला ना कभी ऊँघता है और ना कभी सोता है (भजन 121:4)। - जूली ऐकैरमैन लिंक


प्रभु यीशु वह द्वार है जो हमें भीतर सुरक्षित और खतरों को बाहर रखता है।

सुन, इस्राएल का रक्षक, न ऊंघेगा और न सोएगा। - भजन 121:4

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:1-10
John 10:1 मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जो कोई द्वार से भेड़शाला में प्रवेश नहीं करता, परन्तु और किसी ओर से चढ़ जाता है, वह चोर और डाकू है। 
John 10:2 परन्तु जो द्वार से भीतर प्रवेश करता है वह भेड़ों का चरवाहा है। 
John 10:3 उसके लिये द्वारपाल द्वार खोल देता है, और भेंड़ें उसका शब्द सुनती हैं, और वह अपनी भेड़ों को नाम ले ले कर बुलाता है और बाहर ले जाता है। 
John 10:4 और जब वह अपनी सब भेड़ों को बाहर निकाल चुकता है, तो उन के आगे आगे चलता है, और भेड़ें उसके पीछे पीछे हो लेती हैं; क्योंकि वे उसका शब्द पहचानती हैं। 
John 10:5 परन्तु वे पराये के पीछे नहीं जाएंगी, परन्तु उस से भागेंगी, क्योंकि वे परायों का शब्द नहीं पहचानती। 
John 10:6 यीशु ने उन से यह दृष्‍टान्‍त कहा, परन्तु वे न समझे कि ये क्या बातें हैं जो वह हम से कहता है।
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं।

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 10:1-23


गुरुवार, 26 मई 2016

शान्ति और दया


   अपनी पुस्तक Dear Mrs. Kennedy में लेखक जे मुलवेनी और पौल डी एन्जलिस बताते हैं कि अमेरिका के राषट्रपति जौन केनेडी की हत्या के बाद संसार भर से सहानुभूति तथा सांत्वना के लगभग दस लाख पत्र राष्ट्रपति केनेडी की विधवा के नाम आए। उन में से कुछ पर तो पते के लिए केवल "श्रीमती केनेडी, वॉशिंगटन" या फिर "श्रीमती राष्ट्रपति, अमेरिका" ही लिखा हुआ था। पत्र लिखने वाले सभी लोगों ने उन पर आए इस महान दुःख और क्षति के लिए अपना दुःख और संवेदना प्रगट करी।

   जब कोई जन किसी दुःख से होकर निकलता है तो सामान्यतः लोग उसकी सहाया करने का भाव रखते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस भी इस संदर्भ में लिखता है: "हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है" (2 कुरिन्थियों 1:3)। हमारा स्वर्गीय पिता ही प्रत्येक ऐसी करुणा, हितकारी विनम्र शब्द और सहायता के कार्य का स्त्रोत है जो दुःखी लोगों के जीवन में शान्ति, प्रोत्साहन और चंगाई को लाता है। बाइबल की भाषाओं के विद्वान डब्ल्यु. ई. वाईन ने  युनानी शब्द ’पैराक्लीसिस’, जिसका अनुवाद "शान्ति" किया गया है, का अर्थ समझाया है; इस शब्द का वास्तविक अर्थ है "अपने साथ ले लेना"। आज के बाइबल पाठ में दो शब्द, शान्ति और दया, कई बार आते हैं, जो हमें बताता है कि प्रभु परमेश्वर हमारे दुःखों और कठिन परिस्थितियों में अपने साथ रखता है और हमें निमंत्रित करता है कि हम उससे लिपट कर रहें, उसमें आराम और सांत्वना पाएं।

   प्रभु की इस शान्ति, दया और सांत्वना को व्यक्तिगत रीति से अनुभव करके, हम इसे फिर औरों को भी दे सकते हैं: "वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों" (2 कुरिन्थियों 1:4)।


प्रभु परमेश्वर हमें शान्ति और सांत्वना देता है 
जिससे हम इसे आगे दूसरों तक भी पहुँचा सकें।

तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है। - मीका 7:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:1-11
2 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो। 
2 Corinthians 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्‍लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे। 
2 Corinthians 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है। 
2 Corinthians 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा। 
2 Corinthians 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

एक साल में बाइबल: 

  • 1 इतिहास 28-29
  • यूहन्ना 9:24-41


बुधवार, 25 मई 2016

गति


   कुछ समय पहले मुझे एक शारीरिक व्याधि हो गई - मेरे बांएँ कन्धे और भुजा में दर्द होने लगा, मेरे अँगूठे तथा उससे ऊपर के भाग में पीड़ादायक छाले हो गए, और मैं थका हुआ रहने लगा। जब मैं डॉक्टर के पास गया, तो उसने बाताया कि मुझे शिंगल्स अर्थात हर्पीस हो गया है। डॉक्टर ने मुझे दवाईयाँ दीं और बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में कुछ हफ्तों का समय लगेगा। बीमारी के कारण मुझे अपनी दिनचर्या परिवर्तित करनी पड़ी; मुझे सुबह तथा दोपहर में नींद की एक झपकी लेनी पड़ती थी जिससे मैं अपने कार्य करने की सामर्थ बनाए रख सकूँ। जब तक मैं बीमारी से ठीक नहीं हो गया, मुझे अपने कार्य और दिनचर्या की गति को निर्धारित करके विश्राम का समय बीच में डालना पड़ा।

   एक बार जब प्रभु यीशु ने अपने चेलों को उसके नाम में सेवकाई करने के लिए भेजा, तो उस सामर्थ तथा अद्भुत परिणामों के कारण जो उन्होंने अपने जीवनों में कार्यकारी होते देखी, वे इतने उत्साहित हो गए कि लौटने पर वे ठीक से भोजन और विश्राम के लिए समय निकाल नहीं पा रहे थे। प्रभु यीशु ने उन से कहा, "...तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था" (मरकुस 6:31)।

   सभी को कभी ना कभी विश्राम की आवश्यकता होती है, और यदि हम उचित समय पर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर हमें इसके शारीरिक और मानसिक दुषप्रभाव झेलने पड़ते हैं। तब हम अपनी ज़िम्मेदारियों को भी जितना हमें निभाना चहिए, उतनी अच्छी तरह से नहीं निभा पाते, हमारी कार्य क्षमता और कुशलता दोनों प्रभावित होती हैं।

   क्या प्रभु आप से कह रहा है कि कुछ समय के लिए अलग होकर विश्राम कर लें? अपने कार्य और जीवन की गति को निर्धारित करें, उसे उचित रखें, आवश्यक विश्राम को लेने से ना कतराएं। इस से ना केवल आप शारीरिक और मानसिक रीति से स्वस्थ रहेंगे, वरन आपकी कार्य क्षमता और गुणवन्ता भी बेहतर रहेगी। - डेनिस फिशर


टूट कर बिखर जाने से बचने के लिए परमेश्वर के साथ प्रार्थना में संगति के लिए 
तथा विश्राम के लिए समय अवश्य निकालें।

[प्रभु यीशु ने कहा:] मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। - मत्ती 11:29

बाइबल पाठ: मरकुस 6:30-36
Mark 6:30 प्रेरितों ने यीशु के पास इकट्ठे हो कर, जो कुछ उन्होंने किया, और सिखाया था, सब उसको बता दिया। 
Mark 6:31 उसने उन से कहा; तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का अवसर भी नहीं मिलता था। 
Mark 6:32 इसलिये वे नाव पर चढ़कर, सुनसान जगह में अलग चले गए। 
Mark 6:33 और बहुतों ने उन्हें जाते देखकर पहिचान लिया, और सब नगरों से इकट्ठे हो कर वहां पैदल दौड़े और उन से पहिले जा पहुंचे। 
Mark 6:34 उसने निकलकर बड़ी भीड़ देखी, और उन पर तरस खाया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे, जिन का कोई रखवाला न हो; और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा। 
Mark 6:35 जब दिन बहुत ढल गया, तो उसके चेले उसके पास आकर कहने लगे; यह सुनसान जगह है, और दिन बहुत ढल गया है। 
Mark 6:36 उन्हें विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्‍तियों में जा कर, अपने लिये कुछ खाने को मोल लें।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23


मंगलवार, 24 मई 2016

उपयुक्त नाम


   दक्षिण-पूर्व एशिया के देश इंडोनेशिया का नाम यूनानी भाषा के दो शब्दों को मिलाने से बना है, जिनक मिला-जुला अर्थ होता है "द्वीप"। उस देश के लिए यह नाम बिलकुल उपयुक्त है क्योंकि इंडोनेशिया 750,000 वर्ग मील में फैले 17,500 द्वीपों का देश है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पाते हैं कि लोगों के नाम, जो चाहे उन्हें जन्म के समय मिले हों या फिर बाद में, अकसर उनके और उनके चरित्र के बारे में बताते हैं। उदाहरणस्वरूप, बरनबास का अर्थ होता है ’प्रोत्साहन का पुत्र’ और बरनबास सदा जो उसके संपर्क में आते रहे उनको प्रोत्साहित करता रहा; ऐसे ही याकूब का अर्थ है ’अड़ंगीमार’, और हम पाते हैं कि परमेश्वर से हुए साक्षात्कार से पहले याकूब अपने जीवन में लोगों को, यहाँ तक कि अपने भाई और अपने पिता को भी, अपनी स्वार्थ-सिद्धी, अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करता रहा, धोखे देता रहा।

   बाइबल का सबसे उप्युक्त नाम है "यीशु"। प्रभु यीशु के जन्म से पहले जब स्वर्गदूत ने प्रभु के सांसारिक पिता यूसुफ से उसके बारे में बातचीत करी तो यूसुफ से कहा, "वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा" (मत्ती 1:21)। यीशु शब्द का अर्थ है ’प्रभु बचाता है’ और यह प्रभु यीशु के संसार में आने के उद्देश्य और उसके कार्य, दोनों को ही परिभाषित करता है। प्रभु यीशु का एक और नाम है - इम्मानुएल, अर्थात ’परमेश्वर हमारे साथ’ (यशायाह 1:23; मत्ती 1:23); और यह नाम उसमें होकर हमें मिलने वाली अनन्त आशा और शांति को दिखाता है। हमारे उद्धार और पाप क्षमा के लिए प्रभु यीशु के अलावा और कोई उपयुक्त नाम नहीं है। - बिल क्राउडर


यीशु नाम ही हमारे विश्वास और आशा का आधार है।

और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया, जिस के द्वारा हम उद्धार पा सकें। - प्रेरितों 4:12

बाइबल पाठ: मत्ती 1:18-25
Matthew 1:18 अब यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उस की माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उन के इकट्ठे होने के पहिले से वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। 
Matthew 1:19 सो उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने की मनसा की। 
Matthew 1:20 जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्‍वप्‍न में दिखाई देकर कहने लगा; हे यूसुफ दाऊद की सन्तान, तू अपनी पत्‍नी मरियम को अपने यहां ले आने से मत डर; क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 
Matthew 1:21 वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। 
Matthew 1:22 यह सब कुछ इसलिये हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था; वह पूरा हो। 
Matthew 1:23 कि, देखो एक कुंवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा जिस का अर्थ यह है “परमेश्वर हमारे साथ”। 
Matthew 1:24 सो यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा अनुसार अपनी पत्‍नी को अपने यहां ले आया। 
Matthew 1:25 और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 22-24
  • यूहन्ना 8:28-59


सोमवार, 23 मई 2016

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   जब लोग मुझ से पूछते हैं कि "मैं कैसा हूँ" तो कभी-कभी मेरा उत्तर होता है, "जैसा होना चाहिए उससे अधिक अच्छा हूँ!" मुझे स्मरण है कि यह सुनकर एक नेकनीयत व्यक्ति ने प्रत्युत्तर में कहा, "अरे नहीं जो; आप तो बहुत अधिक के योग्य हैं" और मेरा उत्तर था, "वास्तव में ऐसा नहीं है।" यह सब उत्तर-प्रत्युत्तर के पीछे मेरा संकेत तथा विचार उसकी ओर होता है जो मुझे परमेश्वर से मिलना चाहिए - उसका न्याय और मेरे पापों का दण्ड।

   हम बड़ी सरलता से यह भूल जाते हैं कि अपने अन्दर से, अपने मन-ध्यान-विचारों में हम कैसे घोर पापी हैं। अपने बारे में आवश्यकता से अधिक बढ़कर राय रखने से, हमारे प्रति दिखाए उसके महान अनुग्रह के लिए परमेश्वर के प्रति हमारी कृतज्ञता घट जाती है। हमारे पापों की क्षमा और उद्धार के लिए जो कीमत परमेश्वर ने चुकाई है, उसका महत्व हमारे लिए कुछ हलका हो जाता है।

   जैसा परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने किया, वैसे ही यदि हम भी अपने जीवनों के लिए करें, तो हम भी भजनकार के समान यही कहेंगे, "उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है" (भजन 103:10)। जब हम अपने आप को परमेश्वर की पवित्रता और खराई के सामने रखते हैं, तो हमारी अपनी सारी धार्मिकता जाती रहती है और हम यह एहसास करने पाते है कि सिवाए परमेश्वर के न्याय और नर्क के हमारे लिए और कोई विकल्प नहीं है; और स्वर्ग की तो कोई संभावना ही नहीं है। यदि हम स्वर्ग के भागी हो सकते हैं तो वह केवल एक आधार पर - यदि वहाँ जाना किसी की दया से हमें भेंट में मिल सके; और यही प्रभु यीशु ने हमारे लिए किया है। प्रभु यीशु ने हमारे सारे पाप अपने ऊपर लेकर हमारे लिए उनका दण्ड सह लिया और अपनी दया में होकर अपनी धार्मिकता तथा स्वर्ग जाने का अधिकार हमें भेंट में दे दिया। अब जो कोई स्वेच्छा से प्रभु यीशु की यह भेंट स्वीकार करता है, वह उसकी इस दया और अनुग्रह का पात्र बन जाता है, स्वर्ग जाने का हकदार बन जाता है - अपने किन्ही कर्मों से नहीं, वरन केवल प्रभु के अनुग्रह के कारण। इसीलिए भजनकार आगे कहता है, "जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है" (भजन 103:11)।

   जब हम इस बात का एहसास करते हैं कि वास्तव में हम अन्दर से कैसे हैं, और इस बात का भी कि परमेश्वर हमारी इस वास्तविकता को हम से भी अधिक विस्तार से जानता है, और फिर भी वह हम से प्रेम करता है, हमारी भलाई के लिए योजनाएं बनाता है, हमें सदा अपने साथ बनाए रखना चाहता है, तो हम उसके प्रति कृतज्ञता, धन्यवाद और अराधना में नतमस्तक हो जाते हैं।

   प्रभु परमेश्वर ने वास्त्व में हमें जैसे के हम हकदार थे, हमें उससे कहीं बेहतर और कहीं अधिक दिया है। - जो स्टोवैल


इस महान छुटकारे के अलावा यदि अब परमेश्वर हमारे लिए और कुछ ना भी करे, 
तो भी उसने हमारे लिए बहुत कुछ कर दिया है।

परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है।) और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। - इफिसियों 2:4-6

बाइबल पाठ: भजन 103:1-14
Psalms 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे! 
Psalms 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना। 
Psalms 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है, 
Psalms 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है, 
Psalms 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।
Psalms 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है। 
Psalms 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए। 
Psalms 103:8 यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करने वाला और अति करूणामय है। 
Psalms 103:9 वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा। 
Psalms 103:10 उसने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है। 
Psalms 103:11 जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है। 
Psalms 103:12 उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उसने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है। 
Psalms 103:13 जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है। 
Psalms 103:14 क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 19-21
  • यूहन्ना 8:1-27